नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को आज ‘समर्पण दिवस’ के रूप में मना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भारत को हथियारों के लिए विदेशी देशों पर निर्भर रहना पड़ा था। दीनदयाल जी ने उस समय कहा था कि हमें एक ऐसा भारत बनाने की जरूरत है जो न केवल कृषि में आत्मनिर्भर हो, बल्कि रक्षा और हथियार में भी हो।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर ‘समर्पण दिवस’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि सत्ता की ताकत से आपको सीमित सम्मान ही मिल सकता है लेकिन विद्वान का सम्मान हर जगह होता है। दीनदयाल जी इस विचार के जीते जागते उदाहरण हैं। कोरोना काल में देश ने अंत्योदय की भावना को सामने रखा। आत्मनिर्भरता से एकात्म मानव के दर्शन को भी सिद्ध किया है।
हाइलाइट्स:
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को ‘समर्पण दिवस’ के रूप में मना रही बीजेपी
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की
- पीएम ने कहा-1965 में भारत-पाक युद्ध में भारत को हथियारों के लिए विदेशी देशों पर निर्भर रहना पड़ा था
हमेशा प्रेरणा देते रहे हैं पंडित दीनदयाल उपाध्याय
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जी हमें हमेशा प्रेरणा देते रहे हैं। आज भी उनके विचार उतने ही प्रासंगिक हैं और आगे भी रहेंगे। जहां भी मानवता के कल्याण की बात होगी उनका एकात्म मानव दर्शन प्रासंगिक रहेगा।
‘राजनीति में सर्वसम्मति को महत्व देते हैं हम’
पीएम मोदी ने कहा कि हम राजनीति में सर्वसम्मति को महत्व देते हैं। मैंने संसद में कहा था कि बहुमत से सरकार चलती है लेकिन देश सहमति से चलता है। हम सिर्फ सरकार चलाने नहीं आए हैं, देश को आगे ले जाने आए हैं। हम चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं इसका यह मतलब नहीं कि हम एक दूसरे का सम्मान नहीं करते।
‘राजनीति में भी राष्ट्रनीति सर्वोपरि’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब देश में इतने सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं तो सभी भारतीयों को गर्व और सीना चौड़ा होता है। हमें गर्व है कि हम अपने महापुरुषों के सपनों को पूरा कर रहे हैं। हमारी विचारधारा देशभक्ति से प्रेरित होती है और देशहित के लिए होती है। हमारी राजनीति में भी राष्ट्रनीति सर्वोपरि है।
‘कोरोना काल में देश ने अंत्योदय की भावना को रखा सामने’
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में देश ने अंत्योदय की भावना को सामने रखा और अंतिम पायदान पर खड़े हर गरीब की चिंता की। आत्मनिर्भरता की शक्ति से देश ने एकात्म मानव दर्शन को भी सिद्ध किया, पूरी दुनिया को दवाएं पहुंचाईं, और आज वैक्सीन पहुंचा रहा है।