सामना के संपादकीय में कहा गया है कि शरजील इमाम असम को भारत से अलग करना चाहता था। उसके हाथ को काटकर असम के चिकेन्स नेक हाईवे पर लोगों को देखने के लिए रखना चाहिए। गृहमंत्री अमित शाह को तुरंत शरजील जैसे कीटाणुओं को खत्म करना चाहिए। नई दिल्ली : शिवसेना के मुखपत्र सामना में शरजील इमाम के खिलाफ की केंद्र सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का समर्थन किया गया है। जिस तरह से जेएनयू के छात्र शरजील ने असम को भारत से अलग किए जाने की बात कही थी उसके बाद मंगलवार को शरजील को पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया था। गुरुवार को छपे सामना में सरकार की इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए लिखा गया है कि शिवसेना गृहमंत्री अमित शाह को सुझाव देती है कि शरजील इमाम जैसे कीटाणुओं का जल्द से जल्द सफाया किया जाए।
सामना के संपादकीय में कहा गया है कि शरजील इमाम असम को भारत से अलग करना चाहता था। उसके हाथ को काटकर असम के चिकेन्स नेक हाईवे पर लोगों को देखने के लिए रखना चाहिए। गृहमंत्री अमित शाह को तुरंत शरजील जैसे कीटाणुओं को खत्म करना चाहिए। लेकिन इसके साथ ही अमित शाह को शरजील के नाम पर राजनीतिक नहीं करनी चाहिए। सामना में छपे संपादकीय में कहा गया है कि शरजील के बयान की वजह से देशभर में नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को नुकसान पहुंचा है।
सामना में लिखा गया है कि पूरे देश में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है, लेकिन किसी ने भी देश के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया था। लेकिन शरजील इमाम ने जो बयान दिया है वह ना सिर्फ अपमानजनक है बल्कि देश सके खिलाफ भी है। शरजील इमाम जैसे लोगों की वजह से भाजपा के पास दिल्ली चुनाव में बिना कोई काम किए इस मुद्दे को उठाने को मौका मिलता है। शिवसेना ने दावा किया है कि देश की सामाजिक, धार्मिक एकता तकरीबन खत्म हो चुकी है।
शिवसेना ने सामना में लिखा है कि देश में वर्ग विशेष के बीच संघर्ष, अनंत अराजकता और सिविल वॉर की साजिश चल रही है। ये तमाम कोशिशें राजनीतिक प्रयोगशाला में की जा रही हैं। पढ़े लिखे उच्च वर्ग के लोगों में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक जहर का इस्तेमाल किया जा रहा है। शिवेसना ने सरकार से मांग की है इस तरह की घटनाएं भविष्य में ना होने पाए। एक शरजील इमाम को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन दूसरा शरजील इमाम नहीं आना चाहिए, इसके लिए सरकार को पुख्ता इंतजाम करना चाहिए।