बेंगलूरू – देश की साइबर राजधानी बेंगलूरू की जामा मस्जिद के इमाम ने मौलवियों से आतंकी संगठन इस्लामिक संगठन से मुकाबले के लिए एकजुट होने का निर्देश दिया है। मुस्लिम युवकों के आईएस से जुड़ने की बढ़ती घटनाओं से चिंतित बेंगलूरू की जामा मस्जिद के इमाम ने शहर की सभी मस्जिदों को खत लिखकर इस्लाम की सही शिक्षा को फैलाने के निर्देश दिए हैं। पत्र में लिखा है कि पैगंबर मुहम्मद को दुनिया में शांति फैलाने के लिए भेजा गया था। युद्ध के दौरान पैगंबर ने अपने लोगों को निर्देश दिया था कि महिलाओं, बच्चों, बूढ़ों और निहत्थों को नुकसान न पहुंचाया जाए फिर बमबारी और हत्याओं को कैसे सही ठहराया जा सकता है?
जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद मकसूद इमरान ने कहाकि, उन्होंने अन्य मस्जिदों के इमाम को सलाह दी है कि वे इस्लामिक स्टेट के प्रचार का सक्रियता से जवाब दें। इसके लिए कॉलेजों में जाने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की नसीहत भी शामिल है। दो सप्ताह पहले इसकी शुरूआत की गई और बकरीद के बाद 150 मौलानाओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया जिससे कि युवाओं को कट्टरवादी होने से रोका जाए।
उन्होंने कहाकि, कई नौजवान इन दिनों गुमराह हो रहे हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि उन्हें गलत रास्ते पर जाने से बचाया जाए। हम सिर्फ मस्जिदों तक ही सीमित नहीं रहेंगे। हमारे लोग कॉलेजों में जाएंगे और इस्लाम के सिद्धांतों के बारे में छात्रों से बात करेंगे। हम चाहते हैं कि ऎसा पूरी देश की मस्जिदों में किया जाए जिससे कि नौजवानों को गलत रास्ते पर जाने से रोका जाए। खत में इमाम ने लिखा कि आईएस जैसे संगठन कुरान और हडिथ की गलत व्याख्या कर नौजवानों को गुमराह कर रहे हैं। इससे पूरी दुनिया के मुस्लिमों को गलत नजर से देखा जा रहा है।