37.1 C
Indore
Tuesday, April 1, 2025

बंगाल का चुनावी दंगल तय करेगा देश की राजनीतिक दिशा

बंगाल एक बार फिर चर्चा में है। गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, औरोबिंदो घोष, बंकिमचन्द्र चैटर्जी जैसी महान विभूतियों के जीवन चरित्र की विरासत को अपनी भूमि में समेटे यह धरती आज अपनी सांस्कृतिक धरोहर नहीं बल्कि अपनी हिंसक राजनीति के कारण चर्चा में है।वैसे तो ममता बनर्जी के बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में दोनों ही कार्यकाल देश भर में चर्चा का विषय रहे हैं। चाहे वो 2011 का उनका कार्यकाल हो जब उन्होंने लगभग 34 साल तक बंगाल में शासन करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी को भारी बहुमत के साथ सत्ता से बेदखल करके राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली हो। या फिर वो 2016 हो जब वो 294 सीटों में से 211 सीटों पर जीतकर एकबार फिर पहले से अधिक ताकत के साथ राज्य की मुख्यमंत्री बनी हों। दीदी एक प्रकार से बंगाल में विपक्ष का ही सफाया करने में कामयाब हो गई थीं।

क्योंकि विपक्ष के नाम पर बंगाल में तीन ही दल हैं जिनमें से कम्युनिस्ट के 34 वर्ष के कार्यकाल और उसकी कार्यशैली ने ही बंगाल में उसकी जड़ें कमजोर करीं तो कांग्रेस बंगाल समेत पूरे देश में ही अपनी जमीन तलाश रही है। लेकिन वो बीजेपी जो 2011 तक मात्र 4 प्रतिशत वोट शेयर के साथ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बंगाल में अपना अस्तित्व तलाश रही थी, 2019 में 40 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तृणमूल को उसके ही गढ़ में ललकारती है। बल्कि 295 की विधानसभा में 200 सीटों का लक्ष्य रखकर दीदी को बेचैन भी कर देती है।

इसी राजनैतिक उठापटक के परिणामस्वरूप आज उसी बंगाल की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। लेकिन जब बात राजनीतिक दाँव पेंच से आगे निकल कर हिंसक राजनीति का रूप ले ले तो निश्चित ही देश भर में चर्चा ही नहीं गहन मंथन का भी विषय बन जाती है।

क्योंकि जिस प्रकार से आए दिन तृणमूल और भाजपा के कार्यकर्ताओं की हिंसक झड़प की खबरें सामने आती हैं वो वहाँ की राजनीति के गिरते स्तर को ही उजागर करती हैं। भाजपा का कहना है कि अबतक की राजनैतिक हिंसा में बंगाल में उनके 100 से ऊपर कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है।
यह किसी से छुपा नहीं है कि बंगाल में चाहे स्थानीय चुनाव ही क्यों न हों , चुनावों के दौरान हिंसा आम बात है। लेकिन जब यह राजनैतिक हिंसा बंगाल की धरती पर होती है, तो उसकी पृष्ठभूमि में “माँ माटी और मानुष” का नारा होता है जो माँ माटी और मानुष इन तीनों शब्दों की व्याख्या को संकुचित करने का मनोविज्ञान लिए होता है। इसी प्रकार जब वहाँ की मुख्यमंत्री बंगाल की धरती पर खड़े होकर गैर बंगला भाषी को “बाहरी” कहने का काम करती हैं तो वो भारत की विशाल सांस्क्रतिक विरासत के आभामंडल को अस्वीकार करने का असफल प्रयास करती नज़र आती हैं।

क्योंकि ग़ुलामी के दौर में जब अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ इस देश के अलग अलग हिस्सों से अलग अलग आवाजें उठ रही थीं तो वो बंगाल की ही धरती थी जहाँ से दो ऐसी आवाजें उठी थीं जिसने पूरे देश को एक ही सुर में बांध दिया था। वो बंगाल का ही सुर था जिसने पूरे भारत की आवाज़ को एक ही स्वर प्रदान किया था। वो स्वर जिसकी गूंज से ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलने लगी थी। वो गूंज जो कल तक इस धरती पुत्रों के इस पुण्य भूमि के प्रति प्रेम त्याग और बलिदान का प्रतीक थी वो आज इस देश की पहचान है।

जी हाँ “वंदे मातरम” का नारा लगाते देश भर में न जाने कितने आज़ादी के मतवाले इस मिट्टी पर हंसते हंसते कुर्बान हो गए। आज वो नारा हमारा राष्ट्र गीत है और इसे देने वाले बंकिमचन्द्र चैटर्जी जिस भूमि की वंदना कर रहे हैं वो मात्र बंगाल की नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की है। रबिन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित “जन गण मन” केवल बंगाल की नहीं हमारे भारत राष्ट्र की पहचान है। इसी प्रकार 1893 में विश्व धर्म सभा में स्वामी विवेकानंद ने सनातन धर्म की व्याख्या करते समय भारत देश का प्रतिनिधित्व किया था बंगाल का नहीं। बंगाल की धरती ऐसे अनेकों उदाहरणों से भरी पड़ी है। और जब ऐसी धरती से देश के अन्य राज्य के नागरिक के लिए “बाहरी” शब्द का प्रयोग किया जाता है वो भी वहाँ की मुख्यमंत्री के द्वारा वो केवल बंगाल की महान सांस्कृतिक विरासत का ही अपमान नहीं होता बल्कि देश के संविधान को भी नकारने का प्रयास होता है। दरसअल जब राजनैतिक स्वार्थ राष्ट्र हित से ऊपर होता है तो इस प्रकार के आचरण सामने आते हैं। लेकिन दीदी को समझना चाहिए कि वर्तमान राजनैतिक पटल पर अब इस प्रकार की राजनीति का कोई स्थान नहीं है।

बंगाल के आने वाले चुनावों की तैयारी करने से पहले उन्हें देश में हुए कुछ ताज़ा चुनाव परिणामों पर नज़र डाल लेनी चाहिए ताकि उन्हें वोटर का मनोविज्ञान समझने में आसानी हो। किसान आंदोलन के बीच राजिस्थान जिला परिषद और पंचायत के ताजा चुनावों में किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले दलों को जनता नकार देती है।

असम में तिवा स्वायत्त परिषद के चुनाव में बीजेपी को 36 में से 33 सीट देकर वहाँ की जनता अलगाववाद की बात करने वाले संगठनों को पूरी तरह से बाहर का रास्ता दिखा देती है। इसी प्रकार हाल ही में जम्मू कश्मीर के डीडीसी चुनावों में धारा 370 की वकालत करने वाले छह दलों के गुपकार गठबंधन को भी जनता अस्वीकार कर देती है। यह कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो देश में भविष्य की राजनीति की बदलती दिशा की ओर इशारा कर रहे हैं। यह इस बात का संकेत हैं कि वोट बैंक की राजनीति अब जीत की कुंजी नहीं रही।

लेकिन फिर भी अगर बंगाल की वोट बैंक की राजनीति की बात करें तो वहाँ का वोट चार दलों में बंटता है। पिछले चुनाव परिणाम बताते हैं कि तृणमूल का वोट शेयर 43 प्रतिशत था और बीजेपी का 40 प्रतिशत। कांग्रेस 5 प्रतिशत और कम्युनिस्ट पार्टी लगभग 4 प्रतिशत। पिछले दो तीन चुनावों में (लोकसभा और विधानसभा मिलाकर) तृणमूल का वोट शेयर बरकरार है जबकि कांग्रेस का कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से भाजपा को फायदा होता है। और चूंकि इस बार 2014 से ही भाजपा ने बंगाल में जमीनी स्तर पर काम किया है तो कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी से हताश बंगाल के लोगों को मोदी ब्रांड भाजपा में तृणमूल का एक सशक्त विकल्प नज़र आ रहा है। रही सही कसर ममता सरकार की ही मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति पूरी कर सकती है जो काफी हद तक वहाँ के गैर मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण का एक मजबूत कारण बन सकती है। इसलिए दीदी को समझना चाहिए कि इस दौर में नकारात्मक राजनीति से सकारात्मक परिणाम मिलने मुश्किल हैं। लेकिन दीदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इस बार उनका मुकाबला विपक्ष के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने वाले या कर्ज़ माफी जैसे खोखले नारे देने वाले किसी दल से ना होकर बूथ लेवल पर काम करने वाले संगठन से है।

इसलिए बंगाल का यह चुनाव तृणमूल बनाम भाजपा मात्र दो दलों के बीच का चुनाव नहीं रह गया है बल्कि यह चुनाव देश की राजनीति के लिए भविष्य की दिशा भी तय करेगा। बंगाल की धरती शायद एक बार फिर देश के राजनैतिक दलों की सोच और कार्यशैली में मूलभूत बदलाव की क्रांति का आगाज़ करे।

डॉ नीलम महेंद्र

Related Articles

Поиграть в лучших интернет игорных заведениях с бонусами на средства

Изначальные онлайн казино стартовали много лет назад — несколько десятилетий назад. В 1994 году времени корпорация Microgaming выпустила первоначальную цифровую игровой автомат, которая имитировала...

Обход фильтров онлайн игорного заведения с плюшками.

Гемблинг ресурсы заблокированы интернет-провайдерами по приказу властей. Данное решение обусловлено суровым правилами в отрасли азартных игр. Подвергаются блокировку попадают в том числе виртуальные казино...

Обзор утвержденного портала виртуального казино с бонусами

Престижная площадка казино 7К предлагает множество слотов от международных провайдеров. Игровые автоматы 777, табличные и игральные игры, аварийные игры с мгновенными вознаграждениями, настоящие дилеры,...

Рассмотрение официального веб-сайта интернет-казино с вознаграждениями

Игровая платформа игровые автоматы 7К предлагает игры на любой вкус. Игровые автоматы многочисленных категорий, настоящие крупье и игровые площадки – доступна широкая подборка программного...

Основной портал онлайн-казино: достоинства и бонусы

Виртуальное казино Maxbet casino — популярная платформа, которая даёт посетителям опцию играть в азартные игры, используя различные устройства, в любом месте, где есть интернет-соединение....

Мгновенная регистрация в виртуальном казино с привилегиями.

Вознаграждения в гемблинговом клубе разработаны для заманивания новых и вознаграждения постоянных посетителей. Для того чтобы в полной мере воспользоваться бенефитами программы вознаграждений, необходимо пройти...

Lisanslı bir sanal kumarhanesinin bonuslar ile avantajları.

İzin; Kumar platformunun en önemli faktörlerinden biri olan iyi niyet ve güvenilirlik. Çevrimiçi kumar kuruluşu ödülleri varsa lisansı, promosyonları sürekli düzenlenir ve ödül miktarları...

Sanal kumarhane promosyonlar eğlen güncellenmiş yedek bağlantı 7 slots

Çevrimiçi platform 7 slots, çeşitli eyalet kullanıcıları arasında talep gören çok sayıda ülke sezgisel tasarım, kapsamlı şans oyunları seçimi, adil oyun koşulları ve adil...

online kumar kuruluşu promosyonlar eğlen geçerli yedek bağlantı 7 slots

Sanal mekan 7 slots, farklı bölge kullanıcıları arasında popüler birçok eyalet basit arayüz, büyük şans oyunları çeşitliliği, adil oyun ve adil ödemeler sayesinde popüler...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
138,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

Поиграть в лучших интернет игорных заведениях с бонусами на средства

Изначальные онлайн казино стартовали много лет назад — несколько десятилетий назад. В 1994 году времени корпорация Microgaming выпустила первоначальную цифровую игровой автомат, которая имитировала...

Обход фильтров онлайн игорного заведения с плюшками.

Гемблинг ресурсы заблокированы интернет-провайдерами по приказу властей. Данное решение обусловлено суровым правилами в отрасли азартных игр. Подвергаются блокировку попадают в том числе виртуальные казино...

Обзор утвержденного портала виртуального казино с бонусами

Престижная площадка казино 7К предлагает множество слотов от международных провайдеров. Игровые автоматы 777, табличные и игральные игры, аварийные игры с мгновенными вознаграждениями, настоящие дилеры,...

Рассмотрение официального веб-сайта интернет-казино с вознаграждениями

Игровая платформа игровые автоматы 7К предлагает игры на любой вкус. Игровые автоматы многочисленных категорий, настоящие крупье и игровые площадки – доступна широкая подборка программного...

Основной портал онлайн-казино: достоинства и бонусы

Виртуальное казино Maxbet casino — популярная платформа, которая даёт посетителям опцию играть в азартные игры, используя различные устройства, в любом месте, где есть интернет-соединение....