वाशिंगटन- अमेरिका की कंपनी वॉलमार्ट पर शक है कि उसने भारत में करोड़ों डॉलर की रिश्वत दी। यह बात मीडिया में आई एक खबर में कहा गया। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक खबर में कहा भारत में वॉलमार्ट द्वारा जिस संदिग्ध रिश्वत मामले का खुलासा हुआ है।
उसमें निम्न पदों पर तैनात स्थानीय कर्मचारियों को छोटी-छोटी राशि का हजारों बार भुगतान किया गया, ताकि सीमाशुल्क (कस्टम) विभाग से सामान छुड़ाया जा सके या जमीन-जायदाद संबंधी मंजूरी प्राप्त की जा सके।
लोगों ने कहा कि भारी संख्या में 200 डॉलर से भी कम के कई बार भुगतान किए गए। कई बार तो पांच डॉलर तक की भी रिश्वत दी गई, लेकिन कुल मिलकर यह राशि करोड़ों डॉलर होगी।’खबर में कहा गया कि वॉलमार्ट ने 2013 में भारती एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम में खुदरा दुकानें खोलने की योजना रद्द कर दी और बजाय इसके उसने भारत में सिर्फ थोक विक्रेता बनने का फैसला किया।
वॉलमार्ट पिछली यूपीए सरकार पर बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र को खोलने के लिए दबाव बना रही थी और वह इस संबंध में अमेरिकी कांग्रेस में लॉबिंग भी कर रही थी। यह बात अमेरिकी संसद की विभिन्न रिपटों में कही गई है।
खबर के मुताबिक वॉलमार्ट की व्यापक पैमाने पर रिश्वत देने की कोशिश के लिए उसे अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट व्यवहार अधिनियम (एफसीपीए) के प्रावधानों के मुताबिक दंडित नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसे भारतीय परिचालन से कोई मुनाफा नहीं हुआ है।
इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने कहा कि एफसीपीए के तहत जुर्माना अक्सर कथित भ्रष्ट गतिविधियों से हासिल आय की राशि से जुड़ा होता है। भारत में किए गए भुगतान पर कोई बड़ा जुर्माना नहीं लगेगा, क्योंकि वहां वालमार्ट का परिचालन मुनाफे में नहीं रहा।एजेंसी