कोरोना संकट के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के विशेष कार्यक्रम को संबोधित किया। ये कार्यक्रम कोलकाता में हो रहा है। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बंगाली भाषा में की। आपको बता दें कि इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स आज अपना 95वां सालाना प्लेनरी सेशन आयोजित कर रहा है। संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं।
नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना संकट के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के विशेष कार्यक्रम को संबोधित किया। ये कार्यक्रम कोलकाता में हो रहा है। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बंगाली भाषा में की। आपको बता दें कि इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स आज अपना 95वां सालाना प्लेनरी सेशन आयोजित कर रहा है। संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहीं बाढ़ की चुनौती, कहीं चक्रवाती तूफानों का कहर, कहीं ओलावृष्टि, कहीं असम में तेल के कुएं में आग। समय हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है। लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है। जानिए इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
पीएम मोदी ने कहा कि निरंतर देश की सेवा करना किसी भी संस्था या संगठन के लिए अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट के विकास में जो योगदान दिया है विशेषकर वहां की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को, वो भी ऐतिहासिक है।
पीएम मोदी ने कहा कि इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 1925 में अपने गठन के बाद से आजादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है और भारत की ग्रोथ ट्रेजेक्ट्री का भी आप हिस्सा रहे हैं। अब इस बार की ये एजीएम एक ऐसे समय में हो रही है, जब हमारा देश कई चुनौतियों से लड़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 5 साल बाद इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स अपने सौ साल पूरे कर लेगी, 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में हर किसी के लिए यही वक्त है कि एक बड़ा संकल्प लिया जाए और आत्मनिर्भर भारत अभियान को संपूर्ण करने के लिए कुछ लक्ष्य तय किए जाएं।
पीएम मोदी ने कहा हमारे यहां कहा जाता है- मन के हारे हार, मन के जीते जीत,यानि हमारी संकल्पशक्ति, हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर कम ही आते हैं।
पीएम ने कहा कि ये हमारी एकजुटता, ये एक साथ मिलकर बड़ी से बड़ी आपदा का सामना करना, ये हमारी संकल्पशक्ति, ये हमारी इच्छाशक्ति, हमारी बहुत बड़ी शक्ति है। एक राष्ट्र के रूप में हमारी बहुत बड़ी ताकत है। मुसीबत की दवाई मजबूती है।
पीएम मोदी ने कहा कि यही भावना मैं आज आपके चेहरे पर देख सकता हूं, करोड़ों देशवासियों के प्रयासों में देख सकता हूं। कोरोना का संकट पूरी दुनिया में बना हुआ है। पूरी दुनिया इससे लड़ रही है। कॉरोना वॉरियर्स के साथ हमारा देश इससे लड़ रहा है। लेकिन इन सबके बीच हर देशवासी अब इस संकल्प से भी भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट भी बनाना है। ये टर्निंग प्वाइंट है आत्म निर्भर भारत। आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक प्रेरणा की तरह जिया है। लेकिन फिर भी एक बड़ा काश, एक बड़ा काश, हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक बहुत बड़ी वजह रही है कि बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। अब कोरोना क्राइसिस ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है- आत्मनिर्भर भारत अभियान। उन्होंने कहा कि हर वो चीज, जिसे निर्यात करने के लिए देश मजबूर हैं, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं प्रोडक्ट्स को का भारत एक्सपोर्टर कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है।
पीएम ने कहा कि हम इन छोटे-छोटे व्यापार करने वाले लोगों से केवल चीज ही नहीं खरीदते, पैसे ही नहीं देते, उनके परिश्रम को पुरुस्कृत करते हैं, मान-सम्मान बढ़ाते हैं। हमें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि इससे उनके दिल पर कितना प्रभाव पड़ता है, वो कितना गर्व महसूस करते हैं।
किसानों और Rural Economy के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने Product, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आजादी मिल गई है। इसके साथ ही Bamboo और Organic Products के लिए भी क्लस्टर्स बनेंगे। सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट, ऑर्गैनिक खेती के लिए बहुत बड़ा HUB बन सकता है। ऑर्गैनिक कैपिटल बन सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत में इतने दशकों से काम कर रहे हैं। सरकार ने जो तमाम कदम उठाए हैं, इनका बहुत बड़ा लाभ ईस्ट और नॉर्थ ईस्ट के लोगों को होगा। मैं समझता हूं कि कोलकाता भी खुद फिर से एक बहुत बड़ा लीडर बन सकता है। उन्होंने कहा कि Manufacturing में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को हमें पुनर्जीवित करना होगा। हम हमेशा सुनते आए हैं “What Bengal thinks today, India Thinks Tomorrow” । हमें इससे प्रेरणा लेते हुए हमें आगे बढ़ना होगा।
पिपल, प्लानेट और प्रॉफिट एक दूसरे से इंटरलिंक्ड हैं। ये तीनों एक साथ Flourish कर सकते हैं, Co-exist कर सकते हैं। मैं आपको कुछ उदाहरण देकर समझाता हूं। जैसे LED बल्ब। 5-6 वर्ष पहले एक LED बल्ब साढ़े तीन सौ रुपए से भी ज्यादा में मिलता था। उन्होंने कहा कि आज प्रतिवर्ष देशवासियों के करीब-करीब 19 हजार करोड़ रुपए बिजली के बिल में, LED की वजह से बच रहे हैं। ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है।
भारत में एक और अभियान अभी चल रहा है- देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का। इसमें People, Planet और Profit तीनों ही विषय Address होते हैं। विशेषकर पश्चिम बंगाल के लिए तो ये बहुत ही फायदेमंद है। इससे आपके यहां जूट का कारोबार बढ़ने की संभावना बढ़ती है। पीएम मोदी ने कहा कि ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आज़माने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है। ये अगर सबसे बड़ा संकट है, तो हमें इससे सबसे बड़ी सीख लेते हुए, इसका पूरा लाभ भी उठाना चाहिए।