मुंबई : महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को थप्पड़ वाले बयान के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार कर लिया है। राणे पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। नारायण राणे को पहले चिपलून से हिरासत में लिया गया था, उसके बाद कागजी कार्यवाही पूरी कर गिरफ्तार कर लिया गया।
दरअसल, राणे ने हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर एक बयान दिया था। इस बयान में उन्होंने ठाकरे की आलोचना करने के साथ ही उन्हें थप्पड़ मारने की बात कह डाली थी। इस बयान के बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद नासिक पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए रत्नागिरी रवाना हो गई थी।
वहीं गिरफ्तारी की सूचना मिलने के फौरन बाद केंद्रीय मंत्री राणे ने रत्नागिरी कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। नारायण राणे के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज हैं।
Maharashtra: Police detained Union Minister and BJP leader Narayan Rane in Ratnagiri
Rane had made remarks against CM Uddhav Thackeray yesterday pic.twitter.com/C3xP843iwV
— ANI (@ANI) August 24, 2021
शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने भाजपा नेता नारायण राणे के इस्तीफे की मांग की है। राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राणे में क्या अब भी कुछ शर्म बाकी है, यदि है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। राउत ने कहा कि राणे को संविधान के प्रति थोड़ा सम्मान दिखाना चाहिए। उन्होंने जो कहा कि राणे का बयान निंदनीय था।
क्या कहा था राणे ने?
राणे से सोमवार को महाड में पत्रकारों ने सवाल पूछा था कि स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए भाषण में सीएम अमृत महोत्सव या हीरक महोत्सव को लेकर शंका मे दिखे। इस पर उन्होंने कहा था कि ठाकरे को नहीं पता कि देश को आजादी मिले हुए कितने साल हो चुके हैं। अरे हीरक महोत्सव क्या? मैं होता तो कान के नीचे लगाता। स्वतंत्रता दिवस के बारे में आपको मालूम नहीं होना चाहिए? कितनी गुस्सा दिलाने वाली बात है यह। सरकार कौन चला रहा है, यह समझ ही नहीं आ रहा है।
हिरासत में लिए जाने से पहले नारायण राणे ने अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती देते हुए मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया। अधिवक्ता अनिकेत निकम के माध्यम से दाखिल राणे की याचिका में प्राथमिकी रद्द करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है। भाजपा नेता राणे ने गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अंतरिम आदेश का भी अनुरोध किया।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में मंगलवार को ही तत्काल सुनवाई की मांग की गई। हालांकि, पीठ ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि (याचिका का) उल्लेख करने की अनुमति नहीं है। पीठ ने कहा कि वकील को प्रक्रिया का पालन करना होगा। अदालत ने कहा, ‘रजिस्ट्री विभाग के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए एक अर्जी दाखिल करें और फिर हम विचार करेंगे।’ याचिका में राणे के खिलाफ पुणे, नासिक और रायगढ़ के महाड में दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती दी गई है।