इटली में जिस गिरोह ने 20 साल की ब्रिटिश मॉडल को कथित रूप से अगवा किया था, उसने मॉडल को मध्य पूर्व के देशों को बेचने की योजना बनाई थी। मॉडल क्लोइ येलिंग के वकील फ्रांसिस्को पेस्की ने बीबीसी को बताया कि अपहर्ताओं द्वारा छोड़े जाने से पहले जब उसे शॉपिंग के लिए ले जाया गया तब वो बेहद दबाव में थीं। येलिंग को कथित तौर पर ब्लैक डेथ नामक एक गिरोह ने अगवा किया था और पांच दिनों के बाद रिहा किया। येलिंग फोटो शूट के लिए इटली के मिलान शहर गई थीं।
इटली की पुलिस के मुताबिक येलिंग पर दो लोगों ने हमला किया था, उन्हें केटामाइन देकर बेहोश किया गया ताकि उन्हें ऑनलाइन बेचा जा सके। आरोप है कि मॉडल को 2 लाख 30 हजार पाउंड (लगभग 1.91 करोड़ रुपये) में ऑनलाइन बेचने की कोशिश की और मॉडलिंग एजेंसी से भी फिरौती मांगी गई।
जबरन शॉपिंग के लिए ले गए अपहर्ता
पेस्की ने कहा कि येलिंग को बताया गया कि उन्हें देह व्यापार के लिए किसी को मध्य पूर्व मे बेचा जाएगा। उन्होंने बताया, अपहर्ता येलिंग को मौत की धमकी देकर ज़बरन शॉपिंग के लिए भी ले गए, वहां उसे बताया गया कि उस पर चारों ओर से नज़र रखी जा रही है, और अगर उसने कोई भी होशियारी की तो उसे मार दिया जाएगा। पेस्की ने आगे बताया, येलिंग ने सोचा कि अपहर्ताओं के साथ अच्छा बर्ताव किया जाए क्योंकि उन्होंने (अपहर्ताओं) उससे कहा था कि वो उसे कभी भी आज़ाद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस भयावह अनुभव के दौरान येलिंग की जान पर लगातार ख़तरा बना रहा।
हथकड़ी बांध कमरे में किया बंद
मामले की जांच इटली, पोलैंड और ब्रिटिश पुलिस मिलकर कर रही है। इटली की पुलिस ने बताया कि उन्हें कार से तुरिन के उत्तर पश्चिम में स्थित बोर्जियल के एक मकान में ले जाया गया, जहां उन्हें हथकड़ी बांध कर छह दिनों तक एक कमरे में बंद रखा गया। इटली के अधिकारियों ने बताया कि रिहा होने के बाद उन्हें मिलान स्थित वाणिज्य दूतावास ले जाया गया।
पोलैंड निवासी है आरोपी
इस मामले में पोलैंड निवासी लुकास हेर्बा को हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अपहरण के आरोपों में वेस्ट मिडलैंड्स के ओल्डबरी में रहने वाले पोलैंड निवासी लुकास हेर्बा को गिरफ़्तार किया है।