नई दिल्लीः विदेश सचिव विजय गोखले ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेस की। जिसमें उन्होंने विस्तार से बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दो दिनों की वार्ता में किन मुद्दों पर बात हुई। उन्होंने कहा कि आज दोनों नेताओं के बीच लगभग 90 मिनट तक वन टू वन बातचीत हुई। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई और फिर प्रधानमंत्री जिनपिंग के लिए मोदी ने लंच की मेजबानी की। इस शिखर बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच लगभग छह घंटे वन टू वन बैठक हुई।
गोखले ने कहा, ‘जिनपिंग ने भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद कहा। दोनों देशों के बीच व्यापार पर चर्चा हुई। जिनपिंग ने अपने दौरे को यादगार बताया। भारत-चीन के बीच आगे भी अनौपचारिक बातचीत होती रहेगी। अगले साल दोस्ती के 70 साल होंगे। इस मौके पर 70 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिनपिंग ने प्रधानमंत्री को चीन आने का न्योता दिया जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया है। चीन भारत के साथ कारोबारी रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने को गंभीर है।’
गोखले ने कहा, ‘अगली अनौपचारिक बैठक चीन में होगी। जिसकी तारीखों का एलान बाद में किया जाएगा। भारत-चीन के बीच व्यापार, निवेश और सेवाओं पर चर्चा के लिए एक नए तंत्र की स्थापना की जाएगी। चीन का प्रतिनिधित्व जहां वाइस प्रीमियर हु चुन्हुआ करेंगे तो भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री निर्मला सीतारम करेंगी। अब जनता के बीच संबंधों पर ध्यान दिया जाएगा। यह तय किया गया कि दोनों देशों की जनता को इस रिश्ते में लाया जाएगा। इसे लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।’
विदेश सचिव ने कहा, ‘कैलाश मानवसरोवर यात्रियों को चीन सुविधा देगा। भारत ने चीन को दवा और आईटी क्षेत्र में निवेश का न्योता दिया है। बातचीत के दौरान कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं हुआ। हालांकि हमारी स्थिति साफ है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। हालांकि दोनों देशों ने आतंकवाद और कट्टरपंथ पर चर्चा की और इससे निपटने के उपायों पर बातचीत हुई। दोनों ऐसे देशों के नेता हैं जो न केवल क्षेत्रों और जनसंख्या के लिहाज से बड़े हैं, बल्कि विविधता के मामले में भी बड़े हैं।’