लखनऊ : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के एक वरिष्ठ सदस्य की किताब में दावा किया गया है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में नहीं, बल्कि पाकिस्तान में हुआ था। यह भी लिखा गया है कि रामजन्मभूमि विवाद अंग्रेजों की काल की देन है।
‘फैक्ट्स ऑफ अयोध्या एपिसोड (मिथ ऑफ राम जन्मभूमि)’ शीर्षक वाली यह किताब अब्दुल रहीम कुरैशी ने लिखी है। मालूम हो, सुप्रीम कोर्ट में चल रहे बाबरी मस्जिद केस में AIMPLB भी एक पक्ष है। कुरैशी बोर्ड के महासचिव और प्रवक्ता हैं।
अब AIMPLB की कोशिश है कि इस किताब के बहाने देशभर के हिंदू नेताओं से मुलाकात की जाए और जागरूकता फैलाई जाए।
और क्या-क्या लिखा है किताब में
किताब में लिखा गया है कि वेद या पुराण में गंगा के मैदान पर कहीं भी राम के जन्म या उनके साम्राज्य का उल्लेख नहीं है। भगवान राम का राज सप्त सिंधू में था, जो हरियाणा और पंजाब से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक फैला था। लेखक ने भगवान राम के त्रेता युग में पैदा होने पर भी सवाल उठाए।
उनके मुताबिक, हिंदू युग पद्धति की गणना के अनुसार, भगवान राम 24वें या 28वें त्रेता युग में सामने आए। वर्तमान में हम कलीयुग के 28वें चक्र में जी रहे हैं।
इस तरह भगवान राम अब से करीब 1.80 करोड़ वर्ष पूर्व थे। दुनिया में कहीं भी इतने साल पुराने जीवन के प्रमाण नहीं मिले हैं।
कुरैशी ने यह भी लिखा है कि रामायण के आधार पर राम के जन्म का अनुमान 5561 बीसी या 7323 बीसी में लगाया गया है, लेकिन यूपी के अयोध्या या अन्य क्षेत्रों में 600 बीसी से पूर्व कोई जीवन नहीं पाया गया। पूर्व एएसआई अधिकारी जस्सू राम के लेखन का हवाला देते हुए कुरैशी ने लिखा है कि वास्तव में राम का जन्म पाकिस्तान के डेरा इस्माइल में हुआ था। वहां आज भी एक स्थान का नाम रहमान देहरी है। इसे पूर्व में राम देहरी कहा जाता था। साभार – नई दुनिया