भोपाल- प्रदेश पुलिस के फरार अफसरों को पुलिस ही नहीं खोज पा रही है। एक अफसर दो करीब दो साल से फरार चल रहे है, जबकि दो अफसर पिछले चार महीने से प्रदेश पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे है। इन अफसरों पर दुष्कर्म और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप है। इसके बाद भी पुलिस इनको पकड़ने में अब तक सफल नहीं हो पा रही है।
हाल ही में डीजीपी सुरेंद्र सिंह ने विभिन्न मामलों में फरार आरोपी पुलिस अफसर और कर्मचारियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए है। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षो में करीब 100 पुलिसकर्मियों और अफसरों पर भ्रष्टाचार और गबन के अलावा रेप जैसे संगीन मामले दर्ज हुए है। इस मामले में रसूखदार अफसर अब भी गिरफ्तारी से बचे हुए हैं।
राज्य पुलिस सेवा के एक और अफसर इन दिनों पुलिस से बचते हुए भाग रहे हैं। रीवा जिले में हुए बैंक घोटाले के आरोपियों से लाखों रुपए और जेवर जबरदस्ती उतारवाने के मामले में डभौरा के तत्कालीन एसडीओपी सुजीत सिंह बरकड़े पिछले तीन महीने से फरार चल रहे है। इस मामले में उनके सहयोगी पनवार के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक अरुण सिंह बघेल भी फरार है। इन दोनों अफसरों पर हाल ही में सीआईडी ने दस-दस हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।
ये भी अफसर हैं आरोपी: व्यापमं मामले में कई पुलिस अफसर आरोपी बनाए गए हैं। आईपीएस आरके शिवहरे इस मामले में आरोपी है। वहीं रक्षित निरीक्षक अजय पंवार भी आरोपी है। आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में आईपीएस मयंक जैन भी दो साल से निलंबित चल रहे हैं। इसी तरह डीएसपी जीपी शर्मा, अशोक राणा भी रिश्वत लेने के आरोपी है।
फरार अफसर की पत्नी ने मांगा ज्यादा भत्ता: इधर फरार अनिल मिश्रा की पत्नी ने पुलिस मुख्यायल से गुजारा भत्ता बढ़ाने की मांग की है। सूत्रों की मानी जाए तो उन्होंने पुलिस मुख्यालय को इस संबंध में आवेदन दिया है। जिसमें उन्होंने जीवन निवाहन भत्ता 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने को कहा है।
मध्य प्रदेश राज्य पुलिस सेवा के वर्ष 1995 बैच के अफसर अनिल मिश्रा करीब दो साल से फरार चल रहे हैं। उन पर जुलाई 2014 में जयपुर पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। इस मामले में जयपुर पुलिस कई बार उनकी तलाश कर चुकी है, लेकिन वे अब तक फरार है। सूत्रों की मानी जाए तो मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर प्रदेश पुलिस राजस्थान पुलिस का सहयोग नहीं कर रही है। इसलिए मिश्रा अब तक फरार हैं। [एजेंसी]