लंदन- अगर आम लोगों के आस-पास सैनिकों का बसेरा होता है तो लोग अपने आप को महफूज़ समझते हैं। पर जहां पर कॉन्गो के सैनिक रात को मार्च पर निकलते हैं वहां के लोग और खास कर महिलाएं भागने लगती हैं।
जी हां कॉन्गो के सैनिक रात में मार्च पर निकलते जरूर हैं पर लोगों की रक्षा के लिए नहीं बल्कि शिकार करने। शिकार करने निकले इन सैनिकों का निशाना होती हैं घरों से भागकर जंगल में छिपीं औरतें। इन औरतों को पता होता है कि अगर पकड़ी गईं तो उनके साथ रेप किया जाएगा और शायद मार भी दिया जाए।
ये हालात हैं मिनोवा शहर के सेना को आदेश दिया गया है कि डेमॉक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो के इस कस्बे पर कब्जा कर लिया जाए। 2000 जवान हवा में फायरिंग के साथ अपने पहुंचने का ऐलान करते हैं। कमांडर आदेश देता है, ‘जाओ, औरतों का रेप करो।’ सैनिक आदेश मान कर चल देते हैं।
एक सैनिक बताता है, ‘यह सच है कि हम यहां रेप करते हैं। हमने औरतों को पकड़ लिया, क्योंकि वे बच नहीं सकतीं। हम उन्हें देखते हैं, पकड़ते हैं, अपने साथ ले जाते हैं और फिर जो मर्जी करो। कभी उन्हें मार भी देते हैं। उनका रेप करने के बाद हम उनके बच्चों को मार देते हैं। जब हम रेप करते हैं तो हमें आजादी का अहसास होता है।
रोंगटे खड़े कर देने वाली यह रिपोर्ट द इंडिपेंडेंट अखबार में छपी है। रिपोर्ट में नजगिरा नामक एक महिला के साथ हुए रेप के बारे में बताया गया है। 2012 के नवंबर में उनके साथ गैंग रेप हुआ। तीन लोगों ने एक साथ रेप किया। वह बताती हैं, ‘उनमें से एक ने कहा कि मैं वहां नहीं जाऊंगा, जहां औरों ने अपनी गंदगी गिराई है। इसलिए उसने मेरे साथ अननैचरल तरीका अपनाया। मुझे लगा था कि मैं मरने वाली हूं।’
अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च कहती है कि डेमॉक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में हर रोज 1152 महिलाओं के साथ रेप होता है, यानी हर घंटे 48 महिलाएं रेप का शिकार होती हैं। Source -Agency
Sexual violence in war: Summit held in London