हरिद्वार- रूड़की के लंढौरा में चार आतंकियो की गिरफ्तारी के बाद चारो संदिग्धों के गाँव में ही उदासी और सन्नाटा पसरा हुआ है | आईबी से पहुँचने से पहले तक गाँव और कस्बे में पूरा गहमा गहमी का माहौल था लेकिन अब इस हादसे के बाद गाँव में चुप्पी ओर गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है !
आलम यह है कि संदिग्धों के परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए बड़ी संख्या में उनके रिश्तेदार पहुँच रहे है इतना ही नहीं आज भी संदिग्धों के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है ! हर किसी की जुबान पर बस यही तजकिरा है कि आखिर अब क्या होगा ?
दरअसल आईबी की कार्यवाही से पहले लंढौरा समेत भगवानपुर चंदनपुर ओर जोरासी गाँव के लोगो ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके गाँव ओर क़स्बे से कभी आतंक का कनेक्शन जुड़ सकता है ! आईबी द्वारा 19 जनवरी को अख़लाक़, मेराज, ओसामा, ओर अजीम की गिरफ्तारी के बाद उनके परिजनो के अलावा आस पास के लोग उनकी बेगुनाही की दलीले देने से नहीं थक रहे है |
हालांकि आईबी की टीम ने भले ही पुख्ता सुराग जुटाने के बाद चारो संदिग्धों को गिरफ्तार किया हो लेकिन परिजन ओर आस पास के लोगो के अलावा दोस्त और रिश्तेदार तक ये बात मानने को बिलकुल भी तैयार नहीं है कि चारो युवक ऐसे भी हो सकते है या पढने लिखने वाले चारो युवक एसी साजिश भी कभी रच सकते है !
आई बी की टीम गिरफ्तारी के तीसरे ही दिन मेराज ओर अजीम को लेकर उनके कस्बे लंढौरा में पहुंची ओर जंगल में दबाई गयी माचिस की तीलियों के मसाले के पोटली का बारूद ओर चालीस हजार की नगदी को बरामद किया था !
हालाँकि ख़ुफ़िया एजेंसियों के लिए अपने आप में यह ठोस सबूत है लेकिन अब चारो संधिग्दो के घर पे सन्नाटा पसरा हुआ है और तरह तरह की चर्चाओ का बाज़ार गर्म है |
रिपोर्ट- #सलमान मलिक, रुड़की