नई दिल्ली – केंद्र में एक साल पूरा करने जा रही मोदी सरकार के रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बुलेट ट्रेन की तुलना पत्नी से कर दी। एक साक्षात्कार में प्रभु ने इन आलोचनाओं को निराधार बताया कि देश में रेल व्यवस्था बेहाल है। पटरियां जर्जर हो रही हैं। सरकार उन्हें सुधारने के बजाए बुलेट ट्रेन की बातें कर रही हैं।
प्रभु ने कहा, हम दोनों (पुरानी रेल व्यवस्था और बुलेट) के लिए काम कर रहे हैं। यह उसी तरह है कि मैं अपनी मां से प्यार करता हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अपनी पत्नी को नहीं चाहता हूं।
प्रभु ने माना कि जमीन अधिग्रहण बिल से मोदी सरकार की छवि पर असर पड़ा है। उनके मुताबिक, हम लोगों की बिल की खूबियों के बारे में ठीक तरह नहीं बता सके। इस कारण गलतफहमी पैदा हुई।
बिल में किसानों के खिलाफ कुछ भी नहीं है। अब हम लोगों तक सही तरह से अपनी बात पहुंचा रहे हैं और जल्द ही हालात बदल जाएंगे। हमारी सरकार किसान विरोधी नहीं है।
रेलमंत्री के मुताबिक, सरकार ने इस बात पर नए नियम बनाए हैं कि उद्यमी किस तरह जमीन खरीद पाएंगे। अब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ‘सूटबूट की सरकार’ कहकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं मालूम राहुल क्या कहना चाहते थे। क्या विपक्ष चाहता है कि हम जूते भी न पहनें। अब क्या विपक्ष तय करेगा कि हम क्या पहनें और क्या न पहनें।