पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा- शिवराज सरकार ने आते ही इस आदेश पर रोक लगाकर अपनी कर्मचारी विरोधी सोच को उजागर कर दिया है।
शिवराज सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के बढ़े हुए महंगाई भत्ते (DA) पर रोक लगा दी है। सरकार ने 1 जुलाई 2019 से वृद्धि के प्रस्ताव को फिलहाल रोक दिया है। कमलनाथ सरकार ने 16 मार्च को महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान किया था।
वित्त विभाग ने महंगाई भत्ते में की गई वृद्धि के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार को कर्मचारी विरोधी बताया।
कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का 5 फीसदी महंगाई भत्ता डीए बढ़ाने का फैसला लिया था। 16 मार्च 2020 को ही ये आदेश दिया गया था।
इसके तहत सातवें वेतन आयोग का लाभ पाने वाले कर्मचारियों को 12 से 17 फीसदी का महंगाई भत्ता दिया जाता और छठे वेतन आयोग का लाभ ले रहे कर्मचारियों को 16 फीसदी का महंगाई भत्ता मिलना था।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट किया कि-हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए उनके हित में एक ऐतिहासिक फ़ैसला लिया था। हमने शासकीय सेवकों और स्थाई कर्मियों के महंगाई भत्ते में 1 जुलाई 2019 से वृद्धि का फैसला किया था। छठवें वेतनमान में 16 प्रतिशत और सातवें वेतनमान में 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते की दर निर्धारित दी जाना थी। मार्च 2020 के वेतन में ये महंगाई भत्ता दिया जाना था। इस निर्णय का प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने स्वागत किया था।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा- शिवराज सरकार ने आते ही इस आदेश पर रोक लगाकर अपनी कर्मचारी विरोधी सोच को उजागर कर दिया है। मैं शिवराज सरकार से मांग करता हूं कि वो तत्काल इस रोक को हटाए और कर्मचारियों के हित में हमारी सरकार का फ़ैसले लागू करे। वरना कांग्रेस इस तानाशाही पूर्ण फैसले का विरोध करेगी।