नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर के बारामुला में 46 राष्ट्रीय राइफल के कैंप पर आतंकी हमला हुआ है। यह कैंप जांबाजपुरा में स्थित है। हमले में बीएसएफ का एक जवान शहीद हुआ है। आतंकी दो समूहों में आए थे। वहीं सेना की उत्तरी कमान ने पुष्टि की है कि बारामुला में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
सेना द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में दो आतंकियों के मारे जाने की भी खबर है। तीन से चार आतंकी हैं जो दो गुटों में बंट गए। एक गुट सामने से और दूसरे ने दूसरी तरफ से फायरिंग की। फायरिंग की आवाज़ें रात 10:30 बजे से आनी शुरू हुईं।
सेना के सूत्रों ने बताया है की वहां दोनों तरफ से फायरिंग हुई। यानी सेना ने आतंकियों को माकूल जवाब दिया। आतंकी कैम्प में घुसने में कामयाब नहीं हो पाए। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने झेलम नदी की ओर से घुसपैठ की है। इलाके में सेना ने क्विक रिएक्शन टीमें तैनात कर दी हैं।
रात में ही रिटायर्ड कर्नल और केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी हमले की पुष्टि की और उन्होंने लिखा कि हमारे जांबाज सिपाही बारामुला में हमारी सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं।
करीब 3 घंटे चली मुठभेड़
आतंकियों ने रविवार रात साढ़े 10 बजे 46 राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर डबल अटैक किया। कुछ आतंकियों ने मेन गेट पर धावा बोला, जबकि दूसरे गुट के आतंकियों ने कैंप पर झेलम नदी की ओर हमला किया, लेकिन सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से आतंकी कैंप में घुस नहीं पाए। करीब 3 घंटे की मुठभेड़ के बाद 2 आतंकी मारे गए और बाकी भाग गए।
आतंकी हमले पर गृहमंत्री की नजर
गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस आतंकी हमले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने देर रात एनएसए और बीएसएफ के डीजी से भी बात की। गृह मंत्री ने एक जवान के शहीद होने पर दुख जताया है।
वहीं सेना ने ट्वीट कर हालात काबू में होने की जानकारी दी है। बीएसएफ के डीआईजी और सेना के कमांडिंग ऑफिसर देर रात से ही मौके पर पहुंच गए हैं। इसके साथ ही सेना का सर्च ऑपरेशन भी जारी है।
हाई अलर्ट पर हिंदुस्तान
बारामूला हमले के बाद राजधानी दिल्ली से लेकर तमाम बड़े शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं मुंबई में ड्रोन हमले के अंदेशे के बाद चप्पे-चप्पे पर चौकसी बरती जा रही है। पूजा-पांडालों पर सख्त पहरा दिया जा रहा है।
कैंप के अंदर घुसने की फिराक में थे आतंकी
रात करीब साढ़े दस बजे आतंकियों ने एके-47 और ग्रेनेड से हमला किया. अंधाधुंध फायरिंग करते हुए आतंकी सेना के कैंप के अंदर घुसने की फिराक में थे, लेकिन सतर्क सुरक्षाबलों ने फौरन जवाबी कार्रवाई की. इस दौरान दोनों तरफ से भारी गोलीबारी हुई। शुरुआती फायरिंग के बाद ही सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी ढेर हो गए थे।
रुक-रुक कर होती रही फायरिंग
कुछ अन्य आतंकवादियों की तरफ से रुक-रुक कर फायरिंग जारी रही। आतंकवादियों ने राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप के मेन गेट और उससे सटे बीएसएफ की इको-40 कंपनी के कैंप पर अंधाधुंध फायरिंग की और ग्रेनेड दागे। सेना की तरफ से करीब तीन घंटे तक चली जवाबी कार्रवाई के बाद रात करीब डेढ़ बजे फायरिंग रुक गई, हालांकि तलाशी अभियान जारी है।
वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर बताया कि बारामूला में रह रहे उनके सहयोगियों ने फोन पर बताया कि उनके पड़ोस में भारी गोलीबारी हो रही है।
पहले से थी हमले की आशंका
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की तरफ से ऐसे हमले की आशंका पहले ही जताई जा रही थी। सेना और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया था। यही वजह है कि बेहद कम समय में सेना ने आतंकवादियों के इस फिदाइन हमले को नाकाम कर दिया। केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने ट्वीट कर सेना का हौसला बढ़ाया। उन्होंने लिखा कि इस घड़ी में हम सेना के साथ हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद लगातार सीजफायर का उल्लंघन
संघर्ष विराम का एक बार फिर से उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू जिले के पल्लनवाला सेक्टर में नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में रविवार शाम फायरिंग और गोलाबारी की. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण रेखा से लगे पल्लनवाला क्षेत्र के अग्रिम इलाकों में रविवार शाम को नियंत्रण रेखा के उस पार से गोलाबारी शुरू हुई। उन्होंने बताया कि किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है. इस बीच, पीआरओ (रक्षा) ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना के सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद से यह संघर्ष विराम उल्लंघन की यह छठी घटना है। [एजेंसी]