नई दिल्ली : महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लोकसभा में चर्चा के दौरान कथित तौर पर देशभक्त बताने संबंधी साध्वी प्रज्ञा के बयान पर घमासान मचा हुआ है। गुरुवार को लोकसभा में जैसे ही प्रश्न काल शुरू हुआ, कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल प्रज्ञा के बयान पर हंगामा करने लगे। विपक्षी दलों की मांग थी कि प्रज्ञा के बयान पर चर्चा हो लेकिन स्पीकर ने इसे ठुकरा दिया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गोडसे को देशभक्त कहे जाने की उनकी पार्टी निंदा करती है लेकिन असंतुष्ट कांग्रेसी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए।
गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्ष के तमाम नेता प्रज्ञा के बयान पर चर्चा की मांग करने लगे। अधीर रंजन चौधरी ने कहा महात्मा गांधी की हत्या करने वालों को देशभक्त बताया जा रहा है। यह सरकार नाथूराम गोडसेपंथी है।
इस पर स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि संबंधित सांसद के बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है। इस पर भी जब विपक्षी सदस्यों का हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने साफ कहा कि जो बात सदन के रेकॉर्ड में ही नहीं है, उस पर चर्चा नहीं हो सकती।
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच स्पीकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी बात रखने को कहा। रक्षा मंत्रीने कहा कि नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहे जाने की बात तो दूर, देशभक्त मानने की अगर किसी की सोच भी है, तो उनकी पार्टी इसकी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि जहां तक महात्मा गांधी का संबंध है, वह पहले भी हमारे मार्गदर्शक थे, भविष्य में भी रहेंगे। उनकी विचारधारा कल भी प्रासंगिक थी, आज भी है और आगे भी रहेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी को सभी अपना आदर्श मानते हैं। सभी अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं। रक्षा मंत्री के बयान से भी विपक्षी दल संतुष्ट नहीं हुए और विरोध में सदन से वॉकआउट कर गए।