नई दिल्ली : राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से अपने ‘चौकीदार चोर है’ बयान को लेकर दायर अवमानना याचिका के सिलसिले में राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांग ली है। मामले की शुक्रवार को सुनवाई होनी है लेकिन उससे पहले ही बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में 3 पेज का नया हलफनामा दायर कर अपने बयान पर बिना शर्त माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि अनजाने में उन्होंने कोर्ट के हवाले से ‘चौकीदार चोर’ बयान दे दिया, उनका यह इरादा नहीं था। इससे पहले भी राहुल गांधी ने 2 हलफनामे दाखिल किए थे लेकिन बयान पर माफी नहीं मांगी थी, बल्कि खेद जताया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी है।
दरअसल, राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से ‘चौकीदार चोर है’ कहा था। गांधी के बयान को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताते हुए बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कोर्ट में याचिका दायर की हैं। दरअसल, 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए राफेल मामले में रिव्यू पिटिशन पर नए दस्तावेजों के आधार पर सुनवाई का फैसला किया था। इसी के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है।
लेखी की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसके बाद उन्होंने खेद जताते हुए कहा था चुनावी सरगर्मी और जोश में उन्होंने यह बयान दिया था। राहुल ने भविष्य में कोर्ट के हवाले से ऐसी कोई भी बात नहीं कहने की भी बात कही, जिसे कोर्ट ने न कहा हो। राहुल के पहले हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने दूसरा हलफनामा दायर किया। 22 पेज के दूसरे हलफनामे में एक जगह ब्रैकेट में ‘खेद’ शब्द लिखे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया, जिसके बाद आखिरकार राहुल ने तीसरा हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी है।