पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जहां कश्मीर मुद्दे पर अतंरराष्ट्रीय सहयोग की आस कर रहे हैं मगर उन्हें कहीं से भी उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही है। हर जगह मुंह की खाने के बाद अब उनका अपने ही देश में विरोध शुरू हो गया है। पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने गुरुवार को कहा कि इमरान खान देश की सुरक्षा के लिए खतरा है और उनके अतंरराष्ट्रीय दौरों पर प्रतिबंध लगना चाहिए क्योंकि दौरों के दौरान दिए अपने गैर जिम्मेदाराना बयान ने उन्होंने देश को नुकसान पहुंचाया है।
पीपीपी के वरिष्ठ सांसद मुस्तफा नवाज खोखर ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि दुनिया में पाकिस्तान का पक्ष रखने की बजाय इमरान खान अपने ही मुल्क के खिलाफ बोल रहे हैं, जिसके कारण भारतीय मीडिया में पाकिस्तान का मजाक उड़ा रहा है। सांसद का गुस्सा भी जायज है क्योंकि वैश्विक मंचों पर पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान को मात खानी पड़ी है।
खोखर ने कहा, ‘अपनी ईरान यात्रा के दौरान उन्होंने अपने मुल्क पर आतंकी देश होने का आरोप लगाया था और अब एक बार फिर उन्होंने पाकिस्तान का मजाक उड़ाया है। हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान उन्होंने पाकिस्तानी सेना और आईएसआई पर अल-कायदा को प्रशिक्षण देने की बात कही जो देश के लिए नुकसानदायक है।’
खान ने सोमवार को न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) को संबोधित करते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने 9/11 आतंकी हमलों के बाद अमेरिका का साथ देकर बहुत बड़ी भूल की थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका के कहने पर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने अल-कायदा को प्रशिक्षण दिया। अपना काम खत्म होने के बाद अमेरिका वहां से चला गया। इससे पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
प्रधानमंत्री खान के बयानों की आलोचना करते हुए पीपीपी के सांसद ने कहा कि कम से कम खान को विदेश में प्रेस कांफ्रेंस करने या भाषण देने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी खुद प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं इसलिए उनपर विश्वास नहीं किया जा सकता। ऐसा संभव है कि वह जानबूझकर खान को गलत रास्ते पर ले जा रहे हों।’
खोखर ने आगे कहा कि किसी देश का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति द्वारा दिया गया यह बड़ा गैरजिम्मेदाराना बयान है। जिसमें उन्होंने अपने देश की सेना और प्रतिष्ठित खुफिया एजेंसी पर कल कायदा को प्रशिक्षण देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को यह समझने की जरुरत है कि कंटेनर और अंतरराष्ट्रीय मंच में फर्क होता है। उनकी विदेश यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं।’