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Sunday, January 12, 2025
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Theatrical Release ” Thoda Lutf Thoda Ishq “

Thoda Lutf Thoda Ishq

Thoda Lutf Thoda Ishq

wo good for nothing boys Jhumroo and Ghungroo are best examples of fools who keep roaming around the whole day. Their sole motive in life is to have fun, befriend girls, go to parties,  get drunk and chill. They find impish ways to get in touch with girls. 

They are also desperate to get a job, but in their comical attempt they receive yet more embarrassment.  After couple of disasters they get a job at a newly opened beauty parlor run by two smart girls. Their dream has come true. They are around girls all the time. But this is just the beginning of their hilarious trauma and a journey full of unexpected twists…. A rollercoaster ride for them and guffaws for viewers.

 

Genre – Romantic comedy

 

Banner : Chilsag Motion Pictures

Written & Directed by – Sachin Gupta

Producer : Bharat Bansal, Vivek Yadav, Sachin Gupta

Editor: Vinay Chauhan

DOP: Debasish Banerjee

Art: Govind Gupta, Vinati Sehgal

Makeup : Ritu Jasmera

Music: Vikram Khajuria

Lyrics : Devshi Khanduri

 

Shooting location- Saifai (UP), Etawah, Chambal, Meerut, Delhi-NCR

 

Cast – Hiten Tejwani- Jhumroo, Rajpal Yadav- Ghungroo, Sanjay Misra – Chuski’s father, Neha Pawar- Mini, Bhavita Anand- Chuski, Sushmita Mukherjee – Jhumroo’s mother & Rakesh Bedi- the BOSS.

महाराष्ट्र के सीपीआई नेता और पत्नी को गोली मारी

Govind-Pansareकोल्हापुर – कोल्हापुर में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के दिग्गज नेता गोविंद पी. पानसरे व उनकी पत्नी को सोमवार सुबह सागरमाला स्थित उनके घर के सामने दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। हमले में बुरी तरह घायल पानसरे की हालत नाजुक बताई जा रही है। पानसरे पर हुए हमले पर समाजसेवी अन्ना हजारे व विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।

अन्ना हजारे ने कहा कि पानसरे पर हमले की खबर सुनकर वह हैरान हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को महाराष्ट्र सरकार के सामने उठाएंगे। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हमले की जांच के आदेश देने की मांग की है। एनसीपी नेता शरद पवार ने भी कहा कि वह पानसरे पर हमले की खबर से हैरान हैं।

कैसे हुए हमलाः पानसरे और उनकी पत्नी सुबह की सैर करने के बाद शिवाजी यूनिवर्सिटी से वापस लौट रहे थे। तभी सुबह करीब आठ बजे आइडल हाउसिंग सोसायटी के बाहर उन पर अज्ञात हमलावरों ने यह हमला किया। चार राउंड गोलियां चलाने के बाद दोनों फरार हो गए।

वकील व लेखक गोविंद पानसरे (82) और उनकी पत्नी को एस्टर आधार अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनका ऑपरेशन चल रहा है। कोल्हापुर के एसपी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि पानसरे को एक गोली गर्दन के पीछे लगी और एक गोली उनके हाथ को छूते हुए निकल गई। उनकी पत्नी उमा पानसरे को भी एक गोली लगी है।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री राम शिंदे ने घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि दोषियों की धरपकड़ के लिए राज्य में सभी मार्गों को बंद करने का आदेश दिया गया है।

वर्ल्ड कप 2015 :आयरलैण्ड ने वेस्टइंडीज को दी मात

World Cup 2015 Ireland beat the West Indiesनेल्सन – वेस्टइंडीज को चार विकेट से मात देकर आयरलैंड ने वर्ल्ड कप 2015 का सबसे बड़ा उलटफेर कर दिया है। वर्ल्ड कप 2015 के ग्रुप बी के मुकाबले में आयरलैण्ड ने वेस्ट इंडीज के द्वारा खड़े किए गए 305 रनों के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए आयरलौंड को छह विकेट जरूर गंवाने पड़े, लेकिन मैच एक समय भी ऎसा नहीं आया जब आयरलैंड की टीम पर वेस्टइंडीज कहीं से दबाव बना पाई हो। आयरलैंड ने ये मैच 25 गेंदे रहते ही जीत लिया। आयरलैंड इससे पहले वर्ल्ड कप में पाकिस्तान और इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमों को मात दे चुका है।

आयरलैंड की ओर से सलामी बल्लेबाज पॉल स्टर्लिग ने 92 और एड जोयसे ने 84 रन बनाए। वहीं नील ओ” ब्रायन ने 79 रनों की मैच विनिंग पारी खेली। हालांकि जोयसे के आउट होने के बाद वेस्टइंडीज गेंदबाजों ने एक बार मैच में टीम की वापसी करानी की कोशिश की। वेस्टइंडीज ने जोयसे के बाद बालबिरनी (9), विल्सन (1) और केविन ओ” ब्रायन (0) को जल्द ही चलता किया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और नील ओ” ब्रायन ने अपनी टीम को जीत दिला दी।

ससे पहले वेस्ट इंडीज के लिए लेंडल सिमंस(102) और डेरेन सैमी(89) की तूफानी पारियों के बूते वेस्ट इंडीज ने आयरलैण्ड के सामने 305 रन का जीत का लक्ष्य रखा था। सिमंस और सैमी ने 87 रन पर पांच विकेट गंवाकर संकट से जूझ रही इंडीज टीम को मुश्किल से निकाला और आयरिश गेंदबाजों पर पलटवार किया। सिमंस ने अपनी पारी में नौ चौके और पांच छक्के उड़ाए जबकि सैमी ने नौ चौके और चार छक्के लगाए। दोनों के बीच छठे विकेट के लिए 154 रन जोड़े। सिमंस, सैमी और रसैल की तूफानी पारियों के बूते अंतिम 20 ओवरों में 198 रन जोड़े। रसैल 13 गेंदों में 27 रन बनाए। आयरलैण्ड की ओर से जॉर्ज डॉकरेल ने तीन विकेट लिए।

इससे पहले आयरलैण्ड ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण चुना और गेंदबाजों ने इस फैसले को सही ठहराते हुए इंडीज टीम को दबाव में ला दिया। जॉर्ज डॉकरेल और केविन ओ”ब्रायन ने ड्वेन स्मिथ(18), क्रिस गेल(26), डैरेन ब्रावो(0) मार्लोन सैम्युअल्स(21) और दिनेश रामदीन(1) को केवल 87 के कुल योग पर पवैलियन भेज दिया।

 

 

 

लोकतंत्र में फ़तवे बाजों से सावधान

ram rahim - imam bukhariभारतीय लोकतंत्र वैसे तो पहले भी अपने जनमत के द्वारा कई बार अनेक चौंकाने वाले परिणाम दे चुका है। परंतु गत् दस फरवरी को दिल्ली विधानसभा के चुनाव नतीजों ने तो एक नया ही इतिहास लिख डाला। 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा के चुनाव में दिल्ली के मतदाताओं ने 15 वर्ष की कांग्रेस सरकार के विरुद्ध सत्ता विरोधी रुख अपनाकर त्रिशुंक विधानसभा का गठन किया था। परंतु दिल्लीवासियों ने इस बार तो मात्र 8 महीने की केंद्र सरकार के विरुद्ध जिस प्रकार अपना रोष व्यक्त किया तथा आम आदमी पार्टी के प्रति अपना गहन विश्वास जताया उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। देश की किसी भी विधानसभा में 70 में से 67 विधानसभा सीटों के अनुपात से हुई जीत-हार का कोई रिकॅार्ड नहीं मिलता।

इन चुनाव परिणामों ने जहां भारतीय जनता पार्टी के अहंकारी नेताओं को आईना दिखाया है वहीं अरविंद केजरीवाल व उनकी आम आदमी पार्टी के प्रति अपने अथाह स्नेह का इज़हार कर यह भी साबित कर दिया है कि जनता अब फुज़ूल की भावनात्मक बातों में आने के बजाए केवल जनता से जुड़े मुद्दों पर ही विमर्श चाहती है तथा जनसमस्याओं का समाधान चाहती है। राजनीति में दिखावा,अभिनय,गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले लोग,धर्म के नाम पर भावनात्मक ब्लैकमेलिंग,ऐशपरस्ती,झूठे वादे,जुमलेबाज़ी तथा फतवागीरी आदि को दिल्ली के मतदाताओं ने ठुकरा कर यह साबित कर दिया कि आम आदमी को केवल उसकी अपनी समस्याओं के समाधान से ही लेना-देना है फुज़ूल की बातों से नहीं?

भारतीय चुनावों में धर्म व जाति आधारित फतवागीरी अथवा धर्मगुरुओं के मतदान संबंधी दिशानिर्देशों का हमेशा से ही बड़ा महत्व रहा है। कहना गलत नहीं होगा कि धर्म व जाति आधारित मतों की इसी लालच ने देश के तमाम पाखंडी व अपराधी किस्म के तथाकथित धर्मगुरुओं के ‘भाव’ भी आसमान पर चढ़ा दिए हैं। विभिन्न धर्म-जाति तथा वर्ग आधारित समूहों के मतों को हासिल करने के लिए अक्सर नेतागण इनके डेरों,आश्रमों , दरगाहों तथा इनके समागम आदि में जाते दिखाई देते हैं। इसका केवल एक ही मकसद होता है ताकि नेता इन कथित धर्मगुरुओं के अनुयाईयों को यह दिखा सकें कि वह उस वर्ग अथवा समुदाय विशेष का ‘हितैषी’ है।

परंतु अब देश की जनता इस विषय पर काफी सचेत दिखाई दे रही है। इस प्रकार के राजनैतिक धर्मगुरुओं के फतवे अब बेअसर साबित हो रहे हैं। ऐसे कथित धर्मगुरुओं के बारे में जनता यहां तक कि उनके अपने अनुयायी भी अब यह समझने लगे हैं कि किसी दल विशेष के समर्थन में दिया जा रहा उसके ‘गुरू’ अथवा इमाम या किसी धर्माचार्य का फतवा दरअसल उसके अपने निजी स्वार्थ अथवा उसके नफे-नुकसान से जुड़ा हुआ विषय है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि धर्म-जाति व समुदाय आधरित किसी धर्मगुरु के फतवे अथवा किसी के पक्ष अथवा विपक्ष में मतदान करने के उसके निर्देशों से समाज में विद्वेष व विघटन का वातावरण बना है। ज़ाहिर है इसके लिए उन धर्मगुरुओं या इमामों के फतवे ही जि़म्मेदार हैं।

देश की संसद तथा विधानसभाएं देश तथा राज्य की विकास संबंधी योजनाओं का निर्धारण करती हैं। देश तथा राज्य की नीति निर्धारित करती हैं, आम जनता के विकास तथा देश के समग्र विकास के बारे में विमर्श करती हैं। देश के प्रत्येक नागरिक का यह फजऱ् है कि वह अपनी इच्छानुसार पूरी स्वतंत्रता के साथ अपने तथा अपने क्षेत्र व देश के विकास के संबंध में भली-भांति सोच-विचार कर किसी दल अथवा प्रत्याशी के पक्ष अथवा विपक्ष में मतदान करे। ऐसे में किसी धर्मगुरु या इमाम द्वारा किसी प्रत्याशी अथवा दल विशेष के पक्ष में फतवा जारी करने का आखिर  औचित्य ही क्या है? यह तो एक छड़ी से भेड़ व बकरियों के झुंड को किसी एक दिशा में चलाये जाने जैसी बात है।अब मतदाताओं की समझ में भी यह बात आने लगी है कि उनके कथित धर्मगुरु अब अपने अनुयाईयों का इस्तेमाल अपने निजी राजनैतिक नफे-नुकसान के लिए करने लगे हैं।

दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनावों के दाौरान धर्मगुरुओं की यह फतवा रणनीति दम तोड़ती दिखाई दी। दिल्ली की शाही जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अहमद बुखारी जोकि गत् कई दशकों से विभिन्न राजनैतिक दलों के पक्ष अथवा विपक्ष में मतदान किए जाने का फतवा जारी करने के लिए ‘कुख्यात’ रहे हैं। उन्हें इस फतवाबाज़ी को लेकर जितना अपमानित होना पड़ा वह देश के ‘फतवागीरी’ के इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया। शाही इमाम मौलाना बुखारी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से मात्र दो दिन पूर्व आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान किए जाने का फतवा जारी किया और उधर आम आदमी पार्टी की ओर से बिना समय गंवाए हुए बुखारी के फतवे से असहमति दर्ज करा दी गई। आप नेताओं ने बुखारी के फतवे को ठुकराते हुए कहा कि उन्हें मौलाना के फतवे की कोई आवश्यकता नहीं है। सोचने का विषय है कि जिन बुखारी के पास अपने पक्ष में फतवा जारी करने की गुज़ारिश लेकर विभिन्न दलों के राजनेता हमेशा पहुंचते रहे हों उस इमाम ने बिना मांगे आम आदमी पार्टी के पक्ष में फतवा दिया और उस पार्टी ने उस फतवा रूपी समर्थन को ठुकरा दिया? मौलाना बुखारी के लिए इससे अधिक असहज व अपमानजनक स्थिति और क्या हो सकती है?

इसी प्रकार दिल्ली विधानसभा चुनावों में ही डेरा सच्चा सौदा के राम-रहीम गुरमीत सिंह द्वारा भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में अपने अनुयाईयों को मतदान करने का फतवा दिया गया। भाजपा के पक्ष में उनकी फतवा सेवाएं लेने हेतु भाजपा नेता शााहनवाज़ हुसैन ने उनसे व्यक्तिगत् रूप से मुलाकात की थी तथा दोनों की मौजूदगी में बाबा द्वारा मीडिया के समक्ष दिल्ली के मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की गई। जिसका नतीजा यह निकला कि भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली में अपना मुंह छुपाते नहीं बन रहा है। दिल्ली चुनाव परिणामों ने फतवा राजनीति को साफतौर पर ठेंगा दिखाते हुए यह साबित कर दिया कि मतदाता न तो किसी धर्म,समुदाय के इमाम के राजनैतिक नफे-नुकसान के मद्देनज़र मतदान करते हैं न ही किसी धर्मसंसद के निर्देश पर।

उन्हें इस बात की फिक्र नहीं है कि अपने दुष्कर्मों के कारण कौन सा धर्मगुरु सरकार का कृपापात्र बनकर सीबीआई के शिकंजे से बचना चाह रहा है? सिरसा के डेरा सच्चा सौदा से जिस प्रकार पिछले लोकसभा तथा हरियाणा विधानसभा चुनावों में तथा दिल्ली चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करने का ऐलान किया गया उसी प्रकार यही डेरा कांग्रेस के पक्ष में भी मतदान किए जाने का निर्देश पूर्व में अपने अनुयाईयों को देता रहा है। इस अवसरवादिता के आखिर  क्या मायने हैं? इसी प्रकार दिल्ली की शाही जामा मस्जिद के इमाम की ओर से गत् चार दशकों में देश की लगभग सभी राजनैतिक पार्टियों के पक्ष में मतदान किए जाने के फतवे जारी किए जा चुके हैं। हालांकि पहले कई बार इनके फतवे प्रभावी भी साबित हुए। परंतु अब इनके अनुयायी इनके कहने पर मतदान हरगिज़ नहीं करते।

बजाए इसके कईबार तो ऐसा देखा गया है कि जिनके पक्ष में इन्होंने फतवा जारी किया उस पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। यही वजह है कि अब समझदार नेता तथा जनसमस्याओं के समाधान की नीयत रखने वाली आम आदमी पार्टी जैसे राजनैतिक दल इनका समर्थन लेने से भी तौबा करने लगे हैं। बुखारी का समर्थन ठुकराने के पीछे आम आदमी पार्टी द्वारा जो तर्क रखा गया वह भी बिल्कुल उचित था। मौलाना अहमद बुखारी ने अपने बेटे की दस्तारबंदी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को आमंत्रित करने का जो फैसला लिया था वह कतई मुनासिब नहीं था। देश के प्रधानमंत्री को उस कार्यक्रम में आमंत्रित न करना तथा पड़ोसी प्रधानमंत्री को उस कार्यक्रम में न बुलाना देश का कोई भी राष्ट्रवादी नागरिक कतर्ह पसंद नहीं कर सकता।

नरेंद्र मोदी की पूर्वाग्रही व संघ द्वारा संस्कारित राजनीति से देश का मुसलमान ही नहीं बल्कि देश का उदारवादी हिंदू समाज सहमत नहीं है। नरेंद्र मोदी को देश के 31 प्रतिशत मतदाताओं ने चुना है। इसका सीधा सा अर्थ है कि देश के 70 प्रतिशत मतदाता मोदी व उनकी पार्टी की विचारधारा से सहमत नहीं है। यदि मौलाना बुख़ारी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी भी कारण पसंद नहीं करते तो अधिक से अधिक वे उन्हें अपने पुत्र की दस्तारबंदी के कार्यक्रम में आमंत्रित न करते। बेशक यह उनका निजी अधिकार था। परंतु अपने देश के प्रधानमंत्री को न बुलाना और साथ ही उसी आयोजन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आमंत्रित करना, उनके इस कदम को भला कौन जायज़ ठहरा सकता है? उन्हें ऐसा हरगिज़ नहीं करना चाहिए।

बहरहाल मतदाताओं ने अपने ऐसे ‘राजनैतिक’ धर्मगुरुओं के फतवों व निर्देशों को ठुकरा कर अपनी मरज़ी से मतदान करने का जो साहस दिखाया है वह यकीनन काबिल-ए-तारीफ है। ऐसे फतवेबाज़ धर्मगुरुओं को अब स्वयं फतवेबाज़ी से बाज़ आना चाहिए ताकि उनकी मान-मर्यादा व सम्मान बचा रहे। निजी नफे-नुकसान या केवल कथित सामुदायिक उत्थान की आड़ में दिया जाने वाला फतवा समाज में विद्वेष को बढ़ावा देता है। मतदाताओं को फतवों व धार्मिक दिशानिर्देशों से मुक्त होकर जनहित में मतदान करने की खुली छूट दी जानी चाहिए। देश की संसद व विधानसभाओं को जनता द्वारा चुना जाना चाहिए न कि किसी इमाम धर्मगुरु अथवा धर्मसंसद के निर्देशों या फतवों के माध्यम से।
:-तनवीर जाफरी

tanvirतनवीर जाफरी
1618, महावीर नगर,
मो: 098962-19228
अम्बाला शहर। हरियाणा

आईपीएल नीलामी : नहीं बिके इरफान पठान और पुजारा

IPL-8 auctionबेंगलूरू – इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के आठवें सीजन के लिए नीलामी जारी है। इसके तहत अनकैप्ड खिलाडियों पर बोली लग रही है और श्रेयस अय्यर ने सबको चौंकाते हुए 2.6 करोड़ की रकम हासिल की है। उनके अलावा हनुमा विहारी 10 लाख, सरफराज खान 50 लाख और सीएम गौतम 20 लाख में खरीदे गए।

भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी गुरिंदर संधू को दिल्ली ने 1.70 करोड़ रूपये में खरीद लिया है। जबकि लक्ष्मीपति बालाजी, आरपी सिंह, सूरज रणदीव, फरवीज महारूफ में किसी ने रूचि नहीं दिखाई।

दक्षिण अफ्रीका के डेविड वीज को नौवें दौर की बोली में 2.8 करोड़ में आरसीबी ने खरीदा। वहीं नाथन मैक्कुलम, एल्बी मोर्केल, डेविड हसी, जीवन मेंडिस, जोहान बोथा, सचित्र सेनानायके को किसी ने नहीं खरीदा।

स्पिनर प्रज्ञान ओझा को 50 लाख में मुम्बई इंडियंस ने और राहुल शर्मा को चेन्नई ने 30 लाख में खरीदा है। ऑस्ट्रेलियन स्पिनर ब्रेड हॉग को कोलकाता ने 50 लाख में अपनी टीम में शामिल किया। ऑस्ट्रेलिया के नाथन लियोन, माइकल बीयर, कैमरून बॉयस, श्रीलंका के अजंता मेंडिस, अकीला धनंजय को किसी ने नहीं खरीदा।

सबकों चौंकाते हुए तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार 2.20 करोड़ रूपये में बिके, उन्हें हैदराबाद ने खरीदा। वहीं न्यूजीलैण्ड क तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट को भी 3.80 करोड़ की भारी भरकम राशि में हैदराबाद ने खरीदा। जयदेव उनादकट को दिल्ली ने 1.10 करोड़ में खरीदा। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज सीन एबट को आरसीबी ने एक करोड़ में खरीदा।

मुनाफ पटेल, पंकज सिंह, वायने पार्नेल और जहीर खान पर किसी ने बोली नहीं लगाई। ऑलराउंडर इरफान पठान को किसी ने नहीं खरीदा जबकि डैरेन सैमी को 2.8 करोड़ में आरसीबी ने खरीदा। सनराइजर्स हैदराबाद ने इंग्लैण्ड के एक और खिलाड़ी रवि बोपारा को एक करोड़ में खरीद लिया है। राजस्थान रॉयल्स ने क्रिस मॉरिस को 1.4 करोड़ और कोलकाता ने जेम्स नीशाम को 50 लाख में अपने पाले में किया।

माइकल हसी को एक बार फिर से चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीद लिया है। उन्हें 1.5 करोड़ में खरीदा गया। भारत के उभरते बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को कोई खरीदार नहीं मिला। कैमरून व्हाइट, मैथ्यू वेड, मॉर्न वान विक, ब्रेंडन टेलर, कुशल परेरा, दिनेश रामदीन और ल्यूक रोंची, माइक कारबेरी और ब्रेड हॉज को भी किसी ने नहीं खरीदा।

इससे पहले युवराज सिंह सबसे महंगे बिके हैं और उन्हें16 करोड़ रूपये में दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीदा। उनके बाद दिनेश कार्तिक को 10.50 करोड़ रूपये में आरसीबी ने खरीदा। श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज को दिल्ली डेयरडेविल्स ने 7.5 करोड़ रूपये में खरीदा है।

वहीं अमित मिश्रा को दिल्ली ने 3.5 करोड़ रूपये में खरीदा है। मुरली विजय को किंग्स इलेवन पंजाब को तीन करोड़ रूपये में खरीद लिया है। आरोन फिंच को मुम्बई इंडियंस ने 3.20 करोड़ और इयॉन मॉर्गन को सनराइजर्स हैदराबाद ने 1.50 करोड़ में खरीदा।

सनराइजर्स हैदराबाद ने केविन पीटरसन को दो करोड़ और न्यूजीलैण्ड के केन विलियम्सन को 60 में खरीदा। वहीं मार्की खिलाडियों में से दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला और श्रीलंका के कुमार संगकारा व महेला जयवर्द्धने को कोई खरीददार नहीं मिला है। ब्रेड हॉज, एलेक्स हेल्स और रॉस टेलर को भी किसी ने नहीं खरीदा।

नीलामी का संचालन इंग्लैंड के पेशेवर नीलामीकर्ता रिचर्ड मेडले कर रहे हैं जो 2008 से आईपीएल में यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। आईपीएल का आठवां सत्र आठ अप्रैल से शुरू होगा।

केजरीवाल ने माना किया योगेंद्र बोले लडेंगे चुनाव

Yogendra-Yadav-AAPनई दिल्ली – दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद आम आदमी पार्टी अगले पांच साल में चार महत्वपूर्ण राज्यों में जाने का विचार कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और रणनीतिकार योगेंद्र यादव ने कहा कि आने वाले समय में पार्टी राष्ट्रीय परिदृश्य में एक मजबूत आधार बनाना चाहती है और इसको लेकर काम किया जा रहा है।

यादव ने कहा, अभी हमें क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा भी हासिल नहीं है, लेकिन आने वाले समय में हम देश को वैकल्पिक राजनीति देना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि अगले तीन से पांच साल में दिल्ली और पंजाब के अलावा पार्टी दूसरे राज्यों में मजबूती से कदम बढ़ाना चाहेगी। हालांकि उन्होंने इन राज्यों के नाम बताने से इनकार कर दिया।

हालां‌कि योगेंद्र यादव का यह बयान केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में ‌दिए गए भाषण के बाद आया है। बता दें ‌कि केजरीवाल ने 14 फरवरी को अपने शपथग्रहण समारोह में कहा ‌था ‌कि आम आदमी पार्टी आने वाले पांच साल केवल ‌‌दिल्ली पर ध्यान देगी।

अगले साल बिहार और फिर पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने के सवाल पर भी योगेंद्र यादव ने सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल पार्टी का मकसद अपना वोट प्रतिशत बढ़ाना है।

दिल्ली चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और जेडीयू के बाहर से समर्थन के बाद आप क्या किसी तीसरे मोर्चे के साथ जुड़ेगी, इस पर योगेंद्र यादव ने कहा कि इस तरह का कोई भी गठबंधन नहीं होगा।

गत लोकसभा चुनावों में 400 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर अरविंद केजरीवाल के विरोध पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इससे पार्टी को जिला स्तर पर अपना संगठन मजबूत करने का मौका मिला है।

आईएस ने क्रिस्चन बंधकों के सिर कलम किए ,वीडियो जारी

IS the Christian hostages were beheaded, video releaseकाहिरा – आतंकी संगठन आईएस ने कॉप्टिक क्रिस्चन बंधकों के सिर कलम करने का वीडियो जारी किया है । इन लोगों को लीबिया के आतंकियों ने बंधक बनाया हुआ था। रविवार देर रात जारी हुए इस वीडियो में नारंगी रंग के लोगों को जंपसूट पहनाकर एक बीच के किनारे ले जाते हुए दिखाया गया है।

वीडियो में नजर आ रहे आतंकियों ने अपने चेहरे नकाब से ढंके हुए हैं। सभी बंधकों को घुटनों पर बैठाने के बाद एक आतंकी ने इस घटनाक्रम को कैमरे में कैद करने का आदेश दिया है। कुछ दूरी तक चलने के बाद दूसरे आतंकियों से अलग कपड़े पहने हुआ यह आतंकी नॉर्थ अमेरिकी ऐक्सेंट की अंग्रेजी में बात कर रहा है।

वीडियो में यह आतंकी कहता नजर आ रहा है, ‘हम अल्लाह की कमस खाते हैं, जिस समुद्र में तुमने शेख ओसामा बिन लादेन का शरीर डाला, उसे हम तुम्हारे खून से भर देंगे।’ इसके बाद सभी बंधकों का सिर झुकाकर उनके धड़ से अलग कर दिया गया है।

इन लोगों को मारने के बाद प्रमुख आतंकी उत्तर की ओर इशारा करते हुए कह रहा है, ‘अल्लाह की इजाजत से हम रोम को जरूर जीतेंगे।’ लीबिया में मिस्र के 21 कॉप्टिक क्रिस्चन को पिछले कई हफ्तों से बंधकर रखा गया था। आतंकियों ने इन्हें मारने की धमकी भी दी हुई थी।

वीडियो को शूट करने वालों ने खुद को आईएस त्रिपोली से संबंधित बताया है। इस संगठन ने सीरिया और इराक के करीब एक तिहाई हिस्से पर कब्जा किया हुआ है। हालांकि, अभी समाचार एजेंसियों के इस विडियो के सही होने की पुष्टि नहीं की जा सकी है।

मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक सरकार ने सात दिन के शोक की घोषणा की है। मिस्र के प्रेसिडेंट अब्देल फतह अल सिसी ने इस मामले पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई है।

पाकिस्तान हारा तो अम्पायरिंग पर उठाए सवाल

Pakistan lost the umpire raises questionsकराची – पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप के पहले मैच में भारत से 76 रनों से हार की वजह गलत अम्पायरिंग को बताया है । पाकिस्तान ती टीम से बाहर चल रहे ऑफ स्पिनर सईद अजमल ने आईसीसी के अम्पायर स्टीव डेविस पर गलत फैसले का आरोप लगाया है। अजमल को संदिग्ध ऐक्शन के चलते पाकिस्तान की वर्ल्ड कप टीम में नहीं रखा गया था। हालांकि, वर्ल्ड कप से ठीक पहले उनके ऐक्शन को आईसीसी ने मंजूरी दे दी थी।

अजमल ने कहा कि स्टीव ने रेफरल फैसले में उमर अकमल को आउट देकर जिससे पाकिस्तानी टीम को नुकसान पहुंचाया। अजमल ने दुनिया न्यूज चैनल से कहा, ‘जब मैं गेंदबाजी करता था तो स्टीव डेविस ने अम्पायर रहते हुए कभी किसी अपील को कायम नहीं रखा। मुझे विकेट के लिए हमेशा रेफरल के लिए जाना पड़ता था।’

इस न्यूज चैनल ने उमर अकमल को आउट दिए जाने को पाकिस्तान के खिलाफ एक साजिश बताया है। न्यूज चैनल के इस आरोप से अजमल समेत पाकिस्तान के दो पूर्व टेस्ट खिलाड़ी सरफराज नवाज और इमरान नाजिर भी सहमत नजर आए। अजमल ने तो यहां तक कहा कि स्टीव के साथ पाकिस्तानी टीम का हमेशा विवाद होता था। पाकिस्तान इस अम्पायर को अपने किसी मैच में नहीं देखना चाहता था, लेकिन उनकी कभी नहीं सुनी गई।

न्यूज चैनल के शो में यह भी दिखाया गया कि स्टीव ने 2009 में पाकिस्तान में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ नेगेटिव कॉमेंट्स किए थे। अजमल और नाजिर ने कहा कि जब स्किनोमीटर पर कोई आवाज नहीं आई तो उमर को रेफरल में आउट क्यों दिया गया। इन दोनों का मानना था कि इस फैसले से मैच का रुख पलट गया।

अजमल ने वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के सबसे सफल बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर को भी ‘निशाने’ पर लिया। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप 2011 के सेमी फाइनल में उन्होंने सचिन को LBW आउट कर दिया था, लेकिन रेफरल में फैसला बदल गया। उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है गौतम गंभीर ने सचिन को रेफरल लेने से मना किया था, लेकिन रेफरल लिया गया तो साफ तौर पर LBW आउट पर फैसला ही पलट गया।’ उन्होंने कहा, ‘तभी इस तकनीक पर बड़े सवाल उठ गए थे। आखिरकार इस तकनीक को भी इंसान ही मैनेज करते हैं।’

 

UP के विकास के लिए अखिलेश यादव को ‘मैन आॅफ द मैच’

Akhilesh held the bat, wicket takenलखनऊ – प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बहुचर्चित लामार्टीनियर मैदान पर आई0ए0एस0 सर्विस वीक के दौरान खेले गए 20-20 ओवर के एक मैत्री क्रिकेट मैच में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कप्तानी में मुख्यमंत्री-11 ने आई0ए0एस0-11 को 15 रनों से पराजित कर दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने विजेता टीम को ट्राॅफी प्रदान की। ‘मैन आॅफ द मैच’ तथा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज का पुरस्कार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया गया, सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज इरफान सोलंकी को तथा सर्वश्रेष्ठ फील्डर के रूप में दीपक यादव, योगश प्रताप सिंह व रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया’ को संयुक्त रूप से पुरस्कृत किया गया।

इसके पूर्व मुख्यमंत्री-11 के कप्तान अखिलेश यादव ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री-11 की ओर से पारी की शुरुआत रेहान नईम व इरफान सोलंकी ने की। मुख्यमंत्री-11 ने निर्धारित 20 ओवर में धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए 04 विकेट खोकर 151 रन बनाये।

मुख्यमंत्री-11 की ओर से इरफान सोलंकी ने 40, अखिलेश यादव ने 35 व राकेश प्रताप सिंह ने 32 रन का योगदान दिया। आई0ए0एस0-11 के कप्तान जावेद उस्मानी के नेतृत्व वाली टीम 18.2 ओवर में 136 रन बनाकर आल आउट हो गयी। मुख्यमंत्री-11 की ओर से अखिलेश यादव ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट लिये। मैच के समापन पर आयोजित पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस भावना के साथ यह मैच खेला गया है, उसी तरह सभी के सहयोग से उत्तर प्रदेश को खुशहाली और विकास के रास्ते पर आगे ले जायेंगे।उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा आई0ए0एस0 सर्विस वीक को बन्द कर दिया गया था, परन्तु समाजवादी सरकार के बनते ही पुनः इसे आरम्भ किया गया।

विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि खेल के माध्यम से भाई-चारा और सौहार्द बढ़ता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ही इस तरह का आयोजन किया जाता है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष जावेद उस्मानी और मुख्य सचिव आलोक रंजन ने आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री-11 की टीम में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त रेहान नईम, इरफान सोलंकी, रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया’, राकेश प्रताप सिंह, योगेश प्रताप सिंह, अभिषेक मिश्रा, दीपक यादव, राम सिंह, नीरज शेखर, प्रशान्त, कमाल अख्तर, ताहिर व विनोद शामिल थे। आई0ए0एस0-11 टीम में कप्तान जावेद उस्मानी के अतिरिक्त आलोक रंजन, नवनीत सहगल, भुवनेश कुमार, पार्थ सारथी सेन शर्मा, अनुराग यादव, सुभाष शर्मा, पंकज यादव, अनिल कुमार तृतीय, रविन्द्र कुमार व विजय किरन शामिल थे। एस0पी0 सिंह व कुलदीप यादव मैच के अम्पायर तथा कमेन्ट्रेटर नावेद सिद्दीकी व प्रतीक रहे।
इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्रीगण, सांसद डिम्पल यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी तथा भारी संख्या में खेल प्रेमी दर्शक मौजूद थे।
रिपोर्ट : -शाश्वत तिवारी

महिला आरक्षक से छेड़खानी, थाने के बहार AAP का धरना

Untitled_0007 045खण्डवा – शनिवार रात करीब रात 8 बजे मोघट थाना प्रभारी रविन्द्र यादव ने थाना परिसर में स्थित एक कक्ष में महिला आरक्षक के साथ छेड़खानी व् बदसलूकी की जिसकी आम आदमी पार्टी आलोचना करती है तथा उन्हें तुरंत निरस्त करने के मांग करती है इसके तहत आज रविवार को मोघट थाने के सामने आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने धरना दिया तथा मांग की कि थाना प्रभारी के ऊपर कठोर कार्यवाही की जाये तथा महिला आरक्षक को उचित न्याय मिले |आम आदमी पार्टी मांग करती है की उक्त टी आई के खिलाफ धारा 354बी तथा 376 बी में भी कायमी की जाए ।

आज रविवार को सुबह से धरने पर बैठे कार्यकर्ताओ द्वारा तुरंत कार्यवाही की मांग की गई परन्तु लग रहा है की प्रशाशन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा इसमें प्रशाशन की मंशा पर भी शक हो रहा है और लग रहा है की कही थाना प्रभारी को बचाने की कोई कोशिश तो नहीं हो रही | अब सवाल ये उठता है के क्या कोई आम आदमी द्वारा यह घटना घटित होती तब भी प्रशाशन द्वारा यही बर्ताव किया जाता | आम आदमी पार्टी प्रशासन द्वारा किया जा रहे इस बर्ताव की भी निंदा करती है तथा जल्द से जल्द कोई ठोस निर्णय की मांग करती है |

आज जहा पुरे देश में महिला की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है वहीँ  मध्यप्रदेश में इस तरह की घटनाये बड़ती जा रही और अगर महिलाये थाना क्षेत्र के अन्दर ही सुरक्षित नहीं है तो हमारी आम बहनों की सुरक्षा कैसे होगी । पुलिस कप्तान और DSP सुनीता रावत के आश्वासन के बाद और ये बताने के बाद की कल दिनाकं 16-02-15 को पीड़ित महिला आरक्षक के बयान धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सम्मक्ष करने के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी ।

आम आदमी पार्टी कल दिनांक 16-02-15 को सुबह 11 बजे से नगर निगम पर पीडिता के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष होने तक धरने पर बैठेगी और बताना चाहती है महिला शोषण के खिलाफ पार्टी हर तरह से विरोध करेगी ।

 धरना में राज्य कार्यकारणी सदस्य चित रूपा पालित, जोन सहायक डॉ बी पी मिश्रा , जोन कोषाद्यक्ष इबादत खान , महिला शक्ति सयोजक मल्लिका देव नाथ, तरुण मंडलोई अज्जू भाई, दिलावर अली , हरीश लालवानी, संजय महेश्वरी वा एंव लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद थे ।

पांच साल में 5 राज्यो को टारगेट करेगी आप – योगेन्द्र यादव

Yogendra Yadav

नई दिल्ली – दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी अब अगले पांच वर्षों में कम से कम चार महत्वपूर्ण राज्यों में एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित करने की योजना बना रही है हालांकि वह किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ कोई ‘सहूलियत पर आधारित समझौता’ नहीं करेगी।

पार्टी के रणनीतिकार और विचारक योगेन्द्र यादव ने कहा कि दीर्घावधि में ‘आप’ राष्ट्रीय राजनीति में सैद्धांतिक ताकत के रूप में उभरना चाहती है और पार्टी इस संबंध में मध्यावधि एवं दीर्घावधि लक्ष्य बनाने पर काम कर रही है।

योगेन्द्र ने कहा, ‘हम क्षेत्रीय दल नहीं हैं। दीर्घावधि में हम राष्ट्रीय विकल्प बनना चाहते हैं। इसलिए हमने सोच समझकर दिल्ली को चुना। हम राष्ट्रीय राजनीति में सैद्धांतिक ताकत के रूप में उभरना चाहते हैं। अगले 3 से 5 वर्षों में हम दिल्ली और पंजाब के अलावा अधिक राज्यों में व्यवहार्य बनना चाहते हैं।’ तीसरा मोर्चा जैसे गठबंधनों को सुविधा की व्यवस्था करार देते हुए उन्होंने कहा कि आप ऐसे किसी समूह में शामिल नहीं होगी। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस और जदयू जैसे दलों के साथ कोई सहमति बनाने से भी इंकार किया जिन्होंने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था।

योगेन्द्र यादव ने कहा, ‘उन्होंने राजनीतिक समर्थन नहीं मांगा था और यहां तक कि हमने भी उन्हें राजनीतिक समर्थन नहीं दिया। यह उनकी अपनी ताकत एवं कमजोरी के आधार पर व्यक्त की गई भावना थी। वह इस बात को नहीं समझते कि हम राजनीतिक प्रतिष्ठान विरोधी हैं।’

जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक योगेन्द्र ने कहा कि आप का लक्ष्य प्रत्येक राज्य में 20 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी हासिल करना है जहां पार्टी मध्यावधि विस्तार पहल के तहत व्यवहार्य विकल्प बनना चाहती है। आप नेता ने हालांकि उन राज्यों का नाम बताने से इंकार किया जहां आप अपना विस्तार करना चाहती है। हालांकि उन्होंने कहा कि इनका चयन संगठनात्मक ताकत और अवसर की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या आप इस वषर्, बाद में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेगी, उन्होंने सीधे कुछ भी कहने से मना किया। गौरतलब है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में पंजाब में आप को चार सीटें मिली थीं और पार्टी ने वहां 2017 में चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

दिल्ली में पार्टी की जबर्दस्त जीत पर योगेन्द्र यादव ने कहा कि ऐसी जीत ने अरविंद केजरीवाल नीत सरकार पर जबर्दस्त दबाव डालने का काम भी किया है और उन्हें उम्मीद है कि वह लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। एजेंसी -भाषा

पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में केजरीवाल पर साधा निशाना

kejriwal-modiनई दिल्ली – विज्ञान भवन में रविवार को आयोजित री-इन्वेस्ट 2015, रिन्यूएबल एनर्जी ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट ऐंड एक्सपो में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानव विकास में एनर्जी की भूमिका बहुत ही अहम है। भाषण के दौरान उन्होंने मुफ्त बिजली देने के चुनावी वादों पर चुटकी भी ली। मोदी ने कहा कि वे मुफ्त बिजली देने की घोषणा वे कर रहे हैं, जिनके पास अपनी बिजली नहीं है। उन्होंने कहा कि देश को बदलना है तो बदनामी भी सहनी होगी। इसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष माना जा रहा है।

ऊर्जा के सीमित संसाधन व आयात की ऊंची लागत के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि सौर व पवन ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों में इनोवेशन व शोध पर जोर दिया जाए। इससे प्रत्येक परिवार को उचित मूल्य पर बिजली उपलब्ध हो सकेगी।

मोदी ने पहली अक्षय ऊर्जा वैश्विक निवेशक बैठक (री-इन्वेस्ट) को संबोधित करते हुए प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने के लिए प्रचुर मात्रा में सौर ऊर्जा संपन्न 50 राष्ट्रों का समूह बनाने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास में ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, ‘हमें काम की गति बढ़ाने की जरूरत है और इसी के साथ विकास को नए स्तर पर पहुंचने की जरुरत है और इनमें से एक क्षेत्र ऊर्जा है।’

गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव को बताते हुए उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा का इस्तेमाल सिंचाई पंप चलाने व माइक्रो इरिगेशन के जरिए फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उस समय नहरों के ऊपर केवल सौर पैनल न केवल बिजली उत्पादन बल्कि जल वाष्पीकरण में 40 फीसद कमी के लिए भी लगाए गए थे।

उन्होंने कहा कि जब हम एनर्जी के बारे में बात करते हैं तो आमतौर पर मेगावॉट की बात करते हैं, लेकिन आज हम गीगावॉट के बारे में बात कर रहे हैं। यह बहुत ही अहम चीज है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम अक्षय ऊर्जा पर ध्यान सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि गरीबों के घरों तक रोशनी पहुंचाने के लिए कर रहे हैं जिससे उनके जीवन में बदलाव लाया जा सके। हमारे पास तालाब हैं, क्या हम इन पर सौर पैनल पर विचार कर सकते हैं। हमने इनोवेटिव आइडियाज सोचने होंगे।’

पीएम मोदी ने बताया कि सौर फोटोवोल्टिक सेल्स से बिजली की लागत 20 रुपये प्रति यूनिट से घटकर 7.50 रुपये प्रति यूनिट पर आ गई है। शोध और अनुसंधान से इसे और नीचे लाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सौर और पवन ऊर्जा के जरिए हाइब्रिड बिजली उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इससे ट्रांसमिशन व बिजली निकासी की ढांचागत लागत में कमी आएगी। मोदी ने अक्षय ऊर्जा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण पर भी जोर दिया जिससे रोजगार का सृजन होगा।

उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण आज समय की जरूरत है। ‘जितनी ऊर्जा हम बचाएंगे, उतनी हम अगली पीढ़ियों के लिए बचा सकेंगे। ऊर्जा पीढ़ियों के लिए ‘बचाव करने वाली’ साबित हो सकती है।

अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में निशाना भी साधा, माना जा रहा है कि उन्होंने दिल्ली के नए सीएम केजरीवाल को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा, ‘मुफ्त में बिजली देने की घोषणा कौन करते हैं, जिनके पास बिजली नहीं है।’ उन्होंने कहा कि देश को बदलना है तो बदनामी सहनी होगी।

कुचक्र रचने वालों को दंडित करने का समय !

bjp congress

 शोषण के विरोध के नाम पर सामंतों, नवाबों और राजघरानों को पालते रहने वाली कांग्रेस अब काल के गाल में समा रही है। पूंजीवादी बयार ने कांग्रेस को मटियामेट कर दिया है और भारतीय जनता पार्टी को अपने सर आंखों पर बिठा लिया है। जो भाजपा कभी एकात्म मानवतावाद की पुरजोर वकालत करती थी वो आज सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों के आर्थिक हितों की वकालत कर रही है। वह सत्ता की बागडोर देश के करोड़ों पूंजी निर्माताओं के हाथों थमा रही है। भाजपा के यही सत्प्रयास कांग्रेस को धूल धूसरित कर रहे हैं।

स्वाधीनता संग्राम के दौर में शोषित पीड़ित देशवासियों का दिल जीतने के लिए कांग्रेस ने सामंतवाद के खिलाफ शंखनाद किया था। वह आज भी उसी घिसे पिटे रिकार्ड को बजा रही है। जिन शोषकों को वह गरीबी हटाओ के नारे के शोर में संरक्षण देती रही आज वे भी कांग्रेस के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। इसकी वजह ये है कि पूंजीवाद की आंधी ने उनमें अधिक मुनाफे की होड़ जगा दी है। जो मुनाफा उन्हें कांग्रेस की दुहरे चरित्र वाली नीतियों के बीच मिलना संभव नहीं था।

इधर भारतीय जनता पार्टी के नेता और समर्थक खुद आश्चर्यचकित हैं कि आखिर ये हो क्या रहा है। वे जिस मिट्टी को उठाते हैं वह सोना क्यों बन जाती है। कुछ इस बदलाव के लिए खुद अपनी पीठ ठोक रहे हैं तो कुछ इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व को शाबासी दे रहे हैं। रूस में जिस गोर्वाच्योव ने ग्लासनोस्त और पेरेस्त्रोईका का शंखनाद किया था वही बाद में बोरिस येल्तसिन के हाथों सत्ताच्युत हुए। इसकी वजह थी मुनाफे की वह होड़ जिसका स्वाद बरसों तक बंदिशों में रहने वाले रूस के उद्योगपति और कारोबारी चख चुके थे। कमोबेश हिंदुस्तान में भी यही कहानी दुहराई जा रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव के कार्यकाल में वर्ष 1991 में जब वित्तमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने देश को पूंजीवाद के मार्ग पर अग्रसर किया था तब लोगों ने उनके प्रयासों की निंदा की थी। बरसों तक नेहरू युग की कुंठित नीतियों के आदी हो चले हिंदुस्तानियों को आजाद ख्याल पूंजीवाद के नाम से डर लगता था। लेकिन आज उस बदलाव के लगभग पच्चीस साल होने पर हालात बदल गए हैं। देश के पूंजी निर्माताओं को महसूस होने लगा है कि कांग्रेस की नीतियों ने उन्हें कितने लंबे समय तक बेड़ियों में जकड़कर रखा। जिस मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश में पूंजीवाद के तमाम रास्ते तैयार किए वे स्वयं कांग्रेस की कुंठित नीतियों के कारण खुद को असहाय महसूस करते रहे। जाहिर था कि देश के सामने सिर्फ एक विकल्प था कि देश को पहले कांग्रेस मुक्त बनाया जाए।

जब तक देश की जनता कांग्रेसी नीतियों के जाल में फंसी रहेगी तब तक इस मुल्क की कायापलट संभव नहीं है। अपने कार्यकाल के अंतिम दौर तक डाक्टर मनमोहन सिंह भी समझ चुके थे कि कांग्रेस के बोए जातिवादी आरक्षण, अक्षम सरकारीकरण, कोटा परमिट लाईसेंसी राज, इंस्पेक्टर राज, लालफीताशाही, और प्रगति पर ब्रेक लगाने वाले तंत्र के रहते देश पूंजी निर्माण के मार्ग पर अग्रसर नहीं हो सकता है।

जाहिर था कि नीतिगत रूप से कांग्रेस के भीतर से ही कांग्रेस के खिलाफ विद्रोह के स्वर फूट पड़े। आज राहुल सोनिया अलग थलग पड़ गए हैं। कांग्रेसी ही उनके खिलाफ खड़े हैं, या कहा जाए कि वे बेमन से हाईकमान का साथ दे रहे हैं। जाहिर है कि इन हालात में भाजपा का अश्वमेघ यज्ञ निर्विघ्न चल रहा है।

मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों के चुनावों में शहरी इलाकों में भाजपा ने जिस तरह जीत का परचम फहराया उससे तो प्रदेश पर कांग्रेस मुक्त राज्य होने का ठप्पा लग गया है। सभी चौदह नगर निगमों में भाजपा का परचम फहरा रहा है। अब अगले चरण में होने वाले पंचायतों के चुनावों में भी जिस तरह कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के आसार दिख रहे हैं उससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कांग्रेस मुक्त देश का आव्हान सफलता पाता नजर आने लगा है। दरअसल मध्यप्रदेश में अभी इस मोर्चे पर बहुत कुछ किया जाना बाकी है। कांग्रेस की सरकारों ने स्वतंत्र विचारों पर अंकुश लगाने के लिए भोपाल में एक ब्रेकिंग तंत्र बना रखा था। आम जनता को गरीब बताकर उन्हें मुक्ति दिलाने की आशा जगाने का प्रयास करने वाली कांग्रेस ने पत्रकारों को मजदूर बताकर उन्हें वाजिब मुनाफा दिलाने का स्वप्न दिखाया।

आज आजादी के 67सालों बाद भी मजदूर पत्रकारों को उनका हक नहीं मिल सका तो उसकी वजह केवल कांग्रेसी नीतियां ही रहीं हैं। भाजपा की सरकारों ने उन नीतियों को ताक पर रखकर पत्रकारों की दशा सुधारने के प्रयास जरूर किए लेकिन उन्होंने भी कांग्रेसियों के कुचक्र तंत्र का वध नहीं किया। इसकी वजह थी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कथित राजनैतिक मार्गदर्शक सुंदरलाल पटवा उन्हीं कांग्रेसी नीतियों से जीवन पाते रहे थे जिनसे कांग्रेसी अपने विरोधियों को पटखनी देते रहे हैं।

सुंदरलाल पटवा जब पहली बार मुख्यमंत्री बने तब उन्हें जनता से ज्यादा कांग्रेस के नेताओं का समर्थन प्राप्त था। जाहिर था कि जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता संभाली तो पटवा जी ने उन्हीं कांग्रेसियों और उनकी नीतियों को बरकरार रखने में ही अपनी सरकार की खैरियत समझी।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सत्तासीन होने के तुरंत बाद जब श्री पटवा से कहा गया कि अब तो आपकी सरकार आ गई है। पत्रकार भवन से षड़यंत्रकारियों को हटाकर यहां स्वस्थ पत्रकारिता की अलख जगाई जाए तो उन्होंने जवाब दिया कि हम अपनी सरकार चलाएं कि इस पचड़े में जाकर फंसें। जाहिर था वे इस गंदगी को साफ करने से साफ इंकार कर रहे थे।

कांग्रेस ने स्वतंत्र विचारों का गला घोंटने के लिए पत्रकार भवन में जिन सत्ता के दलालों को बिठा रखा था उनके पिछवाड़े डंडा कुदाने में आज भी भाजपा की सरकार संकोच कर रही है। सत्ता के वे दलाल आज खुद को पाक साफ बताने के लिए तरह तरह के षड़यंत्र रच रहे हैं। मध्यप्रदेश की पत्रकारिता को असहाय बनाने वाले इस आपराधिक तंत्र के खिलाफ सबसे सफल शंखनाद अपराध पत्रकारिता करने वाले अमर शहीद पत्रकार अनिल साधक ने किया था।

उन्होंने पत्रकारों से गद्दारी करने वाले षड़यंत्रकारियों को न केवल बेनकाब किया बल्कि उन्हें उसकी औकात भी दिखाई। ये दुर्भाग्य ही था कि इसी तनाव के बीच उनका असामयिक निधन हो गया। तब उनके समर्थन की दुहाई देने वाली भाजपा की सरकारें पिछले ग्यारह सालों से पत्रकारों के खिलाफ षड़यंत्र रचने वाले इस तंत्र को मटियामेट करने का फैसला नहीं ले पाई हैं। सरकार की इसी झिझक की आड़ लेकर एक कुचक्री ने तो अपने छर्रों के माध्यम से अपने बेटे को स्व. अनिल साधक स्मृति अपराध पत्रकारिता का पुरस्कार भी दिलवा दिया। ये काम वैसा ही है जैसे महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोड़से के वंशजों को महात्मा गांधी शांति पुरस्कार दे दिया जाए।

गद्दारी की गोद में पलने वाले जिस शख्स ने कभी सामाजिक अपराधों के खिलाफ लड़ाई न लड़ी हो उसे आखिर अनिल साधक स्मृति पुरस्कार कैसे दिया जा सकता है। दिया भी जाए तो उसका क्या औचित्य होगा। इस तरह के पुरस्कारों पर सरकार और उसकी पुलिस खामोश रहे तो ये एक तरह से अपराध तंत्र को सुविधाजनक पैसेज देना ही कहलाएगा।

पत्रकार भवन समिति के वर्तमान पदाधिकारियों ने पत्रकार भवन की लीज लौटाकर सरकार को एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है कि वह पत्रकारों और स्वस्थ संवाद के पक्ष में कोई फैसला करे। सर्वश्री अवधेश भार्गव, राधावल्लभ शारदा, पत्रकार भवन समिति के अध्यक्ष एनपी अग्रवाल जैसे पदाधिकारियों ने साहस के साथ स्वस्थ पत्रकारिता का परचम फहराने का सराहनीय कार्य किया है।

विगत 30 जनवरी को भोपाल के दशम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2श्री विपेन्द्र सिंह यादव ने स्थगन आदेश पारित किया जिसमें कहा कि पत्रकार भवन समिति के कामकाज में हस्तक्षेप से उसे अपूरणीय क्षति हो सकती है इसलिए न्यायालय के कोई और आदेश होने तक कोई भी पक्ष इसके कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। अब समिति के अध्यक्ष एनपी अग्रवाल ने सरकार को भवन की लीज लौटाकर उस स्थान पर नया पत्रकार भवन बनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। सरकार चाहे तो नया ट्रस्ट बनाकर मध्यप्रदेश की पत्रकारिता को परिणाम मूलक और जनोपयोगी बनाने का नया इतिहास लिख सकती है।

पत्रकारों के कई संगठन और वरिष्ठ पत्रकार बरसों से प्रयास कर रहे हैं कि ये भवन आम पत्रकारों की गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाए। वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा ने तो विभिन्न पत्रकार संगठनों और सरकार के बीच चर्चा का मार्ग प्रशस्त करके गुत्थी सुलझाने की पहल भी की। पर अब वक्त आ गया है जब कांग्रेस की शोषणकारी नीतियों का अंत हो। कल्याणकारी पूंजीवाद को बुलंद करने वाली शैली का सूत्रपात हो। भारत माता का वैभव अमर बनाने के लिए भोपाल में ऐसा संगठन स्थापित किया जाए जो गांव गांव और शहर शहर में विकासवादी नीतियों को लेकर जन शिक्षण करे।

मध्यप्रदेश के साढ़े छह करोड़ लोग यदि कृषि उत्पादन के नए कीर्तिमान बना सकते हैं तो वे क्या पूंजी निर्माण का जनांदोलन नहीं खड़ा सकते। निश्चित तौर पर इस दिशा में किए जाने वाले प्रयास पूंजी उत्पादक तो साबित ही होंगे बल्कि इसे संरक्षण देने वाली सरकार की शान भी बढ़ाएंगे। जरूरत है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार अपने सुधारात्मक प्रयासों को गति दे और प्रदेश में नए जनसंवाद की इबारत लिखे।
लेखक –आलोक सिंघई-
लेखक जन न्याय दल के मध्य प्रदेश प्रवक्ता भी हैं

खडवा : थाना प्रभारी पर थाने में ही छेडछाड का प्रकण दर्ज

bus ne kuchala -khandwa-byte - ravindra yadav tiखडवा। जब रक्षक ही भक्षक बन बैठे तो, आम जनता किस पर भरोसा करे ? मध्यप्रदेश के खंडवा में एक ऐसा ही मामला सामने आया , खंडवा शहर के मोघट थाना में पदस्थ रहे , थाना प्रभारी रविन्द्र यादव के खिलाफ , उनकी ही अधीनस्थ महिला आरक्षक ने थाने में छेड़खानी की शिकायत दर्ज करवाई ,

– महिला पुलिसकर्मी के साथ छेड़छाड़ होने की शिकायत मिलते ही नगर में हंगामा मच गया। बड़ी तादाद में आक्रोशित नागरिक मोघट थाने के बाहर जमा हो गए , नागरिको ने थाना प्रभारी रविन्द्र यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज किये जाने की मांग को लेकर चक्का जाम भी किया , जो पुलिस बल के आने पर समाप्त हुआ।

दरअसल मोघट थाना प्रभारी रविन्द्र यादव का तबादला , जिले के नर्मदानगर थाने में किया जा चुका है , नागरिको को सुचना मिली की रविन्द्र यादव मोघट थाना परिसर के एक कक्ष में मौजूद है , और उन्होंने महिला आरक्षक के साथ छेड़खानी की है। यह सुचना मिलते ही थाना परिसर में भीड़ जमा हो गयी। जिसे काबू करने में पुलिस को मशक़्क़क्त करनी पड़ी।

मामले की जानकारी मिलते ही महिला आरक्षक के परिजन मोघट थाना पहुंचे , और थाना प्रभारी रविन्द्र यादव के खिलाफ शिकायत लिखवाने की मांग पर अड़े रहे , उन्होंने आरोपी थाना प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की ।

मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक,गोपाल खांडेल मोघट थाना पहुंचे , जिनकी उपस्थिति में महिला आरक्षक में कथन दर्ज किये गए। महिला आरक्षक की शिकायत पर आरोपी थाना प्रभारी रविन्द्र यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 क के तहत छेड़खानी का मुकदमा दर्ज किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया की इस मामले में जाँच पश्चात आरोपी थाना प्रभारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जावेगी।

घटना बीती शनिवार रात का है। देर रात प्रकरण दर्ज किया गया है। यह अजूबा है कि शनिवार को ही थाना प्रभारी का तबादला जिले के ही नर्मदानगर किया गया और इसी दिन वे थाने के अपराधी हो गये है। बडवाह से यहां स्थानातरित श्री परिहार ने पद भार ग्रहण कर लिया है।

सिर्फ पत्रकार होना जरूरी नहीं उसे जुगाडू भी होना चाहिए…

आजकल पत्रकार को सिर्फ पत्रकार होना जरूरी नही है . पहली शर्त की वह जुगाडू हो , फुटेज नही मिले तो किसी से जुगाड़ कर उसे अपनी चैनल पर एक्सक्लूसिव बताकर चला सके . दूसरी शर्त की अगर आपको किस्मत से ब्यूरो बनने का मौका मिल जाए तो फिर आपको स्ट्रिंगर की पकी पकाई खिचडी पर अपने नाम की मुहर लगाते आना चाहिए . जमाना विज्ञान का है तो हमारे जुगाडू भाइयो ने कई चेंनल के ऍफ़ टी पी नंबर और पासवर्ड का भी जुगाड़ कर रखा है ,

करना क्या ? बस इधर का माल उठाया [ कापी किया ] और अपनी चेनल को भेज दिया . लो हो गया ना काम वह भी घर बैठे . अब भाई लोगो को इसमें गलत कुछ नही लगता , उनके पास तर्क भी है , जब एक चेनल दूसरी चेनल पर से खबर उठाकर उसे एक्सक्लूसिव बताकर चला सकती है तो वह एसा क्यों नही कर सकते ?

यह तो हुई इलेक्ट्रानिक मीडिया की बात अब हम आपको मिलवाते है ऐसे पत्रकारों से जो प्रिंट मिडिया से है . मेहनतकश पत्रकारों लिखी गई खबर को ज्यों का त्यों अपने समाचार पत्र को भेज देते है, ये परजीवी पत्रकार कहलाते है . कुछ तो निर्जीवी भी है जो करते कुछ नही सिर्फ प्रेस का ठप्पा लगाकर अपनी शान बघारते है .
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एक किस्म और है चापलूस पत्रकारों की .. ये कोम तब भी पायी जाती थी जब राजवंश हुआ करते थे .. फर्क सिर्फ इतना है की उस जमाने में इन्हें भांड कहा जाता था . जिनका काम राजघरानों की शान में कसीदे पड़ना होता था . राजे- रजवाडे तो रहे नही ,भांड जरुर रह गये , जो आज भी अपनी खानदानी परम्परा का बखूबी से निर्वाह कर रहे है ..

अब बारी है मुफ्तखोरों की ….. पत्रकारों की जमात में शामिल ऐसे मुफ्तखोरों के दर्शन आपको इसी पत्रकार वार्ताओं में जरुर मिल जायेंगे जहाँ वार्ता पश्चात भोज हो . ये बिनाबुलाये मेहमान अपने तगडे सूत्रों के बूते ऐसी पत्रकारवार्ताओं में जरुर पहुँच जाते है , वार्ता में अनाप-शनाप सवाल पूछकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना इनकी आदत होती है . ये आखरी दम तक गिफ्ट मिलने की आस नही छोड़ते .

सार्वजनिक कार्यक्रमों में कैमरे के दम पर पत्रकारिता का ढोल पीटने वाले पत्रकारों की नई किस्म भी बाजार में आ गई है . जो कार्यक्रम की रिकार्डिंग तो पूरी करते है फिर उसे घर ले जाकर रख देते है .. क्या करे किसे दिखाए ? इनमे फोटो कैमरे लेकर घुमने वालों की संख्या तो दिन रात बड़ रही है ..
आप पत्रकारिता के पेशे में है ..तो ऐसी पत्रकारिता करने वालो के बारे में आपकी क्या राय है ?
अनंत माहेश्वरी

प्राइवेट पार्ट तंग था तो सूअर की आंत से बना दी वजाइना

artificial Vjaina Made from the intestines of pigsअपने प्राइवेट पार्ट में गंभीर समस्या से जूझ रही एक महिला का इलाज डॉक्टरों ने अनोखे तरीके से किया है। इस महिला की वजाइना इतनी संकरी थी कि सेक्स करना तो दूर, डॉक्टर चेकअप भी नहीं कर सकते थे। ऐसे में सूअर की आंत की मदद से सर्जरी के जरिए इस महिला के प्राइवेट पार्ट को नए सिरे से तैयार किया है।

इंग्लिश न्यूजपेपर के मुताबिक चेक रिपब्लिक की यह महिला चेकअप के लिए अपने गाइनीकॉलजिस्ट के पास गई थी। डॉक्टर ने पाया कि महिला का प्राइवेट पार्ट इतना तंग है कि उसकी जांच भी नहीं की जा सकती। ऐसे में उन्होंने उसे ट्रीटमेंट के लिए पश्चिमी चेक रिपब्लिक के कस्बे प्लजे़न के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में भेज दिया।

यहां पर जांच के बाद डॉक्टरों ने पाया कि महिला स्क्लेरोडर्मा से जूझ रही थी, जिसमें त्वचा सख्त होकर सिकुड़ जाती है। ऐसे में डॉक्टरों ने ‘मेश ऑगमेंटेड वजाइनल रीकंस्ट्रक्शन टेक्नीक’ इस्तेमाल करने का फैसला किया। इस प्रक्रिया में प्रभावित जगह पर फ्रेश टिशू लगाए जाते हैं। इसमें इंसान की त्वचा या सूअर की आंत इस्तेमाल की जाती है। सूअर के टिशू नरम होते हैं और उनकी बनावट भी इंसानों के टिशू की तरह होती है।

सूअर की आंत से उन लोगों का इलाज किया जाता है, जिनकी ब्लैडर तंग हो। ऐसे में डॉक्टरों को लगा कि इस मामले में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। पिछले 30 सालों से वैज्ञानिक त्वचा और दिल समेत कई मेडिकल फील्ड्स में सूअरों को इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां तक कि वैज्ञानिकों ने सूअर के ब्लैडर के टिशू की मदद से इंसान की टांग के मसल तक दोबारा तैयार कर दिए हैं। लेकिन डॉक्टरों ने पाया कि इस तरह के मामले में पहले कभी ऐसी सर्जरी नहीं की गई है।

इस सर्जरी के दौरान पेशंट के इलाज के लिए डॉक्टरों ने संकरे हिस्से को काटकर बड़ा किया। इसके बाद उन्होंने सूअर की आंत से बनी जाली को महिला की वजाइना में लगाया ताकि चौड़ाई बरकरार रहे। यह ऑपरेशन 1 घंटे तक चला और महिला को 5 दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

डॉक्टरों का कहना है कि कुछ ही वक्त के अंदर सूअर की आंत से बना नेट शरीर में समाकर गायब हो जाएगा और वजाइना नई शेप में बनी रहेगी। इस सफल सर्जरी के बाद अब डॉक्टर इस तकनीक पर साइंटिफिक पेपर पब्लिश करने जा रहे हैं।

भारत को आत्मनिर्भर देखना चाहता हूं : मोदी

Narendra Modi

पुणे-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी इंजीनयरिंग कंपनी जीई के पहले मल्टी-मॉडल कारखाने का आज उद्घाटन किया। इस इकाई का 50 प्रतिशत उत्पादन दुनियाभर में स्थित जीई के विभिन्न इकाइयों को निर्यात किया जाएगा। इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के करीब 1,500 अवसर सृजित होंगे।

कंपनी ने बताया कि चाकन संयंत्र में परिचालन के पहले चरण की सुविधा को ‘ब्रिलिएंट फैक्टरी’ का नाम दिया गया है। यहां बिजली, तेल एवं गैस क्षेत्र, परिवहन क्षेत्र के लिये उत्पादों का विनिर्माण किया जाएगा।

उन्होंने कहा, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि विकास और रोजगार देने के क्षेत्र में भारत में बहुत ज्यादा अवसर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नीतियों को पूरी तरह भरोसमंद बनाने की कोशिश कर रही है ताकि निवेशक आकर्षित हों। उन्होंने कहा कि वह सुशासन में विश्वास करते हैं क्योंकि सुशासन से ही विकास हो सकता है।

मोदी ने चाकन में नया कारखाना लगाने के लिए जीई को बधाई दी और कहा कि इससे भारत में विनिर्माण क्षेत्र के विस्तार के लिए उनकी सरकार के महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया अभियान को बल मिलेगा। भारत की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान अभी 16 प्रतिशत से कम है। पिछली सरकार ने 2020 तक इसे 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा था।

रेलवे के विकास के बारे में उन्होंने कहा कि भारत का रेलवे नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़े नेटवर्कों में है और यह भारत की आर्थिक वृद्धि ताकत बन सकता है। उन्होंने कहा, मैं रेलवे के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर देखना चाहता हूं और इस क्षेत्र में की प्रौद्योगिकी में सुधार चाहता हूं। यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत बन सकता है। -भाषा

बालिका से वेश्यावृत्ति कराने के आरोप में 6 गिरफ्तार

crime news

रायपुर – गुढ़ियारी पुलिस ने 12 वर्षीय बालिका का अपहरण, बलात्कार और वेश्यावृत्ति कराने के आरोप में 4 महिलाओं समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से दो आरोपी नाबालिग हैं. चारों महिलाओं को जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने चूनाभट्ठी निवासी सिमरन पति शेख पीरू 19 वर्ष, नजमा पति रमजान 25 वर्ष, शफीना बेगम पति शेख नसीर 34 वर्ष तथा साईरा बेगम पति शेख नसीब 25 वर्ष के खिलाफ अपहरण करने, बंधक बनाने, बलात्कार व वेश्यावृत्ति में सहयोग साजिश के आरोप में कार्रवाई की गई ।

मजदूर परिवार की इन महिलाओं को जेल भेज दिया गया है. जबकि एक आरोपी शफीना बेगम के 17 व 15 वर्षीय दो पुत्रों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई. दोनों को बाल संप्रेक्षण गृह में दाखिल किया गया है.भिलाई का युवक फरार- भिलाई में इनके रिश्तेदारों के घर दबिश दी गई. एक आरोपी को फरार बताया गया है. पुलिस ने बताया कि भिलाई के इस आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ऐसे आरोपियों का पता चलेगा, जो वेश्यावृत्ति के लिये भिलाई गये. कुछ और गों की गिरफ्तारी की जायेगी । 

गुढ़ियारी के तुलसी नगर की बालिका 15 जनवरी को गायब हुई. उसे चूनाभट्ठी निवासी मजदूर परिवार की महिलाओं ने भिलाई भेज दिया. बालिका भी मजदूर परिवार की है तथा आरोपी महिलाओं से परिचित है. भिलाई में इस बालिका के साथ न केवल बलात्कार हुआ बल्कि उससे वेश्यावृत्ति कराये जाने की जानकारी भी मिली है ।

केजरीवाल मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों की खाशियत

Kejriwal meets Rajnath Singhनई दिल्ली – लोगों के गुस्से का शिकार होने के बाद भी कैसे मेहनत से अपनी मंजिल हासिल की जा सकती है ये देखने को मिला दिल्ली के रामलीला मैदान में जहां अाप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

इनके साथ-साथ मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, सत्येंद्र जैन, जितेंद्र तोमर, संदीप कुमार, असीम अहमद खान ने भी शपथ ग्रहण की। रामलीला मैदान में आप समर्थकों समेत दिल्ली के लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था।

केजरीवाल मंत्रिमंडल

अरविंद केजरीवाल: सीएम, वित्त, बिजली, गृह

मनीष सिसौदिया : डिप्टी सीएम, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा मंत्री

गोपाल राय: परिवहन और श्रम मंत्रालय

सत्येंद्र जैन : स्वास्थ्य एवं उद्योग मंत्रालय

असीम अहमद खान : खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय

संदीप कुमार: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, एससी-एसटी मंत्रालय

जीतेंद्र तोमर : कानून मंत्रालय

इसलिए मिले पद

           केजरीवाल मंत्रिमंडल

मनीष सिसौदिया : डिप्टी सीएम, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा मंत्री -मनीष को ये पद इसलिए दिया गया क्योंकि वे केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद नेता हैं।

गोपाल राय: परिवहन और श्रम मंत्रालय-राय को इसलिए ये पद मिला क्योंके वे कोर टीम में शामिल बेदाग छवि हैं।

सत्येंद्र जैन : स्वास्थ्य एवं उद्योग मंत्रालय-जैन में प्रशासनिक क्षमता है इसलिए उन्हें ये पद सौंपा गया।

असीम अहमद खान : खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय-अहमद को ये पद इसलिए सौंपा गया कयोंकि अल्पसंख्यक चेहरा हैं।

संदीप कुमार: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, एससी-एसटी मंत्रालय-संदीप काफी ज्यादा मार्जन से जीते इसलिए उन्हें ये पद दिया गया।

जीतेंद्र तोमर : कानून मंत्रालय-तोमर पेशे से वकील है इसलिए उन्हें ये पद दिया गया।

आप सब की मदद से चलेंगी दिल्ली सरकार – केजरीवाल

Arvind Kejriwal Takes Oathनई दिल्‍ली – मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अरविंद केजरीवाल ने जनता को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि मुख्‍यमंत्री बनने से पहले मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उनसे दिल्‍ली को पूर्ण राज्‍य का दर्जा देने की मांग की। उनसे कहा कि दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, केंद्र में आपकी सरकार है। इससे अच्‍छा मौका हमें नहीं मिला सकता, जब हम इस मांग को पूरा कर सकते हैं।

केजरीवाल ने कहा कि मैंने केंद्र सरकार से सकारात्‍मक सहयोग की मांग की। उन्‍होंने कहा कि जो हमारे एमएलए नहीं हैं, वो भी हमारे विधायक हैं। पूरी दिल्‍ली हमारी है, चाहें भले ही हमें तीन क्षेत्रों से मत नहीं मिला हो। व्‍यापारियों से कहा कि आप सही समय पर टैक्‍स भर देना एक भी पैसा चोरी नहीं होने दूंगा। एक-एक पाई को विकास काम में लगाएंगे।

दिल्‍ली से वीआईपी कल्‍चर खत्‍म करने की शुरुआत करने की मांग की। मुख्‍यमंत्री हो या मंत्री कोई लाल बत्‍ती की गाड़ी से नहीं चलेगा। यूरोप जैसा कल्‍चर लाना चाहता हूं, जहां पीएम भी बस स्‍टॉप पर खड़े मिल जाते हैं। बड़ा घर नहीं लूंगा, बस उतनी ही जगह चाहिए, जितने से हमारा काम चल जाए।

किरण बेदी बड़ी बहन की तरह हैं, मैं उनकी इज्‍जत करता हूं। उन्‍हें पुलिस प्रणाली का अच्‍छा अनुभव है, जहां जरूरत होगी हम उनकी मदद लेंगे। कांग्रेसी नेता अजय माकन अच्‍छी नीतियां बना लेते हैं। हम उनकी भी मदद लेंगे। हर पार्टी के अच्‍छे नेताओं से हम समय-समय पर मदद लेंगे। हमें पार्टीबाजी नहीं करनी है।

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सोना-हीरा करार दिया। कहा कि नेताओं को तो पद मिल गए, शोहरत मिल गई। मगर, कई गुमनाम चेहरे, जो अपनी नौकरी और दुकानें बंद कर हमारे अभियान में जुड़े, उन्‍हें क्‍या मिला। उन्‍होंने यह मेहनत अरविंद केजरीवाल के लिए नहीं की, आम आदमी पार्टी के लिए नहीं की। यह मेहनत उन्‍होंने दिल्‍ली के सुनहरे भविष्‍य के लिए की है।

भाजपा ऑफिस में मासूम बच्ची से बलात्कार

rape bjp offecनई दिल्ली – महिलाओं की सुरक्षा और ‘बेटी बचाओ अभियान’ पर जोर देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र नोदी की बातों का असर लोगों पर कितना होता है, इसका एक उदाहरण कोलकाता में सामने आया है, जहां भाजपा ऑफिस में एक मासूम बच्ची से बलात्कार हुआ।

पुलिस के अनुसार, बेहाला चौरास्ता के पास स्थित भाजपा ऑफिस में शुक्रवार को चार साल की बच्ची के साथ रेप की वारदात सामने आई है। बच्ची से रेप के आरोप में पुलिस ने 17 साल के एक लड़के को गिरफ्तार किया है।

मामले का खुलासा तब हुआ जब बच्ची की मां घर लौटी। बच्ची को घर में न देखकर वह परेशान हो गई और उसकी तलाश शुरू की।

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची की खोजबीन को दौरान पता चला कि महिला के पड़ोस में रहने वाला लड़का भा गायब है। वह कार क्लीनर का काम करता है। बच्ची की तलाश में जुटे लोगों के भाजपा ऑफिस से उसके रोने की आवाज सुनाई दी।

लोगों मे जब पार्टी कार्यकर्ताओं से बच्ची की तलाश में सहयोग करने की अपील की तो उन्होंने एक कमरे का शटर खोला। वहां का नजारा देखकर लोगों के होश उड़ गए।

हालांकि तमाम लोगों के बीच से आरोपी भागने में कामयाब रहा। रोती हुई बच्ची ने मां से पूरा हाल बयां किया। लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद बच्ची को मेडिकल के लिए भेजा गया। जांच में रेप की पुष्टि हुई है।

पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। डीसी राशिद मुनार खान ने कहा कि लोगों के सहयोग से स्थिति नियंत्रण में है और इस घटना कोई राजनीति लेना-देना नहीं है।- एजेंसी

होटल मालिक और मैनेजर चलाते थे सेक्स रैकेट ,गिरफ्तार

Sex Racket Newsकैथल – क्राईम ब्रांच ने एक होटल में अनैतिक देह धंधा संचालित करने के मामले का पर्दाफाश करते हुए होटल मालिक, मैनेजर, एक युवक व युवती समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच दौरान होटल के रजिस्ट्र में 10 जनवरी के बाद बुङ्क्षकग की कोई ईंट्री भी नहीं पाई गई, जबकि रेड दौरान पुलिस ने होटल के द्वितिय तल पर एक कमरे से संदिग्धावस्था में युवक-युवती को काबु किया गया। इस होटल संचालक बारे पुलिस को काफी समय से अनैतिक धंधा करवाने की शिकायते मिल रही थी।पुलिस द्वारा आरोरोपियों से व्यापक पुछताछ की जा रही है, जिन्हें आज अदालत में पेश किया जाएगा।

पुलिस अधीक्षक ने बताया क्राईम ब्रांच प्रभारी इंस्पेक्टर अंग्रेज ङ्क्षसह की टीम को रात्रीकालीन गस्त दौरान सुचना मिली थी, कि छोटुराम चौक कैथल के नजदीक स्थित एक होटल मालिक व मैनेजर बाहर से लड़कियां लाकर होटल में अनैतिक धंधा करते है। पुलिस ने नियमानुसार कार्रवाही करते हुए होटल में रेड मारी तो मालिक सीताराम क्यौड़क व मैनेजर सुखङ्क्षवद्र बीबीपुर जिला कुरुक्षेत्र वहां मिले, जिन्होंने बताया कि हमारे होटल के सभी कमरे खाली है। होटल कमरों के बुङ्क्षकग रजिस्ट्र में भी 10 फरवरी के बाद की कोई इंट्री नहीं मिली।

पुलिस के तलाशी अभियान दौरान द्वितिय तल पर स्थित कमरा नं. 29 में एक युगल संदिग्ध हालत में मिला। शर्म हया का ध्यान रखकर उनके कपड़े पहने उपरांत पुछताछ करने पर लडकी ने बताया कि होटल मालिक व मैनेजर ने उसे वेश्यावृती के लिए बुलाया था। अम्बाला वासी युवती व माता गेट वासी आरोपी साहिल समेत चारों आरोपीयों कोवेश्यावृती अधिनियम की विभिन्न धाराओं तहत गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी ने कहा कि इस प्रकार के अनैतिक धंधों को क्षेत्र में कतई पनपने नहीं दिया जाएगा।

गौरतलब है कि सभी होटल, साईबल कैफे संचालकों को पुलिस वेबसाईट हरसमय पोर्टल पर न सिर्फ अपने संस्थानों को रजिस्ट्र करने अपित 24 घंटे मध्य अपडेट करने के आदेश दिए जा चुके है, ताकी अपराधी व असामाजिक तत्वों पर नकेल कसी जा सके।




रिपोर्ट :- राजकुमार अग्रवाल

नहीं हटेगा ‘बॉम्बे वेलवेट’ से बॉम्बे

Bombay Velvet

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) द्वारा मिहिर जोशी के गाए गीत से ‘बॉम्बे’ शब्द को बीप किए जाने के बाद ऐसी आशंका थी कि फिल्मकार अनुराग कश्यप को उनकी आने वाली फिल्म ‘बॉम्बे वेलवेट’ का नाम बदलने के लिए कहा जा सकता है। लेकिन सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने इसकी आवश्यकता नहीं जताई है।

निहलानी ने कहा कि यदि फिल्म ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित है और उस दौर पर बनी है कि जब मुंबई का नाम बॉम्बे था, तो हम इस फिल्म के नाम को तार्किक मान सकते हैं। लेकिन समकालीन समय के लिए ‘बॉम्बे’ नाम स्वीकार नहीं किया जाएगा।

मुंबई सिनेमा जगत के लिए परेशानी की एक बात यह है कि सीबीएफसी कहां तक फिल्मों से नाम में बदलाव करेगी। बॉम्बे का नाम 1995 में बदलकर मुंबई कर दिया गया था। लेकिन जहां तक बॉम्बे शब्द के इस्तेमाल का सवाल है, तो इसे लेकर सीबीएफसी ने अपना पक्ष साफ कर दिया है।

निहलानी ने कहा कि यह राज्य का मामला है। महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक रूप से 1995 में बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई रखा था। इसके बावजूद यदि फिल्मकार और गीतकार अपनी रचनाओं में बॉम्बे शब्द का इस्तेमाल करेंगे, तो उसे हटाने के अलावा हमारे पास कोई उपाय नहीं बचेगा।

निहलानी ने आगे कहा कि अब शहर का नाम बॉम्बे नहीं मुंबई है। मिहिर जोशी जैसे लोगों को यह बात मालूम होनी चाहिए, जो यहीं पले-बढ़े हैं। फिल्में बनाना या गीत लिखना एक सामाजिक जिम्मेदारी है। आप नए चलन के लोभ में स्थान का भूगोल और इतिहास नहीं बदल सकते।

जेएनयू में अफजल गुरु शहीदी दिवस,हंगामा

Tapti_hostelनई दिल्ली – जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) प्रशासन की इजाजत के बिना कैंपस में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु के शहीदी दिवस मनाने को लेकर विवाद हो गया है। इस कार्यक्रम में अफजल गुरु के ही साथ संसद हमले के आरोपी रहे दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रफेसर एसएआर गिलानी को भाषण देने के लिए बुलाया गया था। कार्यक्रम शुरू होते ही कुछ छात्रों ने जेएनयू कैंपस में ताप्ती हॉस्टल की बिजली सप्लाई काट दी और प्रफेसर एसएआर गिलानी को घेर लिया गया। गिलानी के साथ धक्का-मुक्की करने की बात भी सामने आ रही है।

गौरतलब है कि अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। डेमोक्रैटिक स्टूडेंट यूनियन (डीएसयू) ने बुधवार की रात को जेएनयू कैंपस में उनकी ‘शहादत’ की याद में कश्मीर की आजादी के विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया था। गिलानी कार्यक्रम में बतौर वक्ता बुलाए गए थे। कार्यक्रम शुरू होते ही आयोजन कराने वाले छात्र और गिलानी का विरोध करने वाले छात्र आपस में भिड़ गए। खबर यह भी है कि छात्र गुटों के बीच लात-घूंसे भी चले।

आयोजन से जुड़े छात्रों का कहना है कि विरोध करने वाले छात्र एबीवीपी और आरएसएस से जुड़े हुए हैं। कई घंटे तक हंगामा चलता रहा। जैसे तैसे कार्यक्रम के खत्म होने के बाद ह‌्यूमन चेन बनाकर प्रफेसर गिलानी को उनकी गाड़ी तक ले जाया गया। फिर भी गुस्साए छात्रों ने गाड़ी पर पथराव किया। हंगामे की सूचना मिलने पर एसीपी और लोकल पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई थी।

जेएनयू के सुरक्षा गार्डों की मदद से उन्हें वहां से बाहर निकाला गया। गुस्साए छात्रों ने प्रफेसर गिलानी की स्कॉर्पियो पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। गिलानी जामिया नगर के बटला हाउस इलाके में रहते हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में अरबी भाषा के प्रोफेसर हैं। 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले में उन्हें भी आरोपी बनाया गया था। अदालत ने अफजल गुरु और शौकत हुसैन के साथ-साथ इन्हें भी सजा सुनाई थी। हालांकि, निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने पर हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में गिलानी को बरी कर दिया था।

सूत्रों ने बताया कि जेएनयू प्रशासन ने कार्यक्रम को भारत विरोधी बताते हुए कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी थी। इसके बावजूद आयोजन किया गया। हालांकि, कार्यक्रम के आयोजकों का दावा है कि पहले उन्हें इजाजत दी गई थी, लेकिन बाद में यह वापस ले ली गई। डीएसयू के एक मेंबर ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सूचित किया कि यह भारत विरोधी मीटिंग है, इसलिए इसके आयोजन की मंजूरी नहीं मिल सकती है। उन्होंने बताया कि इसके बाद हमने फैसला किया कि चाहे जो हो हम मीटिंग करेंगे।

गिलानी ने घटना के बारे में बताया, ‘मैं तो जेएनयू में डिबेट के लिए गया था, मगर वहां एबीवीपी के लोगों ने मुझ पर हमला करने के मकसद से घेर लिया। गनीमत रही कि दूसरे छात्र संगठनों ने मुझे ह्यूमन चेन बनाकर बचा लिया। मुझे मारने की साजिश थी और इसके पीछे संघ परिवार का हाथ है।’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बोलने की आजादी पर हमला हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘मैं डीएसयू के बुलावे पर जेएनयू में आयोजित चर्चा में शिरकत करने गया था। जैसे ही मेरी गाड़ी घुसी, तभी एबीवीपी के छात्र ह्यूमन चेन बनाकर मुझे घेरने लगे और मेरे खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उनका मकसद था कि मैं प्रोग्राम में शामिल न हो पाऊं और वहां से चला जाऊं। इसी दौरान समारोह आयोजित कर रहे छात्रों ने भी ह्यूमन चेन बना ली और मुझे एबीवीपी के कब्जे से छुड़ाकर कार्यक्रम में ले गए।’

उन्होंने कहा, ‘समारोह में लेक्चर के दौरान भी संघ परिवार के लोग हंगामा करते रहे। धक्कामुक्की भी की। इसके बाद करीब 11 बजे जैसे ही समारोह से बाहर जाने लगा, तभी फिर से एबीवीपी के छात्रों ने मुझे घेर लिया। मुझ पर हमला भी किया गया। फिर सपोर्टर छात्रों ने मुझे सुरक्षित वहां से निकालते हुए गाड़ी तक पहुंचाया।’

भोपाल : एटीएम से रकम निकालने वाला गिरोह सक्रिय

   ATM  भोपाल –बैंको द्वारा एस.एम.एस. एलर्ट कर अपने ग्राहकों को सचेत किया जा रहा हैं कि वे अज्ञात मोबाइल नम्बर या किसी व्यक्ति द्वारा फोन करने पर कि आपका ए.टी.एम कार्ड की अवधि समाप्त होने पर रिन्यू किया जा रहा है आप अपना एटीएम  का नम्बर नहीं दे। अन्यथा आपके खाते से यह गिरोह सैकण्ड़ भी नहीं लगेगा और रकम निकाल लेगा।

भोपाल महानगर में इस गिरोह से दर्जनों लोग रोज शिकार हो रहे है हाल ही में पिछले चार दिन पूर्व मेरी बेटी आशा अग्रवाल के साथ यह घटना हुई जिसमें उसके मोबाइल नम्बर पर बात करके एस.बी.आई एटीएम का हवाला देकर ए.टी.एम. पर प्रिन्ट कार्ड का नम्बर लेने के बाद 27 हजार रूपए निकाल लिए। यह रकम निकलने के बाद इसकी सूचना तत्काल एस.एम.एस. अर्लट पर उसी समय नम्बर पर मिली तो रकम निकलने का पता चला।

सायबर पुलिस सूत्रों से पता चला है कि भोपाल में दर्जनों लोग इस तरह की धोखाघड़ी के शिकार हो रहे है यह गिरोह झारखण्ड़ एवं बिहार से है और नक्सलवादी गतिविधियों तक में सक्रिय है। आशा अग्रवाल ने इस आशय के पूरे दस्तावेज एवं टेलीफोन नम्बर के साथ साइबर पुलिस भदभदा को रिपोर्ट लिखाई है। पुलिस प्रकरण दर्ज कर जाॅच कर रही है। इस खबर के माध्यम से लोगो से आग्रह है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति के बहकावे में न आये नहीं तो जरा सी भूल में आप धोखाघड़ी के शिकार हो सकते है। रिपोर्ट -आर .एस.अग्रवाल

पाकिस्तान में मिली सोने की खान

gold in pakistanलाहौर – पाकिस्तान के झोली फैलाकर मदद मांगने के दिन फिरने वाले हैं। जी हां, पाकिस्तान में एक सोने की खदान मिलने की खबर है। पंजाब प्रांत के राजोआ से 3 किलोमीटर दूर दक्षिण चिनीओट में यह प्रकृति का उपहार सामने आया है। प्रकृति के इस खजाने में प्रचुर मात्रा में सोना, लौह और कॉपर अयस्क उपलब्ध है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का कहना है कि इससे ना केवल देश की आर्थिक प्रगति होगी बल्कि स्थानीय बेरोजगारी भी खत्म होगी।

चीन, जर्मनी, स्वीट्जरलैंड और कनाडा के खदान विशेषज्ञों की मदद से खोजी गई इस खान के वैज्ञानिक भौगोलिक अध्ययन में बड़ी मात्रा में सोना, तांबा और लौह अयस्क के मिलने की संभावना जताई गई है। पंजाब प्रांत ने इस खदान से करीब 500 मिलियन टन लौह अयस्क प्राप्त किया जा चुका है। बताया जाता है कि पाकिस्तान का ध्यान तांबे की ओर ज्यादा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 टन तांबे का मूल्य 5000 डॉलर है जबकि 1 टन लोहे का मूल्य 100 डॉलर है। पंजाब मिनरल कम्पनी के चैयरमेन डा समर मुबारकमंद का कहना है कि इस इलाके में रिसर्च को बढ़ाया जाएगा और अलग-अलग कम्पनियों को उत्खन्न और उत्पादन की जिम्मेदारी दी जाएगी। फिलहाल 28 वर्ग किलोमीटर पर अध्ययन किया जा रहा है। शुरूआती स्टडी के मुताबिक इस इलाके के 2000 वर्ग किलोमीटर में उच्च गुणवत्ता वाला अयस्क होने की संभावना जताई गई है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उम्मीद जताई है कि यहां पर उपलब्ध कच्चे माल के चलते विदेशी कम्पनियां स्टील प्लांट्स लगाने आएंगी। खदान को खोजने वाली चीनी कम्पनी मेटाल्लूरिजकल कॉरपोरेशन ऑफ चाइना ने यहां स्टील प्लांट लगाने की इच्छा जाहिर की है। इससे करीब 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। दूसरी ओर देश की आर्थिक समृद्धि को पंख लगेंगे। इस खदान क्षेत्र से प्राप्त लौह अयस्क को स्विस और कनाडाई लैब्स में टेस्ट किया गया है। टेस्ट में यहां के अयस्क को 60-65 प्रतिशत तक उच्च ग्रेड का माना गया है। खदान अधिकारियों का कहना है कि यहां से प्राप्त सिल्वर, कॉपर और गोल्ड अयस्क के सैम्पल भी जल्दी ही टेस्टिंग के लिए भेजे जाएंगे।

“सुधर जाओ नहीं तो मुश्किल होगी”

Modi_Bhagwat_DC_0गुजरात के सीएम मोदी बदले तो लोकसभा की जीत ने इतिहास रच दिया और प्रधानमंत्री मोदी बदले तो दिल्ली ने बीजेपी को अर्स से फर्श पर ला दिया । दिल्ली की हार से कही ज्यादा हार की वजहों ने संघ परिवार को अंदर से  हिला दिया है । संघ उग्र हिन्दुत्व पर नकेल ना कस पाने से भी परेशान है और प्रधानमंत्री के दस लाख के कोट के पहनने से भी हैरान है। संघ के भीतर चुनाव के दौर में बीजेपी कार्यकर्ता और कैडर को अनदेखा कर लीडरशीप के अहंकार को भी सवाल उठ रहे हैं और नकारात्मक प्रचार के जरीये केजरीवाल को निशाना बनाने के तौर तरीके भी संघ बीजेपी के अनुकुल नहीं मान रहा है । वैसे असल क्लास तो मार्च में नागपुर में होने वाली संघ की प्रतिनिधिसभा में लगेगी जब डेढ हजार स्वयंसेवक खुले सत्र में बीजेपी को निशाने पर लेंगे । लेकिन उससे पहले ही बीजेपी को पटरी पर लाने की संघ की कवायद का असर यह हो चला है कि पहली बार संघ अपनी राजनीतिक सक्रियता को भी बीजेपी और सरकार के नकारात्मक रवैये से कमजोर मान रहा है।

आलम यह हो चला है कि संघ के भीतर गुरुगोलवरकर के दौर का “एकचालक अनुवर्तित्व ” को याद किया जा रहा है और मौजूदा बीजेपी लीडरशीप को कटघरे में यह कहकर खड़ा किया जा रहा है कि वह भी 1973 के दौर तक के “एकचालक अनुवर्तित्व ” के रास्ते आ खडी हुई । जबकि देवरस के दौर से ही सामूहिक नेतृत्व का रास्ता संघ परिवार ने अपना लिया। यानी एक व्यक्ती ही सबकुछ की धारणा जब संघ ने तोड़ दी तो फिर मौजूदा लीडरशीप को कौन सा गुमान हो चला है कि वह खुद को ही सबकुछ मान कर निर्णय ले लें। संघ के भीतर बीजेपी को लेकर जो सवाल अब तेजी से घुमड रही है उसमें सबसे बड़ा सवाल बीजेपी के उस कैनवास को सिमटते हुये देखना है जो 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त बीजेपी को विस्तार दे रहा था। संघ के भीतर यह सवाल बड़ा हो चुका है कि बीजेपी नेताओं की पहचान सादगी से हटी है। मिस्टर क्लीन के तौर पर अन्ना और केजरीवाल की पहचान अभी भी है तो इनसे दूरी का मतलब इन पर नकारात्मक चोट करने का मतलब क्या है। 

संघ का मानना है कि दिल्ली में ही अन्ना और केजरीवाल का आंदोलन और आंदोलन के वक्त संघ के स्वयसेवक भी साथ खडे हुये थे लेकिन आज संघ इनसे दूर है लेकिन मौजूदा राजनीति में किसे किस तरह घेरना है क्या इसे भी बीजेपी समझ नहीं पा रही है । संघ विचारक दिलिप देवधर की मानें तो संघ के भीतर यह सवाल जरुर है कि उग्र हिन्दुत्व के नाम पर जो उंट-पटाग बोला जा रहा है उसपर लगाम कैसे लगे । और कैसे उन्हें बांधा जा सके। प्रधानमंत्री मोदी की मुश्किल यह है कि वह सीधे हिन्दुत्व के उग्र बोल बोलने वालो को खिलाफ सीधे कुछ बोल नहीं सकते क्योंकि संघ की ट्रेनिंग या कहे अनुशासन इसकी इजाजत नहीं देता है। अगर प्रधानमंत्री मोदी कुछ बोलेंगे तो विहिप के तोगडिया भी कल कुछ बोल सकते है । यानी नकेल सरसंघचालक को लगानी है और संघ उनपर नकेल कसने में इस दौर में असफल रहा है इससे इंकार नहीं किया जा सकता ।

लेकिन दिल्ली को लेकर संघ का यह आंकलन दिल्चस्प है कि दिल्ली चुनाव में संघ की सक्रियता ना होती तो बीजेपी के वोट और कम हो जाते। यानी 2013 के दिल्ली चुनाव हो या 2014 के लोकसभा  चुनाव या फिर 2015 के दिल्ली चुनाव। संघ यह मानता है कि तीनो चुनाव के वक्त संघ के स्वयंसेवक राजनीतिक तौर पर सक्रिय थे । और दिल्ली में 32-33 फिसदी वोट जो बीजेपी को मिले है वह स्वयंसेवकों की सक्रियता की वजह से ही मिले हैं। और उसके उलट केजरीवाल के हक में वोट इसलिये ज्यादा पड़ते चले गये क्योकि हिन्दुत्व को लेकर बिखराव नजर आया। साथ ही बीजेपी लीडरशीप हर निर्णय थोपती नजर आयी । यानी सामूहिक निर्णय लेना तो दूर सामूहिकता का अहसास चुनाव प्रचार के वक्त भी नहीं था । जाहिर है संघ की निगाहो में अर्से बाद वाजपेयी, आडवाणी,कुशाभाउ ठाकरे, गोविन्दाचार्य की सामूहिकता का बोध है तो दूसरी तरफ बीजेपी अध्यक्ष की मौजूदा कार्यकर्तातओ पर थोपे जाने वाले निर्णय है। खास बात यह है कि केजरीवाल की जीत से संघ परिवार दुखी भी नहीं है । उल्टे वह खुश है कि कांग्रेस का सूपडा साफ हो गया और दिल्ली के जनादेश ने मौजूदा राजनीति में ममता,मुलायम , लालू सरीखे नेताओ से आगे की राजनीतिक लकीर खिंच दी । 

और चूंकि नरेन्द्र मोदी भी केजरीवाल की तर्ज पर सूचना क्रांति के युग से राजनीतिक तौर पर जोडे हुये है और केजरीवाल की पहुंच या पकड राष्ट्रीय तौर पर नही है तो बीजेपी के पास मौका है कि वह अपनी गलती सुधार ले । संघ की नजर दिल्ली चुनाव के बाद केजरीवाल को लेकर इतनी पैनी हो चली है कि वह बीजेपी को यह भी सीख देने को तैयार है कि मनीष सिसोदिया को उप-मुख्यमंत्री बनाकर अगर केजरीवाल आम आदमी पार्टी के विस्तार में लगते हो तो फिर दिल्ली को लेकर केजरीवाल को गेरा भी जा सकता है। यानी केजरीवाल को दिल्ली में बांध कर बीजेपी को राष्ट्रीय विस्तार में कैसे आना है और दिल्ली वाली गलती नहीं करनी है यह पाठ भी संघ पढाने को तैयार है । यानी बीजेपी को राजनीतिक पाठ पढाने का सिलसिला गुरुवार से जो झंडेवालान में शुरु हुआ है वह रविवार और सोमवार को सरसंघचालक मोहन भागवत और दूसरे नंबर के स्वयसेवक भैयाजी जोशी समेत उस पूरी टीम के साथ पढ़ाया जायेगा जो मार्च के बाद कमान हाथ में लेगा। यानी अभी तक यह माना जा रहा था कि मोदी सरकार के बाद संघ हिन्दु राष्ट्र को सामाजिक तौर पर विस्तार देने में लगेगी लेकिन दिल्ली की हार ने बीजेपी और सरकार को संभालने में ही अब संघ को अपनी उर्जा लगाने को मजबूर कर दिया है। और बीजेपी लीडरशीप को साफ बोलने को तैयार है कि सुधर जाओ नहीं तो मुश्किल होगी ।

:-पुण्य प्रसून बाजपेयी

punya-prasun-bajpaiपुण्य प्रसून बाजपेयी
पुण्य प्रसून बाजपेयी के पास प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। प्रसून देश के इकलौते ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें टीवी पत्रकारिता में बेहतरीन कार्य के लिए वर्ष 2005 का ‘इंडियन एक्सप्रेस गोयनका अवार्ड फ़ॉर एक्सिलेंस’ और प्रिंट मीडिया में बेहतरीन रिपोर्ट के लिए 2007 का रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरेगी एमआईएम

Asasuddin Owaisiपरतावल – मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एमआईएम) ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया। गुस्र्वार को क्षेत्र के यूपी में परतावल के कोटवा स्थित खेल मैदान में आयोजित पहली जनसभा में पार्टी के मुख्य अतिथि और चारमीनार हैदराबाद के विधायक सैय्यद अहमद पासा कादरी ने कहा कि आज भारत में मुसलमानों को दलितों से भी नीच समझा जाता है। यही हालात रहे तो मुसलमानों को आने वाले दिनों में और भी बुरा हाल होगा। लिहाजा यूपी के मुसलमान एक हो जाएं और आगामी चुनाव में अपने भाई को वोट दीजिए।

उन्होंने कहा कि आपने सपा, बसपा, कांग्रेस व भाजपा को देख लिया। सभी दलों ने मुसलमानों के साथ छल किया है। क्योंकि जहां भी मुसलमान भाई रहता है वफादारी के साथ कार्य करता है। देश के लिए सबसे पहले मुसलमानों ने वफादारी की। लाल किला मुसलमान ने बनवाया, ताजमहल भी मुसलमान ने ही बनवाया। हमारे वफादारी का सबूत है कि हमें मरने के बाद भी दो गज जमीन मिलती है।

कादरी ने कहा कि यूपी सरकार का एक मंत्री अपने आपको मुसलमानों का मसीहा कहते हैं, लेकिन यूपी में उनके कार्यकाल में जितने दंगा फंसाद हुए बेगुनाह मुसलमान ही मारे गए। पुलिस ने उनके घर को लूटा, लेकिन मुसलमानों के हमदर्द इस मंत्री ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए हम गर्दन कटवाने को तैयार हैं। उन्होंने अपनी उंगली तक नहीं कटवाई।

विशिष्ट अतिथि हैदराबाद के पूर्व चेयरमैन माजिद हुसैन ने कहा कि सोने की चिड़िया कहा जाने वाले भारत का दुर्भाग्य है कि चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री है और झाड़ू बेचने वाला दिल्ली का मुख्यमंत्री है। ऐसे में भारत का विकास कैसे होगा।

उन्होंने कहा कि यूपी की अखिलेश सरकार पहले मुसलमान युवाओं को बम ब्लास्ट में फंसाती है, फिर जांच कराती है और बाइज्जत रिहा कराकर उन्हें मुआवजा देकर अपने को मुसलमानों का हमदर्द बनाती है, लेकिन युवा मुसलमानों का भविष्य खराब कर देती है।

उन्होंने कहा कि आज मुसलमान युवाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा का अधिकार दिलाने की लड़ाई एमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी लड़ रहे हैं।

EVM मशीन पर सवाल उठाने को लेकर CEC का ट्वीट वॉर

नई दिल्ली – पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉक्टर एस.वाई. कुरैशी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों(EVMs) पर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है कि जो लोग चुनाव से पहले ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताते हैं, बाद में इन्हीं ईवीएम से चुनाव जीतने के बाद अपने आरोपों को भूल जाते हैं।

डॉक्टर कुरैशी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘बड़े दुख की बात है कि चुनाव से पहले जो लोग ईवीएम को लेकर शक जाहिर करते हैं, जब इन्हीं मशीनों से जीतते हैं सब आसानी से भूल जाते हैं। न अफसोस जताते हैं न माफी मांगते हैं।’ उन्होंने 12 फरवरी को यह ट्वीट किया है।sy qureshi tweet 2


दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट करके कहा था कि डेमो के दौरान 4 मशीनों के सारे वोट बीजेपी को मिल रहे हैं। उन्होंने ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए चुनाव आयोग के सामने भी यह मामला उठाया था, मगर EC ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया था।arvind kejriwal tweet

हालांकि, गुरुवार रात को डॉक्टर कुरैशी ने एक और ट्वीट करके लिखा है, ‘ईवीएम को लेकर मेरी टिप्पणी सभी पार्टियों पर थी, जो कभी न कभी ईवीएम पर सवाल उठा चुकी हैं और जीत जाने पर खामोश हो गईं।’sy qureshi tweet 1

गौरतलब है कि बीजेपी और कांग्रेस समेत कई पार्टियां कभी न कभी ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका जता चुकी हैं। कुछ पार्टियां को यहां तक मांग उठा चुकी हैं कि ईवीएम के बजाय एक बार फिर बैलट पेपर को इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

मोदी की तर्ज पर मुलायम सिंह का भी बनेगा मंदिर !

Mohammad Azam Khanलखनऊ – आज़म और विवाद एक ही सिक्के के दो पहलू है, ये एक बार फिर साबित हुआ है। जहा एक ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास की कहानी कहने में दिन रात लगे हुए है, वही दूसरी ओर उनकी सरकार के दिग्गज नेता आदतन एक बार फिर मंदिर विवाद को हवा देने में लग गए है। उत्तर प्रदेश के सबसे रसूकदार कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां ने एक बार फिर एक नए विवाद की इबारत लिख दी है। उनका कहना है की गुजरात में बने प्रधानमंत्री 
मोदी की तर्ज पर मुलायम सिंह का भी बनेगा मंदिर !

आज यहाँ जारी अपने एक बयान में आजम खां ने कहा कि वह अपने इस प्रस्ताव को मुलायम सिंह के समक्ष रखेंगे और यदि इस प्रस्ताव पर नेताजी अपनी सहमति दे देते हैं, तो उनके भी मंदिर बनेंगे। आज़म का साफ़ कहना है की मुलायम सिंह एक बहुत लोकप्रिय नेता हैं और उनके करोड़ों अनुयायी हैं, तो फिर उनका मंदिर क्यों न बनें ? जब अन्य जीवित नेताओं और अभिनेताओं के मंदिर बने हुए हैं, तो फिर नेताजी का मंदिर क्यों नहीं बने।

रिपोर्ट :- शाश्वत तिवारी

पीडीपी-बीजेपी गठबंधनसरकार , मुफ्ती होंगे CM

mufti mohammad sayeedश्रीनगर – जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार बननी तय हो गई है। दोनों पार्टियों के बीच समझौतों के मुताबिक पीडीपी प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद राज्य के अगले मुख्यमंत्री जबकि बीजेपी के निर्मल सिंह उप-मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। अब 17 जनवरी तक कभी भी वहां नई सरकार शपथ ले सकती है।

ऐसा लगता है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका लगने और 17 जनवरी, 2015 तक जम्मू-कश्मीर में सरकार बना लिए जाने की बाध्यता ने बीजेपी को पीडीपी के साथ समझौतों में नरमी लाने को मजबूर किया है। आरएसएस के प्रभावी नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी ने साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया है। इसलिए, दोनों पार्टियां इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

इंद्रेश कुमार के इस बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी ने धारा 370, सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून और राज्य विषय जैसे विवादास्पद मुद्दों पर अपने तेवर में नरमी लाई है। इन्ही मुद्दों पर पीडीपी और बीजेपी के बीच सरकार गठन को लेकर पेंच फंसे थे। चूंकि 17 जनवरी, 2015 तक सरकार बनाने का समय है, इसलिए दोनों पार्टियां इन मुद्दों पर एक-दूसरे का अंतिम और स्पष्ट रुख आने का इंतजार कर रही थीं।

इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट किया था कि बीजेपी अपनी भूमिका तय करते समय जिन तीन एजेंडे को ध्यान में रखेगी वे हैं- एकता एवं संप्रभुता और विकास एवं क्षेत्रीय संतुलन। पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी अपनी चुनावी रैलियों में इन्हीं तीनों मुद्दों का उठाया था। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि वह सरकार बनाने को लेकर हड़बड़ी में नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने बीजेपी के साथ सहमति की दिशा में बढ़ने की ओर भी इशारा किया था।

इस बार विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने खंडित जनादेश दिया है। पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है जबकि बीजेपी 25 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है। नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली हैं।

सिसोदिया उप मुख्यमंत्री,मंत्रिमंडल में नए चेहरे भी शामिल

 Manish Sisodiaनई दिल्ली – आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार में उप मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं और इसके साथ ही इस बार अरविंद केजरीवाल की सरकार में चार नए चेहरे शामिल किए जाने की भी संभावना है। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल के निकट सहयोगी सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के अलावा पूर्ववर्ती ‘आप’ सरकार में रह चुके सौरभ भारद्वाज, राखी बिड़ला, सोमनाथ भारती और गिरीश सोनी को इस बार कैबिनेट में शामिल किए जाने की संभावना नहीं है। नया मंत्रिमंडल शनिवार को शपथ ग्रहण करेगा।

पार्टी के सूत्रों ने बताया कि सिसोदिया को उप मुख्यमंत्री बनाने का फैसला ‘आप’ की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बुधवार रात हुई बैठक में लिया गया। यह बैठक केजरीवाल के कौशांबी स्थित घर पर हुई। उन्होंने कहा कि सिसोदिया को यह जिम्मेदारी इसलिए दी जा रही है ताकि भावी मुख्यमंत्री केजरीवाल पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें।

कल देर रात तक चली बैठक में केजरीवाल सरकार के अन्य संभावित मंत्रियों पर भी फैसला हुआ है। जानकारी के मुताबिक, त्रिनगर से विधायक जितेंद्र सिंह तोमर, शकूरबस्ती से विधायक सत्येंद्र जैन, करावल नगर से कपिल मिश्रा, मटिया महल से आसिम अहमद खान और सुल्तानपुर माजरा से संदीप कुमार को मंत्री बनाया जा सकता है। पार्टी ने रामनिवास गोयल (शाहदरा) को दिल्ली विधानसभा का अध्यक्ष और शालीमार बाग से जीत दर्ज करने वाली बंदना कुमारी को उपाध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया है। बंदना ‘आप’ की महिला विंग का नेतृत्व भी कर रही हैं।

सत्येंद्र जैन को छोड़ दिया जाए तो चारों पहली बार विधायक बने हैं। नई सरकार में शायद कोई महिला नहीं होगी। सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल नजीब जंग को लिस्ट आज ही भेज दी जाएगी। सिसोदिया पूर्ववर्ती आप सरकार में दूसरे नंबर पर थे और उन्होंने शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास एवं लोकनिर्माण विभाग जैसे अहम विभाग संभाले थे। पूर्ववर्ती आप सरकार में सत्येंद्र जैन स्वास्थ्य विभाग के मंत्री बने थे। सिसोदिया ने उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के बारे में पूछने पर संवाददाताओं से कहा, ‘पार्टी गहन विचार-विमर्श कर रही है। इस बारे में औपचारिक घोषणा होने से पहले बात करना उचित नहीं होगा।’

पिछले साल लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सातों संसदीय सीटों पर ‘आप’ के हार जाने के बाद पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का श्रेय सिसोदिया को दिया जाता है। ‘आप’ सरकार के 49 दिन के कार्यकाल में सिसोदिया शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास एवं स्थानीय निकाय मंत्री थे। उस सरकार ने पिछले साल 14 फरवरी को लोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था।

 

राज्यपालों के सम्मेलन में राम नाईक ने रखी अपनी बात

Governors' Conference Ram Naikलखनऊ – राष्ट्रपति डा0 प्रणव मुखर्जी द्वारा राष्ट्रपति भवन दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की सुरक्षा, भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा, साइबर क्राइम, स्वच्छ गंगा अभियान, रोजगार के नये अवसर के सृजन, उच्च शिक्षा से संबंधित बिन्दुओं, कुलपतियों के कार्यकाल और कृषि एवं विकास पर प्रभावी ढंग से अपनी बात रखी।

श्री नाईक ने प्रदेश में बढ़ रही साइबर क्राइम तथा महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर अपनी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि इन अपराधों को नियंत्रित करने के लिये जरूरी है कि पुलिस बल को संवेदनशील बनाया जाय ताकि वे इन अपराधों से प्रभावी ढंग से निपट सकें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है कि इन अपराधों से संबंधित प्रकरणों को जल्दी से जल्दी संबंधित अदालतों में पेश कर अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जा सके। महिलाओं के विरूद्ध हो रहे अपराधों को नियंत्रित करने के लिये प्रदेश सरकार ने वीमेन पावर लाइन 1090 जैसी हेल्पलाइन की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि इस दिशा में समन्वित प्रयास किये जाने की जरूरत है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की अधिकांश आबादी अभी भी अपने जीवकोर्पाजन के लिये कृषि पर निर्भर है। लेकिन उत्पादन की लागत में वृद्धि होने तथा पोस्ट हार्वेस्ट प्रबन्धन एवं प्रसंस्करण की सुविधाओं के अभाव में खेती भी अब बहुत ज्यादा लाभप्रद नहीं साबित हो रही है। अधिकांश ग्रामीण लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। कृषि को लाभप्रद बनाने तथा ग्रामीण लोगों का पलायन रोकने के लिये जरूरी है कि वैज्ञानिक तरीके अपनाकर कृषि उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ग्रामीण स्तर पर ही छोटे-मोटे उद्योग-धन्धें एवं अन्य व्यवसायिक गतिविधियों की शुरूआत कर पलायन को रोके जाने का प्रयास किये जाये।

राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी के जन्म दिवस की 150वीं वर्षगांठ तक निर्मल भारत के निर्माण के दृष्टिगत गंगा व अन्य नदियों को प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छ बनाया जाय। नदियों में शव प्रवाहित करने की प्रथा को रोकने के लिये समाज को विश्वास में लेकर प्रयास करने होगें। राष्ट्रपति अलग से राज्यपालों का एक सम्मेलन बुलाये जिसमें कुलपतियों के कार्यकाल एवं आयु के बारे में विचार-विमर्श करके एकरूपता लाई जा सके। विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री एवं राज्यमंत्री का दर्जा दिये जाने के संबंध में उन्होंने राष्ट्रपति से उचित मार्गदर्शन दिये जाने की अपेक्षा की है।
ज्ञातव्य है कि इस संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में कैबिनेट मंत्री/राज्यमंत्री का दर्जा दिये जाने को असंवैधानिक करार दिया था। उन्होंने कहा कि समुद्र तट से जुड़े राज्यों की सुरक्षा की दृष्टि से इकनाॅमिक जोन पर प्रभावी कानून बनाने की आवश्यकता है।

श्री नाईक ने कहा कि भारत के साथ नेपाल की सीमा लगभग 1700 कि0मी0 है, जिसका लगभग एक तिहाई हिस्सा (556 कि0मी0) उत्तर प्रदेश के 07 जनपदों से लगा हुआ है। दोनों देशों के बीच किसी वीजा-पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं है। इसलिये परिस्थिति का लाभ उठाकर विभिन्न प्रकार की राष्ट्र-विरोधी एवं अवैधानिक गतिविधियां, विदेशी सामानों की तस्करी, शस्त्र, विस्फोटक पदार्थ की अवैध आपूर्ति, जाली नोटों की तस्करी आदि की सम्भावनाएं बनी रहती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत सरकार के माध्यम से नेपाल सरकार से अनुरोध कर बाढ़/प्राकृतिक आपदा के चलते सीमा क्षेत्र में जहां-जहां पिलर्स विलुप्त हो गये हों उनका सर्वें कराकर पुनर्निर्माण कराये जाने की जरूरत है, जिससे प्रदेश की वाह्य सुरक्षा सुदृढ़ हो सके।

 रिपोर्ट :- शाश्वत तिवारी 

राज ठाकरे कार्टून शेयर कर साधा मोदी-शाह पर निशाना

Raj Thackeray  cartoonsमुंबई – दिल्ली चुनाव नतीजों के लिए गठबंधन की सहयोगी पार्टी शिवसेना की आलोचना झेल रही बीजेपी पर इस बार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने निशाना साधा है। राज ने अपना बनाया हुआ एक कार्टून शेयर किया है, जिसमें दिल्ली के राजनीतिक घटनाक्रम की तुलना अमेरिका पर हुए 9/11 के आतंकी हमले से की गई है। कार्टून में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को उन टि्वन टावर्स के तौर पर दिखाया गया है, जो आतंकी हमले में ध्वस्त हो गए थे। राज ठाकरे एक राजनीतिक कार्टूनिस्ट भी हैं।

कार्टून में केजरीवाल को विमान के तौर पर दिखाया गया है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा टीवी पर इस ‘हमले’ की खबर देखते भी नजर आते हैं। कार्टून पर जो टेक्स्ट मौजूद है, उसमें लिखा है, ”फिर दोहराया गया टि्वन टावर्स का हादसा, लेकिन विमान सुरक्षित।” कार्टून के एक अन्य हिस्से में लिखा है, ” दिल्ली चुनाव के लिए मोदी ने ओबामा का यूज किया, ऐसी खबर इलेक्शन से पहले आई थी।”

इससे पहले बुधवार को शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र के लोगों से अपील की थी कि वे दिल्ली चुनाव के नतीजों से सबक लें। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में बंपर बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी का आम आदमी पार्टी ने कचरा कर दिया। सामना के मुताबिक, बीजेपी को इतनी कम सीटें मिलीं कि गिनने के लिए उंगलियों की भी जरूरत नहीं और इसका दोष किरण बेदी पर डालना सही नहीं है। बता दें कि दिल्ली चुनाव में बीजेपी महज 3 सीटों पर सिमट गई, जबकि आम आदमी पार्टी को कुल 67 सीटें मिली थीं।

बहुत हुआ नारी पर वार, कब मिलेगी निजात !

Married_to_the_collective_Gangrepपिछले दिनों देश को एक बार फिर हरियाणा के रोहतक में दोहराए गए निर्भया कांड से शर्मसार होना पड़ा। राक्षसी प्रवृति के बलात्कारियों ने नेपाली मूल की एक लडक़ी के साथ न सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसके शरीर की ऐसी दुर्गति कर डाली जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर लडक़ी के शरीर की हालत देखकर स्वयं दहल उठे। हालांकि घटना के आठ दिनों बाद बलात्कारियों को गिरफ्तार किए जाने का पुलिस ने दावा तो ज़रूर किया है परंतु एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर ऐसे बलात्कारी दरिंदों से देश को कभी निजात मिलेगी भी अथवा नहीं? केवल रोहतक ही नहीं बलिक देश के और भी कई राज्यों से यहां तक कि राजधानी दिल्ली से भी इसी प्रकार की खबरें लगातार आ रही हैं। केंद्र में सत्तारुढ़ दल भारतीय जनता पार्टी ने हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में बलात्कार की घटनाओं को पिछली यूपीए सरकार के सिर मढ़ते हुए अपने शेखी बघारने वाले विज्ञापनों में यह नारा लिखवाया था कि- बहुत हुआ नारी पर वार-अब की बार मोदी सरकार।

इस प्रकार के नारों को सुनकर तो ऐसा ही लगता है गोया देश में नारियों पर होने वाले हमले तथा बलात्कार की घटनाएं संभवत: भाजपा शासन में समाप्त हो जाएंगी। परंतु आंकड़े तो यह बता रहे हैं कि ऐसी घटनाएं रुकना या कम होना तो दूर बल्कि इनके आंकड़ों में वृद्धि ही होती जा रही है। ऐसे में यह सवाल उठना ज़रूरी है कि क्या भारतीय जनता पार्टी द्वारा उपरोक्त नारे का इस्तेमाल महज़ एक ‘जुमले’ के रूप में ही किया गया था? क्या भाजपा द्वारा यूपीए सरकार को बलात्कार या नारी उत्पीडऩ की घटनाओं को रोक पाने के लिए अक्षम बताना भाजपा का महज़ सियासी दांव था? क्या 9 महीने की केंद्र की भाजपा सरकार अथवा भाजपा शासित अन्य राज्य सरकारों का ऐसी घटनाओं को केवल सरकार की मुस्तैदी से रोका जाना संभव है?

जहां तक राजधानी दिल्ली में ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रश्न है तो यहां सीसीटीवी कैमरे लगाकर बलातकार व छेड़छाड़ की घटनाओं पर नियंत्रण पाने की बात सत्ता में आई आम आदमी पार्टी नेताओं द्वारा की जा रही है। क्या चप्पे-चप्पे पर ऐसे कैमरे लगा पाना संभव है? और क्या दिल्ली के बाहर पूरे देश में कैमरों की निगरानी में ऐसे अपराध रोके जा सकते हैं? कैमरों की नज़रों में कैद किए गए अनेकानेक हत्या,चोरी-डकैती व ठगी जैसे मामले सीसीटीवी पर देखे जा चुके हैं। परंतु इन कैमरों का लाभ अधिक से अधिक केवल यही होता है कि अपराधियों को पकडऩे में अथवा उनका सुराग़ लगाने में कुछ सहायता ज़रूर मिल जाती है। परंतु यह कैमरे अपराध को कतई रोक नहीं सकते।

वैसे भी हमारे देश की जनता अभी दुनिया के अन्य विकसित देशों की तरह सीसीटीवी की इतनी आदी भी नहीं कि वह कैमरे के भय की परवाह करे। विकसित देशों में तो पूरा का पूरा ट्रै$िफक संचालन मात्र कैमरे व लाईटस द्वारा संचालित होता है। परंतु यहां लोगों को न तो रेड लाईट की परवाह होती है न ही ट्रै$िफक पुलिस के इशारों की चिंता। ऐसा लगता है कि देश की जनता स्वतंत्रता का कुछ अपने ही तरीके से फायदा उठाना चाहती है। जो भी व्यक्ति जहां भी चाहे खड़े होकर पेशाब करने लग जाता है। जहां चाहे थूक देता है। पान खाकर थूकने के लाल निशान हमारे ही देश की सडक़ों व दीवारों यहां तक कि तमाम दफ्तरों व स्कूलों में देखे जा सकते हैं। जो चाहता है और जहां चाहता है ज़मीन पर कब्ज़ा कर बैठता है। अतिक्रमण के मामले में चाहे किसी का घर हो या दुकान जब तक वह सरकारी ज़मीन पर किसी न किसी रूप में कब्ज़ा न करे तथा अपने घर व दुकान के सामने से निकलने वाली नाली व नालों को ढककर उस सरकारी नाले-नालियों पर अपना अधिकार न जमाए तब तक गोया उसे चैन ही नहीं मिलता। मोटरसाईकल,कार आदि की पार्किंग किस प्रकार करनी है,कहां करनी है,उसकी पार्किंग से सडक़ पर जाम भी लग रहा है इन सब बातों की किसी को कोई चिंता नहीं क्योंकि प्रत्येक देशवासी आज़ाद जो ठहरा?

इसी प्रकार लड़कियों के मामले में भी भारतीय मर्द ज़रूरत से ज़्यादा स्वतंत्र व मानसिक रूप से पीडि़त या कमज़ोर दिखाई देते हैं। मिसाल के तौर पर विकसित देशों में यदि कोई पति-पत्नी या पुरुष-स्त्री मित्र एक-दूसरे के हाथ में हाथ डालकर सडक़ पर चलते हों तो उनकी ओर वहां कोई मुडक़र भी नहीं देखता। दुनिया के कई देशों के पहनावे ऐसे हैं कि लड़कियां अपनी पूरी टांगें या तो खुली रखती हैं या मात्र ऊंची जुराबें पहनती हैं। उनकी ओर भी देखने का न तो किसी के पास समय है न ही उनके संस्कार ऐसे हैं कि वे मुड़-मुड़ कर ऐसी लड़कियों को देखें। परंतु हमारे देश में लड़कियों के प्रति लोगों का क्या रुख रहता है यह बताने की कोई ज़रूरत ही नहीं है।

आम लोग किसी जवान लडक़ी को संपूर्ण लिबास पहने होने के बावजूद इस प्रकार घूरते रहते हैं जैसे कि वे उसे निगल ही जाना चाहते हैं। लड़कियों के स्कूल व कॉलेज लगने के समय तथा छुट्टी के समय आवारा किस्म के लडक़ों की भीड़ प्रत्येक स्कूल व कॉलेज के आसपास मंडराती देखी जा सकती है। लड़कियों के पीछे सीटियां बजाना, उनपर फब्तियां कसना,चलती सडक़ पर लडक़ी के साथ अश्लील हरकतें करना यह सब इस देश का आम ढर्रा बन चुका है। और यही सिलसिला जब आगे बढ़ता है तो हमें कभी चलती बस व ट्रेन में लडक़ी से छेड़छाड़ या बलात्कार की खबर सुनाई देती है, कभी कार्यालयों में किसी सहकर्मी द्वारा महिला के साथ छेड़छाड़ अथवा बलात्कार के समाचार सुनाई देते हैं। ज़ाहिर है यह सब भी लोगों की आज़ादी का शायद एक हिस्सा बन चुका है। और यह कहने में भी कोई हर्ज नहीं कि इस प्रकार की नकारात्मक सोच संभवत: ऐसी हरकत करने वाले लोगों के संस्कारों में शामिल है।

अभी पिछले दिनों हवाई जहाज़ में किसी झुनझुनवाला नामक एक बुज़र्ग उद्योगपति ने अपने साथ की सीट पर बैठी हुई एक महिला के साथ छेड़छाड़ करनी शुरु कर दी। उस युवती ने दो-तीन बार उसकी हरकतों की अनदेखी भी की। परंतु उस नीच व्यक्ति ने उसके शरीर को छूने व गलत हरकतें करने का सिलसिला जारी रखा। आखिरकार उस महिला की सहनशक्ति जवाब दे गई। और उसने उस उद्योगपति महाशय की उड़ते विमान में सार्वजनिक रूप से ऐसी-तैसी कर डाली। विमान यात्रियों द्वारा यहां तक कि स्वयं उस युवती द्वारा भी उस उद्योगपति को उसकी औकात दिखाए जाने का वीडियो भी बनाया गया जो न केवल टीवी पर प्रसारित हुआ बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब देखा गया। सोचने की बात है कि जिस परिवार का बुज़ुर्ग व्यक्ति और वह भी तथाकथित सम्मानित व प्रतिष्ठित कहा जाने वाला बुज़ुर्ग ऐसी हरकतें करेगा तो क्या उसका असर उसके बेटे व बेटियों पर नहीं होगा? किसी अंजान पुरुष द्वारा किसी अंजान महिला के शरीर को इस प्रकार छूने अथवा उससे ज़बरदस्ती छेड़छाड़ किए जाने का आखिर मकसद ही क्या है? यह एक ऐसी सामान्य त्रासदी है जो बसों,रेलगाडिय़ों,मैट्रो अथवा भीड़भाड़ वाली किसी भी जगह पर सामान्य रूप से देखी जा सकती है जहां कि पुरुष किसी महिला के शारीरिक संपर्क में आने की ज़बरदस्ती कोशिश करते हैं। और यदि महिला खमोशी से उस व्यक्ति के शारीरिक घर्षण को सहन कर जाए तो ऐसे मर्द का हौसला और बढ़ जाता है और वह अपने हाथ से महिला के दूसरे अंगों को छूना अथवा सहलाना शुरु कर देता है।

उपरोक्त बातों से यही सिद्ध होता है कि बलात्कार,छेड़छाड़ अथवा महिला उत्पीडऩ के मामले कानून व्यवस्था से अधिक पारिवारिक संस्कारों से जुड़े मामले हैं। प्रत्येक परिवार के बुज़ुगों को सर्वप्रथम तो स्वयं को अत्यंत संयमित रखने की ज़रूरत है। क्योंकि जब परिवार के बड़े बुज़ुर्ग तथा प्रौढ़ आयु के लोग स्वयं महिलाओं की इज़्ज़त करेंगे,उन्हें बुरी नज़रों से ताकना-झांकना बंद करेंगे तभी उनकी औलादें उनसे कुछ सीख सकती हैं तथा वे भी अपने बच्चों को कुछ समझाने का अधिकार रखते हैं। जिस प्रकार परिवार में लड़कियों पर सख्ती की जाती है तथा उन्हें नियंत्रण में रखने की पूरी कोशिश मां-बाप व भाईयों द्वारा की जाती है ठीक उसी प्रकार प्रत्येक परिवार के लडक़ों को भी लड़कियों के प्रति सचेत करने,उनका मान-सम्मान करने व उन्हें गलत नज़रों से न देखने की शिक्षा बचपन से ही देनी चाहिए।

ज़ाहिर है लडक़ों को मिलने वाली खुली छूट व आज़ादी उन्हें घूमने-फिरने के लिए मिलने वाली बाईक या कारें,खर्च के लिए मिलने वाले पैसे, देर तक या बेवजह घर से बाहर उन्हें घूमते रहने की खुली छूट यह सब बातें उनकी आपराधिक प्रवृति में शामिल होने का कारण बनती हैं। लिहाज़ा नारी पर वार रुकने न रुकने का सीधा संबंध न तो यूपीए सरकार से था और न ही इसके लिए किन्हीं दूसरी सरकारों को दोषी माना जा सकता है। क्योंकि किसी भी व्यक्ति की मानसिकता व उसके इरादों पर नज़र रख पाना किसी भी शासन व्यवस्था के बूते की बात नहीं है। केवल वंश से मिलने वाले संस्कार या उसका सामाजिक परिवेश ही उसे सदाचार व दुराचार के रास्ते पर ले जाते हैं।

:-निर्मल रानी

nirmalaनिर्मल रानी
1618, महावीर नगर
अम्बाला शहर,हरियाणा।
फोन-0171-2535628

 

 

ऑस्ट्रेलियन सीनेट ने अडाणी को दिया नोटिस

Australian Senate notice to Adaniमेलबॉर्न- ऑस्ट्रेलियन ग्रींस प्लांट ने भारत के बड़े बड़े करोबारी गौतम अडाणी के स्वामित्व वाले क्वींसलैंड स्थित 1.6 करोड़ के कोयला प्रोजेक्ट को लेकर सीनेट को जांच के लिए एक नोटिस जारी किया है।

ऑस्ट्रेलिया ग्रींस की सीनेटर लॉरिसा वॉटर ने कहा कि मीडिया में हुए हालिया खुलासों से अडाणी के स्वामित्व वाली एबॉट प्वांट कोल टर्मिनल और कारमाइकल खदान परियोजनाओं में पारदर्शिता की कमी की बात सामने आई है। साथ ही इन पर कर चुकाने में टालमटोल का आरोप भी लगा है।

उन्होंने बताया कि ग्रींस ने हमें तत्काल जांच के लिए कहा है। हम ग्रेट बैरियर रीफ से करोड़ों टन कोयले का निर्यात करने के लिए स्थापित ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी कोयला खदान और बंदरगाह से बातचीत कर रहे हैं।

फायरफॉक्स मीडिया रिपोर्टों की मानें तो ऐसा लगता है कि गौतम अडानी का ऑस्ट्रेलिया की अपनी कोयला कंपनी से संबद्ध कंपनियों पर नियंत्रण नहीं है। उनके बड़े भाई विनोद अडानी अहम पदों पर काबिज हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर पैसों के घपले में विनोद का भी नाम है। आरोप है विनोद ने कथित तौर पर भारतीय निवेशकों के 100 करोड़ रुपए विदेश में अडाणी की तीन कंपनियों में लगाए हैं।

इन आरोपों पर सफाई देते हुए अडानी के प्रवक्ता ने कहा कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। इन कंपनियों के स्वामित्व की संरचनाओं के लिहाज से सभी चीजें ठीक हैं। इन परिसंपत्तियों पर लागू होने वाली धन व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न नियामकों का क्रमश पालन किया गया है।

खुशखबरी : 15 मार्च से फ्री वाई-फाई कनेक्टिविटी

Free Wi-Fi connectivity from March 15नोएडा – नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के यात्रियों के लिए खुशखबरी है। नोएडा अथॉरिटी एक्सप्रेस वे पर 15 मार्च तक वाई-फाई स्पॉट्स सेटअप कर फ्री वाई-फाई कनेक्टिविटी देने की तैयारी कर रही है ।

नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने कहा कि इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के लिए इंस्टॉल किये गए इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल एक्सप्रेस वे पर 23.6 किलोमीटर तक फ्री वाई-फाई देने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह रोलआउट पायलट प्रॉजेक्ट का हिस्सा होगा, और अगर सफल रहा तो इसे नोएडा में दूसरी लोकेशन्स पर भी लाया जाएगा।

नोएडा अथॉरिटी के फाइनैंशल कंट्रोलर जीपी सिंह ने कहा, ‘एक्सप्रेस वे पर सफर करते हुए इंटरनेट ब्राउज करने और डेटा डाउनलोड करने की यह सुविधा 15 मार्च तक आ जाएगी। इसपर काम शुरू कर दिया गया है।’

उन्होंने कहा, ‘हमारी कोशिश है कि एक्सप्रेस वे से आगरा जाने वाले विदेशी टूरिस्ट्स भी इंटरनेट से कनेक्टेड रह सकते हैं। इसके अलावा, वाई-फाई स्पॉट्स टेलिकॉम नेटवर्क्स पर ट्रैफिक का बोझ भी कम करने का काम करेंगे।’

नोएडा अथॉरिटी ने ऐसा ही एक सुझाव 2006 में भी दिया था, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते यह प्रॉजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था। अधिकारियों ने वादा किया है कि इस बार कोई भी दिक्कत नहीं आएगी। सिंह ने कहा, ‘इस बार यह फाइनल है। वाई-फाई ऐक्सेस महामाया फ्लाइओवर के पास एंट्री से, ऐमिटी क्रॉसिंग और परी चौक से प्रोवाइड की जाएगी।’

अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए 60,000 मीटर की ऑप्टिकल फाइबर केबल पहले से ही बिछाई जा चुकी है। नोएडा के सीनियर प्रॉजेक्ट इंजिनियर संदीप चंद्रा ने कहा, ‘हमें वाई-फाई के स्पीडी रोलआउट के लिए बस राउटर लगाने हैं। राउटर्स इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ कनेक्ट कर दिये जाएंगे। फिलहाल नोएडा में 3G है लेकिन 4G केबल्स बिछाई जा रही हैं।’

14 फरवरी को शुरू होगी केजरीवाल की नई “रामलीला”

kejriwal delhi wonनई दिल्ली – दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जबरदस्त जीत के बाद आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल एक बार फिर बतौर सीएम रामलीला मैदान पर शपथ ग्रहण करने जा रहें हैं। केजरीवाल 14 फरवरी को रामलीला मैदान पर शपथ लेंगे। वहीं अब एक बार फिर मैदान में बड़े स्तर पर केजरीवाल की नई पारी की शुरूआत के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

मैदान की मुख्य मंच और इसके चारों ओर आप की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए बुधवार को तैयारियां शुरू कर दी गई। दिल्ली नगर निगम और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी जोर शोर से मैदान को आयोजन के लायक बनाने में जुटे हैं। सूत्रों के अनुसार मैदान में करीब 30 हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। मंच के पास ही करीब चार सौ वीवीआईपी लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। बड़ी संख्या में आप समर्थकों के जुटने की संभावना के मद्देनजर अधिकारियों ने मैदान में खड़े होकर समारोह देखने की व्यवस्था भी की है।

दिसम्बर 2013 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पहली पारी की शुरूआत भी रामलीला मैदान से की थी। 29 दिसंबर, 2013 को केजरीवाल की शपथ ग्रहण समारोह में करीब एक लाख लोग शामिल हुए। वहीं एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक केजरीवाल के साथ छह मंत्री शपथ ले सकते हैं। वहीं ये भी माना जा रहा है कि मनीष सिसोदिया को एक बार फिर शिक्षा और शहरी विकास मंत्री का पद सौंपा जा सकता है।

संचार माध्यम का उपयोग जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए

gram-vaaniजन जन की वाणी यानि ग्राम्वानी – जन जन से जुड़ने और विकास की खबर , कवितायेँ , कहानियां सुनने के लिए जुड़े मध्य प्रदेश मोबाइल वाणी से . मध्य प्रदेश मोबाइल वाणी समाज के अंतिम व्यक्तियों के मुद्दे आम जन , हित धारक , प्रशासन और निति निर्धारक तक पहुँचाना है , विकास के मुद्दों पर सामाजिक स्तर पर विचार विमर्श को बढ़ावा देने की एक पहल है. आम जन समुदाय से जूरी बातें , विकास के मुद्दे पर खबर , लोगों की राय ,इंटरव्यू रिकॉर्ड करने के लिए 08800438555 पर मिस्ड कॉल करें.

उद्देश्य :
ग्राम्वानी का मुख्या उद्देश्य मोबाइल वाणी के जरिये समाज के वंचित तबकों यानी हाशिये पर रह रहे लोगों द्वारा सूचना का आदान- प्रदान मैं गति प्रदान करना . अधिकार के रूप में संचार माध्यम का उपयोग जिंदगी को बेह्टर बनाने के लिए करना है .

मोबाइल वाणी देश के दूर दराज के छेत्रों मैं रह रहे लोगों को मोबाइल वाणी के माध्यम से सूचना पहुँचाने और उनकी विकास के मुद्दे जो कभी भी मीडिया के लिए मुद्दा नहीं होता उन मुद्दों पर समाज को प्रेरित करना की वो अपने मुद्दे पर खुद समाज की और से रिपोर्ट तैयार करें और मोबाइल वाणी के श्रोताओं के साथ साझा करें ताकि उन मुद्दों पर विचार विमर्श शुरू हो और अंतत: उन मुद्दों पर विकास के लिए हितधारक ,प्रशासन, निति निर्धारक ठोस कदम उठाये.

कार्य करने की तरीके :
ग्राम वाणी ग्रामीण छेत्र और छोटे शहरी छेत्रों मैं , सामाजिक संस्थाओं , पंचायतों , स्कूलों कालेजों के माध्यम से समाज के जागरूक लोगों की पहचान करना और उनकी छमता वर्धन कर विकास के मुद्दों पर रिपोर्ट , लेख , इंटरव्यू इत्यादि लेने के लिए तैयार करना और मोबाइल वाणी पर आये ख़बरों को हितधारकों तक पहुँचाने और समज को प्रेरित करना जिससे सामाजिक स्तर पर समुदायों को बदलाव के लिए प्रेरित करना है . ये सभी कार्य करता स्वेक्षिक भाव से समाज के विकास के लिए मोबाइल वाणी का प्रयोग खुद करते हैं और इसके फैलाव के लिए लोगों के साथ सामुदायिक बैठक के माध्यम से और लोगों को इस कार्यक्रम मैं शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं
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मध्य प्रदेश मोबाइल वाणी:
ग्राम्वानी द्वारा सर्व प्रथम मोबाइल वाणी की शुरुआत झारखण्ड राज्य से हुई , कार्यक्रम को मिली अपार सफतलाता के बाद बिहार मैं कार्य कर्म शुरू किया . बिहार मैं भी लोगों का योगदान इतना मिला की आज खुद लोगों ने इस कार्य क्रम को सामुदायिक विकास के लिए अपना लिया और जिसका नतीजा यह हुआ की आज बिहार मोबाइल वाणी का सम्पूर्ण संचालन आज स्वयंसेवक ही कर रहे हैं . मध्य प्रदेश मोबाइल वाणी की शुरुआत तक़रीबन ४ महीने पहले हुई और आज २०० से ज्यादा श्रोता नियमित रूप से कॉल करके सुनते हैं और प्रत्येक दिन ३०-३५ खबरें मोबाइल वाणी पर प्रसारित करते हैं. मोबाइल वाणी पर प्रसारित सभी खबरें जन सरोकारों से जुड़े मुद्दे जैसे विद्यालय की पढाई , गाँव की सफाई , अस्पताल की दवाई , सरकारी योजनाओं की हकीक़त , राशन और किरासन -बुजुर्गों -महिलाओं-बच्चों के स्वास्थ और स्वक्षता , खेती –बारी , नौजवानों के शिक्षा ,रोजगार और कला कौशल इत्यादि होते हैं.

लेखक – सुलतान अहमद

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बिहार मुख्यमंत्री के पद पर आने का मन बना लिया :नीतीश

Nitish-Kumarनई दिल्ली – राष्ट्रपति के सामने विधायकों की परेड कराने दिल्ली पहुंचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने माना है कि सीएम पद से इस्तीफा देना उनकी चूक थी । उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग अब कह रहे हैं कि काम नहीं हो रहे, ऐसे में मैंने दोबारा मुख्यमंत्री का पद संभालने का मन बना लिया है।

नीतीश कुमार ने एक न्यूज़ चैनल  से बात करते हुए कहा, ‘बिहारी की राजनीति को इस हाल में पहुंचाने के लिए पूरी तरह से बीजेपी जिम्मेदार है। बीजेपी निम्न स्तरीय राजनीति कर रही है। बीजेपी चाहती थी कि मुझे बिहार की राजनीति से अलग- थलग करे। इसके लिए साजिश के तहत मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई।’

नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने को एक चूक मानते हुए कहा, ‘सारे काम रुके हुए हैं, लोग बोल रहे हैं कि काम करो। काम नहीं हो रहे हैं। मैंने दोबारा बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर आने का मन बना लिया है। प्रदेश की जनता चाहती है कि मैं काम करूं और मैं इसके लिए तैयार हूं।’

नीतीश ने जीत राम मांझी पर टिप्पणी करने हुए कहा, ‘वह ऐसा व्यवहार करेंगे, इसकी मुझे उम्मीद नहीं थी। मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए पिछले कुछ दिनों से वह जिस तरह के फैसले ले रहे हैं, उसके पीछे दरअसल बीजेपी है।’