उत्तर प्रदेश में पहले सरकारी इमारतें। फिर हज हाउस और अब टॉयलेट। बुधवार को सूबे से कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण योजना में बनाए गए टॉयलेट बाहर से भगवा रंग से पुते नजर आए।
टॉयलेट की तस्वीरें एक हिंदी न्यूज चैनल के पत्रकार ने सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। यूजर्स ने भी उनके पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं और लिखा कि अब आगे आने वाले दिनों में हरी-भरी फसलों और घास पर भी भगवा रंग चढ़ा नजर आएगा।
एक यूजर ने लिखा कि ये सब सीएम योगी को खुश करने की कोशिशें हैं। योगी राज में इससे पहले उनके लखनऊ स्थित दफ्तर की सफेद इमारत का रंगरोगन हुआ था। एनेक्सी की दीवारों से लेकर तब तौलिया और सोफा तक भगवा रंग का लगाया गया था।
पंकज झा टीवी पत्रकार हैं और फिलहाल वह एबीपी न्यूज से जुड़े हैं। 10 जनवरी को दोपहर में उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसके साथ दो तस्वीरें भी अपलोड कीं। दोनों ही तस्वीरें सूबे में भगवा किए गए टॉयलेट्स की थीं। उन्होंने इसके साथ लिखा, “मुख्यमंत्री दफ्तर, कॉलेज, स्कूल और पुलिस थाने के बाद अब यूपी में टॉयलेट भी भगवा रंग में सज गए हैं। योगी आदित्यनाथ को खुश करने के लिए न जाने क्या-क्या होने वाला है।”
टीवी पत्रकार के इस ट्वीट पर टि्वटर यूजर्स ने भी कमेंट किए। कुछ लोगों ने पूछा कि आखिर इसमें गलत क्या है। जबकि कई यूजर्स ने भविष्य में खेत, फसल और घास तक के भगवा हो जाने की आशंका जताई। आगे अमित सिंह के टि्वटर हैंडल से लिखा गया, “भैया जरूरी भी है, वरना बाबा नाराज हो जाएंगे।” एक अन्य शख्स ने लिखा, “दिस इस कॉल्ड विकास।”
राज्य में टॉयलेट के भगवाकरण से पहले बीते साल अक्टूबर में सीएम दफ्तर भी भगवामयी हो गया था। यह सालों से सफेद रंग का था। मगर योगी के सत्ता में आते ही इसकी सूरत ही बदल दी गई। इमारत के अंदर उनके दफ्तर में सोफे और तकिए तक भगवा रंग के रखे गए।
यही नहीं, इसके बाद पीलीभीत में 100 से अधिक सरकारी स्कूलों की दीवारें भगवा रंग से पोत दी गई थीं। फिर यूपी में हज हाउस की दीवारों के साथ भी कुछ ऐसी ही स्थिति नजर आई थी।