29.1 C
Indore
Thursday, March 28, 2024

रॉ के पूर्व प्रमुख ए एस दुलत ने कहा, कश्मीर को बांटने की जरुरत नहीं थी

नई दिल्ली : इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के विशेष निदेशक और रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख रह चुके ए. एस. दुलत भारत-पाकिस्तान संबंध और कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में साल 2000 और 2004 के बीच वह कश्मीर मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार थे। नब्बे के दशक के उतार-चढ़ाव वाले दौर में कश्मीर को बहुत करीब से देख चुके और कश्मीर संबंधी नीति-निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा रह चुके दुलत से नवभारत टाइम्स के सामरिक मामलों के पत्रकार रवि शंकर ने बातचीत कर यह समझने की कोशिश की कि अनुच्छेद 370 को हटाने का सरकार का हालिया फैसला इस राज्य को, इसकी जनता को और पूरे देश को किन रूपों में प्रभावित कर सकता है।

प्रस्तुत हैं नवभारत टाइम्स में प्रकाशित बातचीत के अंश:

जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार के हालिया फैसले को किस रूप में देखते हैं?
पिछले कई दिनों से लग रहा था कि कुछ-न-कुछ होने वाला है लेकिन ये लोग ऐसा कुछ कर देंगे, इसका ऐतबार बिल्कुल नहीं था। मैं अपनी बात कहूं तो इसकी कोई जरूरत नहीं थी। अनुच्छेद 370 का अब यूं भी कुछ खास मतलब नहीं रह गया था। जम्मू-कश्मीर में आपको जो करना था आप कर सकते थे, कर ही रहे थे। अनुच्छेद 370 इसमें बाधा नहीं था। फिर भी चूंकि ये लोग पहले से ऐसा कहते रहे हैं, मैनिफेस्टो में भी था तो अनुच्छेद 370 की बात समझी जा सकती है।

उसे हटाना था तो हटा देते लेकिन बाइफरकेशन की क्या जरूरत थी? जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट क्यों दिया? जैसा कि पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी कहा पार्लियामेंट में, और बिल्कुल सही कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर बहस की गुंजाइश है मगर जम्मू और कश्मीर राज्य को तोड़कर दो हिस्से में बांटने की तो कोई जरूरत नहीं थी। कश्मीर के लोग इसको किस रूप में लेंगे कहा नहीं जा सकता। यह कदम उन्हें उकसाने जैसा है।

सरकार इतना बड़ा कदम इस तरह अचानक उठा लेगी यह शायद ही किसी ने सोचा हो। आपको नहीं लगता कि बहुत आसानी से या कहें कि शायद जल्दबाजी में सरकार ने यह कदम उठा लिया?
इस सरकार के पास इतना बड़ा बहुमत है कि यह सब करना बहुत आसान हो गया उसके लिए, खासकर तब जब विपक्ष इतना कमजोर है। आप यह तो जानते हैं ना कि उनकी (बीजेपी की) सोच और पहले के लोगों की सोच अलग-अलग है। इनका तो एजेंडा था और मैनिफेस्टो में भी था कि यह करना है तो कर दिया।

खैर जो करना था, वह एक झटके में कर तो दिया, लेकिन नतीजा क्या होगा इसका?
हां मुझे भी फिक्र यही है कि रिपरकशन क्या होगा। मुझे लगता है कि इसके नतीजे के रूप में वायलेंस जरूर बढ़ेगी। जो सबसे बड़ा खतरा है वह कहीं बाहर से नहीं बल्कि कश्मीर के अंदर से है। यह बात बहुत गंभीर है। जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान कहते हैं कि कश्मीर में अब पुलवामा टाइप अटैक ज्यादा होंगे तो उनका मतलब है कि अब कश्मीरी लड़के इन्वॉल्व होंगे क्योंकि पुलवामा में हमारा अपना लड़का ही इन्वॉल्व था। और इस किस्म के लोगों की कमी नहीं है कश्मीर में, जो इस तरह के कामों को अंजाम देने के लिए राजी हैं। केंद्र के इस कदम के बाद कश्मीर में ऐसे लड़कों की संख्या बढ़ने का बहुत ज्यादा अंदेशा है। यही वजह है कि वायलेंस बढ़ने के खतरे को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

यानी सुरक्षा व्यवस्था में ढील मिलते ही फिर से प्रोटेस्ट का दौर शुरू हो जाएगा?
नहीं-नहीं बात प्रोटेस्ट की नहीं है। पत्थरबाजी या जुलूस, बंद जैसे प्रोटेस्ट की बात मैं नहीं कर रहा। अभी पथराव या इंतेफादा टाइप प्रोटेस्ट होगा ऐसा नहीं लगता है। यह तो बिल्कुल दूसरी तरह की हिंसा की बात है जो मैं कह रहा हूं। मैं यह भी बता दूं कि तत्काल यानी महीने-दो-महीने में कुछ नहीं होगा। मेरा ख्याल है कि यह शॉक बहुत बड़ा है। कश्मीरियों को इस शॉक से रिकवर करने में कुछ टाइम लगेगा।

लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल कहते हैं कि कश्मीर शांत है और लोग खुश हैं…
डोभाल साहब का बयान मैंने देखा है जिसमें वे कह रहे हैं कि लोग कश्मीर में खुश हैं और कोई ऐसा खतरा नहीं है। तो बस ठीक है। मैं यही कह सकता हूं कि अगर खतरा नहीं है तो बहुत अच्छी बात है। लेकिन मेरा आकलन है कि खतरा आज नहीं दिखेगा। यह कुछ टाइम के बाद निकलेगा। वायलेंस बढ़ने के आसार हैं और यह बढ़ेगी। यह भी कह दूं कि जरूरी नहीं कि इसकी रेंज कश्मीर तक ही सीमित रहे। यह देश के दूसरे हिस्सों में भी असर दिखा सकता है। हालांकि मैं चाहता हूं कि यह ना बढ़े और मैं गलत साबित हो जाऊं।

इस बदले हुए माहौल में राजनीतिक दलों और खासकर हुर्रियत का रोल क्या रहेगा?
हुर्रियत का रोल तो अब खत्म हो चुका है। उनमें अब कोई जान नहीं बची है। स्थापित पॉलिटिकल पार्टीज का क्या कहना, उनका हाल तो देख ही रहे हैं। सब निपट गए हैं। हालांकि इन सबको खत्म मानना गलत होगा। राजनीति में कुछ भी कभी खत्म नहीं होता। पर मेरा ख्याल है कि बदले हालात में इन दलों का कोई खास रोल नहीं बचा है। अब जो ये लड़के हैं कश्मीर के, उनसे ही खतरा है। यूं भी अब तो सब कुछ डायरेक्ट दिल्ली से कंट्रोल होगा। सरकार भी यही चाहती थी। तो हमें इंतजार करना चाहिए, क्या कुछ होता है आने वाले दिनों में।

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...