शुक्रवार को आजम के छोटे बेटे अदीब खां के खिलाफ जेल की सरकारी जमीन (फांसीघर) की खरीद और बिक्री करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। कुल 37 लोगों के खिलाफ नायब तहसीलदार कृष्ण गोपाल की तरफ से यह केस दर्ज कराया गया है।
रामपुर से सपा सांसद आजम खां परिवार समेत तमाम आरोपों से घिरते जा रहे हैं। शुक्रवार को उनके बेटे अदीब आजम सहित 38 लोगों के खिलाफ जिला कारागार के फांसी घर की जमीन की खरीद-बिक्री करने के आरोप में गंज थाना की पुलिस रिपोर्ट दर्ज की है। डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले की जानकारी दी। वहीं आजम की गिरफ्तारी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में समय आने पर बताया जाएगा।
पुलिस ने यह कार्रवाई नायब तहसीलदार कृष्ण गोपाल मिश्रा की तहरीर के आधार पर की है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि जिला जेल में जिस जगह पर एक समय में फांसी घर हुआ करता था, वो जमीन अब सांसद आजम खां के रिश्तेदारों और करीबियों के कब्जे में है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे।
इसके बाद राजस्व विभाग की टीम ने जमीन की पैमाइश की थी। जांच में यह साबित हुआ कि यह जमीन श्रेणी सात(सरकारी) की है। पाया गया कि जमीन वाहिद और खुर्शीद के नाम पर पंजीकृत था। इसके बाद वाहिद और खुर्शीद ने 30 लोगों को यह जमीन बेच दी। जमीन के बैनामों पर शाजेब खां, मोहम्मद इकबाल और फारुख आदि के नाम गवाह के रूप में अंकित हैं।
पुलिस ने जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों के साथ-साथ बैनामों के गवाहों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि जेल कारागार की जमीन खरीदने-बेचने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। इस मामले में शामिल अन्य लोगों की जांच-पड़ताल की जा रही है, ताकि पता चला सके कि जमीन किसके दबाव में खरीदी-बेची गई थी।