इंदौर। इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा बीमार गरीब बुजुर्गों को शहर से बाहर छोड़ने का वीडियो वायरल होने के बाद फिल्म अभिनेता सोनू सूद इनके लिए आगे आए हैं। अपने एक वीडियो संदेश में सोनू सूद ने कहा कि समाचार के जरिए बुजुर्गों छोड़े जाने का वीडियो उन्होंने देखा, वे इनकी मदद करना चाहते हैं, इन्हें छत दिलवाकर, खाने-पीने का प्रबंध करवाना चाहते हैं। उनकी कोशिश है बुजुर्गों को उनका हक मिले। उन्होंने इसके लिए इंदौरवासियों से मदद मांगी है और कहा कि आगे से ऐसा न हो, इसके लिए हमें आगे आना होगा। जो लोग अपने बुजुर्ग माता-पिता को छोड़ देते हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। हम सबको को मिलकर पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम करनी होगी।
यह है पूरा मामला : इंदौर नगर निगम के कर्मचारी बीमार, गरीब और कमजोर बुजुर्गों को एक वाहन में भरकर इंदौर-देवास रोड पर छोड़ने पहुंचे थे। इस दौरान वहां मौजूद ग्रामीणों ने इसका वीडियो बना लिया और बुजुर्गों को बेसहारा छोड़े जाने का विरोध किया, जिसके बाद कर्मचारी उन्हें रैनबसेरा लेकर पहुंचे। ग्रामीणों द्वारा बनाए गए वीडियो में निगम के कुछ कर्मचारी कई बुजुर्गों को हाईवे के किनारे गाड़ी से उतारते दिख रहे हैं, साथ ही बुजुर्गों की रजाइयां, गद्दे और अन्य सामान भी सड़क पर फेंका जा रहा है। कई बुजुर्ग सड़क किनारे लाचार बैठे दिखाई दिए। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तक शिकायत पहुंची तो उनकी नाराजगी और निर्देश के बाद शाम को रैनबसेरा के प्रभारी उपायुक्त प्रतापसिंह सोलंकी और रैनबसेरा के दो मस्टरकर्मचारियों बृजेश लश्करी और विश्वास वाजपेयी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। इस घटना से इंदौर शर्मसार हुआ।