सवालों से घिरे राणा कपूर बहुत देर तक खुद को संभाल नहीं पाए और कोर्ट के सामने टूट गए। उनकी आंखें भर आई और रोते हुए उन्होंने खुद को लाचार बता दिया। राणा कपूर ने कहा कि मैं बहुत बीमार हूं। मेरा मानसिक इलाज चल रहा है। शहर के बेहतरीन मनोरोग विशेषज्ञ मेरा इलाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब में मैने अपने बच्चे को खोया है मैं मानसिक रूप से बीमार हो गया हूं।
नई दिल्ली: यस बैंक (YES Bank) संकट के बाद अब बैंक के फाउंडर और पूर्व सीईओ राणा कपूर और उनके परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है। कोर्ट ने राणा कपूर को 11 मार्च तक के लिए ED की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने 30 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद राणा को हिरासत में लिया और फिर कोर्ट के सामने पेश किया। कोर्ट में जज के सामने राणा कपूर टूट गए और उनकी आंखें भर आई। उनके साथ उनकी पत्नी भी मौजूद थे। . ED के वकील राणा कपूर पर यस बैंक में बांटे गए लोन को लेकर उनपर सवाल दाग रहे थे। राणा कपूर पर आरोप लगा कि कि उन्होंने यस बैंक के सीीओ के पद पर रहते हुए पब्लिक मनी का इस्तेमाल कर DHFL का debenture खरीदा। 37000 करोड़ रुपए में इसे खरीदकर उन्होंने डीएचएफएल की ओर से DoIt नाम की कंपनी को 600 करोड़ का लोन दिया। ये कंपनी राणा कपूर की बेटी की कंपनी है।
सवालों से घिरे राणा कपूर बहुत देर तक खुद को संभाल नहीं पाए और कोर्ट के सामने टूट गए। उनकी आंखें भर आई और रोते हुए उन्होंने खुद को लाचार बता दिया। राणा कपूर ने कहा कि मैं बहुत बीमार हूं। मेरा मानसिक इलाज चल रहा है। शहर के बेहतरीन मनोरोग विशेषज्ञ मेरा इलाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब में मैने अपने बच्चे को खोया है मैं मानसिक रूप से बीमार हो गया हूं।
राणा कपूर ने कोर्ट के सामने कहा कि ईडी की टीम मेरे घर पर 14 घंटे तक रही। मैंने उन्हें जांच में पूरा सहयोग किया। मैंने बीमार होते हुए 7 पन्ने का अपना बयान भी दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि मैं अपना पासपोर्ट तक जमा करने को तैयार हूं। मैं जांच में सहयोग करूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी तबियत खराब है, मैं बहुत बीमार हूं। राणा कपूर के कोर्ट के सामने कहा कि डीएचएफएल एक एरिटेड नामी कंपनी है, जिससे मेरे बच्चों ने नामी कंपनी डीएचएफएल से 600 करोड़ रुपए लोन लिए और अब वह कंपनी बहुत बेहतर कर रही है। कंपनी की किस्ते भी समय पर आ रही है और साल 2023 तक कंपनी का पूरा लोन भी चुका लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरी बेटियों द्वारा चलाया जा रही कंपनी वुमन एंटरप्रेन्योरशिप का उदाहरण है।
राणा कपूर कोर्ट में पूरी तरह से टूट गए। उन्होंने कहा कि मैं देश छोड़कर नहीं भाग रहा हूं। मैं अपना पासपोर्ट एक बार फिर जमा कराने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मैं मेरी पत्नी और बेटियों की कसम खाकर कहता हूं कि मैं पूरा सहयोग करूंगा। हालांकि उन्हें कोर्ट से कुछ खास राहत नहीं मिली। जज ने कहा कि मेडिकल ग्राउंड के आधार पर कस्टडी ना देना ठीक नहीं है। हालांकि उन्होंने ईडी के अधिकारियों को निर्देश दिया कि कस्टडी के दौरान आरोपी का हर तरह से ध्यान रखा जाएगा। कोर्ट ने उन्हें 11 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। गौरतलब है कि यस बैंक संकट के बाद ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ईडी के बाद अब सीबीआई ने राणा कपूर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में अलग केस दर्ज किया है।