नई दिल्ली – आपातकाल (इमरजेंसी)को लेकर अपने बयान से विवादों में आए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को स्पष्ट कि या कि उनकी टिप्पणी किसी व्यक्ति विशेष को लेकर नहीं की थी। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के लिए तो कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। एक न्यूज चैनल ने बातचीत में आडवाणी से पूछा कि आपने इमरजेंसी की आशंका जता क्या पीएम मोदी की ओर इशारा किया था, उन्होंने इनकार किया। कहा, घमंड से एकाधिकारवाद पनपता है। मैं सभी तरह की तानाशाही का विरोधी हूं।
उन्होंने कहा कि आज के नेताओं को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की तरह नम्र होना चाहिए। सत्ता के साथ अधिकार मिलते हैं, अधिकार के साथ विनम्रता नहीं होगी तो देश की सेवा नहीं हो सकती। उन्होंने राजनीतिक पार्टियों में “वन मैन शो” प्रवृत्ति की भी आलोचना की। मैं राजनीतिक दलों में वन मैन शो के खिलाफ रहा हूं। वाजपेयी इतने बड़े नेता थे लेकिन ऎसा कभी नहीं हुआ कि वाजपेयी इज इंडिया और इंडिया इज वाजपेयी बोला गया हो। ऎसा होता तो मैं कभी साथ नहीं रहता। गौरतलब है कि इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में आडवाणी ने आशंका जताई थी कि देश में फिर आपातकाल लग सकता है।
रामजन्मभूमि आंदोलन के बारे में आडवाणी ने कहाकि, पछतावे की बात तो दूर मुझे इस पर गर्व है। हमने भगवान राम के प्रति देश में आस्था को प्रबल किया। यह अपने आप में बड़ी बात है। उनसे पूछा गया कि क्या बाबरी विध्वंस और आपातकाल लागू करने की तारीखें लोकतंत्र के लिए काला अध्याय नहीं है तो आडवाणी ने कहाकि, मैं इससे सहमत नहीं हूं। इमरजेंसी पर बनी शाह कमिटी की रिपोर्ट की कांग्रेस ने सारी प्रतियां गायब कर दी। एक पन्ना भी नहीं छोड़ा गया।
नेहरू और इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहाकि नेहरू ने आजादी के बाद लोकतंत्र की मजबूती के लिए जिस तरह से काम कि या वह तारीफ योग्य है। लेकिन उन्होंने चीन के साथ गलत रणनीति अपनाई और सेना को कमजोर कर दिया। इंदिरा गांधी ने भी अच्छा काम किया। पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए, बांग्लादेश बनाया। लेकिन इमरजेंसी लगाकर उन्होंने बहुत नुकसान किया।�