दिग्विजय सिंह ने कहा कांग्रेस ने मेहनत करने वालों को सब कुछ दिया है। यहां तक कि उस परिवार की नई पीढ़ी को भी वही सम्मान दिया है। अशोक गहलोत का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा अपनी मेहनत और बुद्धि से उन्होंने मुकाम हासिल किया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राजस्थान में जारी सियासी खींचतान के बीच फिर कहा है कि सचिन पायलट को सहनशीलता की जरूरत है। सचिन को दिक्कत थी तो अपनी बात पार्टी प्लेटफार्म में रखते। मानेसर के जिस रिसॉर्ट में भाजपा षड्यंत्र रचती है वहां क्यों रुके। वो किसके मेहमान हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा-महत्वाकांक्षी होना ठीक है, लेकिन जिस संगठन में वो हैं, उसकी मर्यादा और पंरपरा का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सचिन पायलट नाराज थे तो क्यो मानेसर में रुके हैं। विधायकों के साथ आते राज्य के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय के साथ चर्चा करते। सोनिया गांधी सबसे नहीं मिल रहीं हैं। राहुल गांधी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा हो सकती थी। अपने विधायकों के साथ राजस्थान छोड़कर हरियाणा के रिसॉर्ट में रुक रहे हैं और वो किसके मेहमान हैं।यह तरीका सही नहीं है।
भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा मानेसर के होटल में ही भाजपा षड्यंत्र रचती है। NCP विधायकों, कर्नाटक के लोगों को और मध्य प्रदेश के विधायकों को भी यहीं पर ठहराया गया था। अब राजस्थान के विधायक भी इसी होटल में हैं। साफ है भाजपा का कहीं न कहीं इनसे संपर्क है।यहाँ पर रुकने वाले विधायकों के फोन जमा करा लिए जाते हैं। भाजपा के लोगों के फोन से विधायकों की बात कराई जाती है।
दिग्विजय सिंह ने सचिन पायलट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ऐसे में क्यों सचिन पायलट और उनके विधायक उस रिसॉर्ट में हैं। ऐसा क्या खतरा है कि यह लोग अपने घरों में नहीं हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा कांग्रेस ने मेहनत करने वालों को सब कुछ दिया है। यहां तक कि उस परिवार की नई पीढ़ी को भी वही सम्मान दिया है। अशोक गहलोत का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा अपनी मेहनत और बुद्धि से उन्होंने मुकाम हासिल किया है।
दिग्विजय सिंह ने कहा यह भी साफ है विधायक दल में अशोक गहलोत के पास एकतरफा बहुमत है। इसमें कितने सचिन पायलट के साथ हैं, सचिन पायलट को धीरज रखना चाहिए।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा वो योग्य और कर्मठ हैं, मगर सहनशीलता भी उनमें होनी चाहिए। अशोक गहलोत की भी जवाबदेही बनती है। मुख्यमंत्री सबके होते हैं, कहीं कुछ बात है तो बैठकर निपटाना चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के उप नेता थे। कहीँ कोई दिक्कत थी तो दोनों जगह बैठक बुलाकर बात रख सकते थे। प्रजातांत्रिक प्रणाली का पालन होना चाहिए। विधायक दल चर्चा के लिए होता है, सचिन उसमें क्यों शामिल नहीं हो रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा राजस्थान के विधायक दल का बहुमत अशोक गहलोत के साथ है। क्या प्रजातंत्र में यह व्यवस्था है कि अल्पसंख्यक को दल का नेता बना दें और जिसके पास बहुमत है उसे पीछे हटा दिया जाए।उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में 90 फीसदी विधायक कमलनाथ के साथ थे, 10 प्रतिशत ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ थे। कैसे हो सकता है 10 फीसदी वाले को दल का नेता चुन लें।
दिग्विजय सिंह ने सचिन पायलट को नसीहत दी कि महत्वकांशी होना चाहिए, इसमें बुरा नहीं है। साथ ही जिस संगठन के साथ हैं उसकी मर्यादाओं, परंपराओं का भी पालन करना चाहिए।