केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय नक्शे को एक बार फिर बनाया जाना चाहिए। जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) ही नहीं बल्कि गिलगित-बालटिस्तान भी शामिल हों।
उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “जब हम अपनी सीमाओं की बात करते हैं, तो वे हमारी सीमाएं नहीं हैं। हमारी सीमाएं उनसे बहुत आगे हैं। मैं कहता हूं, जब हम भारतीय मानचित्र को दोबारा बनाएं, तो हमें उसमें ना केवल पीओके बल्कि गिलगित-बालटिस्तान को भी शामिल करना चाहिए।”
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 के खंड दो और खंड तीन के हटने के बाद संसद में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में पीओके और अक्साई चीन भी शामिल हैं।
जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर की सीमा पर स्थित गांवों में केंद्र की योजनाओं और परियोजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम विपरीत विचारधारा वाले लोगों के साथ आएंगे और वाद-विवाद करेंगे।
सिंह ने कहा कि ये शोध का विषय है कि कश्मीर के लोग उनकी सुरक्षा कर रहे जवानों को ही भला-बुरा कह रहे हैं? हम आज इस पर सवाल करने की स्थिति में हैं। हम क्यों अपने संसाधन ऐसे लोगों पर बर्बाद क्यों कर रहे हैं जो देश के दुश्मन हैं।
इससे पहले सिंह ने कहा था कि पीओके को आजाद कराने और भारत में शामिल करने का समय आ गया है। जिसमें संसद की भी पूरी रजामंदी है। हम भाग्याशाली हैं कि हमने अनुच्छेद 370 को खत्म करते हुए देखा है।
इसके लिए हमारी तीन पीढ़ियों ने बलिदान दिया है। हमें अब इस ऐतिहासिक कदम के बाद सकारात्मक सोच के साथ काम करना होगा। साथ ही गैर कानूनी तरीके से अधिकृत पीओके को आजाद कराना चाहिए।