दिग्विजय ने कहा- ‘राष्ट्रीय सुऱक्षा का आँकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 126 राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी। अब मोदी जी ने 126 के बजाय 36 राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं। क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?’
फ्रांस निर्मित 36 में से पांच राफेल विमान आज हरियाणा स्थित अंबाला में भारतीय वायुसेना के बेस पर पहुंच गए। इस दौरान उन्हें वॉटर सैल्यूट मिला। वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि साल 2019के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस विमान के सौदे पर करप्शन का मुद्दा उठाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा था।
राफेल के भारत पहुंचने से पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने लिखा -आख़िर राफ़ेल fighter plane आ गया। 126 राफ़ेल ख़रीदने के लिए कोंग्रेस के नेतृत्व में UPA ने 2012 में फैंसला लिया था और 18 राफ़ेल को छोड़कर कर बाकि भारत सरकार की HAL में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की क़ीमत ₹746 करोड़ तय की गई थी।’
दिग्विजय ने कहा- ‘मोदी सरकार आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व केबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक़ मार कर निजी कम्पनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफ़ेल ख़रीदने के बजाय केवल 36 ख़रीदने का निर्णय ले लिया।’
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा- ‘एक राफ़ेल की क़ीमत कॉंग्रेस सरकार ने ₹746 करोड़ तय की थी लेकिन “चौकीदार” महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मॉंग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी!! “चौकीदार” जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!’
सिर्फ 36 राफेल खरीदने के फैसले पर दिग्विजय ने कहा- ‘राष्ट्रीय सुऱक्षा का आँकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 126 राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी। अब मोदी जी ने 126 के बजाय 36 राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं। क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?’