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Friday, January 10, 2025
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पाक ने फिर बरसाई गोलियां ,बीएसएफ दे रहा मुंह तोड़ जवाब

bsf 1श्रीनगर [ TNN ] दो दिन की शांति के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर नापाक हरकत करते हुए शनिवार को सीज फायर का उल्लंघन किया। पाक सैनिकों ने पुंछ जिले के केरन सेक्टर में भारतीय सीमा में फायरिंग की है। रक्षा सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी सैनिक दोपहर सवा एक बजे से लगातार फायरिंग कर रहे हैं। पाक सैनिकों द्वारा की जा रही फायरिंग का बीएसएफ माकुल जवाब दे रही है।

गुरूवार और शुक्रवार को सीमा पर तनाव में कमी देखने को मिली थी। शुक्रवार रात को पाकिस्तान की ओर से सीमा पर फायरिंग नहीं की गई थी। गुरूवार रात को पाक सैनिकों ने बीएसएफ की चार चौकियों को निशाना बनाकर फायरिंग की थी। 9 दिनों तक सीमा पर तनाव के बाद पिछले दो दिनों में शांति देखने को मिली थी, लेकिन शनिवार को पाक सैनिकों ने एक बार फिर नापाक हरकत की।

शुक्रवार को इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील की थी और साथ ही भारत को कहा था कि वह सीमा की संवेदनशीलता का सम्मान करे। वहीं पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के अमरावती में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को जवाब मिल चुका है। पाकिस्तान फिर दोबारा से ऎसी हिम्मत नहीं करेगा।

मीडिया चौपाल में शामिल होंगे पत्रकार आमिर खान

aamir sihor

सीहोर  [ TNN ] 11, 12 अक्टूबर को होने वाले मीडिया चौपाल के लिए मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से पत्रकार आमिर खान को चुना गया है ! स्पंदन (शोध, जागरूकता और कार्यक्रम क्रियान्वयन संस्थान) संस्था द्वारा विगत तीन वर्षों से “राष्ट्रीय मीडिया चौपाल” का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष यह आयोजन 11-12 अक्टूबर, 2014 (शनिवार-रविवार) को भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली में किया जा रहा है ।

इस आयोजन स्पंदन (शोध, जागरूकता और कार्यक्रम क्रियान्वयन संस्थान) द्वारा मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय विज्ञान लेखक संघ (ISWA), विज्ञान भारती, इंडिया वाटर पोर्टल, संस्थान आदि के सहयोग से किया जा रहा है ! इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जल संसाधन, नदी विकास एव गंगा पुनरुधार मंत्री उमा भारती सहित कई विशेष अतिथि समम्लित होंगे।

इस कार्यक्रम में पहले दिन मीडिया विषय पर चर्चा होगी और दूसरे दिन नदियों की रक्षा पर गहन चर्चा होगी। जिसमें देश भर के जाने माने पत्रकार सम्मिलित होते रहे है। जिस में सीहोर जिले से पत्रकार आमिर खान को भी चुना गया है ! आमिर को अपने विचार रखने के लिए दिल्ली में आयोजित होने वाले मीडिया चौपाल के लिए आमंत्रण किया गया है । आमिर खान के चुने जाने पर अंचिलिक क्षेत्रीय जिला पत्रकार संघ सीहोर व श्रमजीवी पत्रकार संघ सीहोर ने बधाई दी !

VIP नंबरों की नीलामी : 12.5 लाख में बिका 0001

Delhi e-auction attracts high prices for fancy numbers

नई दिल्ली [ TNN ] गाड़ियों के फैंसी, वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन ऑक्शनिंग के आखिरी दिन शुक्रवार को ट्रांसपोर्ट विभाग 29 वीआईपी नंबर बेचने में कामयाब रहा और इससे विभाग के खाते में 72,40,000 रुपए जमा हुए। इस तरह से ऑक्शनिंग का पहला दौर खत्म हुआ।

जैसी उम्मीद की जा रही थी, सबसे ज्यादा ऊंची बोली सबसे वीआईपी नंबर 0001 के लिए ही लगाई गई। वैसे भी ट्रांसपोर्ट विभाग ने इस नंबर का बेस प्राइज या मिनिमम रिजर्व वैल्यू 5 लाख रुपए तय की थी लेकिन ऑक्शनिंग में यह नंबर 12,50,000 रुपए में बिका। सबसे कम दाम में 8888, 0900 और 0222 नंबर बिके। इन सभी नंबरों के लिए मिनिमम रिजर्व वैल्यू 1 लाख रुपए तय की गई थी और ये तीनों नंबर इतने ही रुपए में बिक सके। ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह ऑक्शनिंग का पहला दौर था। अभी लोगों को इस बारे में जानकारी भी कम है।

धीरे-धीरे ऑक्शनिंग में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी और तीसरे राऊंड के बाद ज्यादा लोग इसमें पार्टिसिपेट करने लगेंगे और विभाग को भी ज्यादा आमदनी हो सकेगी। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पहले राऊंड की ऑक्शनिंग के लिए 140 वीआईपी नंबरों की लिस्ट उनके न्यूनतम रिजर्व प्राइज के साथ जारी की गई थी। ऑक्शनिंग में हिस्सा लेने के लिए 127 लोगों ने विभाग की वैबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराया था और उनमें से कुल 41 लोगों ने फाइनल बिडिंग में हिस्सा लेने के लिए बेस प्राइज की राशि के ड्राफ्ट ट्रांसपोर्ट विभाग के पास जमा कराए थे।

हालांकि मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को हुई फाइनल बिडिंग में इनमें से केवल 29 लोगों ने ही हिस्सा लिया और बोली लगाकर 29 वीआईपी नंबर हासिल किए। बिडिंग की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन तरीके से हुई और इस दौरान किसी तरह की कोई तकनीकी दिक्कत नहीं आई। जो लोग सबसे ज्यादा बोली लगाकर नंबर हासिल करने में सफल रहे, उन सभी के यूनीक एकनॉलेजमेंट नंबर के आधार पर अब ट्रांसपोर्ट विभाग उन लोगों को सेंक्शन लैटर जारी करेगा, जिसके बाद बोली में बताई गई रकम जमा करवा के लोग अपनी गाड़ी के लिए वीआईपी नंबर का रजिस्ट्रेशन हासिल कर सकेंगे।

ऑक्शनिंग का दूसरा राऊंड अब दीपावली के बाद आयोजित किया जाएगा, जिसमें उन बचे हुए नंबरों को भी फिर से रखा जाएगा, तो पहले राऊंड की ऑक्शनिंग में नहीं बिक सके। महंगे दामों में बिके नंबर और उनके बेस प्राइज रजिस्ट्रेशन नंबर इतने में बिका (बेस प्राइज) 0001 12,50,000 (5 लाख) 0009 8,25,000 (3 लाख) 0007 5,55,000 (3 लाख) 9999 3,20,000 (2 लाख) 0005 3,15,000 (3 लाख) 0006 3,00,000 (3 लाख) 0786 2,10,000 (2 लाख)

 

उद्धव की दहाड़ , चूहे नहीं बाघ हैं फाड़कर रख देंगे

udhav thakre tigerमुंबई [ TNN ] बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से शिवसेना को चूहा कहने के बयान पर शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने करारा जवाब दिया है। उद्धव ने पुणे की चुनावी सभा में कहा कि शिवसैनिक चूहे नहीं हैं, वे असली बाघ हैं और चुनाव में पेट फाड़कर अंतड़ी बाहर निकाल देंगे।

उद्धव ने अमित शाह के संदर्भ में एक बार फिर अफजल खान का उदाहरण देते हुए कहा कि अफजल खान भी छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘पहाड़ी चूहा’ कहता था। जब अफजल खान शिवाजी महाराज को पकड़ने आता था, तो शिवाजी के सैनिक चुपके से हमला करके पहाड़ों में गुम हो जाते थे। उसी अफजल खान का शिवाजी महाराज ने वाघनख हथियार से पेट फाड़ दिया था।

उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘महाराष्ट्र की जनता ने अमित शाह की चुनौती स्वीकार कर ली है और वह 15 अक्टूबर को इसका फैसला कर देगी कि कौन चूहा है, कौन बाघ है। अमित शाह 19 अक्टूबर को जनता का फैसला सुनने के लिए तैयार रहें।’ उन्होंने कहा, ‘शिवसेना का मुख्यमंत्री कभी दिल्ली के सामने नहीं झुकेगा। महाराष्ट्र के स्वाभिमान से कभी कोई समझौता नहीं करेगा। इस चुनाव में मराठी माणुस बता देगा कि छत्रपति का आशीर्वाद महाराष्ट्र में किसके साथ है।’

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को सिल्लोड़ की चुनावी सभा में कहा था कि जिस चूहे को बाघ बनाया, वही चूहा अब उसे बाघ बनाने वाले को खाने निकला है। अमित शाह ने यह टिप्पणी एक कहानी के माध्यम से कही थी। उन्होंने कहा था कि एक महात्मा की कृपा से एक चूहा बाघ बन गया और बाघ बनकर जैसे ही वह चूहा महात्मा को खाने के लिए उठा, तो महात्मा ने उसे फिर चूहा बनाकर उसे उसकी औकात बता दी। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में यही स्थिति है। चुनाव के रूप में चूहे को उसकी औकात बताने का मौका मिला है।

शिवसेना पर टिप्पणी न करने के फैसले के बाद शिवसेना के लगातार शाब्दिक हमलों से बीजेपी के नेता बेचैन हो रहे हैं। उनका धैर्य जवाब दे रहा है। अमित शाह का बयान इसी बेचैनी का परिणाम है। शाह के अलावा बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने भी गुरुवार को उद्धव ठाकरे को ‘मातोश्री की मर्यादा’ में रहने की नसीहत दी थी। जैसे-जैसे चुनाव का दिन नजदीक आ रहा है और चुनावी सर्वेक्षणों में बीजेपी को बहुमत के करीब बताया जा रहा है, बीजेपी के हौसले बुलंद हो रहे हैं। वह शिवसेना पर अटैक और तेज कर सकती है।

नवाज न रहे शरीफ पाक सेना को कहा वो मारे तो तुम भी मारो

Nawaz Sharif Pak Army Orderइस्लामाबाद [ TNN ] भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान की फायरिंग पर कड़ा रुख अपनाने के कथित दावों और भारतीय सेना को दिए गए निर्देशों के बीच काउंटर पार्ट यानी पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने भी कुछ ऐसे ही सुर अपना लिए हैं। पाकिस्तान के एक अखबार डेली टाइम्स के मुताबिक, नवाज शरीफ ने पाकिस्तान की सेना को आदेश दिया है कि भारत के साथ ‘जैसे को तैसा’ का व्यवहार किया जाए।

शुक्रवार को नवाज शरीफ की अध्यक्षता में पाकिस्तान की नैशनल सिक्यॉरिटी कमिटी (एनएससी) ने बैठक के बाद कहा कि अगर देश के सम्मान और संप्रुभता को किसी भी तरह की चुनौती पेश की गई, तो ऐसे किसी भी देश के साथ युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि कमिटी की बैठक में स्पष्ट किया गया कि किसी भी स्थिति में आखिरी कोशिश युद्ध को टालने की ही रहेगी क्योंकि इससे केवल विनाश और तबाही ही मिलती है।

पाकिस्तान की एनएससी ने साफ तौर पर युद्ध की आशंकाओं का खारिज किया, साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना पूरब के पड़ोसी (भारत) के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है। एनएससी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘भारत के साथ युद्ध कोई ऑप्शन नहीं है। हालांकि हमारी सेना अपने देश के खिलाफ होने वाले किसी भी हमले से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।’

सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने अपनी सेना की क्षमता पर पूरा भरोसा जताया है। उनके अनुसार, ‘बैठक के दौरान नवाज शरीफ ने सेना की न केवल सराहना की बल्कि भारत के खिलाफ ‘जैसे को तैसा’ की रणनीति पर काम करने का आदेश दिया।’ सूत्र ने बताया कि नवाज शरीफ ने यह भी कहा कि दोनों देश के नेताओं को हालिया तनाव खत्म करने की दिशा में गंभीरता से सोचना होगा।

नवाज शरीफ के साथ इस उच्च स्तरीय बैठक में गृहमंत्री चौधरी निसारी अली खान, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर सरताज अजीज, सेना अध्यक्ष राहिल शरीफ के अलावा सेना के अन्य बड़े अधिकारी भी शामिल रहे। डेली टाइम्स के मुताबिक इस बैठक में एलओसी पर भारतीय सेना की तरफ से की जा रही फायरिंग से उपजे हालात पर काफी गंभीरता से चर्चा की गई। भारत की फायरिंग में पाकिस्तान की नागरिकों और सैनिकों की हुई मौत पर गहरा दुख जताया गया।

सेल्समेन से की मारपीट ,लुट लिए 50 हजार

khandwaखंडवा [TNN ] खंडवा के खालवा बलॉक में लखनपूर के बंदी सहकारी समिति रासन दुकान के सेल्समेन के साथ देर शाम मारपीट कर लूट का मामला सामने आया है सेल्समैन जब दुकान से घर जा रहा था तब ही रस्ते में बाइक सवार आरोपियों ने उसके साथ मारपीट कर लूट लिया ।

सेल्समैन जयनारायण पिता रामप्रसाद पाटिल निवासी रोशनी एवं सहायक शीतल पिता हरीसिंह भदौरिया बाइक से करीब शाम 5 बजे घर आ रहे थे रास्ते में बाइक सवार तीन युवको ने जयनारायण पर लोहे की राड से हमला कर दिया अचानक हमले से जयनारायण व शीतल जमीन पर जा गिरे आरोपियों ने मारपीट कर करीब 50 हजार रूपये छीन कर भाग निकले घटना की पुलिस को करीबन 2 घंटे बाद सुचना मिली ।

हरसूद एसडीओपी मनोहर गवली ने बताया की जयनारायण को गंभीर छोटे आने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया हे अज्ञात आरोपियों के खिलाप लूट का मामला दर्ज किया ।

खाद्य अधिकरी एसआर कोटरे एवं अन्य राशन दुकानों के सेल्समैन ने अस्पताल पहुंच कर घायलों का हल चल जाना । वाही घायल शीतल का कहना है की बदमाशों ने जयनारायण पर गोली भी चलाई थी और वह सुपारी लेकर जान से मरने की भी बात कर रहे थे।

रिपोर्ट :- जावेद खान

72 साल के हुए महानायक अमिताभ बच्‍चन

India Amitabh Bachchanअपने अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों राज करनेवाले अमिताभ बच्‍चन आज 72 साल के हो गये. उनका जन्म 11 अक्‍टूबर 1942 को हुआ. अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड का महानायक कहा जाता है. अमिताभ ने अभिनेत्री जया भादुड़ी से शादी की. इनके दो संतान हैं, श्वेता नंदा और अभिषेक बच्चन. अमिताभ फिल्‍मी दूनिया में बिग बी के नाम से भी जाने जाते है.

उनके पुत्र अभिषेक बच्चन भी शानदार अभिनेता हैं और उन्होंने कई हिट फिल्में दी है जिसमें धूम की पूरी सीरिज का शानदार उदाहण हमारे सामने है. अभिषेक बच्चन का भी विवाह जानीमानी एक्‍ट्रेस ऐश्वर्या राय के साथ हुआ है. बिग बी ने अपने फिल्‍मी करियर की शुरूआत ख्‍वाजा अहमद अब्‍बास की फिल्‍म ‘सात हिंदुस्‍तानी’ से की थी. इस फ़िल्म को वित्तीय सफ़लता तो नहीं मिली लेकिन इस फ़िल्म के लिए बिग बी को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक का पुरूस्कार मिला.

वर्ष 1971 में आई फिल्‍म ‘आनंद’ में काम किया. इस फिल्‍म में राजेश खन्‍ना भी थे जो उस समय के लोकप्रिय कलाकार माने जाते थे. इस फिलम को दर्शकों ने खासा पसंद किया. फिल्म में रोजश खन्‍ना ने कैंसर पीडित व्‍यक्ति का रोल निभाया था. इस फिल्‍म के लिए बिग बी को सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला. बिग बी ने फिल्‍म ‘गुड्डी’ में मेहमान कलाकार की भूमिका निभाई. इस फिल्‍म में जया भादुडी और धर्मेंद मुख्‍य भूमिकाओं में थे. फिल्‍म ‘शोले’ के अमिताभ की सबसे ज्‍यादा कमाई करनेवाली फिल्‍म थी. इस फिल्‍म ने 2,36,45,00000 की कमाई की थी.

वर्ष 1973 में प्रकाश मेहरा के निर्देशन में बनी फिल्‍म ‘जंजीर’ (1973) में बिग बी ने इंस्‍पेक्‍टर विजय खन्‍ना की भूमिका निभाई थी जिसे दर्शकों ने खासा पसंद किया. इस फिल्‍म से बिग बी के करियर में एक नया मोड आया. बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाने वाले एक जबरदस्त अभिनेता के रूप में यह उनकी पहली फिल्म थी. इस फिल्‍म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्‍ठ पुरूष कलाकार फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए मनोनीत किया गया. हृषिकेश मुखर्जी के निदेर्शन तथा बीरेश चटर्जी द्वारा लिखित फिल्‍म ‘नमक हराम’ में बिग बीको विक्रम की भूमिका मिली जिसमें दोस्ती के सार को प्रदर्शित किया गया था.

राजेश खन्ना और रेखा के विपरीत इनकी सहायक भूमिका में इन्हें बेहद सराहा गया और इन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार का फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया. इनके अभिनय ने इन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार दिलवाए और इनके आलोचकों ने ‘त्रिशूल’ और ‘मुकद्दर का सिकंदर’ जैसी फिल्मों में इनके अभिनय की प्रशंसा की तथा इन दोनों फिल्मों के लिए इन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला. अमिताभ उस समय तक दर्शकों के दिलों में छाने लगे थे.

बिग बी को फिल्‍म ‘मि० नटवरलाल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार पुरुष पार्श्‍वगायक का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार मिला. इस फिल्‍म में अपनी सहयोगी कलाकार रेखा के साथ काम करते हुए उन्‍हें एक गाना खुद ही गाना पडा. वर्ष 1981 में बिग बी ने ‘सि‍लसिला’ फिल्‍म की. इस फिल्‍म में रेखा और अमिताभा साथ-साथ नजर आए थे. इस फिल्‍म में जया ने अमिताभ की पत्‍नी और रेखा ने उनकी प्रेमिका का किरदार निभाया था. इस फिल्‍म से पहले रेखा और अमिताभ के प्रेम की खबरें जोरों पर थी. ये फिल्‍म रेखा और अमिताभ की आखिरी फिल्‍म थी.

वर्ष 1990 में बिग बी को फिल्‍म ‘अग्निपथ’ में डॉन की यादगार भूमिका के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला. बिग बी को फिल्‍म ‘बागबान’ के दर्शकों को जबरदस्‍त रिस्‍पांस मिला. फिल्‍म में अमिताभ के साथ हेमा मालिनी नजर आई थी. ‘कभी खुशी कभी गम’, मोहब्‍ब्‍तें, कभी अलविदा न कहना, बडे मियां छोटे मियां, सूर्यवंशम, खुदागवाह ब्‍लैक, सरकार और खाकी जैसी हिट फिल्‍में दी.फिलहाल अमिताभ सोनी टीवी पर प्रसारित होनेवाले शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की मेजबानी कर रहें है.

क्या आप 10वीं पास या 12वीं पास है तो यहाँ मिलेंगी आप को नौकरी

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राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल (हरियाणा) में विभिन्न रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। इन पदों पर भर्ती हेतु भारतीय नागरिकों से आवेदन पत्र मंगाए गए हैं।

इन पदों में तकनीशियन, तकनीकी सहायक व क्लर्क के पद शामिल हैं। इन पदों को भरने की शैक्षिक योग्यता पदों के अनुसार अलग-अलग रखी गई है। तकनीशियन के पदों के लिए 10वीं पास व तकनीकी प्रमाणपत्र, तकनीकी सहायक के लिए कृषि तथा पशुपालन में स्नातक व क्लर्क के पदों के लिए 12वीं पास शैक्षिक योग्यता निर्धारित की गई है।

क्लर्क के पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास कंप्यूटर से संबंधित प्रमाणपत्र व कंप्यूटर पर टाइप का ज्ञान होना अनिवार्य है। इन पदों के लिए आयु सीमा 18 से 30 वर्ष निर्धारित की गई है।

केवल क्लर्क के पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 27 वर्ष है। आयु की गणना 3 नवंबर, 2014 से की जाएगी। आरक्षित वर्ग को अधिकतम आयु सीमा में छूट प्रदान की गई है। तकनीशियन, तकनीकी सहायक व क्लर्क के पदों के लिए 5200 से 20,200 रुपये वेतनमान निर्धारित किए गए हैं।

इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा, प्रयोगात्मक परीक्षा व साक्षात्कार के माध्यम से किया जायेगा। अभ्यर्थियों को क्लर्क के पदों के लिए कंप्यूटर पर अंग्रेजी में 35 शब्द प्रति मिनट तथा हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट की टाइप परीक्षा गति उत्तीर्ण करनी होगी।

उम्मीदवारों का अंतिम चयन मेरिट के अनुसार किया जायेगा। आवेदन पत्र को अभ्यर्थी केवल ऑफलाइन तरीके से भर सकते है। इन पदों के लिए आवेदन शुल्क के रूप में 100 रुपये का डिमांड ड्रॉफ्ट निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से जमा करना होगा।

आवेदन पत्र को पूर्णरूप से भरकर आवश्यक दस्तावेजों व डीडी के साथ ‘वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, स्था.-II (तकनीकी) अनुभाग, राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (भा.कृ.अनु.प.) करनाल-132001’ के पते पर भेजें। आवेदन पत्र पहुंचने की अंतिम तिथि 03 अक्टूबर, 2014 है। आवेदन पत्र तथा अन्य आवश्यक जानकारी व निर्देश के लिए उम्मीदवार www.ndri.res.in/ पर लॉग ऑन करें।

 

’ हुदहुद ’ से निपटने के लिए रक्षा बल पूरी तरह तैयार

' hudhud 'defense forces are fully prepared for combatनई दिल्ली [ TNN ] भारतीय रक्षा बलों ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट पर भयावह चक्रवाती तूफान की शक्ल ले रहे ’ हुदहुद ’ से निपटने के लिए अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है। सेना ने जरूरत पड़ने पर राहत एवं बचाव कार्यों को सही ढंग से अंजाम देने के लिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल स्थित अपने कार्यालयों के साथ-साथ एयर डिफेंस कॉलेज को भी मुस्तैद कर दिया है।

भारतीय नौसेना ने भी संभावित राहत एवं बचाव कार्य के लिए ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश के चिल्का एवं विशाखापत्तनम समेत अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी परिसंपत्तियों एवं कार्मिकों को तैनात कर दिया है, जिसके लिए क्रमशः ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश स्थित नौसेना के प्रभारी अधिकारी सही तालमेल बिठाने का काम करेंगे। भारतीय नौसेना ने बचाव/राहत कार्य के लिए जेमिनी क्राफ्ट एवं उससे संबंधित उपकरणों के साथ 30 गोताखोर टीमों, 20 बचाव दलों, डिजास्टर ब्रिक्स व मेडिकल स्टोर के साथ चार जहाजों, चार हेलिकॉप्टरों और अनेक चिकित्सा टीमों को विशाखापत्तनम में तैनात कर दिया है।
भारतीय वायु सेना ने भी जरूरत पड़ने पर राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्यों को सही तरीके से अंजाम देने के लिए तैयारी कर ली है। ढुलाई से जुड़े कार्यों को अच्छी तरह से पूरा करने के लिए आईएएफ ने एक आईएल-76, एक सी-17 और दो एएन-32 विमानों को क्रमशः चंडीगढ़, दिल्ली और जोरहट में तैयार रखा है। यही नहीं, बचाव कार्यों को ध्यान में रखते हुए भारतीय वायु सेना ने हैदराबाद में तीन चेतक, बैरकपुर में मध्यम-हल्के वजन वाले दो हेलिकॉप्टरों और नागपुर एवं रांची में मध्यम-हल्के वजन वाले दो हेलिकॉप्टरों को आपातकालीन उपयोग के लिए तैयार रखा है।

भारतीय तटरक्षक बल ने भी बचाव एवं राहत कार्यों को मुस्तैदी के साथ करने के लिए पूर्वी एवं पूर्वोंत्तर क्षेत्रों में 17 जहाजों, दो एयर कुशन वेसल्स (एसीवी) और नौ विमानों को तैनात कर दिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जा सके। 17 जहाजों में से 6 जहाजों एवं 5 विमानों को चेन्नई में, 6 जहाजों को काकीनाडा में, 3 जहाजों को विशाखापत्तन में, 4 जहाजों को पारादीप में और एक जहाज, दो एसीवी तथा चार विमानों को हल्दिया में तैनात किया गया है।

चक्रवाती तूफान ’हुदहुद’ की चाल पर निरंतर करीबी नजर रखी जा रही है और रक्षा बलों को इस बारे में नियमित तौर पर जानकारी दी जा रही है।

 

 

मुजफ्फरनगर: पुलिस वाहन पर हमला, सिपाही शहीद

attack-on-police-मुजफ्फरनगर [ TNN ] मुजफ्फरनगर में पेशी से कैदियों को लेकर बुलंदशहर लौट रहे पुलिस वाहन पर शुक्रवार को अत्याधुनिक हथियारों से लैस बदमाशों ने हमला कर दिया, जिसमें एक सिपाही शहीद हो गया, जबकि एक कैदी समेत दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। सूचना पर एसएसपी, डीएम और आईजी ने भी मौके पर मामले की जानकारी ली। उधर, देर रात हमलावरों की एक सफारी शाहपुर क्षेत्र के जंगल से बरामद हो गई है।

मुजफ्फरनगर के गांव छपार में दो साल पहले हुई संजीव त्यागी की हत्या में नामजद हत्यारोपी छपार निवासी रोबिन त्यागी पुत्र ब्रिजेश त्यागी, उसका भाई गिरीश मोहन त्यागी और चचेरा भाई अमन पुत्र धनेश त्यागी इन दिनों बुलंदशहर कारागार में बंद हैं। शुक्रवार को एडीजे पंचम की कोर्ट में उनकी पेशी थी।

बुलंदशहर पुलिस लाइन से दारोगा उधम सिंह, सिपाही नरेंद्र सिंह, मलखान सिंह, प्रदीप कुमार, चालक कांस्टेबल लाल बाबू तीनों बंदियों को पुलिस अभिरक्षा में मुजफ्फरनगर पेशी पर लाए थे। दुपहर बाद उक्त सभी पुलिसकर्मी तीनों को पुलिस वाहन से लेकर लौट रहे थे।
वहलना चौक से शहर कोतवाली में तैनात सिपाही बुलंदशहर के गांव पचौंडा निवासी गजेंद्र भी पुलिस वाहन में सवार हो गया। गजेंद्र दो दिन के अवकाश पर घर जा रहा था। करीब पौने चार बजे पुलिस वाहन नेशनल हाईवे पर धोला पुल के पास पहुंचा, तभी बोलेरो और टाटा सफारी कारों में सवार बदमाशों ने पुलिस वाहन पर एके-47 और पिस्टल आदि अत्याधुनिक हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग कर दी।

हमलावर चंद मिनटों में ही गोलियां बरसा कर फरार हो गए। फायरिंग में सिपाही नरेंद्र, गजेंद्र, दारोगा उधम सिंह और विचाराधीन कैदी रोबिन त्यागी गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस कर्मियों ने अन्य वाहनों को रुकवा कर दोनों सिपाहियों को जिला अस्पताल भिजवाया।

दारोगा और कैदी रोबिन को बेगराजपुर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। जिला चिकित्सालय में सिपाही नरेंद्र को मृत घोषित कर दिया गया और गंभीर रूप से घायल गजेंद्र को मेरठ रेफर किया गया।

छपार की रंजिश से जुड़ी प्रत्येक वारदात में स्वचालित हथियारों का प्रयोग किया गया है। वर्ष 2012 में संजीव त्यागी की हत्या से लेकर शुक्रवार को अंजाम दी गई वारदात तक प्रत्येक घटना में एके-47 का प्रयोग हुआ। छपार की रंजिश से चर्चाओं में आए रोबिन त्यागी की बिजनौर में मारे जा चुके नंदू उर्फ रावण की जेल में मुलाकात हुई थी। छपार की रंजिश में संजीव त्यागी की हत्या का सारा ताना-बाना भी रोबिन और रावण ने जिला कारागार में ही रचा था।

पुलिस वाहन पर अत्याधुनिक हथियारों से लैस बदमाशों के हमले से पुलिस भी सहम गई। मौत सामने देख पुलिस ने हथियार उठाने की कोशिश की, लेकिन ऐन वक्त पर सरकारी असलहे जवाब दे गए। घायल दारोगा की पिस्टल नहीं चली। एसएसपी ने बताया कि मौके से मिले खोखे एके-47 के हैं। छपार की गैंगवार के चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया है।

शांति के नोबल के साथ शांत पड़ी सीमा पर बंदूकें

BSFनई दिल्ली [ TNN ] भारत और पाकिस्तान के शांति के नोबेल प्राइज शेयर करने के दिन सीमा पर 9 दिनों से चल रही तनातनी के बाद बंदूकें शांत पड़ गई हैं। गुरूवार और शुक्रवार रात को जम्मू में 190 किलोमीटर लंबी भारत-पाक सीमा पर तनाम में कमी देखने को मिली और किसी तरह की कोई भारी गोलीबारी नहीं की गई। गुरूवार रात को पाक सैनिकों ने कठुआ में बीएसएफ की चार चौकियों को निशाना बनाकर फायरिंग की थी। यह फायरिंग 20 मिनट के लिए चली और उसके बाद पाकिस्तान की ओर से किसी तरह की फायरिंग नहीं की गई। पिछले तीन दिनों से एलओसी पर भी शांति देखने को मिली है।

बीएसएफ के अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान फायरिंग नहीं कर रहा है तो हमने भी हमारी बंदूकें शांत कर दी हैं, हम लोग पहले भी कह रहे थे कि हम लोग केवल पाकिस्तानी फायरिंग का जवाब दे रहे हैं।

इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील की थी और साथ ही भारत को कहा था कि वह सीमा की संवेदनशीलता का सम्मान करे।

मंगलवार और बुधवार को भारत और पाकिस्तान के बीच भारी गोलीबारी हुई थी। पाकिस्तान ने बीएसएफ की 60 चौकियों पर गोलीबारी की और भारत ने पाकिस्तान की ओर करीब 1000 मोर्टरार दागे थे। दोनों देशों में सीज फायर के समझौते के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी गोलीबारी हुई थी। नौ दिनों तक चली इस तनातनी में आठ लोगों की मौत हो गई और करीब 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

हरियाणा चुनाव : हेमा मालिनी के नाम पर जुटाई भीड़

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चूरू [ TNN ] चुरू जिले की सीमा से सटे मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर हरियाणा के भिवानी जिले की विधान सभा लोहारू के क़स्बा सिवानी में आज लोग भाजपा द्वारा आयोजित की गयी एक जनसभा में भाजपा नेत्री एवं एक समय ड्रीम गर्ल के रूप में लोगों के दिलों पर राज करने वाली भाजपा सांसद हेमा मालिनी को देखने के लिए घंटों छुट भैये नेताओं के भाषण सुनते रहे . परन्तु बार बार के “अभी आने वाली हैं “ के उधघोष के बावजूद जनता को निराश ही लोटना पड़ा । 

आयोजकों द्वारा हेलिकोप्टर खराबी के नाम पर पल्ला झाड़ने के प्रयास पर लोगों ने सिटी बजाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया कल गुरुवार को भी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आगमन का प्रचार करके लोहारू विधान सभा के क़स्बा बहल में भाजपा द्वारा आयोजित की जाने वाली रैली को भी असफलता का मुंह देखना पड़ा था । आयोजकों ने गुरुवार की रैली में वसुंधरा राजे के न आने के लिए हरियाणा की कांग्रेस सरकार द्वारा राजे के हेलीकाप्टर को उतरने की अनुमति न मिलने का कारण बताया था । 

सिवानी की जनसभा शुक्रवार को सायं भाजपा के उम्मीदवार जे पी दलाल द्वारा आयोजित की गयी थी । चुरू सांसद राहुल कस्वां ने रैली में शिरकत की तथा लोगों से भाजपा को भारी बहुमत से जिताने की अपील की . पूर्व जिला पार्षद एवं इनेलो को छोड़ कर हाल में भाजपा में शामिल हुई सरोज सिहाग भी स्टेज पर उपस्थित थी । रैली स्थल पर हेमा मालिनी के चित्र लगाकर लोगों को आकर्षित किया गया था ।

रिपोर्ट – जग मोहन ठाकन

यहा औरतों भेजती है मर्दो को शादी का बुलावा

Brazil Carnival

दक्षिण पूर्व ब्राजील के नोयवा डी कॉरडेरियो में एक ऎसा कस्बा है जो बेहद आकर्षक होने की वजह से स्थानीय क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इस कस्बे में 600 से अधिक सुंदर महिलाएं रहती हैं जिनकी उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच है। आप सोच रहे होंगे जब यहां सालों से कोई मर्द नहीं रहता तो इतनी लड़कियां कहां से आई।

दरअसल, 1890 में एक लड़की को जबरन ऎसे लड़के से शादी करने को मजबूर किया जिससे वह प्यार नहीं करती थी। ऎसे में उसने गुस्से में आकर अपना घर छोड़ दिया और यहां आकर बस गई। उस समय यह मैदानी इलाका था जहां कोई नहीं रहता था। जिसमें चर्च हुआ करते थे किसी के साथ ना रहने की सोच से यह महिला यहां बस गई।

चर्च के लोगों के साथ मिलकर इस महिला ने इस पूरी जगह को बसा दिया। जैसे ही कुछ अन्य औरतों को इसका पता चला, वो भी यहां आकर बसती चली गई जिनमें कई औरतें ऎसी थी जिनको मर्द जात से नफरत करती थी।

या तो केवल वह अकेले रहना चाहती थी या फिर अपने बच्चों को अकेली ही बड़ा करना चाहती थी। ऎसी औरतों ने मिलकर इस पूरे इलाके को बसा दिया। ये महिलाएं अकेली कई गज जमीन में खेती करती हैं और जरूरत के बाकी सब काम भी। ये ऎसा कस्बा हैं जिसमें औरतें अपने मंशा से सप्ताहभर में अपने पुरूष मित्रों को बुला सकती है और दो दिन तक उनके साथ रह सकती हैं।

इसलिए कुछ गिनती के पुरूष ही यहां आते और एक-दो दिन में लौट जाते है। लेकिन बड़े तौर यह देखा जाए, तो यहां केवल महिलाएं ही रहती हैं। हैरानी की बात यह है कि यहां रहने वाली सभी महिलाएं और लड़कियां बेहद खूबसूरत है।

यहां रहने वाली कई लड़कियां अब बड़ी हो चुकी हैं और उन्हें पुरूष मित्र की तलाश हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह इस कस्बे को नहीं छोड़ना चाहती। यहां की लड़कियों का कहना है कि वह डेटिंग करना चाहती और घर बसानी चाहती हैं, लेकिन वह ऎसे पतियों की तलाश में जो इसी शहर में रहने की इजाजत दे। यहां की 600 में से 300 औरतों ने योग्य मर्दो को शादी का बुलावा भी भेजा है। जिससे बात बनती दिखेगी, ये लड़कियां उन लड़कों से शादी रचा लेंगी।

चैटिंग पर दूसरो से करती थी बात पेंचकस घोंपकर मार डाला

meerut-murder-5436de7a086b9_exlstमेरठ [ TNN ] मेरठ कॉलेज के प्रोफेसर की बेटी की हत्या बड़ी ही दरिंदगी से की गई। गला घोंटने के बाद उसके चेहरे को पेंचकस से बुरी तरह गोदा गया है। दूसरे समुदाय के एक युवक से दोस्ती से नाराज होकर छात्रा के ही दोस्त सावन जैन ने इस हत्या को खूंखार तरीके से अंजाम दिया।आज तुमसे कुछ बात कहनी है, उसके बाद कभी नहीं बोलूंगा।उन लोगों से  फोन पर चैटिंग और बातचीत के बारे में भी कुछ नहीं कहूंगा। सावन ने दोस्ती की दुहाई देकर इन्हीं चिकनी चुपड़ी बातों से दिवोल्का को बुला लिया और मौत के घाट उतार दिया।

छात्रा की दो अन्य छात्रों से भी फेसबुक पर चैटिंग होने लगी। इसका पता लगने पर ही एकतरफा प्यार में पागल सावन ने छात्रा को मारने की साजिश रच ली। उसने कई बार छात्रा को मना भी किया था कि उसके अलावा किसी से बात न  किया करें , छात्रा ने इसे अनसुना कर दिया था। इसके बाद ही उसने ऐसी चालाकी से प्लानिंग बनाई कि छात्रा उसके खूंखार इरादे को भांप नहीं सकी। छह अक्तूबर की शाम सावन जैन ने दोस्ती की दुहाई देकर छात्रा से फोन पर कहा था कि प्लीज एक बार मिल लो। छात्रा उसके झांसे में आ गई और स्कूटी से सावन के साथ दिल्ली दून हाईवे पर चली गई। स्कूटी सावन ही चला रहा था। इसके बाद छात्रा की हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया।छह अक्तूबर से अपह्त चल रही छात्रा की तलाश में जुटी पुलिस ने एक युवक की सूचना पर बृहस्पतिवार सुबह सरधना के जंगल से शव बरामद किया है। छात्रा के परिजनों ने आईजी जोन और एसएसपी के साथ मौके पर पहुंचकर शव की शिनाख्त की है। दुष्कर्म की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

गौरतलब है कि मूल रूप से जौनपुर निवासी प्रदीप कुमार यादव मेडिकल थाना क्षेत्र स्थित मोती प्रयाग कॉलोनी में परिवार सहित रहते हैं। वे मेरठ कॉलेज में प्रोफेसर हैं। उनकी पत्नी रूबी यादव भी प्रोफेसर हैं। छोटी बेटी दिवोल्का उर्फ काकू वेस्ट एंड रोड स्थित एमपीएस कॉलेज में 12वीं की छात्रा थी। सोमवार शाम वह स्कूटी से नौचंदी थाना क्षेत्र में नई सड़क पर ट्यूशन पढ़ने गई थी। इसके बाद वह घर नहीं लौटी। रात साढ़े आठ बजे पिता ने नौचंदी थाने में तहरीर दी।आधा घंटा बाद ही छात्रा की स्कूटी दिल्ली-दून हाईवे पर दौराला थाने के पास लावारिस खड़ी मिली थी। छानबीन करने पर पुलिस को दो युवकों के नाम मालूम चले। इनमें से एक युवक बांबे बाजार सदर निवासी दवा कारोबारी राकेश जैन का पुत्र सावन जैन था। सावन के दादा वीपी जैन एसडीएम रह चुके हैं।meerut-murder-5436dea902b5b_exlst

पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा करते हुए सावन ने बताया था कि उसने सोमवार शाम करीब 7:30 बजे छात्रा की गला दबाकर हत्या कर शव सरधना में फेंक दिया था।पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शव ढाई से तीन दिन पुराना बताया गया। शव में कीड़े पड़ चुके थे। जिससे शरीर के पेंचकस से गोदे गए कई निशान मिट गए। पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण गला दबाने से दम घुटना आया है। नाक से खून निकला था। दुष्कर्म की संभावना के चलते स्लाइड बनाकर जांच के लिए भेजी गई है।आरोपी के खिलाफ अपहरण और हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं शव मिलने की सूचना पर मेरठ कॉलेज समेत कई कॉलेजों में बीएड की परीक्षा का बहिष्कार किया गया।

मंगल ग्रह पर आप भेज सकते हैं अपना नाम

mars-pic-nasaमुंबई [ TNN ]क्या आप अपना नाम मंगल ग्रह पर अंकित कराना चाहेंगे? ओरियन अंतरिक्षयान के जरिए राष्ट्रीय वैमानिकी एवं उपग्रह प्रशासन (नासा) आपको अपना नाम मंगल ग्रह तक पहुंचाने का एक सुनहरा मौका दे रहा है। आगामी चार दिसंबर को इस यान का परीक्षण उड़ान होगा।

लगभग 95 हजार लोग पहले ही इस मुहिम के लिए अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। इसके लिए आपको नासा (ओरियन मार्स विजिट) की वेबसाइट पर साइन इन करना होगा और कुछ सूचनाएं भरनी होगी।

इसके बाद वेबसाइट आपके नाम का डिजिटल बोर्डिग पास जारी करेगा। इसके बाद आपको एक संदेश प्राप्त होगा रू सफल! आपका नाम ओरियन उड़ान परीक्षण के जरिए मंगल तक पहुंच जाएगा। सभी नाम एक माइक्रोचिप पर दर्ज होंगे। ओरियन उड़ान परीक्षण में अपना नाम दर्ज कराने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तय की गई है।

सीएनईटी की रपट के मुताबिक, ओरियम प्रोग्राम मैनेजर मार्क गेयर ने कहा, खोज और लोगों को भविष्य में मंगल ग्रह तक पहुंचाने के लिए नासा बेहद कड़ी मेहनत कर रहा है। इन नामों को भेजकर हम भविष्य में लोगों को यात्रा का हिस्सा बनाने में सक्षम होंगे।

:- निधि गुप्ता

ज्योतिष विज्ञान : नाड़ी दोष का महत्व

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ज्योतिष विज्ञान में आमतौर पर अवकहड़ा चक्र का उपयोग नामाक्षर राशि वर्ण, वैध्य योनी महावैर त्रण नाड़ी मुख्य इसका के लिए किया जाना है। इसका सर्वाधिक महत्व वर-वधु की वुंहृडली के मिलान के लिए होता है। इसकी सहायता से प्राथमिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है, साथ ही नवजात शिशु के लिए नामाक्षर ज्ञात किया जा सकता है।

नवग्रहों को सत्ताइस नक्षत्रों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, प्रत्येक राशि तीस अंश के होने के कारण बारह भाव का कुल योग 360 अंश होता है। जिसमें प्रत्येक नक्षत्र 13 अंश, 20 अंश का है, इसलिए प्रत्येक भाव में सवा दो नक्षत्र विद्यमान हैं।

उदाहरणस्वरूप मेष राशि में अश्वनि, भरणी तथा कृतिका के प्रथम चरण तक का आधिपत्य है, इसी प्रकार से वृष राशि में कृतिका नक्षत्र के शेष तीन चरण रोहणी तथा मृगशिरा नक्षत्र के दो चरण हैं। प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होने से प्रत्येक चरण नामाक्षर के चरणाक्षर को दर्शाता है। नक्षत्र के अनुसार ही जो कि प्रायः प्रतिदिन परिवर्तित होते हैं, राशि, वर्ण, वैश्य, योनि, महावैर, गण, नाड़ी, युज्जा, हंसका का संकेत मिलता है।

इसमें विवाह के समय प्रमुख रूप से नाड़ी दोष का महत्व है जो वर-वधु की जन्मकुंडली में ब्लड गु्रप को संकेत करते हैं। गण तीन प्रकार के होते हैं एवं गण का मिलान ही विवाह के समय अत्यंत महत्वपूर्ण रहता है चूंकि इसके अलावा भी वर्ण, वैश्य योनि इन सभी का महत्व है इसलिए इन सबका युति द्वारा ही छत्तीसगुणों का निर्माण होता है।

अब इन छत्तीस गुणों में यदि भृकुट दोष न हो और कम से कम बीस गुण मिलने पर वर-वधु की कुंडली मध्यम श्रेणी के अंतर्गत आती है। जब पच्चीस गुणों से अधिक गुणों का मिलान होता है तब श्रेष्ठता की श्रेणी में कुंडली मिलान को इंगित करते हैं, किंतु यह भी आवश्यक है कि समस्त छत्तीस गुण भी न मिलें।

अवकहड़ा चुक्र ही एकमात्र विस्तार से किसी भी जन्मकुंडली के लिए नक्षत्रों के आधार पर समस्त जानकारी का ज्योतिष स्तंभ है। जिससे हमें संपूर्ण जानकारी मिलती है।

यह नवजात शिशु के नामाक्षर से लेकर नव विवाहितों के जन्मकुंडली के मिलान में सहयोग प्रदान करती है,यही कारण है अवकहड़ा चक्र की पूर्ण जानकारी ज्योतिष विज्ञान के लिए एक आवश्यक अंग है।

शुभ मुहूर्त में ही शुरू करें नया काम

Auspicious time

ज्योतिष, आकाश से पृथ्वी पर आने वाली रश्मियों के प्रभाव व परिणाम का अध्ययन है। विशेष नक्षत्रों के समय कई अमृत रश्मियों तथा कई विष रश्मियों से वातावरण आच्छादित रहता। नक्षत्रों का अपना स्वरूप, गुणधर्म व स्वभाव है। किसी कार्य विशेष के समय नक्षत्र विशेष, लग्न विशेष इत्यादि के चयन ही कार्य की गतिशीलता, सफलता और लक्ष्य निश्चित करती है।

मुहूर्त के संदर्भ में यही महत्वपूर्ण तथ्य है कि उस काल विशेष में कितनी अमृत रश्मियां वातावरण में मौजूद थी। इसके साथ ही साथ यह कार्य विशेष किस नक्षत्र तथा लग्न के गुणधर्म, स्वरूप व स्वभाव से मेल खाता है। इन्हीं रश्मियों के गहन शोध और अनुभवगत अध्ययन के आधार पर मुहूर्त निर्धारण बताया गया है। 

हमारे देश में वैदिक काल से ही शुभ मुहूर्त में कार्य प्रारंभ करने की अपरिहार्यता रही है। गर्भाधान संस्कार से प्रारंभ करते हुए षोडश संस्कार वैदिक काल से ही प्रचलित रहे हैं। कार्य की पूर्णता व सफलता के उद्देश्य से शुभ मुहूर्त में कार्य प्रारंभ करने की परंपरा वंशानुगत वर्णानुसार आज भी चली आ रही है। जहां एक ओर हमारे आदि-ग्रंथों में भी शुभ मुहूर्त में प्रारंभ किए गये कार्यों की पूर्णता एवं सफलता के असंख्य उदाहरण हैं, वहीं दूसरी ओर बिना मुहूर्त या अचानक कार्य प्रारंभ करने के परिणामस्वरूप बाधाओं सहित कार्य बीच में ही बंद होने या कार्य की असफलता के भी कई उदाहरण उपलब्ध है।

हमें अपने देैनिक महत्वपूर्ण यथा गृह निर्माण, गृह प्रवेश मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत आदि कार्यों के लिए आज भी मुहूर्त की आवश्यकता होती है, जिसके लिए हमें किसी ज्योतिषी की आवश्यकता महसूस होती है।

यूं तो देखने में यह आता है कि लोगों को वाहन क्रय करना हो या ऐसा ही कोई अन्य अवसर हो तो, भ्रदा देखकर ही क्रय करना अभी उचित नहीं है, छोड़ देते हैं, लेकिन तमाम ऐसे मौके होते हैं कि भ्रदा न होने पर भी वाहन या अन्य कोई विशेष कार्य करने पर उसका परिणाम अच्छा होने की बजाय उसके बिल्कुल विपरीत हो जाता है जैसे वाहन लेकर लौटते समय ही दुर्घटनाग्रस्त हो जाना या अन्य कोई नुकसान हो जाना। इसका प्रमुख कारण यह भी है कि कदाचित करण के अतिरिक्त लग्न, लग्नेश, तिथि, वार नक्षत्र, योग प्रहर व घटी आदि के साथ ही साथ ग्रहीय स्थिति पर विचार नहीं किया।

मुहूर्त के निर्धारण में तिथि, वार, नक्षत्र योग, करण, प्रहर तथा घटी सभी की आवश्यकता होती है क्योंकि उक्त सभी पर विचार करते हुए ही मुहूर्त का निर्धारण किया जाना चाहिए। मुहूर्त जैसे अति संवेदनशील विषय के साथ शुभ मुहूर्त जानने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति और ज्योतिषी दोनों के द्वारा ही पूर्णतः सजगता बरती चाहिए। मुहूर्त के साथ समझौतावादी दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहिए क्योंकि कार्य की पूर्णता व सफलता शुभ मुहूर्त पर ही निर्भर करती है।

Google doodles ‘Malgudi Days’ on RK Narayan’s 108th birth anniversary

Google doodles Malgudi Days RK Narayan's

Who’s the man behind the book on our doodle in India? It’s Malgudi’s native son, famed Indian writer RK Narayan. Narayan is a well known pioneer of early Indian literature and set most of his stories in the fictional town of Malgudi. Happy 108th birthday to RK Narayan!,” says Google describing the doodle posted on its India home page on October 10.

Rasipuram Krishnaswami Narayan was born in Madras (now Chennai) on October 10, 1906. Narayan moved to Mysore from where he graduated in 1930.

Narayan started his career as a journalist and later took to writing novels, his first being Swami and Friends in 1935. Critics acclaim him as one of the greatest Indian storytellers of the modern era for the simplicity of language and wry humour with which he told his tales about the lives of common people in small town India.

Narayan, who was introduced to western publishers by the British novelist Graham Greene, wrote 34 novels, most of which were translated into several Indian and foreign languages.

His Malgudi Days (shown in the doodle), about life in a small fictional town of Malgudi and written in 1982, was made into a popular television serial. The Guide, which was made into a film starring Dev Anand and Waheeda Rehman. Narayan also served a term in the Rajya Sabha as a nominated member.
He died of heart failure at the age of 94 on May 12, 2001

मोदी का जवाब सीमा बुलाती है तो बंदूक बोलती है

Modi नई दिल्ली [ TNN ] पाक की फायरिंग पर बारामती में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ये वक्त राजनीतिक छींटाकशी का नहीं है। इससे जवानों को मनोबल गिरता है, जबकि हमारे जवानों ने सही जवाब दिया है। उनको भी पता चल चुका है कि हालात बदल गए हैं। मोदी ने कहा कि सीमा ललकारे तो बयानबाजी नहीं की जाती, बल्कि जब सीमा बुलाती है तो बंदूक बोलती है।

कांग्रेस ने सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पाक को लेकर स्थिति अभी भी साफ नहीं है। देश की जनता जानना चाहती है कि सरकार क्या कदम उठा रही है। शर्मा ने कहा कि बीते पांच महीनों से देश का रक्षा मंत्री नहीं है, वित्त मंत्री ही यह भूमिका निभा रहे हैं, जबकि वे लगातार बीमार हैं। शर्मा ने कहा कि सीमा पर हालात रोजाना बिगड़ते जा रहे हैं और पीएम को कोई चिंता नहीं है। बल्कि उन्हें चुनाव की पड़ी है। शर्मा ने सवाल उठाते हुए पूछा कि सरकार ने इस मसले पर विपक्ष से बात क्यों नहीं की, जबकि कांग्रेस ऐसी किसी भी स्थिति में विपक्ष से लगातार संवाद करती थी। पाक को लेकर स्थिति साफ नहीं है।

रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि पाकिस्तान लगातार फायरिंग कर बेगुनाह लोगों की जान ले रहा है, जिसकी उसे बड़ी और महंगी कीमत चुकानी होगी। इसके जवाब में पाक विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान भी हर जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि उकसावे की कार्रवाई भारत की तरफ से की गई है। पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है।

दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर उल्लंघन हो रहा है, जिसमें कई बेगुनाह लोगों की जानें गई हैं। पाकिस्तान में भी लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत जिम्मेदार देश है, लेकिन हमें आत्मरक्षा करनी होगी। जेटली ने कहा कि पाकिस्तान को समझना चाहिए कि इस तरह के एडवेंचर से उसका ही नुकसान होगा। भारत से पाकिस्तान को प्रभावी जवाब मिलेगा।

सुरक्षा बलों की तारीफ करते हुए जेटली ने कहा कि भारतीय सुरक्षाबलों ने शानदार काम किया है। खासकर बीएसएफ ने अपनी काबिलियत साबित की है और वह माकूल जवाब दे रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान सीमा पर शांति चाहता है, तो वह कदम उठाए। इसके बिना भारत की ओर से उसे ऐसा ही जवाब मिलता रहेगा। जेटली ने बिलावल भुट्टो के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि वे उनके किसी भी बयान को महत्व नहीं देते, इसलिए किसी तरह के जवाब की जरूरत भी नहीं है।

पाकिस्तान की ओर से सीमा पर फायरिंग जारी है। बुधवार पूरी रात सरहद पर भारतीय सेना ने पाकिस्तानी फायरिंग का करारा जवाब दिया। बीएसएफ की कड़ी कार्रवाई में पाकिस्तान की 45 चौकियां ध्वस्त हो गई हैं।

सूत्रों के मुताबिक, नई रणनीति के तहत पाकिस्तानी सेना रिहायशी इलाकों में अपने लोगों की आड़ में फायरिंग कर रही है, जिससे भारतीय सेना को जवाब देने में मुश्किलें आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह पूरी तरह से उकसावे की कार्रवाई है, ताकि भारतीय कार्रवाई में मारे गए पाक नागरिकों का मामला अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया जा सके। दूसरी ओर, मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब एयरबेस को अलर्ट जारी कर दिया है।




‘ Bhai Ka Maal Hai ’ launched its music

‘Bhai Ka Maal Hai’ launched its musicReal Tasty Movies (RTM) TECHNOLOGIES PVT LTD’s Hindi feature film BHAI KA MAAL HAI launched its music at Hotel Sukh in Juhu.  Celebs present at the event were Udit Narayan, Sunil Pal, Aanchal, Anil Gyal, Monalisa and others.  Special  guests  were  Adhwesh  Goyal,  Akash  Goyal  (COX  N  KINGS),  Ashok Agrawal, and Raman Bansal.

 Film has completed its major schedule at major, historical locations of Delhi NCR. Besides the talkie time, one song, ‘karde Reham Mere Allah’ was also picturised on lead Anil Goyal with other star cast Sanjay Talwar and Siraj Khan. A  laugh  riot,  it  is  the  story  of  a  village  simpleton  mired  in  confusion  of  marriage  and money. 

  The film is starring Hrishita Bhatt, Anil Goyal, Aanchal Mehta, Nisha Parmar, Milind Gunaji, Himani Shivpuri, Sunil Pal, Amita Nangia, Mustak Khan, Ehsaan Khan, Monalisa, Karishma, Sneha, KK Khan and Siraj Khan.

 Film is directed by Anil Agarwal, Music is penned by Parivesh Singh and singers are Baba Sehgal,  Udit  Narayan,  Krishna,  Neha  Rajpal,  Ritu  Pathak,  Amit  Sharma,  Ragini  and  Shail Hada. Music is on SRK Music. Screenplay is done by Karan Nischal where in the story and dialogues are by Priyanka Dube & Anil Goyal, DOP is Manoj Sati, Choreography is by Amrit, Co-producer’s are Ashok Agarwal, Rakesh Gupta and Sushil Goyal.

  RTM Technologies have earlier produced and released two animation  films Krackers and Icy-N-Spicy.

 RTM  technologies  Pvt  ltd,  a  Delhi  based  company,  is  well  known  company  with  the background in  IT industry,  animation  and multi-media.  Primarily  aimed  at  the  education

 industry,  their  main  product  EDUCON  is  a  fully  configured  computer  deliverable multimedia  software  package.  It  is  programmed  to  be  deliverable  over  a  number  of computers  connected  in  a  local  area  network.  They  have  been  producing  3D  animation programme for education purposes since past nine years.

निर्जला रहने पर भी चांद की तरह दमकती करवा चौथ में स्त्रियां

Hansa Vaishnavaआखिर कुुछ तो है कि निर्जला रहने के बाद भी न तो उत्साह में कोई कमी दिखलाई देती है न ही चेहरे पर सिकन बाबजूद इसके चांद की तरह दमकता चेहरा एवं उत्साह होता है दोगुना जी हां हम बात कर रहे है करवा चौथ पर्व की जिसमें उक्त स्थिति में किसी भी भारतीय स्त्री को देखा जा सकता है। इसमें छिपा होता है प्यार,सर्मपण एवं त्याग जिसके कारण बिना जल के सेवन के भी महिलायें इस दिन एकदम तरो -ताजा दिखलाई देती हैं।

प्राय:हर उम्र की सौभाग्यवती स्त्री एक नई नवेली दुल्हन की तरह सजते संवरते हुये सौलह सिंगार करती है तो लजाना ,शर्माने के साथ अन्य महिलाओं के साथ हंसी ठिठोली का क्रम चलता ही रहता है। करवा चौथ के पर्व को वैसे तो देश के पंजाब,उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश का मुख्य त्यौहार माना जाता है परन्तु पिछले कु छ बर्षों से सारे देश में महिलायें अति उत्साह के साथ इसे मनाती हैं। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाये जाने वाले उक्त त्यौहार में सुहागिन महिलायें अपने पति के जीवन के रक्षार्थ, दीर्घायु एवं सुखी जीवन की कामना करते हुये संध्या के समय गौधूली बेला में अर्थात् चन्द्रोदय के पूर्व पूर्ण विधिविधान के साथ प्रथम पू’य भगवान श्री गणेश एवं गौरी,शिव पार्वती तथा चौथ की मुख्य देवी अम्बिका का पूजनार्चन करती हैं।पौराणिक कथाओं मे भगवान शिव एवं पार्वती को एक आर्दश युगल बतलाया गया है।

वैसे तो देखा जाये तो हरितालिका तीज,मंगला गौरी ,जया पार्वती जैसे व्रत भी निर्जला रहकर स्त्रियां मनाती हैं। करवा चौथ में प्रयोग होंने वाले प्रमुख पात्र को करवाा कहते हैं। जो प्राय:मिट्टी के कलश नुमा एक लघु घट के समान होता है इसमें सिर्फ एक लम्बी नलकी लगी होती है । कुछ क्षैत्रों में तांबे,पीतल एवं चांदी के घट का प्रयोग भी महिलायें करती हैं परन्तु इनकी संख्या कम है। मान्यता है कि करवा का मुख श्री गणेश के समान होता है एवं नलकी का आकार सूंड के समान होता है। चन्द्रमा भगवान शिव के मस्तक पर शोभित रहता है इसी कारण उसे अर्क देने का विधान बतलाया गया है। दिन भर व्रत के साथ उक्त पूजन सम्पन्न करने के पश्चात् चांद के निकलने का इंतजार ओर दिल में अजीब सी हलचल पिया को चांद के साथ निहारने की लिये महिलायें दुल्हन के रूप में सुसज्जित आसमान की ओर टकटकी लगाये आस में निहारती रहती हैं।

चांद के निकलने पर प्रारंभ होता है पूजन का क्रम जिसमें सुहागिन महिला चांद का पूजन कर उसे करवा से अर्क देते हुये उसे चलनी से निहारने के साथ-साथ पति को निहारती है। पूजन के साथ वह भगवान भालचंद्र से सुखमय जीवन,पति-प्रेम पारिवारिक सुख समृद्धि एवं पति के उज्जवल भविष्य के साथ लंबी उम्र के लिये प्रार्थना करती है। फिर पति के हाथ से जल का सेवन कर अपना व्रत तोडती है। भारतीय नारी के त्याग एवं सर्मपण के कारण ही उसे विश्व मेें एक महत्वपूर्ण स्थान मिला है एवं उसे देवी शक्ति के रूप में मान्यता मिली है।देखा जाये तो धार्मिक,समाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यों के कारण वह संसार में एक अलग स्थान रखती है। पारिवारिक संतुलन के लिये धेर्य एवं सहनशीलता ही उन्हे पूज्जनीय बनाता है।

:- डा.हंसा वैष्णव

अश्लील टेप बना कर डॉक्टर को किया था ब्लैकमेल, गिरफ्त में अभिनेत्री

Actress-Nayana-Krishna-बैंगलूरू [ TNN ] कन्नड़ अभिनेत्री नयना कृष्णा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।अभिनेत्री पर एक डॉक्टर की अश्लील टेप बनाकर उसे ब्लैकमेल करने का आरोप था । अभिनेत्री पुरे मामले में पुलिस से 4 महीने तक लुखा छिपी का खेल खेलती रही । सुंदर राम शेट्टी नगर के डॉक्टर ने नयना पर शारीरिक संबंध बनाने का लालच देकर फंसाने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था।

डीसीपी क्राइम अभिषेक गोयल से मिली जानकारी के अनुसार , नयना अपने खिलाफ चल रहे पहले केस के मामले में इनवेस्टिगेशन ऑफिसर से मिलने मंगलवार को सीसीबी ऑफिस पहुंची, जहां पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया गया। उन्होंने बताया, एक्ट्रेस को अपने खिलाफ दर्ज हुए दूसरे मामले में के बारे में जानकारी नहीं थी। पुलिस ने मंगलवार को नयना के खिलाफ दूसरा मामला दर्ज किया था।

नयना के खिलाफ पहला मामला 4 जून को दर्ज किया गया था। लेकिन जमानत मिलने तक नयना करीब 4 महिने तक पुलिस के हाथ नहीं लगी। एक्ट्रेस को सितम्बर के पहले वीक में जमानत दी गई थी। सुंदर राम शेट्टी नगर के डॉक्टर ने नयना पर शारीरिक संबंध बनाने का लालच देकर फंसाने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था।

डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि नयना और उसके साथियों ने अपने गैंग की एक महिला के साथ उन्हें शारीरिक संबंध बनाने का लालच दिया और उसके बाद गुपचुप रूप से उनकी अश्लील टेप बना ली।

इसके बाद गैंग ने उन्हें इस अश्लील टेप के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। पहले गैंग ने डॉक्टर से एक करोड़ रूपए मांगे और बाद में 25 लाख पर राजी हो गए। इस पर डॉक्टर ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।

बच्चे पर लगा 20 रुपये की चोरी का इल्जाम , दे दी जान

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खंडवा [ TNN ] मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के ग्राम राजनी में एक 11 साल के बच्चे ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उस पर 20 रुपये की चोरी का इल्जाम लगाया गया था |

बच्चे ने इस तरह के इल्जाम से विचलित होकर कथित रुप से कुएं में छलांग लगाकर जान दे दी. पिपलौद थाना प्रभारी अमर सिंह बडोल ने कहा कि मृतक की पहचान 11 वर्षीय जय पटेल के रुप में की गई है. उन्होंने कहा कि जय राजनी गांव के शेखर पटेल का बेटा है और वह कक्षा सातवीं का छात्र था |

बडोल ने कहा कुएं की मुंडेर के पास चप्पल दिखाई देने पर कुंए को खंगाला गया तो मंगलवार रात्रि में जय की लाश मिली | उन्होंने कहा कि इस मामले में एक प्रकरण दर्ज कर परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी |

बडोल ने बताया कि मृतक के परिजनों के अनुसार  जय अपने ही गांव की एक किराना दुकान पर एक रुपये की मीठी सुपारी लेने गया था | इसी बीच दुकान से 20 रुपये चोरी हो गए और इसके लिए दुकानदार भारती यादव ने पीड़ित बालक पर शक जताया |

उन्होंने कहा कि इसके बाद वहां हंगामा होने पर भीड जुटी. हालांकि, जय आरोप को नकारता रहा, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी. उसने तलाशी लेने तक कि बात कही. लोगों ने तलाशी ली तो उसकी जेब से एक रुपया ही मिला, जिससे वह मीठी सुपारी का पाउच खरीदने गया था |

बडोल ने बताया कि इसके बाद वह घर लौटा और घटना से व्यथित होकर उसने उसी दिन शाम में हाई स्कूल परिसर के कुंए में छलांग लगाकर आत्महत्या कर दी |

हम भी जवाब देने में सक्षम – पाकिस्तान

Spokesperson Tasneem Aslamनई दिल्ली [ TNN ] भारतीय रक्षा मंत्री की चेतावनी का पाकिस्तान ने भारत को कड़े लहजे में जवाब दिया है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने एक समाचार चेनल टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि हम भी जवाब देने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, ‘हम भी जवाब देने में सक्षम। भारत को अडवेंचरिजम की कीमत चुकानी पड़ेगी।’

भारत के रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि पाकिस्तान बिना उकसावे के आक्रामक कार्रवाई कर रहा है और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। जेटली ने कहा, ‘हमें अपने इलाके और लोगों की रक्षा का अधिकार है। हमारी सेनाओं के पास बस एक विकल्प है कि माकूल जवाब दिया जाए और अपने लोगों की रक्षा की जाए। हमारी सेनाएं बहुत अच्छा काम कर रही हैं।’

जेटली ने कहा कि भारत एक जिम्मेदार देश है और पहले आक्रमण नहीं करता। उन्होंने कहा, ‘इन हमलों में पाकिस्तान की तरफ से ही शुरुआत हुई है। अगर वह इस दुस्साहस को जारी रखता है तो हमारी सेनाएं इस दुस्साहस की कीमत को इतना बढ़ा देंगी कि पाकिस्तान बर्दांश्त नहीं कर पाएगा। यह संदेश पाकिस्तान तक पहुंचा भी है और पहुंचता रहेगा।’

क्या भारत बातचीत नहीं करेगा, इस सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा कि आप कैसे बात कर सकते हैं जब फायरिंग चल रही हो। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने की संभावना पर वह कोई अटकलबाजी नहीं करना चाहते क्योंकि यह बस तनाव बढ़ाने की कोशिश है, और कुछ नहीं।

पाकिस्तान पिछले कई दिन से सीमा पर फायरिंग कर रहा है जिसमें कई नागरिकों की जानें जा चुकी हैं। भारत ने भी भारी फायरिंग करके कई पाकिस्तानी नागरिकों को मार डाला है। इस वजह से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है।

इन्‍वेस्‍टर्स समिट : मध्‍यप्रदेश ने पूरे देश को दिशा दी-मोदी

Global Investors Summitइंदौर [ TNN ] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि मध्‍यप्रदेश ने पूरे देश को दिशा दी है और अब वह सबसे तेजी से विकसित राज्‍य की श्रेणी में आ खड़ा हुआ है। इंदौर विमानतल पर मोदी, मोदी के गगनभेदी नारों के बीच प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। विमानतल पर मुख्‍यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और विधायकों ने उनका स्‍वागत किया।

श्री मोदी ने इंदाैर में ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट के आयोजन को न सिर्फ मध्‍यप्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए महत्‍वपूर्ण बताया। उन्‍होंने कहा कि आज का दिन इसी ल‍िहाज से महत्‍वपूर्ण है। मुख्‍यमंत्री शिवराज की मुक्‍त कंठ से तारीफ करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्‍होंने इस आयोजन के जरिए महत्‍वपूर्ण काम की शुरूआत की है। उनके नेतृत्‍व में मध्‍यप्रदेश में बहुमुखी विकास किया है और इसके लिए राज्‍य की जनता भी बधाई की पात्र है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे राज्‍य की जनता का अभिनंदन करते हैं और आश्‍वासन देते हैं कि वे मध्‍यप्रदेश के विकास में पूरा सहयोग देंगे।उन्‍होंने कहा कि हमारी पार्टी का स्‍वरूप भले ही समय – समय पर बदलता रहा लेकिन लक्ष्‍य एक ही रहा और वह है गरीबों और वंचितों का कल्‍याण। पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय, श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी जैसे वरिष्‍ठों का यही संदेश रहा कि दलीतों की सेवा ही सर्वोपर‍ि है और इसी काम को हम आगे बढ़ा रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि हम सबका दायित्‍व है कि गरीबों के कल्‍याण के लिए एकजुट होकर काम करें और प्रदेश और देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। हमारा प्रयास है कि युवाओं के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उप‍लब्‍ध हों।

उन्‍होंने कहा कि पूर्व की केंद्र सरकारों ने मध्‍यप्रदेश को बीमारू राज्‍य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन पिछले सबसे देखा कि पिछले दस साल में शिवराजसिंह के नेतृत्‍व में मध्‍यप्रदेश ने अनुकरणीय विकास किया है। अब मध्‍यप्रदेश सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्‍य बन गया हॅै।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अभावों का रोना रोकर रोते हुए नहीं बैठना है बल्कि जो अवसर उपलब्‍ध हैं उनका लाभ उठाकर विकास की राह पर आगे बढ़ना है। आज मध्‍यप्रदेश अपनी योजनाओं और कार्यशैली से देश का मार्ग भी प्रशस्‍त कर रहा है। कई वस्‍तुओं के उत्‍पादन के क्षेत्र में मध्‍यप्रदेश अग्रणी है।

उन्‍होंने कहा कि वे ग्‍लोबल समिट के निष्‍कर्षों के बारे में मुख्‍यमंत्री से जानकारी लेते रहेंगे और राज्‍य की जनता को विश्‍वास दिलाते हैं कि प्रदेश में जो भी योजनाएं बनाई जाएंगे वे मध्‍यप्रदेश के एक सेवक के रूप में उन्‍हें पूरा करने में मदद करेंगे।

इससे पहले अपने स्‍वागत संबोधन में मुख्‍यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार श्री मोदी यहां पधारे हैं। प्रदेश उनकी मौजूदगी से गौरवांवित है। उनकी विदेश यात्राओं से भारत माता का मान बढ़ा है।विमानतल पर मोदी के आने से पहले ही बड़ी संख्‍या में कार्यकर्ता मौजूद थे। मुख्‍यमंत्री के साथ ही विधायकों ने विशाल हार पहनाकर प्रधानमंत्री का स्‍वागत किया।

 

सवाल चौथे स्तंभ की विश्वसनीयता का

भारतीय लोकतंत्र में चौथे स्तंभ का दर्जा प्राप्त मीडिया के विषय में वैसे तो शायर ने कहा है कि ‘न स्याही के हैं दुश्मन न सफेदी के हैं दोस्त’। ‘हमको आईना दिखाना है दिखा देते हैं’।। परंतु बदलते समय के साथ-साथ समाज में धन की लालच की पराकाष्ठा के चलते शायद अब मीडिया को दूसरों को आईना दिखाने के बजाए स्वयं अपना मुंह आईने में देखने की ज़रूरत दरपेश है। मीडिया के विषय पर आयोजित होने वाले बड़े-बड़े सेमीनार अथवा इससे संबंधित वार्ताओं में अक्सर बड़े-बड़े लच्छेदार भाषण मीडिया के दिग्गजों द्वारा सुनाए जाते हैं। क्या किसी समाचार पत्र का मालिक तो क्या उसका मुख्य संपादक,संपादक अथवा समूह संपादक सभी अपने-अपने मीडिया हाऊस की गुणवत्ता,उसी निष्पक्षता तथा निडर होने का बखान करते सुने जाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि आजकल तो इन्हीं मीडिया घरानों के बीच तलवारें खिंची भी देखी जा रही हैं। खुलेआम दो अलग-अलग मीडिया घराने क्या समाचार पत्र समूह के स्वामी तो क्या टेलीविज़न के संचालक दोनों ही एक-दूसरे को अपमानित करने,नीचा दिखाने तथा एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने में लगे हुए हैं। जबकि हकीकत तो यह है कि ऐसे दोनों ही घराने चोर-चोर मौसेरे भाई ही हैं। क्या किसी गंभीर मीडिया हाऊस को यह शोभा देता है कि वह एक-दूसरे पर लांछन लगाने के लिए अपने समाचार पत्रों या चैनल का प्रयोग करे? क्या देश के पाठक अथवा श्रोता अब
इसी काम के लिए रह गए हैं कि वे मीडिया घरानों की आपसी लड़ाई को बैठकर निहारें? बजाए इसके कि देश-प्रदेश तथा उनके अपने क्षेत्र के वर्तमान हालात के बारे में उन्हें कोई ज्ञानवर्धक व ताज़ातरीन जानकारी दी जाए?

media अभी कुछ ही समय पूर्व हुए लोकसभा के आम चुनावों में मीडिया का दागदार चेहरा सामनेआया। कुछ चैनल तथा समाचार पत्रों को छोडक़र शेष सभी एकतरफा समाचार वाचन व प्रकाशन करने लगे। और ऐसे कई मीडिया घराने आज तक पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग करते आ रहे हैं। ज़ाहिर है टीवी चैनल अथवा कोई समाचार पत्र-पत्रिका जहां इनसे जनता निष्पक्ष समाचारों के प्रकाशन व प्रसारण की उम्मीद करती है वहीं यही मीडिया एक व्यवसाय भी है। किसी भी मीडिया घराने को अपने सुचारू संचालन हेतु पैसों की भी आवश्यकता होती है। और यह पैसा पत्र-पत्रिकाओं तथा चैनल्स के मार्किटिंग विभाग द्वारा विज्ञापन के रूप में इकठा किया जाता है। जिस टीवी चैनल की अधिक टीआरपी होती है अथवा जिन समाचार पत्रों-पत्रिकाओं की प्रसार संख्या अधिक से अधिकतम होती है उन्हें अच्छी दर पर पर्याप्त विज्ञापन प्राप्त होता है। परंतु मीडिया घरानों के व्यवसायी प्रवृति के कई लालची मालिकों द्वारा केवल प्राप्त होने वाले विज्ञापनों पर ही संतोष नहीं किया जाता बल्कि इनकी लालच इस कद्र बढ़ जाती है कि यह मीडिया के मौलिक सिद्धांतों को त्यागने से भी नहीं हिचकिचाते और दुनिया की आंख में अपनी कथित ‘निष्पक्षता’ की धूल झोंकते हुए पूरी तरह पक्षपातपूर्ण समाचार देने लग जाते हैं। खासतौर पर चुनावों के दौरान यह दृश्य सबसे अधिक देखने को मिलता है। और अगर निष्पक्षता का ढोंग रचने वाले इस मीडिया ने किसी ऐसे राजनैतिक दल के पक्ष में अपने घुटने टेके हैं जो बाद में सत्ता में आ गया हो फिर तो उस मीडिया घराने की और भी पौबारह हो जाती है। यानी एक तो अब उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता दूसरे उसे विज्ञापन के रूप में धनवर्षा की भी कोई कमी नहीं रहती। और संभवत: इस प्रकार की प्रवृति के मीडिया घराने के मालिक निष्पक्षता से अधिक अपने कारोबारी मुनाफे की ओर ही ज़्यादा ध्यान देते हैं।

इन दिनों महाराष्ट्र तथा हरियाणा राज्य विधानसभा चुनावों से रूबरू हैं। यहां कई ऐसे नेता चुनाव लड़ रहे हैं जिनके लिए चुनावों की हार-जीत उनके अपने राजनैतिक अस्तित्व से जुड़ चुकी है। हरियाणा में तो कई ऐसे नेता इन चुनावों में या तो उम्मीदवार हैं या पूरी तरह सक्रिय हैं जो स्वयं अखबारों के मालिक भी हैं। ऑन रिकॉर्ड यदि आप इनसे बात करें तो यह पेड न्यूज़ के बहुत बड़े दुश्मन नज़र आएंगे और अपने अखबार को भी यह लोग निष्पक्ष बताते सुने जाएंगे।परंतु सच्चाई इससे कोसों दूर हैं। हरियाणा में प्रसार संख्या के आधार पर सबसे बड़ा अखबार समझे जाने वाला समाचार पत्र उन नेतारूपी समाचार पत्र स्वामियों को भी नहीं बख्श रहा है जो समाचार पत्र समूह के मालिक होने के अतिरिक्त चुनाव मैदान में भी अपना भाग्य आज़मा रहे हैं। अथवा चुनाव में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस बार तो पेड न्यूज़ के व्यवसाय ने हद ही खत्म कर दी है। कुछ समय पहले तक तो पढ़े-लिखे लोग पेड न्यूज़ की शैली देखकर समझ जाया करते थे कि अमुक प्रकाशित सामग्री पेड न्यूज़ है। क्योंकि ऐसे प्रकाशित समाचारों के अंत में उक्त समाचार के विज्ञापन होने का संकेत बारीक शब्दों में प्रकाशित कर दिया जाता था। पंरतु जैसे-जैसे पेड न्यूज़ को लेकर विरोध शुरु हुआ तथा देश के तमाम बुद्धिजीवियों ने यहां तक कि प्रेस काऊंसिल ऑफ इंडिया ने इस विषय पर संज्ञान लिया वैसे-वैसे पेड न्यूज़ प्रकाशित करने की शैली भी बदल गई। इन दिनों ऐसे अ$खबार सीधे तौर पर किसी संपन्न प्रत्याशी के चुनाव तक के पूरे पैकेज की बात करते हैं। इसी में विज्ञापन तथा समाचार दोनों शामिल हैं। अब पेड न्यूज़ रूपी समाचारों के अंत में उस सामग्री के विज्ञापन होने का कोई संकेत प्रकाशित नहीं किया जाता। यानी महज़ अपनी लालच के चलते मीडिया घराने के लालची मालिक पाठकों के विश्वास को ठेस पहुंचा रहे हैं। साथ-साथ समाचार पत्रों-पत्रिकाओं के प्रति आम इंसान की बनी सकारात्मक सोच के साथ धोखा कर रहे हैं।

ऐसे मीडिया समूह के मालिकों से तथा उन नेताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है जो समाचार पत्रों को पैसे देकर अखबारों के माध्यम से अपनी झूठी वाहवाही प्रकाशित करवा रहे हों? हालांकि ऐसा नहीं है कि प्रत्येक प्रत्याशी प्रत्येक समाचार पत्र को पैसे देकर अपनी $खबरें प्रकाशित करवाना चाहता हो। दरअसल यह सारा खेल प्रसार संख्या पर आधारित है। जिस समाचार पत्र की जितनी अधिक प्रसार संख्या है उसके अनुसार उसका पैकेज उतना ही कीमती है। परंतु अधिक प्रसार संख्या वाले कई अखबार ऐसे भी हैं जो पेड न्यूज़ जैसे अपवित्र व अनैतिक गोरखधंधे में नहीं पड़ते। हालांकि प्रत्याशियों द्वारा उन्हें खरीदने की कोशिश भी की जाती है। परंतु नैतिकता व सिद्धांत की राह पर चलने वाले तथा मीडिया के प्रति बने जनता के भ्रम की लाज रखने वाले समाचार पत्र ऐसे प्रत्याशियों के झांसे में नहीं आते। निश्चित रूप से ऐसे निष्पक्ष व ईमानदार मीडिया हाऊस पर गर्व किया जाना चाहिए। यहां यह कहना भी प्रासंगिक है कि जो समाचार पत्र पेड न्यूज़ का शिकार नहीं हैं तथा पेड न्यूज़ जैसी भ्रष्ट व पक्षपातपूर्ण व बिकाऊ व्यवस्था को अनैतिक मानते हुए इसका विरोध करते हैं उन्हें इन्हीं चुनावों के दौरान ऐसे प्रत्याशियों तथा समाचार पत्रों को भी प्रमाण सहित बेनक़ाब करना चाहिए जो पैसे देकर समाचार पत्रों में अपने झूठे कसीदे प्रकाशित करवाते हों।

ऐसा करने से जनता को उस तथाकथित बड़े व अधिक प्रसार संख्या वाले समाचार पत्र का वास्तविक व घिनौना चेहरा भी दिखाई देगा। इसके अतिरिक्त पाठकों का भी यह $फजऱ् है कि वे ऐसे बिकाऊ समाचार पत्रों में प्रतिदिन प्रकाशित होने वाली उम्मीदवारों की पक्षपातपूर्ण सामग्री के स्थान तथा विषय सामग्री को देखकर स्वयं यह अंदाज़ा लगाने की कोशिश किया करें कि अमुक प्रकाशित सामग्री पेड न्यूज़ ही है। आमतौर पर पेड न्यूज़ के रूप में प्रकाशित होने वाली सामग्री भले ही समाचारों के रूप व समाचार शैली में क्यों न लिखी जाती हो परंतु इस प्रकार का पूरा का पूरा समाचार संबंधी आलेख उस प्रत्याशी के कार्यालय द्वारा ही तैयार किया जाता है जिसने पैसे देकर समाचार पत्र में अपना स्थान चुनाव की तिथि तक के लिए पैकेज के रूप में सुरक्षित करा लिया हो। बहरहाल अनैतिकता का यह खेल कब समाप्त होगा, समाप्त होगा भी या नहीं इसके विषय में तो कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि इस घिनौने व शर्मनाक खेल में लोकतंत्र के चार स्तंभों में से दो स्तंभ आपस में एक-दूसरे से मिलकर यह खेल खेलते हैं। परंतु इतना ज़रूर है कि पूरी तरह से अनैतिक समझे जाने वाले पेड न्यूज़ जैसे कारोबार में शामिल समाचार पत्र व टीवी चैनल मालिकों के चलते चौथे स्तंभ की विश्वसनीयता पर प्रश्रचिन्ह अवश्य लग गया है।

:- निर्मल रानी

nirmalaनिर्मल रानी
1618, महावीर नगर
अम्बाला शहर,हरियाणा।
फोन-0171-2535628

बोर्डर पर पाक कर रहा नापाक हरकत ,हो रही फायरिंग

indianarmyश्रीनगर [ TNN ] पाक सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर में इंटरनेशनल बोर्डर पर लगातार फायरिंग किए जाने से सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। पाक सेना पिछले चार दिनों से इंटरनेशनल बोर्डर पर लगातार फायरिंग कर रही है। गुरूवार रात को पाक सेना द्वारा सीमा पर की गई फायरिंग में दो भारतीय महिलाओं की मौत हो गई। इसके साथ ही पाक सैनिकों ने सांबा, कथुआ और जम्मू में इंटरनेशनल बोर्डर पर 60 बीएसएफ चौकियों और 80 गांवों को निशाना बनाकर गोले दागे।

सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा पर गोलीबारी से निपटने के लिए बीएसएफ और सेना का खुली छूट दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के नेतृत्व में बनी एक टीम स्थिति पर नजर रखे हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के सामने झुकने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। साथ ही कहा कि पाकिस्तान के सीमा बल के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं होगी जब तक फायरिंग ना रूके।

अक्टूबर महीने में पाकिस्तानी सेना लगातार सीज फायर का उल्लंघन कर रही है और गांव वालों को सुरक्षा बलों ने घरों के अंदर ही रहने सलाह दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत-पाक सीमा जॉन की यात्रा की थी। सिंह ने कहा कि कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी। साथ ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बीएसएफ को फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा है।

पिछले आठ दिनों में पाक सेना द्वारा सीज फायर के उल्लंघन में अब तक सात लोगों की मौत हो गई और करीब 60 लोग घायल हो गए। सीमा पर स्थित गावों के लोग दहशत में हैं। हजारों स्थानीय लोगों ने सुरक्षा के लिए कैम्पों में शरण ले रखी है।

दुनिया की अनूठी मंत्र बैंक वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल

World Bank's unique spells include World Records खंडवा / ओंकारेश्वर [ TNN ]  देश भर में कालेधन को लेकर राजनीतिक दलों से लेकर हर आम और खास आदमी में चर्चा है। हर कोईं चाहता है कि स्वीजरलैंड के बैंक में जमा देश का कालाधन वापिस लौट आए इससे कईं कालेधन के कुबेरों की नींद उड़ी हुई है, लेकिन इन सबसे कोसों दूर एक ऐसी बैंक भी हमारे देश में है जहां लाखों लोगों की ऐसी पूंजी जमा है जिसको रखने के बाद वो चैन की नींद सोते हैं।

मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में स्थित इस अनूठी बैंक में आखिर लाखों लोगों ने ऐसा क्या जमा किया है जिससे यूरोप के गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की बुक में शामिल किया गया है। 


ओंकारेश्वर तीर्थ क्षेत्र की अनूठी बैंक जहां ना चांदी ना सोना ना धन ना दौलत यहां जमा होते हैं प्रतिदिन एक करोड़ ऊं नम: शिवाय मंत्र। देश भर के लोग इस अनूठी बैंक में मंत्र जमा करने के लिए कतार लगाए बैठे रहते हैं। दरअसल 18 साल पहले शिवोहम आश्रम के संत शिवोहम स्वामी भारती जी ने यहां मंत्र लेखन का काम शुरू किया था।

यहां आने वाले श्रद्धालु अपने घर जाने के बाद भी पोस्ट कार्ड पर ऊं नम: शिवाय मंत्र लिखकर भेजने लगे। स्वामीजी इन मंत्रों से लिखी सामग्री को यहां पर एकत्रित कर रखने लगे। बीते लगभग दो दशक में यहां 4 हजार करोड़ मंत्र जमा हो गए। यूरोप में वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने वाली संस्था के पास यह खबर पहुंची तो उनकी टीम ने सारे दस्तावेज देखे और अमेरिका से आकर बैंक को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड  रिकार्ड के खिताब से नवाजा गया।


ग्राम शिव कोठी में ओम नम: शिवाय मिशन संस्थापक व जनक शिवोहम भारती को गोल्डन अमरिकन वर्ल्ड आफ बुक मे नाम दर्ज किये जाने के बाद आयोजित मिशन के कार्यक्रम में शिवोहम भारती को गोल्डन अमरिकन बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड के डा. मनिष विश्नोई भारत प्रमुख ने 8 अक्टूबर बुधवार को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर सम्मानित कर इक्कीसवां स्थापना दिवस मनाया गया।

सर्वाधिक लिखित ओम नम: शिवाय मंत्र संग्रह प्रतिष्ठा समारोह में बड़ी संख्या में साधक नम: शिवाय सेवा धाम परिसर में कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे। इक्कीस वर्षो में परिपूर्ण श्रद्धा से संग्रहित 2100 करोड़ लिखित ओम नम: शिवाय मंत्र स्थापित कर 21 फिट उचाँई, 21 फिट चौड़ाई का भव्य मंत्रो का पिरामीट आकर्षण का केन्द्र बना रहा। उक्त कार्यक्रम में क्षैत्रिय विधायक लोकेन्द्र सिंह तोमर, दिनेश गुप्ता, डा. श्रीराम परिहार, समाजसेवी भरत झवर, सुनील जैन के साथ दुर दराज से आये साधक मौजूद थें।

 

चौटाला ने लोगों को इनैलो सरकार की एडवांस में बधाई दी

Chautalaकैथल [ TNN ] जेल में जाने के बाद पहली बार कैथल शहर में आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि हरियाणा में इनैलो की सरकार बनने पर अलग से व्यापारी एवं कर्मचारी आयोग का गठन किया जाएगा। जिसमें व्यापारियों के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। आप लोग कैथल से कैलाश भगत को जिताओ, फिर मैं वही करूंगा जो कैलाश कहेगा।

पहली कलम से ही व्यापारियों की समस्याओं को दूर करूंगा उसका श्रेय केवल कैलाश भगत को जाएगा। कैथल के हूडा मैदान में आयोजित रैली में उमड़ी लोगों की विशाल भीड़ को देखकर गद्गद् हुए चौटाला ने लोगों को इनैलो सरकार बनने की एडवांस में बधाई देते हुए कहा कि जब धरती पर जुल्म और ज्यादती बढ़ जाती है तो जनता एकजुट होकर संघर्ष करती है। स्व. चौधरी देवी लाल के संघर्ष को पूरा देश आज भी याद करता है।

चौटाला ने लोगों से चारों सीटों पर जिताने की बात कही तो हजारों हाथ एक दम उठे जिस देखकर स्वयं चौटाला प्रफुल्लित हो उठे और लोगों को भरोसा दिलाया कि वह उनके विश्वास पर खरा उतरकर पूरे जिले के सदैव ऋणी रहेंगे। कैथल में मेरे पुराने साथी पूर्व सी.पी.एस. पं. रोशनलाल तिवारी, पूर्व मंत्री सुरेंद्र मदान सहित प्रदेश कोषाध्यक्ष पारस मित्तल जैसे नेता आज हमारे साथ जनता के हितों के लिए संघर्ष में इसलिए हैं कि वे भी हमारी तरह लोगों के दुख सहन नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा कि कैथल जिले ने हमारी पार्टी का दशकों से साथ दिया है आज भी मैं इसी उम्मीद और भरोसे के साथ आया हूं कि विधानसभा में स्पष्ट बहुमत कैथल जिले की चारों विधानसभी सीटों विजयी उम्मीदवार ही दिलाएंगे। देश को अन्न प्रदान करने वाला किसान आत्महत्या को मजबूर हैं। जिस कारण जनता कांग्रेस की जुल्म करने वाली इस सरकार को बदलना चाहती है।

लोकतंत्र में चुनाव ही ऐसा माध्यम है, जब जनता अपनी पसंद की सरकार बना सकती है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां बदला करती हैं। हरियाणा में भी हालात बदलने वाले हैं। प्रदेश में इनैलो की सरकार बनने जा रही है। राज्य के लोगों पर जुल्म करने वालों से हिसाब-किताब चुकता किया जाएगा। चौटाला ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने मुझे बिना वजह जेल भेजा है।

मेरा केवल इतना ही कुसूर था कि मैंने 3206 परिवारों को रोजी-रोटी देने का काम किया था। कांग्रेस की सोच थी कि उन्हें जेल मे करके इनैलो के संगठन को खत्म कर देंगे। लेकिन मुझे गर्व है अपने उस कर्मठ कार्यकत्र्ता पर, जो मेरे साथ हर घड़ी में खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि संकट में इनैलो में रहने वाला कार्यकत्र्ता मुझे जान से भी प्यारा है।

चौटाला ने कहा कि कुछ नेता हमें जात-पात में बांटने का काम करते हैं लेकिन इनैलो 36 बिरादरी का संगठन है। चौधरी देवी लाल ने पी.एम. की कुर्सी पर खुद की बजाए वी.पी.सिंह को बैठाकर त्याग की मिसाल कायम की थी। उन्होंने भी सी.एम. रहते हुए वोट देने या न देने को लेकर किसी के साथ ज्यादती नहीं की। इनैलो का मकसद लोगों की मूलभूत जरुरीयात को पूरा करना है।

विभिन्न प्रकार के संकट से जूझ रहे किसानों की समस्याओं की चर्चा करते हुए चौटाला ने वायदा किया कि इनैलो सरकार बनते ही हरियाणा में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा ताकि हरियाणा का किसान खुशहाल हो सके। उद्योग स्थापित करवाकर बेरोजगारी को दूर करवाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए चौटाला ने कहा कि जहां-जहां मोदी जा रहे हैं, वहां-वहां इनैलो मजबूत होती जा रही है।

चौटाला ने यह भी कहा कि हमारे पास चौधरी देवीलाल का चेहरा है। हमारे चेहरे में इतनी चमक है कि किसी दूसरे चेहरे की आवश्यकता ही नहीं। कार्यकत्र्ताओं का आह्वान करते हुए चौटाला ने कहा कि वे अपने छोटे-मोटे मतभेद भुलाकर इनैलो प्रत्याशियों को जितवाने का काम करें। कलायत से प्रत्याशी व पार्टी के वरिष्ठ नेता रामपाल माजरा ने कहा कि चौटाला द्वारा प्रदेश भर में रैलियों के संबोधन से पार्टी के हर छोटे बड़े कार्यकत्र्ता में जो जज्बा व उत्साह उत्पन्न हुआ है निश्चित तौर पार्टी उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा।

उन्होंने दावा किया 65 सीटें जीतकर इनैलो ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में फिर से सरकार बनाएगी। यह सुनकर उमड़ी भीड़ ने जोरदार तालियां बजाई और हाथ खड़े कर चौटाला सहित सभी नेताओं को जीत का आश्वासन दिया। इनैलो प्रत्याशी कैलाश भगत ने कहा कि आज उन्होंने शहरी व ग्रामीण भाईयों के लिए चौटाला साहब से अलग से बात की है और उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया है कि एक-एक शहरी भाई के सुख-दुख में वे 24 घंटे उपस्थित रहेंगे। इस मौके पर इनैलो के स्टार प्रचारक अवतार सिंह भड़ाना, कलायत प्रत्याशी रामपाल माजरा, कैथल प्रत्याशी कैलाश भगत, गुहला-चीका के प्रत्याशी बूटा सिंह व पूंडरी प्रत्याशी तेजवीर सिंह रोड़ ने भी जनसभा को संबोधित किया। विशाल जनसभा का कुशल मंच संचालन पूर्व प्रदेश सचिव अशोक जैन ने किया।

इस मौके पर पूर्व मंत्री सुरेंद्र मदान, पूर्व सी.पी.एस. पं. रोशनलाल तिवारी, प्रदेश कोषाध्यक्ष पारस मित्तल, जाट नेता धर्मपाल छौत, डा. मेहरसिंह सैनी, वयोवृद्ध गांधी वादी पं. नारायण दत्त शास्त्री, अग्रवाल नेता कृष्ण बंसल, अमरजीत छाबड़ा, जाट शिक्षा समिति के पूर्व प्रधान बलवान कोटड़ा, जिला शहरी प्रधान प्रदीप शर्मा, पूर्व विधायक मक्खन सिंह, जिप्पी शोरेवाला, धर्मवीर कैमिस्ट, ईश्वर गर्ग धनौरी, मनोज बंसल, पार्षद आशा रानी, रामफल मोर, कुवि छात्र नेता प्रियव्रत पाराशर, पार्षद विक्की शर्मा, अधिवक्ता शशी वालिया, अधिवक्ता धर्मवीर भोला, जिला संगठन सचिव हरदीप पाडला, पं. कंवरपाल करोड़ा, रणदीप कौल, चंद्रभान दयौरा, रणधीर बाता, राजा राम माजरा, संजय जागलान, सरपंच बलजिंद्र मुल्तानी, रामफल मलिक खुराना, विजय अरोड़ा, पंडित अनिल तिवारी, बार एसोसिएशन के सचिव जे.पी. जागलान, अधिवक्ता शमशेर कालारमणा, देवेंद्र कुलतारन, महेश मंगल, अधिवक्ता सांकेत मंगल, लालचंद जांगड़ा, संजीव छौत सरपंच, वरिष्ठ अग्रवाल नेता मांगे राम कैलरम, युवा जिलाध्यक्ष बलराज नौच, हरिकिशन सैनी, पूर्व एच.सी.एस. मांगे राम ढुल, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पं. रणवीर, अनिल तंवर, महाबीर पट्टी अफगान, गुलाब छौत, रामदिया चावरिया, दीक्षित गर्ग, बलबीर प्रिंसीपल, सुभाष बुढ़ाखेड़ा, युवा नेता जसमेर तितरम, संदीप ढांडा, ऋषि राज राणा, हलका प्रधान रोशन सिरटा, बिल्लू चंदाना, बिन्नी कालड़ा, सतीश राणा कलायत, ओमप्रकाश सरपंच खुराना,पतासो देवी बाबालदाना, हलका शहरी प्रधान मनजीत डोरा, जोगेंद्र कसान, अधिवक्ता पवन ढुल, कृष्ण शेरगढ़, अशोक भारती, जसमेर ढांडा, अभिजीत जोशी, लाला टेकचंद सजूमा, डा. कश्मीरी लाल,अधिवक्ता विनीत गोयल, सुरेश मलिक खुराना, मेजर सूबेदार पारस नाथ क्योड़क, अधिवक्ता जोमिंद्रसिंह पन्नू, वेदप्रकाश ढुल, कृष्ण चीकू,भूपसिंह वाल्मीकि, स. जरनैलसिंह, सुरजीत पबनावा, नरेंद्र घराड़सी, महेंद्र शर्मा सरपंच खेड़ी, सुल्तानसिंह मुन्नारेहड़ी, रामप्रकाश गोगी, सतपाल मलिक हजवाना, लीलू पाई, राजेश टाया सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।

रिपोर्ट :- राजकुमार अग्रवाल

 

अब फैशनेबल भी हो गई है पारंपरिक चुनरी

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नारी का सौंदर्य निखारने तथा उभारने में ओढ़नी की भूमिका हमेशा से रही है। अब यह पहले की तरह जरूरत न रह कर फैशन का हिस्सा भी बन चुकी है। ओढ़नी को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है जैसे दुपट्टा, चुन्नी, चुनरी आदि।-कुरते के साथ फबने वाली ओढ़नियों का फैशन अब जल्दी-जल्दी बदलता रहता है जिससे पता चलता है कि युवतियां आकर्षक दिखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। सलवार-सूट का डिजाइन चाहे कोई भी हो अगर ओढ़नी आकर्षक नहीं है तो पहनने वाली और देखने वालों को कुछ अधूरापन सा महसूस होता है।

युवतियों की बदलती रूचि ने यह भी साबित कर दिया है कि ओढ़नी उनके सलवार-सूट से मैच करे यह जरूरी नहीं है। पहले यह धारणा थी कि ओढ़नी केवल पंजाबी महिलाओं का परम्परागत परिधान है लेकिन आज हालत यह है ाुक ओढ़नी देश के सभी प्रांतों की युवतियों की प्राथमिकता बन गई है। अब वह समय गया जब केवल 1 मीटर की चुनरी ठीक लगती थी। अब ओढ़नी नए अंदाजों में तीन मीटर तक की हो गई है। 1 मीटर की ओढ़नी के जमाने में छोटी और ढीले कुरते के साथ सलवार भी ढीली होती थी

। तब सुंदर दिखने के लिए यह जरूरी माना जाता था कि जिस रंग या प्रिंट की सलवार-सूट हो उसी प्रिंट की ओढ़नी हो लेकिन धीरे-धीरे यह मिथक टूट गया और ओढ़नी पूरी तरह फैशन के रंग में रंग गई और वह सीना ढकने का कपड़ा मात्र न रहकर देह को सलीके से प्रदर्शित करने का जरिया भी बन गई। ऐसी बहुत कम युवतियां हैं जो सार्वजनिक स्थानों पर बिना ओढ़नी के जाना पसंद करती हों बशर्ते वे सलवार-सूट पहनी हों। ओढ़नी का चुनाव सलवार-सूट के लिहाज से होना जरूरी माना जाने लगा है। 3 मीटर तक की लंबी लेकिन पहले से चैड़ी ओढ़नी इन दिनों ज्यादा चलन में है।

परम्परागत रंगों में राजस्थान व मिथिला की पेंटिंग के संग परम्परागत सलवार-कुरते, जरीदार ओढ़नियों के साथ आकर्षक दिखते हैं। ओढ़नियां अब पार्टी वियर्स के साथ फैशन में आ गई हैं जिन्हें मिलेजुले फैब्रिक्स के साथ अक्सर देखा जा सकता है। अगर आप सांवली और लंबी हैं तो आप पर हल्के रंगों के सलवार-सूट पर गोल्डन, ग्रेप तथा सिलवरिश ग्रे रंगों की ओढ़नी ज्यादा फबेगी। सांवली और मध्यम कद की युवतियों पर आज का प्रचलित फैशन है पीला, हल्का नीला या आसमानी, गहरा गुलाबी या सफेद सलवार-सूट और उस पर गहरे सिंगल कलर की पूरे लेस की ओढ़नी।

गेहुंए रंग वाली लंबे कद की युवतियां किसी भी रंग के सलवार-सूट के साथ लगभग 2 मीटर लंबी ओढ़नी में खूबसूरत दिखती हैं लेकिन ओढ़नी पर फैब्रिक पेंटिंग या पैचवर्क होनी चाहिए। गेहुंए रंग वाली मध्यम कद की युवतियां भी मनपसंद रंग के सलवार-सूट के साथ 2 रंगों वाली शिफान की ओढ़नी के साथ आकर्षक लगती हंै। गोरी, लंबी युवतियां मूंगियां, हरे, बादामी, गहरे लाल या काले सलवार-सूट के साथ किसी भी हल्के रंग की प्लेन ओढ़नी जिस पर बूंदें हो, में फबती हैं।

गोरी मध्यम कद की युवतियां किसी भी मनपसंद रंग के सलवार-सूट के साथ लाल शेड्स वाली प्लेन या अपेक्षाकृत चैड़ी प्रिंटेड ओढ़नी में अच्छी दिखती हैं। इसी तरह समय के हिसाब से भी ओढ़नियां चलन में हैं। जैसे सुबह के वक्त गहरे रंग की ओढ़नियां चलन मे हैं तो शाम को जामुनी, नारंगी या काली ओढ़निया पसंद की जाती हैं।

 

मप्र में नाबालिगों के साथ सर्वाधिक बलात्कार की घटनाएं

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भोपाल [ TNN ] मध्यप्रदेश में नाबालिगों के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। इसमें जहां पीडितों को पर्याप्त सहायता सरकार मुहैया नहीं करा पा रही है वहीं आरोपियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है।आम आदमी पार्टी की मीडिया सचिव नेहा बग्गा कार्यालय सचिव दुष्यंत दांगी एवं भोपाल के विधान सभा प्रभारी देवेन्द्र अग्रवाल ,शहेनशाह , अबिद , फ़राज़ एवं आशु आदि मंगलावार को सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल में आप नेताओं ने सागर और भोपाल में बलात्कार की शिकार नाबालिग बालिकाओं के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्युरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि 2012 में यदि देश भर में 24,923 मामले बलात्कार के दर्ज किए गए तो इसमें सर्वाधिक 3,425 मध्यप्रदेश में दर्ज किए गए थे। इसी तरह 2013 में जब पूरे देश में 33,707 मामले बलात्कार के पूरे देश में दर्ज किए गए तो सर्वाधिक 4,335 मप्र में दर्ज किए गए। जिस उत्तरप्रदेश को अत्याचार के मामले में तथाकथित रूप से अव्वल बताया जाता है दरअसल वह भी मप्र से काफी पीछे है।आप नेता ने कहा कि वर्ष 2014 में भी अभी तक बलात्कार के मामले में मप्र आगे है और इसमें नाबालिगों के साथ बलात्कार की घटनाएं काफी ज्यादा हैं।

ताजा मामला सागर और भोपाल का है। जहां 17 साल और 6 साल की बालिकाओं के साथ रेप की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें आरोपी भी पुलिस की पकड़ से दूर है।यह दुखद है कि भोपाल पीडिता का मेडिकल यह सरकारी छुट्टी होने के कारन टाल दिया गया वही दशहरे के मौके पर सागर में जब पुलिस बल काफी संख्या में रहता है तब बीच शहर से एक नाबालिग का अपहरण होता है और उसके साथ बलात्कार कर झाडियों में फेंक दिया जाता है।

इस घटना से पुलिस प्रशासन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है कि उनका कोई खौफ अब अपराधियों पर बचा नहीं है। इसके पीछे कारण भी यही है कि बलात्कार के मामलों में जितने मामले दर्ज होते हैं उनमें से अधिकांश में आरोपी पुलिस की पर्याप्त कार्यवाही न होने के आधार पर बरी हो जाते हैं।

आम आदमी पार्टी ने मप्र सरकार से मांग की है कि वे पूरे प्रदेश में महिला सुरक्षा दल का गठन करवाएं। इसके साथ ही बलात्कार पीड़िता के ईलाज आदि की व्यवस्था निशुल्क कराएं।पीड़िता के पूरे मामले को महिला पुलिस को ही कार्रवाई करना चाहिए। इसके अलावा फास्ट ट्रेक कोर्ट के माध्यम से जल्द न्याय सुनिश्चत किया जाए।

 

रात 10 बजे से सुबह 06 बजे तक पटाखे फोड़ना प्रतिबंधित

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रायपुर [ TNN ] राज्य शासन ने सर्वोच्च न्यायालय और केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप छत्तीसगढ़ में तेज आवाज वाले पटाखों तथा उच्च ध्वनि उत्पन्न करने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों की रोकथाम के लिए कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार ने ऐसे पटाखों और ध्वनि विस्तारक यंत्रों से होने वाले वायु प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण की गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को कड़ा पत्र जारी कर इस संबंध में समय-समय पर दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने कहा है।

इस पत्र में कहा गया है कि जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक अपने जिलों में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए चार मीटर की दूरी तय 125 डी.बी. या 145 डी.बी. से अधिक शोर वाले पटाखे प्रतिबंधित कर दिए जाएं। इसी प्रकार पटाखों की लडि़यों के लिए मानक पांच लॉन (एन) डी.बी. है। जिसमें एन लडि़यों पर लगाए जाने वाले पटाखों की संख्या है। पत्र में यह भी कहा गया कि रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक पटाखें न फोड़े जाएं। पटाखें फोड़ने के लिए सुबह छह बजे से रात दस बजे तक का समय निर्धारित किया गया है।

अतिसंवेदनशील क्षे.त्रों जैसे अस्पताल, स्कूल, अदालत, धार्मिक संस्थाओं आदि से कम से कम 100 मीटर दूरी तक पटाखें न फोड़े जाएं। शिक्षण संस्थाओं में बच्चों को ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के बुरे परिणामों के बारे में बताकर इन बच्चों को जन-जागरूकता अभियान में शामिल किया जाए। इस कार्य में स्कूलों में गठित ईको क्लबों का सहयोग लिया जा सकता है। अपर मुख्य सचिव श्री बैजेन्द्र कुमार ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे दीपावली त्यौहार के पूर्व एवं त्यौहार के दौरान ध्वनि एवं वायु प्रदूषण का माप करके इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें।

 

 

 

भिडं मे दंबगो के डर से बंदूको के साये में थाना निर्माण

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भिडं [ TNN ] मध्य प्रदेश के भिडं मे दंबगो का डर आम आदमी को ही नही खाकी बर्दी धारियो को भी है .जिसके चलते खाकी वर्दी वाले भी अपने ही थाने के भवन के नव निर्माण को बदूको के साये मे करवाने पर मजबूर है । मामला भारोली गाॅव के नये थाने के भवन निर्माण का है जॅहा पिछले दिनो नये थाने भवन के लिये प्रशासन व्दारा जमीन आवंटित की थी जिस पर दंबगो का कब्जा था जिसको खाली करवाने गई पुलिस पर दबंगो ने पथराव कर दिया था इस विवाद को लेकर ग्रामीण महिलाओ ने मंत्री लालसिहं आर्य से शिकायत कर गम्भीर आरोप लगाये थे. दबंगो की इस दबंगई के चलते भारोली थाना पुलिस और निर्माण कर रहे ठेकेदार बंदूको के साये मे थाना भवन का निर्माण कराने को मजबूर है ।

हाथो मे लिये बंदूक और चप्पे चप्पे पर पुलिस कर्मीयो के साथ साथ प्राइवेट बंदूक धारीयो का यह नजारा किसी डकैत गिरोह के डर का नही बल्कि थाना भवन के निर्माण मे रौडा अटका रहे दंबगो के डर का है ।

आपको बता दे कि इस इलाके मे बढे हुये डकैतो के मूमेन्ट के चलते भारोली इलाके मे थाने का निर्माण हुआ था लेकिन आज भारोली थाने का भवन जर्जर हालत मे होने से नये थाना भवन के निर्माण के लिये प्रशासन ने जमीन आंबटन की थी लेकिन इस जमीन पर दबंगो का कब्जा होने के चलते कुछ दिन पहले जमीन पर कब्जा हटाने के लिये पहुचे थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियो पर स्थानीय दंबगो ने जानलेबा हमला कर पत्थर बाजी की इतना ही नही गाॅव की महिलाओ ने मंत्री लालसिह से मिलकर थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाये थे जिसके चलते पुलिस अधिकारी और थाना भवन निर्माण करने वाले ठेकेदार भी भयभीत हो गये आगे किसी प्रकार की विवाद के हालात पैदा ना हो इस कारण चप्पे चप्पे पर आधुनिक हथियारो से लैस पुलिस कर्मीयो के साथ ठेकेदार के भी लोग भी हथियारो से होकर तैनात हो गये हे और थाना भवन का निर्माण कराने मे जुटे है ।
रिपोर्ट -महेश मिश्रा

जयललिता की जमानत खारिज , जेल में ही रहना होगा

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कर्नाटक हाई कोर्ट ने जयललिता की बेल अर्जी को खारिज कर दिया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को जेल में ही रहना होगा। जयललिता पिछले 10 दिनों से जेल में बंद हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में बेंगलुरु के स्पेशल कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया है। जयललिता को कोर्ट ने 4 साल जेल की सजा सुनाई है। उन पर 100 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है।

जया की बेल याचिका को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का साफ निर्देश है कि भ्रष्टाचार मानवाधिकार का उल्लंघन है।’ जयललिता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील राम जेठमलानी कोर्ट में दलील रख रहे थे। जया ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्पेशल कोर्ट के फैसले को रोकने और जमानत की मांग की थी। इससे पहले बेंगलुरु पुलिस ने पराप्पना अगरहारा सेंट्रल जेल के चारों तरफ सिक्यॉरिटी कड़ी कर दी थी। जयललिता इसी जेल में 27 सितबंर से बंद हैं। जयललिता की बेल अर्जी को हाई कोर्ट ने एक अक्टूबर को सुनवाई करते हुए 7 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था।

जयललिता की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाले जस्टिस ए.वी. चंद्रशेखर ने इसे खारिज करने के साथ-साथ इस मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री को मिली चार साल कैद की सजा निलंबित करने की याचिका पर भी सुनवाई से इनकार कर दिया। इससे पहले विशेष लोक अभियोजक जी. भवानी सिंह ने अदालत में कहा था कि उन्हें जमानत पर कोई आपत्ति नहीं है। इससे पहले खबर आई थी कि जयललिता को सशर्त जमानत मिल गई है, लेकिन बाद में उसका खंडन किया गया।

दरअसल, जमानत मिलने की सूचना ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के वकील के हवाले से दी गई थी। इसी के बाद तमिलनाडु में चारों ओर उल्लास का वातावरण था। जयललिता एआईडीएमके की महासचिव हैं। बाद में जब इस बात की पुष्टि हुई कि अदालत ने जयललिता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, तब हालात बदल गए। उल्लास एक तरह से मातम में बदल गया। बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने जयललिता को 27 सितंबर को दोषी ठहराते हुए चार साल कैद और 100 करोड़ रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

उन पर मुख्यमंत्री रहते हुए आय के ज्ञात स्रोत से 66 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जमा करने का आरोप साबित हुआ है। अदालत से दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद जयललिता के करीबी और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के वरिष्ठ सदस्य ओ. पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री बने।

जयललिता की ओर से राम जेठमलानी ने कोर्ट से कहा कि जेल में बंद अन्नाद्रमुक प्रमुख को स्पेशल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराये जाने के खिलाफ अपील पर सुनवाई लंबित रहने के मद्देनजर तत्काल जमानत दी जानी चाहिए। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री की पैरवी करते हुए जेठमलानी ने स्पेशल कोर्ट द्वारा उन्हें चार साल की कैद की सजा को स्थगित करने की मांग की।

जेठमलानी ने कहा कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 389 के तहत अपील लंबित होने के मद्देनजर सजा को स्थगित कर दिया जाए। धारा 389 के तहत दोषी करार दिए गए व्यक्ति की अपील लंबित रहने पर अपीलीय अदालत यह आदेश दे सकती है कि जिस सजा या आदेश के खिलाफ अपील की गई है, उस पर अमल स्थगित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर व्यक्ति जेल में बंद है तो उसे जमानत या निजी मुचलके पर छोड़ा जा सकता है।

हालांकि अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से कहा कि वह सशर्त जमानत का विरोध नहीं करेगा। बेंगलुरु के स्पेशल कोर्ट द्वारा 66 साल की जयललिता को दोषी ठहराने के बाद उन्हें अरेस्ट किया गया था। 2001 में सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता की अदालती सुनवाई तमिलनाडु से पड़ोसी राज्य कर्नाटक ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा अदालती कार्यवाही को राजनीतिक प्रभाव से बचाने के लिए किया था।- एजेंसी

उत्सव-मेले हमारे मन मिलाते है – अर्चना चिटनीस

Archana Chitnisबुरहानपुर [ TNN ] मेले हमारे मन मिलाते है, मेलों से मेल-मिलाप बढ़ता है। मेलों की परंपरा में भारतीय संस्कृति और हमारी परंपराओं को सतत् जीवंत बनाए रखा है। नदी तट पर ईश आराधना में श्रृद्धा का संगम अपने क्षेत्र में सदियों से चला आ रहा है। यह बात भगवान श्री बालाजी के मेले में क्षेत्रीय विधायक श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कही।

बुंदेलखंड टीकमगढ़ के भजन सम्राट पंडित पवन तिवारी के ’’भजमन राम चरण सुखदायि’’ एवं ’’सुनी है गोकुल की नगरियां पिय प्यारे मोरणीया’’ भजनों से ताप्ती किनारे उपस्थित श्रद्धालु झुम उठे। तृतीय दिवस पर श्री बालाजी महाराज का ताप्ती स्नान विधि पूर्वक व पूजा-अर्चना के साथ सम्पन्न हुआ। प्रातः भगवान बालाजी महाराज को ताप्ती नदी में स्नान कर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनीस (दीदी) ने चरण स्पर्श किए। तेरस पर आयोजित गरबा रास प्रतियोगिता में श्रीमती अर्चना चिटनीस (दीदी) एवं गणमान्य नागरिकों सहित बालाजी उत्सव समिति के पदाधिकारी सांस्कृतिक कार्यक्रमांे का आनंद लेते दिखाई दिए। पारम्परिक एवं ऐतिहासिक श्री बालाजी महाराज जी का ताप्ती नदी तट पर अश्विन सुदी ग्यारस से तेरस तक तीन दिवसीय मेला भगवान बालाजी महाराज के रथ की मुख्य मंदिर स्थल पर वापसी के साथ पूर्ण होगा। श्री बालाजी रथ ताप्ती तट से मंदिर की ओर प्रस्थान बेला में समस्त उपस्थित श्रृद्धालु गोविन्दा-बालाजी, बालाजी-गोविन्दा का उद्घोष कर नदी से बालाजी मंदिर की ओर रवाना होंगे।

ज्ञात रहे श्री बालाजी महाराज के तीन दिवसीय ताप्ती नदी तट के इस मेले को विगत 6-7 वर्षांे से श्रीमती अर्चना चिटनीस (दीदी) द्वारा ’’ताप्ती-बालाजी’’ उत्सव समिति के माध्यम से कराया जाता रहा है।

ताप्ती नदी के बालाजी मेले में प्रत्येक कार्यक्रम अंतर्गत श्रीमती अर्चना चिटनीस (दीदी) स्वयं इसलिए भी उपस्थित होती रही ताकि व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने में समिति व प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराती रहे। क्षेत्र में इस मेले का धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रहा है इसीलिए पिछले चार सौ वर्ष से ताप्ती नदी पर बालाजी मेले का भव्य स्वरूप दिखाई देता है।

मेला स्थल पर श्रीमती चिटनीस (दीदी) के सहयोगी कार्यकर्ता श्रीमती अंजली पिपलीकर, पूर्णिमा हुंडीवाला, उज्वला कापडि़या, श्रीमती शाह, अंजली गढे़, साधना पवार, यमुना मौसी, बसंती समाधान पाटील, गिरीश शाह, प्रदीप केडि़या, मुकेश शाह, मनीष मर्चन्ट, आर.पी. श्रीवास्तव, बलराज नावानी, चंचल कुशवाह, मनोज तारवाला, रमेश पाटीदार, अमित मिश्रा, सतीश देशमुख, जगदीश कपूर, अशोक भट्ट, संभाजी सगरे, रूद्रेश्वर एंडोले, सुधीर खुराना, चिंतामन महाजन, पांडुरंग महाजन, राजा राठौर, रवि काकड़े, नगीन संयास, किशोर पाटील, सदेन्द्र गुप्ता, बंटी मांडवकर एवं अनिल वानखेडे़ आदि विशेष रूप से व्यवस्थाओ में सतत् योगदान देते रहे है।

मोदी के मंत्री अफजल खान की फौज की तरह : उद्धव ठाकरे

Uddhav Thackerayमुंबई [ TNN ] विधानसभा चुनावों के लिए रास्ते अलग होने के बाद शिव सेना अपनी पुरानी सहयोगी बीजेपी को बख्शने के मूड में नहीं है। शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना 17वीं सदी में शिवाजी के राज्य पर हमले करने वाले औरंगजेब के सेनापति अफजल खान और बीजेपी की तुलना अफजल खान की फौज से की है।

शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि, महाराष्ट्र में प्रचार कर रहे मोदी के मंत्री अफजल खान की फौज की तरह ही हैं जो राज्य को तोड़ने आए हैं। बीजेपी ने इस बारे में अभी सिर्फ इतना कहा है, यह निराशा में दिया गया बयान है।

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने तुलजापुर की एक रैली में बीजेपी की तुलना अफजल खान की फौज से की। उन्होंने सवाल किया कि नरेंद्र मोदी अब तक कहां थे, पहले वे आए और फिर उनका पूरा कैबिनेट प्रचार करने आ गया है। वह विकास के नाम पर महाराष्ट्र के टुकड़े करने आए हैं। ठाकरे ना कहा, जो महाराष्ट्र के जमींदोज करने आए हैं, मैं उन्हें जमींदोज कर दूंगा।

ठाकरे ने 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी के पास मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं है। इसलिए नरेंद्र मोदी को महाराष्ट्र में सभाएं करनी पड़ रही हैं। दिल्ली के बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी को हराने के लिए अफजल खान के नेतृत्व में फौज भेजी थी लेकिन बारात के बहाने शिवाजी ने पुणे के महल में घुसकर अफजल को घेर लिया और खिड़की से कूदकर भाग रहे अफजल की उंगलियां काटकर उसे मार दिया था।

उद्धव ने कहा, हमने लोकसभा में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का सपना देखा था, यह सपना पूरा भी हुआ। अब विधानसभा में महायुति की सरकार बनाने का सपना देखा। लेकिन उन्होंने पता नहीं क्या सोचा कि उन्होंने (बीजेपी ने) युति ही तोड़ दी। अब कुर्सी मिल गई, इसलिए शिवसेना की उन्हें जरूरत नहीं रही। उन्होंने शिवसेना का इस्तेमाल किया है।

पिता की गर्दन काटकर बोला अब प्रेमिका की बारी

Surrender father's neck cutबागपत [ TNN ] यूपी के बागपत में रविवार दोपहर पिता की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या करने के आरोपी गुल सनव्वर ने सोमवार को खुद कोतवाली पहुंचकर सरेंडर कर दिया।

उसने सिरफिरे आशिक की तरह पुलिस के सामने धमकी दी कि अगर उसकी प्रेमिका की कहीं और शादी की गई तो वह उसे भी मौत के घाट उतार देगा। आरोपी ने कहा कि उसने पिता प्रेम विवाह के लिए राजी नहीं थे इसलिए उसकी हत्या कर दी।

गुल सनव्वर ने थाने में ही मीडिया को बताया कि उसका अपनी रिश्तेदारी में ही एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा है। युवती उसके साथ शादी करने के लिए तैयार है। लेकिन उसके पिता नूर मोहम्मद राजी नहीं थे। प्रेमिका ने कहा था कि अगर जल्द ही दोनों ने शादी नहीं की तो उसकी डोली किसी और के घर चली जाएगी।

गुल सनव्वर ने बताया कि उसने यही बात पिता को बताई तो उन्होंने उसकी पिटाई कर दी। इसी से गुस्से में आकर उसने पिता की गर्दन कुल्हाड़ी मारकर अलग कर दी।

गौरतलब है कि बागपत शहर के मोहल्ला केतीपुरा में रविवार को गुल सनव्वर ने सारी हदें पार कर दी। गुल सनव्वर खून का रिश्ता भूल गया और अपने पिता नूर मोहम्मद का खून कर डाला। कुल्हाड़ी से सोते हुए पिता की एक झटके में गर्दन काट दी।

नूर मोहम्मद (45) ऊंट बोगी चलाकर परिवार को गुजारा करता था। मृतक के चार बेटे और पांच बेटियां हैं। हत्यारोपी बेटा गुल सनव्वर (20) दूसरे नंबर का है। वह अवारा किस्म का बताया गया। सही रास्ते पर लाने के लिए नूर मोहम्मद ने रविवार सुबह गुल सनव्वर को काफी देर समझाया।

बाप-बेटे में कहासुनी इतनी बढ़ गई कि नूर मोहम्मद ने सन्नवर को थप्पड़ मार दिया। वह गुस्से में चुपचाप चला गया। परिजनों के मुताबिक दोपहर करीब ढाई बजे सनव्वर और उसका बड़ा भाई नानू एक कमरे में लेटे थे।

नूर मोहम्मद बाहर चारपाई पर सोया था। सनव्वर चुपके से उठा और घर में कुल्हाड़ी उठाकर सो रहे पिता की गर्दन पर वार कर दिया। मौके पर ही मौत हो गई।

डिजिटल भारत के सपने को साकार करता मध्यप्रदेश

Madhya Pradesh realizing the dream of digital India _teznewsभोपाल [ TNN ] ’ डिजिटल भारत ’’ के विजन को पूरा करने में मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भोपाल के पास बड़वई और जबलपुर के पास पूर्वा में स्थापित होने वाले देश के पहले दो इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर मेन्युफेक्चरिंग के क्षेत्र में निवेश आकर्षित कर इसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में आत्म-निर्भर बनाने में सहायक होंगे। ’डिजिटल इंडिया’’ के विजन को मूर्तरूप देने में ईएमसी को सातवें स्तम्भ के रूप घोषित किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक आयात को शून्य पर लाने का लक्ष्य है। इन दोनों ईएमसी से मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का बड़ा केन्द्र बन जायेगा।

योजना का प्रमुख उद्देश्य ’इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स डिजायन एण्ड मेन्युफेक्चरिंग (ईएसडीएम)’ में निवेश को बढ़ाना है। ईएसडीएम सेक्टर में मोबाइल सेट सहित टेलीकॉम उपकरण, आप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी हार्डवेयर, बायोमेट्रिक/आइडेंटिटी डिवाइसेज, कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ईएसडीएम उत्पादों के लिये पॉवर सप्लाय, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर वेफरिंग, सोलर फोटोवॉल्टेइक्स, सेमीकंडक्टर चिप्स और कम्पोनेन्ट्स, ईएसडीएम उत्पादों के लिये एफएबी, एलईडी, एलसीडी, ऐवियोनिक्स, इलेक्ट्रो-मेकेनिकल कम्पोनेन्ट्स, नेनो-इलेक्ट्रॉनिक्स, ई-वेस्ट प्रोसेसिंग, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रोनिक्स मेन्युफेक्चरिंग सर्विसेज शामिल हैं1

योजना में गतिविधियाँ
ईएमसी योजना में अनेक गतिविधि के लिये सहायता दी जायेगी। इनमें आंतरिक सड़कों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, इलेक्ट्रिसिटी सब स्टेशन, बेकअप पॉवर प्लांट, वेयर-हाउसिंग, कर्मचारियों के लिये हॉस्टल और मेस, अस्पताल, शिक्षा सुविधाएँ, शॉपिंग मॉल, शोध एवं विकास सेवाएँ, प्रशिक्षण सुविधा, आई.टी. अधोसंरचना, टेलीकॉम, पेकेजिंग, टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन सुविधा, सुरक्षा, इलेक्ट्रिकल और मेकेनिकल सम्पत्तियाँ, टेक्स सपोर्ट, प्रदूषण नियंत्रण आदि शामिल हैं।

मध्यप्रदेश में दी जाने वाली रियायतें
इलेक्ट्रानिक्स उद्योग को मध्यप्रदेश में अनेक प्रकार की रियायत और सुविधाएँ दी जा रही हैं। राज्य सरकार ने आई.टी. निवेश पॉलिसी 2014 लागू की है। इस नीति में सिंगल विण्डो क्लीयरेंस के माध्यम से सभी सुविधाएँ एक जगह दी जायेंगी। साथ ही ब्याज पर 5 प्रतिशत अनुदान, नई इकाइयों के लिये 25 प्रतिशत पूँजी निवेश अनुदान, आई.टी. इवेंट्स में शामिल होने के लिये स्टॉलों पर लगने वाले किराये का 50 प्रतिशत अनुदान, भूमि की कीमत पर 75 प्रतिशत छूट, वेट और सीएसटी रिफण्ड, स्टाम्प ड्यूटी में रियायतें, स्किल गेप ट्रेनिंग में लागत के 50 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति, केप्टिव पॉवर जनरेशन और उपयोग के लिये अनुकूल नीति, एन्ट्री टेक्स का लाभ और विस्तार तथा आधुनिकीकरण के लिये सुविधाएँ दी गई हैं।

उल्लेखनीय है कि भोपाल के पास ग्राम बड़वई में कल 6 अक्टूबर को केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद आई.टी. पार्क और ईएमसी का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान समारोह की अध्यक्षता करेंगे।

“जिस दिन वोट पड़ेंगे, उस दिन हम उजड़ जायेंगे”

 जिस दिन वोट पड़ेंगे उस दिन हम उजड़ जायेंगे। कोई नेता, कोई मंत्री, कोई अधिकारी इस गांव में झांकने तक नहीं आता। छह महीने पहले तक गांव में हर कोई आता था। छह महीने पहले चुनावी बूथ भी गांव में बना था। छह महीने पहले मिट्टी की दीवार पर लगा पंतप्रधान नरेन्द्र मोदी का पोस्टर तो अभी भी चस्पा है। लेकिन पीढ़ियों से जिस मिट्टी की गोद पर सैकड़ों परिवार पले बढे उनके पास सिर्फ 15 अक्टूबर तक का वक्त है। हमारी खेती छिन गयी। हमारा घर गया । बच्चो को लगता है घूमने जाना है तो वह अपनी कॉपी किताब तक को बांध रहे हैं। बुजुर्गो को लगता है उनकी सांस ही छिन गयी। तो जो हाथ कल तक समूचे परिवार को थाम लेते थे अब वह हाथ बेबस है । हर मां की आंखें नम है। हर पिता कांपते-लडखडाते पांव से घर के खपरैल तक को समेट रहा है। क्योंकि वोटिंग के दिन तक गांव खाली कर देना है। और जहां जाकर नये सिरे से जिन्दगी शुरु करनी है, वहां का ठिकाना बंजर जमीन पर मुआवजे की रकम से चाहरदिवारी खड़ी करनी है। वहीं नया गांव होगा। वहीं घर होगा। यह सच नागपुर से सटे भंडारा जिले के उस पाथरी गांव का है, जिसका जन्म संघर्ष के दौर में आंदोलन से हुआ और जिसकी मौत विकास की उस अविरल रेखा से होने जा रही है जो बांध परियोजना के नाम पर जमीन, जिन्दगी, गांव के गांव खत्म कर रहा है या आबाद इसकी परिभाषा कभी मुंबई-दिल्ली गढ़ नहीं पाये।15TH_CITY_PARLIAME_1144100g

पाथरी गांव की सरंपच रीना भूरे को भरोसा है सरकार बांध बनाने के लिये उजाड़ रही है तो बसायेगी भी
। तो गांव में चाय की बैठकी का एकमात्र ठिहा चलाने वाले प्रभु लांजवार वोटिंग वाले दिन गांव वालों को आखिरी चाय पिलाकर जिन्दगी से ही विदा हो जाना चाहते हैं। वहीं हटवार परिवार की त्रासदी तो इनके नाम से जुड़ी है। पीढियों से रहते आये 72 बरस के रामदशरथ हटवार ने अपने पिता से लेकर अपने बच्चो के नाम के साथ पाथरी शब्द जोड़ दिया। खुद को वह रामदशरथ पाथरी कहते लिखते हैं। कौडू देशभुख महात्मा गांधी के साथ पग मिलाये और विनोबा भावे के साथ मध्यभारत की धूल भूदान आंदोलन के लिये फांकी । लेकिन अब हर रास्ता बंद है क्योंकि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के सपने को पूरा करने के लिये गोसीखुर्द बांध परियोजना पांच जिलों की सियासत का ऐसा स्रोत बन चुका है जहां गांव के गांव उजड़ने का मतलब है करोडों के वारे न्यारे। इसलिये पाथरी गांव ही नहीं बल्कि गोसीखुर्द परियोजना के दायरे में आने वाले 238 गांव आखिरी सांस ले रहे हैं। और इनकी बुझती सांस की एवज में जो सपना पाला गया है, वह भंडारा, नागपुर, चन्द्रपुर की ढाई लाख हेक्टेयर जमीन को सिचाई की व्यवस्था करना है।

लेकिन नेता और सरकारों के विकास के नारों के बीच गोसीखुर्द बांध और पाथरी गांव एक ऐसी मिसाल है जो लूट और मौत का खेल खेलती है। लूट इसलिये क्योंकि 1983 में इंदिरा गांधी ने गोसीखुर्द का सपना 372 करोड़ रुपये में देखा था । इंदिरा गांधी की मौत ने सपने को लील लिया और राजीव गांधी ने सपने को पूरा करने वक्त 1993 तक का निकाला। जो आज पाथरी गांव छोडने से अच्छा मौत को मानते है उन सभी ने चाहे वह लांजेवार हो या भूरे ने राजीव गांधी को नंगी आंखों से देखा और अपने कानो से यह कहते सुना कि किसान को खेती की जमीन मिलेगी। खेत-मजदूर को रोजगार मिलेगा। बच्चो को स्कूल और बुजुर्गो को घर। लेकिन राजीव गांधी की मौत के बाद सियासत इतनी पथरीली हो गयी कि गोसीखुर्द गांध भी देश को अभी तक नहीं मिला और जिस बांध को 372 करोड़ रुपये में पूरा होना था वह चीटी की रफ्तार से बनाता हुया हाथी की डकार लेने लगा। 1995 में पीवी नरसिंहराव यहां पहुंचे तो गोसीखुर्ज 3768 करोड़ का हो गया। 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी ने 8734 करोड़ कीमत लगायी । 2006 में मनमोहन सिंह ने 12 हजार करोड़ कीमत आंकी और सत्ता जाने से पहले 2013 में गोसीखुर्द बांध की कीमत 15 हजार करोड़ पहुंच गयी। हर पार्टी का नेता, मंत्री, विधायक , पार्षद गोसीखुर्द का ठेकेदार हो गया। हर ठेके में करोड़ों के वारे न्यारे हुये । साढे पांच हजार करोड अभी तक गोसीखुर्द डकार चुका है लेकिन सेन्द्रल वाटर कमीशन को कहना पड़ा कि जितना दिया गया जब उतना भी काम नहीं हुआ तो फिर बाकि साढे नौ हजार करोड़ क्यों दिये जायें। लेकिन मौका फिर चुनाव का है तो हर कोई उम्मीद जगाने में लगा है कि बाकि पैसा भी वह जीतते ही ले आयेगा और हर उजड़ने वाले की जिन्दगी संवार देगा ।

लेकिन उजड़ने वालों के बीछ ढांढस बंधाने वाले और संघर्ष के लिये तैयार करते समाज सेवी विलास भोंगाडे की माने तो गोसीखुर्द परियोजना के एलान के बाद तो दो पीढिया वोट डालने के लिये जन्म ले चुकी हैं। और जो पीढी 18 बरस की इस बरस हुई यानी पहली बार वोट डालेगी उसकी त्रासदी देख लीजिये। वही लड़ने तीस रुपये रोज पर रिक्शे पर लाउडस्पीकर पर माइक से चिल्लाते हुये घूम रहे हैं कि 15 तारीख वोटिंग का दिन है । और 15  तारीख गांव खाली करना है । इस बार पोलिंग बूथ पाथरी गांव में नहीं बनेगा बल्कि पुनर्वास गांव में बनेगा। यानी हर दिन तीस रुपये भी पीढ़ियो की जिन्दगी को चंद रुपयों के मुआवजे तले दफ्न करने को तैयार है। क्योंकि दूसरा कोई रास्ता नहीं है। लूट का अर्थशास्त्र सिर्फ गोसीखुर्द बांध परियोजना के ठेके पर नहीं टिका है बल्कि मुआवजे का गणित भी हर किसी को एक-दो बरस से ज्यादा जीने का अधिकार देने को तैयार नहीं है। पाथरी गांव के इलाके में एक एकड केती की जमीन की कीमत है आठ से दस लाख रुपये। लेकिन मुआवजा दिया जा रहा है तीस से चालीस हजार रुपये। संजय देशमुख के पास साछे छह एकड़ खेती की जमीन थी। मुआवजा मिला दो लाख पचास हजार। घर मिट्टी का था तो उसकी एवज में चालीस हजार रुपये मिले। जो नयी जगह दी वहा घर बनाने में लग गये सवा लाख रुपये।

पानी के लिये ट्यूबवैल लगानी पड़ी जो पचास हजार में लगी। हाथ में बचे सवा लाख रुपये बैक को देकर छह लाख रुपये का ट्रैक्टर खरीद लिया । किसानी छोड़ अब ट्रैक्टर ड्राइवर होकर जीना है । बैक हो हर महीने तीन हजार रुपये देने है । और कमाई हर दिन की 120 रुपया है । यानी हर दिन ट्रैक्टर चलता रहे तो हर दिन बीस रुपये और छह सौ रुपये महीने में जिन्दगी चलानी है। इस अर्थसास्त्र से कौन सा गांव शहर होगा या कौन सा विकास रोजगार या जीने की सुविधा देगा। जबकि पहली बार समूचे महाराष्ट्र में हर राजनीतिक दल , हर उम्मीदवार विकास शब्द कुछ इस तरह रख रहा है मानो यह जादुई शब्द हर किसी की जिन्दगी संवार देगा। जबकि विकास की इसी अविरल धारा में सिर्फ गोसीखुर्द ही नहीं बल्कि 28 सिंचाई परियोजना तले सत्तर हजार करोड़ का घोटाला हो गया। और पाथरी गांव के चार सौ परिवार ही नहीं बल्कि समूचे महाराष्ट्र के तीन हजार गांव के दो लाख परिवार या तो मुआवजे का आखरी दाना खा कर मरने की कगार पर है या फिर पारंपरिक काम छोड़ शहरों की गलियो से लेकर सड़क तक पर एक जून की रोटी के जुगाड़ में खामोशी से मरे जा रहे हैं क्योंकि चुनावी लोकतंत्र को जिन्दा रखना है।

:- पुण्य प्रसून बाजपेयी

punya prasun bajpaiलेखक परिचय :- पुण्य प्रसून बाजपेयी के पास प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। प्रसून देश के इकलौते ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें टीवी पत्रकारिता में बेहतरीन कार्य के लिए वर्ष 2005 का ‘इंडियन एक्सप्रेस गोयनका अवार्ड फ़ॉर एक्सिलेंस’ और प्रिंट मीडिया में बेहतरीन रिपोर्ट के लिए 2007 का रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला।

मोदी की संपत्ति में 40 लाख की कमी ,14 अमीर मंत्री

modiनई दिल्ली – मोदी कैबिनेट में रक्षा और वित्त मंत्री अरूण जेटली सबसे अमीर मंत्री है। उनके पास 72.10 करोड़ रूपये की संपत्ति है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी करोड़पति हैं और उनके पास 1.26 करोड़ रूपये की संपत्ति है। मोदी की संपत्ति में 38700 रूपये नकद, 1.32 लाख रूपये बैंक बैलेंस और 17 लाख रूपये डिपोजिट हैं। 1.20 लाख के जेवरात है। उनके पास गांधीनगर में मकान है जिसकी कीमत एक करोड़ रूपये है।

रोचक बात है कि मोदी ने अपनी पत्नी जसोदाबेन की संपत्ति का उल्लेख नहीं किया। जसोदाबेन के नाम के आगे पता नहीं लिखा हुआ है। पीएमओ ऑफिस के अनुसार अप्रेल से अब तक मोदी की संपत्ति में 40 लाख रूपये की कमी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कुल 22 कैबिनेट मंत्रियों में 17 मंत्री करोड़पति हैं।

प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के अन्य 44 सदस्यों द्वारा घोषित संपत्ति एवं देनदारियों के ब्योरे के मुताबिक केंद्रीय मंत्रियों में शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के पास सबसे कम 20.45 लाख रूपए की संपत्ति है। इन ब्योरों को सार्वजनिक किया गया। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के पास 37.68 करोड़ रूपए की संपत्ति है जबकि कोयला एवं बिजली मंत्री पीयूष गोयल के पास 31.67 करोड़ रूपए और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला के पास 29.70 करोड़ रूपए की संपत्ति है।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पास 2.56 करोड़ रूपए की संपत्ति है तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पास 2.73 करोड़ रूपए की संपत्ति है। इसके अलावा हरियाणा के पलवल में कुछ कृषि भूमि है। कानून एवं दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास 14.91 करोड़ रूपए की संपत्ति है जबकि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के पास 3.34 करोड़ रूपए की संपत्ति है। उमा भारती के पास 1.62 करोड़ रूपए की संपत्ति है।

आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल उरांव के पास 1.77 करोड़ रूपए, प्रकाश जावडेकर के पास 1.05 करोड़ रूपए की संपत्ति है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह 2.47 करोड़ रूपए की संपत्ति के मालिक हैं वहींमानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के पास 4.15 करोड़ रूपए की संपत्ति है। वाणिज्य राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के पास 1.03 करोड़ रूपए की संपत्ति है तो प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के पास 2.67 करोड़ रूपए की संपत्ति है।

मोदी सरकार के कुछ मंत्री करोड़पति नहीं है। इनमें 39.88 लाख रूपए के साथ खाद्य मंत्री रामविलास पासवान का भी नाम है। इसके साथ ही श्रम एवं रोजगार मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास 44.90 लाख रूपए, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के पास 48.54 लाख रूपए जबकि रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार के पास 60.62 लाख रूपए की संपत्ति है। जनरल वी के सिंह ने 68.76 लाख रूपए की संपत्ति की घोषणा की है, गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के पास 66.65 लाख रूपए की संपत्ति है।