मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और पाकिस्तान के कुख्यात आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ एक हजार से ज्यादा मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कार्रवाई की मांग की है। इन मुस्लिम धर्मगुरुओं ने सुयंक्त राष्ट्र को चिट्ठी लिखी है और हाफिज सईद की भारत विरोधी विध्वंसक गतिविधियों के लिए सजा देने की मांग की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बावत मुंबई की मदरसा दारुल उलूम अली हसन अहले सुन्नत में एक प्रस्ताव पारित किया गया। मुंबई के मुस्लिम संगठनों ने यूएन के सुरक्षा परिषद की आंतक रोधी कमेटी को भेजे पत्र में कहा है कि हाफिज सईद और जिन आतंकी संगठनों का वो मुखिया है वो संगठन दुनिया की शांति के लिए खतरा बन गये हैं, इसलिए इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’
मुंबई स्थित गैर सरकारी संगठन इस्लामिक डिफेंस साइबर सेल के मुखिया ने कहा कि, ‘आतंकी हाफिज सईद भारत को अपना दुश्मन नंबर बताता है लेकिन वो इस्लाम और मानवता का दुश्मन है।’
बता दें कि इस वक्त पाकिस्तान में जेल में बंद हाफिज सईद ने सोमवार (7 अगस्त) को एक राजनीतिक पार्टी की स्थापना की है। मिल्ली मुस्लिम लीग नाम की इस पार्टी अगले पाकिस्तान में चुनाव लड़ेगी। 2018 में पाकिस्तान में पीएम पद के लिए चुनाव होने वाला है। मुंबई से जारी इस प्रस्ताव में कहा गया है कि लगभग 60 आतंकी संगठन पाकिस्तान से काम कर रहे हैं, इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की जरूरत है।’
मदरसा दारुल उलूम अली हसन अहले सुन्नत के पैट्रन ने कहा कि, भारत के मुस्लिम धर्मगुरुओं की ये नैतिक जिम्मेदारी है कि वो इस्लाम के नाम पर हत्या करने वाले अथवा हत्या को समर्थन देने वाले लोगों का विरोध करें। उन्होंने कहा कि ये साबित हो गया है कि हाफिज सईद युवाओं को हिंसा के प्रेरित करता है, हमें हाफिज सईद और उसकी विचारधारा का डटकर विरोध करना होगा।
मुंबई के साकी नाका मदरसा के प्रमुख अब्दुल मंजर खान अशरफी ने कहा कि पाकिस्तान एक परमाणु हथियार संपन्न देश है, और यदि हाफिज सईद जैसे लोग सत्ता में आ जाते हैं तो ये ना सिर्फ भारत जैसे देश बल्कि दुनिया की शांति के लिए खतरा होगा, क्योंकि ऐसे लोग दुनिया भर के मुसलमानों की विचारधारा को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे।
13 पन्नों के इस प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी भी थर्ड पार्टी की भागीदारी स्वीकार नहीं की जाएगी।