उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में एक अजीबों-गरीब फर्जीवाड़े का मामला सामने है, जिसे सुनकर सभी के होश उड़ गए है। दरअसल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की एक शिक्षिका पर आरोप है कि वो एक नहीं, बल्कि 25 स्कूलों में एक साथ ड्यूटी कर रही है। यही नहीं उसने यहां से 13 महीने की करीब 1 करोड़ की तनख्वाह भी ली। मीडिया में खबर आने के बाद इस मामले में प्रदेश सरकार ने सफाई दी है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ‘अभी तक जांच में कुछ भी कन्फर्म नहीं हुआ है।’
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक महिला टीचर के 25 जगहों पर ‘पढ़ाने’ और 13 महीनों के दौरान एक करोड़ रुपये कमाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सफाई दी है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ‘अभी तक कुछ भी कन्फर्म नहीं हुआ है।’ बता दें कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) की एक महिला टीचर के 25 जगहों पर नियुक्ति होने और सैलरी उठाने का मामला सामने आया है।
स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय आनंद ने बताया, ‘मीडिया में आई रिपोर्ट्स के बाद बेसिक शिक्षा के अतिरिक्त निदेशक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अभी तक कुछ भी कन्फर्म नहीं हुआ है। एक टीचर का मामला प्रकाश में आया है, वह अब फरार है। ऐसा कहा जा रहा है कि एक करोड़ की सैलरी का भुगतान किया गया। यह सच नहीं है। अभी तक ऐसी किसी भी बात की पुष्टि नहीं हुई है।’
उन्होंने कहा, ‘इस मामले की जांच की जा रही है। अगर आरोप सही पाए गए तो एफआईआर दर्ज की जाएगी। टीचर के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर नहीं हुए हैं। डिवीजनल अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। अगर किसी भी टीचर के दूसरे स्कूलों में फर्जीवाड़े के साथ काम करने की जानकारी मिलेगी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
बता दें कि मैनपुरी की निवासी अनामिका शुक्ला नामक टीचर की पोस्टिंग प्रयागराज, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बागपत सहित अन्य जिलों के KGBV स्कूलों में पाई गई है। इन स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होती है और हर महीने 30 हजार रुपये की तनख्वाह रहती है। 13 महीनों के दौरान टीचर पर कथित तौर पर एक करोड़ रुपये कमाने का आरोप लगा है।
टीचर्स का डेटाबेस तैयार करते वक्त यह गड़बड़झाला सामने आया। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में टीचर्स के अटेंडेंस की रियल टाइम मॉनिटरिंग के बावजूद अनामिका शुक्ला नाम की यह टीचर ऐसा कर पाने में सफल रही। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।