प्रकोष्ठ के प्रभारी खड़गे ने कहा, ‘अत: उन्होंने (राहुल गांधी) साफ तौर पर कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है और आपकी भाषा (कन्नड़) की पहचान को कोई खतरा नहीं है।’
कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो’ यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि अकेले हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा बनाने का इरादा नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि कन्नड़ भाषा जैसी क्षेत्रीय भाषाओं को कोई भी खतरा नहीं है। खास बात है कि सियासी हलकों में भाषा के मुद्दे पर जमकर बहस छिड़ी हुई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी इसपर प्रतिक्रियाएं दे चुके हैं।
राहुल ने शुक्रवार को कई शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और शिक्षकों के साथ बातचीत में यह बात कही। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रियांक खड़गे ने पत्रकारों को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की जानकारी देते हुए कहा, ”राहुल गांधी के साथ कन्नड़ की पहचान को लेकर बातचीत की गयी। फिर उन्होंने कहा कि प्रत्येक मातृभाषा अहम है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं। संविधान में सभी को अधिकार प्राप्त है।’
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी खड़गे ने कहा, ‘अत: उन्होंने (राहुल गांधी) साफ तौर पर कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है और आपकी भाषा (कन्नड़) की पहचान को कोई खतरा नहीं है।’ उन्होंने कहा कि बातचीत में भाग लेने वाले लोगों ने पुष्टि की कि वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े नहीं हैं लेकिन संविधान को बचाने के लिए यात्रा में भाग ले रहे हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के रिसर्च विभाग के अध्यक्ष राजीव गौड़ा ने कहा कि बातचीत में शामिल हुए ज्यादातर लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के बाद से शिक्षा क्षेत्र में समस्याओं का मुद्दा उठाया।