काबुल : मंगलवार को अमेरिकी सैनिकों की पूर्ण वापसी के बाद से अफगानिस्तान में जश्न का माहौल है। तालिबानी नेताओं ने इस मौके पर 20 साल के युद्ध के अंत को चिह्नित करते हुए कई राउंड फायरिंग भी की। इन नेताओं का कहना है कि इस विजय ने इस्लामी समूह को 2001 की तुलना में और मजबूत बना दिया है और अब हम एक नई ‘समावेशी’ सरकार बनाने की तैयारी शुरू करेंगे। इसके अलावा तालिबानी नेताओं ने भारत के मुद्दे पर भी जवाब दिया। निजी समाचार चैनल सीएनएन-न्यूज18 को दिए साक्षात्कार में तालिबान के शीर्ष नेता अनस हक्कानी ने हक्कानी नेटवर्क के पाकिस्तान कनेक्शन, भारत के साथ उनके संबंधों और कश्मीर मुद्दे पर विस्तार से बात की।
कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के साथ आने को लेकर जब हक्कानी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर हमारे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है और हस्तक्षेप नीति के खिलाफ है। हमारी नीति के अनुसार हम दूसरे देशों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि दूसरे भी हमारे मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हम चाहते हैं कि सभी मामलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जाए। हमारे दरवाजे सबके लिए खुले हैं। हम बाकी दुनिया के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं।
हक्कानी ने कहा कि हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि कोई हमारे बारे में गलत सोचे। भारत ने हमारे दुश्मन की बीस साल से मदद की है लेकिन हम सब कुछ भूलकर रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
हक्कानी ने कहा कि हमने बीस साल तक संघर्ष किया। हमारे बारे में बहुत सारे नकारात्मक प्रचार हैं और यह सब गलत है। हक्कानी नेटवर्क कुछ भी नहीं है। हम सबके लिए काम कर रहे हैं। दुनिया भर में और विशेष रूप से भारत में मीडिया हमारे बारे में नकारात्मक प्रचार कर रहा है। इससे माहौल खराब हो रहा है। युद्ध में कभी भी किसी पाकिस्तानी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया था। ये आरोप गलत और निराधार हैं।
हक्कानी ने कहा कि हम आने वाले दिनों में सभी नीतियों को स्पष्ट करेंगे। हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए हर संभव मदद चाहते हैं। हम चाहते हैं कि न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया आएं और हमारा समर्थन करें।
हक्कानी से जब पूछा गया कि अफगानिस्तान में कई भारतीय हिंदु और सिख फंसे हुए हैं क्या वे सुरक्षित हैं? तो इसके जवाब में हक्कानी ने कहा कि मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि अफगानिस्तान में हर कोई सुरक्षित है। शुरू में कुछ घबराहट और डर था, लेकिन अब चीजें ठीक हो गई हैं और लोग खुश हैं। अफगान सिख और हिंदू अफगानिस्तान के किसी भी अन्य समुदाय की तरह हैं और वे खुशी से रहेंगे।