बुलंदशहर में सोमवार को पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या ने हर किसी को हिला कर रख दिया है। लेकिन ऐसा लग रहा है योगी आदित्यनाथ की सरकार की प्राथमिकता पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या नहीं बल्कि गोकशी है।
दरअसल बुलंदशहर की घटना के बाद हालात का जायजा लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक बैठक बुलाई थी।
इसमें उन्होंने पुलिस को गोकशी में शामिल आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिए। इस मीटिंग में शामिल होने वाले एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (इनफार्मेशन) अवनीश अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री को लगता है कि ये घटना किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है।
लिहाजा गोकशी से संबंध रखने वाले प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सभी को समान रूप से गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा, ”उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। गोकशी में शामिल आरोपियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए।”
कहा जा रहा है कि न तो सीएम और न ही वहां मौजूद किसी अधिकारी ने बैठक में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या की चर्चा की।
पुलिस ने अब तक 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें से 8 आरोपी बजरंग दल, वीएचपी और बीजेपी के यूथ विंग के सदस्य हैं।
पुलिस की शुरुआती जांच और वहां मौजूद लोगों की बातों से ऐसा लगता है कि इंस्पेक्टर की हत्या सुनियोजित तरीके से की गई। हत्या का मकसद इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था।
बुलंदशहर की हिंसा में मारे गए सुमित के परिवारजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है।
@एजेंसी