नई दिल्ली- सेना ने शुक्रवार को सासंदो की रक्षा स्थायी समिति को सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी कड़ियों की जानकारी दी। सेना ने बताया कि कैसे 28-29 सितंबर की रात को उन्होंने एलओसी पार करके सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, सेना ने सांसदो की स्थायी समिति को बताया कि हालात नहीं बदले और जरूरत पड़ी तो वे दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब सांसदों को सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी दी गई है।
सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत ने संसदीय कमेटी को बताया कि कमांडो एक्शन फोर्स को जानकारी मिली थी कि एलओसी के पार बने लॉन्च पैड्स पर आतंकवादी मौजूद हैं। वे जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों को निशाना बना सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए न होने देने का वादा पूरा नहीं करता तो ऐसा कदम दोबारा उठाया जा सकता है।
ब्रीफिंग से पहले हुआ विवाद
बताया जा रहा है कि सेना की बीफ्रिंग का कार्यक्रम रद्द किए जाने पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया था। शुक्रवार की सुबह एजेंडा बदला और लेफ्टिनेंट जनरल रावत ने सांसदों से मुलाकात की और पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी। रावत ने यह भी बताया कि आतंकी कैंपों को कितना नुकसान हुआ और भारत में घुसपैठ के लिए कितने आतंकी उन लॉन्च पैड्स पर इकट्ठा हुए थे।
अफसर ने कहा कि सेना का मिशन आत्मरक्षा के लिए था। सेना को इस बात के पक्के सबूत मिले थे कि आतंकी विभिन्न जगहों से भारत में घुसपैठ करने वाले हैं और बड़ा नुकसान पहुंचाने की फिराक में हैं। कमेटी के सदस्यों को यह भी बताया गया कि इस साल हुए पठानकोट हमले के बाद से ही सैन्य कार्रवाई के विकल्प के बारे में विचार किया जा रहा था।