तमिलनाडु में राजनीतिक हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम के उपमुख्यमंत्री और पार्टी कन्वेनर बनाए जाने के बाद एआईडीएमके के 19 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और सरकार को दिया जा रहा समर्थन भी वापस ले लिया है।
विधायकों द्वारा बड़ी संख्या में समर्थन वापस लिए जाने के बाद के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी की सरकार की स्थिति डांवाडोल हो गई है। उन्हें जल्द से जल्द सदन में अपना बहुमत साबित करना होगा।
वहीं दूसरी ओर पार्टी के पूर्व डिप्टी जनरल सेक्रेटरी टीटीवी दीनाकरन अपने 19 विधायकों के साथ राज्यपाल विद्यासागर राव से मिले और मुख्यमंत्री को दी जा रही मदद को वापस लेने की बात कही है।
विधायकों ने राव से कहा कि पलानीस्वामी ने न केवल उनका विश्वास तोड़ा है बल्कि जनता को भी धोखा दिया है। उन्होने राव से गुहार लगाई कि वे संवैधानिक प्रक्रिया में उनकी मदद करें।
पार्टी में मचे घमासान के बाद विपक्षी नेता और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने राज्यपाल को पत्र लिखा है और मांग की है कि सरकार को जल्द से जल्द बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट कराया जाए।
दूसरी तरफ पनालीस्वामी और पनीरसेल्वम सहित पार्टी के दूसरे वरिष्ठ मंत्री सचिवालय में सरकार को बचाने के लिए जोड़ तोड़ कर रहे हैं। विपक्षी नेता स्टालिन ने दावा किया है कि अन्नाद्रमुक के 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है।