खंडवा – प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर बांध से प्रभावित ग्राम घोघलगॉव में चल रहे जल सत्याग्रह को आज 29 वे दिन हो चुके हैं। सत्याग्रह कर रहे लोगों की हालत लगातार बिगड़ रही है प्रशासन इन्हें हटाने की कोशिश में लगा है लेकिन बातचीत से कोई रास्ता अभी तक नहीं निकल पाया है। अब इस जल सत्याग्रह में नया मोड़ आ गया है। आंदोलन कर रहे लोगों की बिगड़ती हालत देखकर उनके बच्चे मैदान में कूद गए हैं। उन बच्चों का कहना है कि वे अपने माता-पिता का समर्थन करने धरना स्थल पर आए हैं अगर सरकार उनकी बातें नहीं सुनेगी तो वे पानी में उतरकर जल सत्याग्रह करेंगे।
29 दिन बीत जाने के बाद भी शिवराज सरकार जल सत्याग्रह को समाप्त नहीं करवा पाई है। हालत यह है कि अब आंदोलनकारियों में से किसी की भी जान जाने की खबर मिल सकती है। इन लोगों के पैरों में अब फफूंद भी लगने लगी है जिससे इन्हें गेंगरिंग होने का खतरा बना हुआ है। इसी बात से गुस्साये इन आंदोलनकारियों के बच्चे भी अब मैदान में खुलकर शिवराज और मोदी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे हैं। इन बच्चों को गुस्सा देखकर आप भी कह सकते हैं कि सरकार सच में कितनी असंवेदनशील है। इन मासूमों का कहना है कि वह जल सत्याग्रह कर रहे अपने माता-पिता को देखने यहां आए थे मगर उनकी इस बदतर हालत को देखकर वह भी सरकार के खिलाफ हो गए और वहीं धरने पर बैठकर अपने माता-पिता का समर्थन करने की बात कह दी। इन बच्चों का कहना है कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है और पुलिस के दम पर सत्याग्रहियों को यहां से हटाने की कोशिश करेगी तो वह भी पानी में उतर जाएंगे।
उधर आंदोलन कर रहे माता-पिता का हाल भी बेहद दयनीय हो गई है। एक तरफ कड़ाके की धूप दूसरी तरफ 29 दिनों से लगातार पानी में खड़े रहना इन आंदोलनकारियों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है। वहीं अब अपने बच्चों को भी इस आंदोलन में जोडऩे की मजबूरी आखिर ये मासूम बच्चे जाए भी तो कहां। न तो सरकार सुन रही है न ही यह जल सत्याग्रह खत्म होने का नाम ले रहा है। जल सत्याग्रह कर रहे आंदोलनकारियों का साफ कहना है कि अगर इन्हें यहां से पुलिस द्वारा हटाया जाता है तो यह सरकार की बड़ी नाकामी होगी और उनके बच्चे भी इस पानी में उतरकर जल सत्याग्रह करने को मजबूर हो जाएंगे। अगर उनके साथ कोई हादसा होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
आंदोलनकारियों का गुस्सा भी अब इतना बढ़ गया है कि उन्होंने प्रदेश के मुखिया शिवराजंिसंह चौहान को बददुआएं देना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि अगर सरकार उन्हें यहां से जबरन हटाती है तो शिवराजसिंह चौहान सरकार के मुंह पर कालिख मलने का काम स्वयं शिवराज करेंगे। आंदोलनकारी महिलाओं ने तो यहां तक कह दिया कि अगर उनका हक नहीं मिला तो शिवराजसिंह का ही मुंह काला होगा। क्योंकि वह हमारा हक हमें नहीं दिला पाए। बच्चे फिलहाल कुछ कुछ समय के लिए पानी में आंदोलन कर रहे है बाकी टाइम पानी के बहार नारे लगाकर अपने माता पिता का हौसला बढ़ा रहे हैं।
रिपोर्ट :- निशात सिद्दीकी