डिंडोरी : कृषि को लाभ का धंधा बनाने का प्रदेश सरकार का प्रयास तो डिंडौरी जिले में खोखला साबित हो रहा है। यहां एक बार फिर सरकारी योजनाओं और दावों की पोल खुली। कृषि कर्मण पुरस्कार लेने वाली सरकार अपने किसानों को ठीक ढंग से किसानी के लिए संसाधन भी मुहैया नहीं करा पा रही है जिसके चलते एक बार फिर किसान अपने दो बेटो के साथ खेत की जुताई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उधर कृषि विभाग ने सरकार की योजना बंद होने का हवाला देकर पुरे मामले से हाथ खिंच लिए।
डिंडोरी के शहपुरा विकास खंड के मोहनी गांव में किसान गोहरा अपने दो बेटो के साथ खेतों में जुताई करने को मजबूर है। गोहरा की माने तो उसके पास बैलों की जोड़ी थी पर उसमे से के बैल की नागपंचमी वाले दिन मौत होगी। अभी धान की रोपाई का समय है , उसने कृषि विभाग से मदद भी मांगी पर कृषि विभाग ने यह कहते हुए मदद करने से मना कर दिया कि सरकार ने बैल जोड़ी देने की योजना बंद कर दी है। किसान गोहर ने कहा की जब किसी तरह की मदद नहीं मिली तो उसे अपने बेटो के साथ खेत में जुताई करने का निर्णय लेना पड़ा।
उधर अनुविभागीय अधिकारी कृषि सी आर अहिरवार का कहना है कि विभाग द्वारा बैल जोड़ी देने की योजना काफी समय पहले ही से बंद हो चुकी है किसान ट्रैक्टर से जुताई करा ले और कृषि विभाग को जानकारी देता है तो विभाग द्वारा उसका भुगतान कर दिया जाता है चार हेक्टेयर तक किसान जुताई करा सकता है। कृषि अधिकारी ने कहा कि अभी तक उनके पास किसी ने आवेदन नहीं किया।
रिपोर्ट @ दीपक नामदेव