भोपाल: राज्य सरकार प्रदेश के ग्रामीणों को 60 रुपये में महीनेभर पानी देने की तैयारी कर रही है। हालांकि उसकी चिंता पानी के बिल की वसूली की है। मंत्रालय में मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना के प्रस्तुतिकरण के बीच में ही अधिकारियों से कहा कि 60 रुपये बड़ी राशि नहीं है। क्या लोग रोज के दो रुपये दिन भी नहीं देंगे। ऐसे प्रबंध करें कि ग्रामीण हर माह पूरी राशि दें। इसके लिए गांवों में जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। सरकार ने 2023 तक प्रदेश के हर ग्रामीण के घर में पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। परियोजना पूरी होने पर गांव-गांव में प्रारंभ उत्सव मनाया जाएगा। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण अंचल में घर-घर नल से जल पहुंचाया जाना है। इसे लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने प्रस्तुतिकरण दिया।
जब बात बिल वसूली की आई, तो अधिकारियों ने कहा कि घर-घर पानी पहुंचाने की लागत 180 से 240 रुपये माह आ रही है। वर्तमान में जिन गांवों में योजनाएं संचालित हैं, वहां औसत 18 फीसद वसूली हो रही है। ऐसे में योजनाएं चलाना मुश्किल हो जाएगा। बिजली का बिल कहां से देंगे, मरम्मत कैसे करेंगे। योजनाएं ग्राम स्तर पर गठित समितियां चलाएंगी और वे ही वसूली करेंगी। इस पर लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि योजनाएं विभाग को ही चलाना चाहिए। समिति राशि नहीं वसूल पाएगी। आखिर मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाएं समितियां ही चलाएंगी।
लोगों से दो रुपये ही तो ले रहे हैं। बैठक में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बुंदेलखंड पैकेज में गड़बड़ी का उदाहरण देते हुए कहा कि कहीं कोई गड़बड़ी न हो, इसलिए हिदायत दी जानी चाहिए। वर्तमान वित्तीय वर्ष में निवाड़ी और बुरहानपुर जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में सौ फीसद घरों में पानी पहुंच जाएगा। जबकि अगले वित्तीय वर्ष में भोपाल, दतिया, इंदौर, मुरैना, नरसिंहपुर, राजगढ़ और उमरिया जिले में काम पूरा हो जाएगा।
तीसरे पक्ष से कराएंगे परीक्षण : मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि योजना की गुणवत्ता में कोई कसर न छोड़ें। तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) से परीक्षण कराया जाएगा। विभाग की मदद से जल एवं स्वच्छता समिति योजना का निर्माण कराएगी। वहीं स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास और पंचायत विभाग के समन्वय से अन्य गतिविधियां संचालित की जाएंगी।