सरकार CBSE से पॉर्न को बैन करने के लिए स्कूलों में जैमर्स इंस्टॉल करने की योजना बना रही है। शुक्रवार को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हम CBSE में चाइल्ड पॉर्नोग्राफिक कंटेंट पर बैन के लिए जैमर्स इंस्टॉल करने पर विचार कर रहे हैं। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह बाल अश्लीलता के मुद्दे से पूरी तरह से निपटने के लिए कदम उठा रहे हैं और लगभग 3500 वेबसाइटों को पिछले महीने ब्लॉक कर दिया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पूरे देश में बाल अश्लीलता के खतरे को रोकने के लिए उचित कदम उठाने के लिए केंद्र ने निर्देश मांगा है।सरकार ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ को बताया कि उसने सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) को स्कूल में जैमरों की स्थापना पर विचार करने के लिए और बच्चों की अश्लील सामग्री तक पहुंच को रोकने के लिए कहा है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ को बताया, जिसमें न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और एमएम शंतनगौडर शामिल थे, स्कूल की बसों में जैमर स्थापित करना संभव नहीं था।आनंद ने कहा कि सरकार ने सीबीएसई को यह विचार करने को कहा है कि क्या स्कूलों में ऐसी जैमरों को स्थापित किया जा सकता है जिससे ऐसी वेबसाइटों तक पहुंच बंद हो सके। वहीं अदालत ने केंद्र से दो दिनों के भीतर एक रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा है। जिस पर सरकार ने बहुत जल्द रिपोर्ट पेश करने की बात कही।