विजयदशमी के मौके पर भारत को फ्रांस से पहला राफेल मिलने के साथ ही वायुसेना की ताकत बढ़ गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मेरिनेक एयरबेस पर राफेल फाइटर जेट प्राप्त किया।
राफल जेट प्राप्त करने के बाद राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजन भी किया। इस मौके पर फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले और डेसाल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपिए मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान भारत-फ्रांस के बीच हुए 58 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे और एयरक्राफ्ट की खूबियों को लेकर एक वीडियो प्रेजेंटेशन भी दिया गया। राफेल में मीटियर और स्काल्प मिसाइलें लगी हैं, इससे भारतीय वायुसेना को अद्वितीय मारक क्षमता हासिल होगी।
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘आज विजयदशमी है और भारतीय वायुसेना दिवस है। आज का दिन प्रतीकात्मक है। राफेल की डिलिवरी निर्धारित समय से हो रही है। इससे वायुसेना की शक्ति में वृद्धि होगी। हमारा फोकस वायुसेना को समृद्ध करने और उसे बढ़ाने पर है। उम्मीद है कि फ्रांस द्वारा सभी 36 राफेल और वेपन सिस्टम को समय सीमा में प्रदान किया जाएगा। मैं फ्रांस के सहयोग का शुक्रगुजार हूं, जो सुरक्षा और अन्य मामलों में भी भारत के लिए महत्वपूर्ण है। विश्व के दो बड़े लोकतंत्रों के बीच सहयोग बढ़ता रहेगा और हम रक्षा के साथ पर्यावरण संतुलन स्थापित करने में भी कामयाब होंगे।
आरबी 001 : भारत को मिलने वाले पहले राफेल का नाम वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के नाम पर आरबी 001 रखा जाएगा। भदौरिया ने ही राफेल सौदे में अहम भूमिका निभाई है।
वायुसेना राफेल की एक-एक स्क्वॉड्रन हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हशीमारा एयरबेस पर तैनात करेगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘राफेल का अर्थ आंधी होता है, मुझे उम्मीद है कि यह अपने नाम को साबित करेगा।’