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Saturday, January 11, 2025
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बच्चों की आदतें ही नहीं, सेहत भी बिगाड़े मोबाइल

DEMO PIC
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एक सज्जन दफ्तर जाते समय हड़बड़ी में मोबाइल फोन साथ ले जाना भूल गए। फिर क्या था, उस दिन तो बच्चों की मौज हो गई। दिन भर गेम खेलने के बाद न जाने क्या शरारत सूझी कि पुलिस नियंत्रण कक्ष का नंबर डायल कर दिया। मजाक-मजाक में कह दिया कि फलां संस्थान में बम रखा है। फिर क्या था पुलिस के पसीने छूट गए। चप्पा-चप्पा छान मारा, कहीं बम नहीं मिला। फिर तहकीकात हुई कि किसने यह झूठी सूचना दी। जांच-पड़ताल के दौरान पता चला कि यह बच्चों की शरारत थी। आफत आई मां-बाप पर। यह बच्चों में मोबाइल फोन के दुरुपयोग का एक उदाहरण है।

9 साल के हर्ष को ही लें वह स्कूल से आते ही मम्मी का मोबाइल लेकर गेम खेलने बैठ जाता है। उस दिन मम्मी किचन में काम करने चली गई। काफी देर बाद भी हर्ष को मोबाइल पर गेम खेलने देख मम्मी उसे डांटने लगी- ’स्कूल से आए हो, मुंह-हाथ धो, कपड़े बदलो और बैठ कर खाना खाओ। हर्ष अनमने ढंग से उठा और चला गया, पर उसका ध्यान मोबाइल गेम पर ही लगा रहा। उसे जब भी मौका मिलता वह खेलने लगता।

यह बात सिर्पहृ हर्ष की ही नहीं, यह प्रवृत्ति ज्यादातर बच्चों में दिखाई देती है। ऐसे बच्चों का ज्यादा से ज्यादा समय मोबइल, टीवी और कम्प्यूटर के साथ गुजरता है। टेक्नॉलॉजी का बढ़ता दायरा और मोबाइल की घटती कीमतों के कारण ये चीजें बच्चों तक आसानी से पहुंच गई हैं। कई माता-पिता तो खुशी-खुशी बच्चों को महंगे से महंगा मोबाइल दे देते हैं। चाहे बात दिखावे की हो या फिर सुरक्षा की, फिलहाल अब हर तरफ मोबाइल की घंटी सुनाई दे जाती है।

आठवी कक्षा की छात्रा नेहा का कहना है कि उसकी मम्मी ने उसे मोबाइल उसके जन्मदिन पर तोहफे में दिया है। उसकी मम्मी का कहना था कि इससे बढि़या तोइफा कुछ नहीं। मैं अपनी बेटी से हमेशा संपर्क में रहूंगी और मेरी बेटी भी असुरक्षित महसूस नहीं करेगी।

नेहा जैसी कितनी लड़कियां हैं जिनके मां-बाप भी यही कारण बताते हैं। दरअसल आजकल बच्चों का काफी समय घर से बाहर गुजरता है। पूरा दिन स्कूल, फिर ट्यूशन, फिर कुछ हॉबी क्लासेज। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों की चिंता स्वाभाविक है। इसीलिए बच्चों के संपर्क में रहने का इससे अच्छा तरीका उन्हें नहीं सूझता।

मगर डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में जरूरत से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। हालांकि अभी तक इस बात को जानते हुए भी अभिभावक अपने बच्चों को मोबाइल का धड़ल्ले से इस्तेमाल करने दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि माता-पिता को बच्चों को यह बताना चाहिए कि जब जरूरत हो तभी वह मोबाइल का इस्तेमाल करें। उनका यह भी मानना है कि आठ साल से कम उम्र के बच्चों को तो मोबाइल देना ही नहीं चाहिए। पर आजकल मोबाइल बच्चों के खेलने की चीज बन कर रहा गया है। माता-पिता के हाथ में मोबाइल देखा नहीं, कि बस मांग बैठे।

नेशनल रेडियोलाजिकल प्रोटेक्शन बोर्ड ने पहली बार मोबाइल फोन के बारे में आगाह कराया था कि बच्चों में मोबाइल फोन तभी इस्तेमाल हो, जब बहुत ज्यादा जरूरत हो। पर इन बातों पर तब से लेकर आज तक किसी ने अमल नहीं किया।

यह एक तथ्य है कि 10 साल के बच्चों में हर चार में से एक बच्चे के पास मोबाइल फोन है। अगर सबसे ज्यादा मोबाइल फोन से किसी को खतरा है तो वह है बच्चों को। खासकर छोटे बच्चों को। उनका स्वास्थ्य खतरे में है। जो माता-पिता अपने बच्चों को मोबाइल फोन दे रहे हैं उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए।

एक अध्ययन के अनुसार दस साल से ज्यादा समय तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर ईयर ट्यूमर का खतरा चार गुना बढ़ जाता है। यह मस्तिष्क के काम करने पर भी असर डालता है और डीएनए को भी नुकसान पहुंचा सकता है। मगर बदलते दौर में इन सब बातों को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा, क्योंकि मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है।

आज यह संपर्क का माध्यम बनने के साथ इसका दुरुपयोग भी बढ़ा है। अत्यधिक फीचर वाली विशेषताओं से युक्त मोबाइल बाजार में आने के बाद अश्लील फिल्मों को डाउनलोड करने और एक दूसरे को भेजने का भी चलन बढ़ा है। बच्चे भी इनका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। दिल्ली में एक स्कूल के छात्र की अश्लील वीडियो क्लिप की चर्चा को कौन भूल सकता है।

कई बच्चे मोबाइल फोन पर घंटों बातें करते रहते हैं। यह गलत है। बात उतनी ही करें जितनी जरूरत हो वरना स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। बेहतर भविष्य और बेहतर कल के लिए जरूरी है बच्चों को मोबाइल फोन से होने वाले नुकसान से आगाह किया जाए और उन्हें मोबाइल फोन का सही इस्तेमाल करने के बारे में भी बताया जाए।

इस्तीफा देने की गलती नहीं दोहराएंगे केजरीवाल

kejriwal

न्यूयॉर्क [ TNN ] अरविन्द केजरीवाल ने सोमवार को अमेरिका में अपने समर्थकों को आश्वासन दिया कि दिल्ली में अगर आम आदमी पार्टी सत्ता में वापस लौटती है तो वह इस्तीफा देने की ‘गलती’ नहीं दोहराएंगे। उन्होंने पार्टी के टूटने की धारणा को खारिज करते हुए कहा कि उनकी ‘आप बस’ के ब्रेक और क्लच ठीक तरीके से काम कर रहे हैं।

शहर में अपने व्यस्त कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल ने आप कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ एक बैठक में स्वीकार किया कि पिछले साल दिल्ली में सत्ता में आने पर पार्टी ने 49 दिन के बाद त्यागपत्र देने का ‘गलत राजनीतिक आकलन’ किया। केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव के लिए समर्थन मांगते हुए कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि वह अब गलती नहीं दोहराएंगे।

आप की सफेद टोपी और हाथों में बैनर एवं तख्तियां लिए अपने लगभग 200 कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘उस समय हमने सोचा कि अगर हम इस्तीफा दे देते हैं, तो जल्द चुनाव होगा।’ केजरीवाल ने कहा कि पार्टी ने यह नहीं सोचा था कि चुनाव नहीं कराया जाएगा और शहर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा जो लगभग 11 महीने तक जारी रहेगा।

केजरीवाल ने कहा, ‘यह एक गलत राजनीतिक आकलन था, वह एक गलती थी।’ शाजिया इल्मी जैसे नेताओं के पार्टी से चले जाने के बाद से पार्टी में टूट के बारे में कहने वालों पर भी केजरीवाल ने हमला किया। उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि पार्टी टूट रही है क्योंकि इसके नेता उसे छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को यह मालूम नहीं है कि केवल एक व्यक्ति ने पार्टी छोड़ी है जबकि हजारों कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘लोगों को भ्रमित करने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी बस के ब्रेक और क्लच ठीक से काम कर रहे हैं और चालक को रास्ता मालूम है, चालक पर भरोसा रखिए।’ बिजनेस क्लास में यात्रा करने या ब्रांडेड स्वेटर पहनने पर आलोचना करने वालों पर भी केजरीवाल ने निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि आप की कई सारी चीजों को जरूरत से ज्यादा उछाला जाएगा। उन्होंने भीड़ के हंसी के ठहाकों के बीच कहा, ‘वह बिजनेस क्लास में यात्रा क्यों करते हैं, एडीडास का स्वेटर उन्हें कहा से मिला।’ केजरीवाल ने कहा, ‘भाजपा के पास आज कोई एजेंडा नहीं है। हम कहते हैं कि हम दिल्ली में 20 नए कॉलेज खोलेंगे और भाजपा कहती है कि लड़कियों को जींस नहीं पहनने देंगे। हम कहते हैं, महिलाओं की सुरक्षा के लिए हम पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाएंगे, भाजपा कहेगी कि वह लोगों को वेलेन्टाइन डे नहीं मनाने देगी। दो पार्टियों के बीच में यह अंतर है।’

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों दे दिया, तो केजरीवाल ने कहा, ‘पिछले चुनाव में अगर ‘आप’ को पूर्ण बहुमत मिला होता तो हम किसी कीमत पर इस्तीफा नहीं देते।’ उन्होंने कहा, ‘हम सुव्यवस्थित बदलाव के लिए राजनीति में आए। हमने 49 दिन में काफी अच्छे काम किए। हमने सुशासन दिया लेकिन हम तंत्र को नहीं बदल पाए। एजेंसी -भाषा

खास समर्थक रामदेव ने दी मोदी सरकार को चेतावनी

Baba Ramdev from Modi's private talksलखनऊ [ TNN ] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास समर्थक माने जाने वाले योग गुरु बाबा रामदेव ने कालेधन को लेकर मोदी सरकार को चेतावनी दी है। रविवार को यूपी के मुरादाबाद में हुई एक सभा के दौरान रामदेव ने कहा कि अगर मोदी सरकार विदेश में जमा कालाधन को वापस लाने में नाकाम रहती है तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार कालाधन वापस लाने के अपने वादे को निभाने में असफल रहती है तो वह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और देश भर में धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह कभी कालेधन के मुद्दे पर न चुप थे और न ही चुप रहेंगे।

हालांकि उन्‍होंने इस दौरान केंद्र सरकार पर कालेधन को लेकर भरोसा भी व्यक्त किया। बाबा रामदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उन्‍हें पूर्ण विश्वास है और वह विदेश में जमा कालाधन वापस लाएंगे।

बाबा रामदेव ने कालाधन वापस लाने को लेकर कहा प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में भरोसा है। इससे पहले किए एक उनके कार्यों को देखकर लगता है कि मोदी जो कहते हैं वो करते हैं।

और किसी भी कारण से अगर वह समय पर कालाधन वापस लाने में सफल नहीं होते तो वह आंदोलन के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे अपनी मांगों से कभी भी पीछे नहीं हटेंगे।

गौरतलब है कि बाबा रामदेव का यह बयान कालेधन को लेकर एक नई डेड लाइन की ओर इशारा करता है। इससे पहले केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद बाबा रामदेव कहते थे कि अभी नई सरकार है और इसे कुछ वक्त देने की जरूरत है। लेकिन अब बाबा रामदेव आंदोलन की चेतावनी देनी शुरू कर दी है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार को समय पर कालेधन की जांच लिए समय-सीमा भी तय की है।

सुप्रीप कोर्ट कुछ दिन पूर्व ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि सरकार यह तय करे कि ‌विदेशी बैंकों जो भी कालेधन से संबंधित खाता हैं उनकी जांच मार्च 2015 तक पूरी कर ली जाए।

इससे पहले 29 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने सुप्रीम को कालाधन रखने वाले उन 627 लोगों की जानकारी दी थी जिनका खाता एचएसबीसी बैंक (जिनेवा) में है और जिनकी जांच की जा रही है।

केंद्र की सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में भी कालाधन वापस लाने की बात की थी। इतना ही नहीं पार्टी चुनाव प्रचार की लगभग हर सभा में भी कालाधन वापस लाने का वादा करती रही है।

करोड़ों रुपये का चूना लगाकर व्यापारी हुआ गायब

कैथल [ TNN ] कैथल नई अनाज मंडी से एक आढ़ती दीपक रातों रात करोड़ों रूपये लेकर भाग गया ,मामला वीरवार का बताया जा रहा है जब शुक्रवार को स्थानीय नई अनाज मंडी में चहलपहल शुरू होते ही यह बात आग की तरफ फ़ैल गई की महालक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी का मालिक दीपक कुमार कैथल छोड़ कर भाग गया ,व्यापारी जब तस्सली के लिए महा लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी पर पहुंचे तो उसका मालिक नदारद था ,घर जाकर देखा तो ताला लटका हुआ था ,अचानक आई इस विपदा से स्थानीय व्यापारियों में हड़कंप मच गया क्योंकि मामला लगभग 5 करोड़ का तथा वो भी बिना लिखित पड़त का ,क्योंकि कोई भी व्यापारी अगर आढ़त का काम करता है तो उसे आबकारी एवं कराधान विभाग के साथ साथ मार्किट कमेटी का की लाइसेंस लेना पड़ता है लेकिन मजे की बात है की इस व्यापारी ने आबकारी कराधान विभाग का तो लाइसेंस ले लिया लेकिन मार्किट कमेटी का नही और उसके बावजूद स्थानीय अनाज मंडी से करोडो का व्यापार करता रहा ।

Grain marketअनाज मंडी के प्रधान सुरेश मित्तल और अन्य व्यापारियों ने स्थानीय अनाज मंडी के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के आढ़तियों की एक बठैक के बाद बताया की महालक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी का मालिक दीपक स्थानीय अनाज मंडी में जीरी की खरीद ,फरोख्त का काम करता था ,और पिछले लगभग 6 माह पहले ही उसने अनाज मंडी में आढ़ती का काम शुरू किया था ,पहले पहल तो जीरी का सीजन शुरू होते ही माल की खरीद फरोख्त कर रहा था और लेनदेन भी शरुआती दौर में ठीक बताया जा रहा है लेकिन स्थानीय व्यपारियों से इस दौरान करोड़ो रूपये का धान खरीद लिया जिसकी देनदारी अभी करनी बकाया थी ,आढ़तियों ने बताया की सभी आढ़ती उक्त फरार व्यापारी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाएंगे ,इस संबंध में जिला पुलिस कप्तान से मिल कर घटना की जानकारी उन्हें देंगे ,करोड़ो रुपये का यह धोखाधड़ी का मामला करीब 1OO व्यापारियों से जुड़ा है जिनके पैसे लेकर दीपक आढ़ती भागा है ,

पहले भी घट चुकी है ऐसी घटनाये

कैथल अनाज मंडी से व्यापारियों का भागना कोई नई बात नही है ,इससे पहले भी बहुत से व्यापारी अपने को दिवालिया घोषित कर भाग चुके है लेकिन ,जब कभी बात समझौते की आती है तो रूपये के बदले 25 ,30 पैसे तक में समझौता हो जाता है लेकिन इस बार व्यापारी आढ़ती दीपक के खिलाफ 420 के तहत मामला दर्ज करवाने वाले है

आबकारी विभाग के साथ साथ मार्किट कमेटी अधिकारी भी संदेह के घेरे में
व्यापारी वर्ग के साथ घटी इस घटना से एक और चैंकाने वाली बात सामने आ रही है की अनाज मंडी में आने वाली फसल को देखने की जिम्मेवारी मार्किट कमेटी की होती है की कितना माल मंडी में आया और कितना बिका इसका हिसाब किताब रखना मार्किट कमेटी का काम होता है ,लेकिन इस घटना ने साबित कर दिया की अनाज मंडी में किस तरह लाखों रूपये की टैक्स चोरी होती है ,व्यापारियों ने कहा की जब भी फरार आढ़ती दीपक मंडी से उचंती माल खरीदता था तो उसकी एवज में मार्किट कमेटी अधिकारीयों को नजराना दिया जाता था ,क्या करोड़ों के माल की खरीद फरोख्त बिना मार्किट कमेटी का लाइसेंस लेने वाला व्यापारी कर सकता है ,वो भी ठीक मार्किट कमेटी कार्यालय में बैठे अधिकारीयों की नाक के नीचे ,गले से नही उत्तर रहा ।

रिपोर्ट :- राजकुमार अग्रवाल

आप कार्यकर्ताओं ने घेरा गृहमंत्री राजनाथ का घर

Home Minister Rajnath sinhनई दिल्ली [ TNN ] शुक्रवार को दिल्ली में यूबर केब में हुई दुष्कर्म की घटना के विरोध में आप कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों की अधिक संख्या देखते हुए संघर्ष की आशंका के चलते दिल्ली पुलिस ने बाद में प्रदर्शन में मौजूद पुरूष कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर राजनाथ सिंह से ठोस कार्रवाई की मांग की।

आप पार्टी के मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि सरकार ने पिछले छह महीनों में देश की महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या किया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी कैब ड्राइवर शिव कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है। उसका रविवार रात को चिकित्सा परीक्षण कराया गया, उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

आप पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया कि दिल्ली में हुए भयावह निर्भया कांड के बाद बनाए गए कानूनों की पालना नहीं की गई और न ही निर्भया फंड के पैसे का महिलाओं की सुरक्षा के लिए उपयोग किया गया। घटना से अमरीकी कंपनी यूबर भी संदेह के घेरे में आ गई है। कंपनी की कैब में न तो जीपीएस था न ही उसने आरोपी ड्राइवर शिव कुमार यादव का वेरीफिकेशन करवाया था। कंपनी के पास ड्राइवर के मोबाइल नम्बर के अतिरिक्त अन्य कोई कॉन्टेक्ट एड्रेस या डिटेल भी नहीं थी जिससे उस तक पहुंचा जा सके। हालांकि कंपनी ने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पुलिस को पूरा सहयोग देने की बात कही है।

अदालत का फैसला सेक्स के दौरान तेज आवाज न करें

Caroline Cartwright Defies Court Order Prohibiting Loud Sexलंदन [ TNN ] ब्रिटेन की एक अदालत ने एक महिला को बड़ा ही अजीबोगरीब फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि महिला पति के साथ सहवास के समय तेज आवाज नहीं करे। कोर्ट ने महिला के पड़ोसियों की शिकायत के बाद यह फैसला सुनाया। मामला संडर्लैंड का है। यहां रहने वाली 53 वर्षीय कैरोलिन कार्टराइट अपने 38 वर्षीय पति के साथ सेक्स के दौरान काफी आवाज करती थी और उसके पड़ोसी उसकी इन आवाजों से परेशान होते थे।

कोर्ट के इस फैसले को एंटी सोशल बिहेवियर ऑर्डर (ASBO) के नाम से जाना जाता है और इसके तहत ही कैरोलिन को चार साल तक सेक्स के दौरान कराहने, चिल्लाने या तेज आवाज करने पर रोक लगा दी गई थी। रोक के चार साल बाद अब कैरोलिन ने इस अजब विवाद पर अपना मुंह खोला है। एक टीवी शो में कैरोलिन ने ASBO बैन व अपनी सेक्स समस्या के बारे में बात की।

संडर्लेंड इको के अनुसार, टीवी शो में कैरोलिन ने कहा, ‘मैं सेक्स के दौरान यह नहीं सोचती कि ‘ओह’ मैं काफी आवाज कर रही हूं और मुझे शांत रहना चाहिए।’

कैरोलिन के खिलाफ ASBO बैन तब लागू किया गया जब सेक्स के दौरान उनके तेज आवाज के कारण 30 से ज्यादा बार पुलिस को आना पड़ा। इतना ही नहीं उसने पांच बार आवाज पर लगी पाबंदी को पांच बार तोड़ा और इसके लिए उसे 8 सप्ताह व 12 सप्ताह की निलंबित जेल की सजा सुनाई गई।

 

नियमों को ताक पर रखकर बनाया डायरेक्टर

करनाल [ TNN ] देश को कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में नई सौगातें दे रहा आई.सी.ए.आर. का एक बड़ा मामला आर.टी.आर्ई. के माध्यम से मिली जानकारी के बाद सामने आया है। जिसके बाद यहां पर बड़े संस्थानों में होने वाली नियुक्तियों और एक्सटैंशन की प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। आई.सी.ए.आर. ने नियमों को ताक पर रखकर डा. ए.के. श्रीवास्तव को एन.डी.आर.आई. जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का  डायरेक्टर बना दिया। इतना ही नही बाद में उन्हें 5 साल का एक्सटैंशन और दे दिया। जब यह मामला सामने आया तो आई.सी.ए.आर. के बड़े अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं। इस मामले में सबसे ज्यादा सवाल आई.सी.ए.आर. के महानिदेशक डा. एस. अयप्पन पर उठ रहे हैं। इस खुलासे के बाद यह भी साफ हुआ है कि किस तरह से प्रतिभाशाली और योग्य वैज्ञानिकों के साथ आई.सी.ए.आर. में खिलवाड़ किया जा रहा है।

करनाल के एन.डी.आर.आई. में उस वैज्ञानिक को  डायरेक्टर बना दिया गया, जिस पर शेर-ए-कश्मीर विश्वविद्यालय जम्मू में रहते हुए कई गड़बड़ी के आरोप लगे। यहां तक कि न तो नियुक्ति में और न ही एक्सटैंशन में सी.बी.सी. ओर विजिलैंस की क्लीयिरैंस रिर्पोट ली गई। आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता ने अब तक जो जानकारियां ली। आमतौर पर नियम है कि  डायरेक्टर जैसे पदों पर नियुक्ति से पहले आवेदक के बारे में विजिलैंस की क्लीरियैंस जरूरी है। यह फोरमैट में साफ तौर पर लिखा हुआ है। जो आरोप लगे हैं। उसकी बानगी कुछ इस प्रकार हैं कि 21 जनवरी 2011 को आई.सी.ए.आर. के मुख्य विजिलैंस अधिकारी राजेश रंजन ने शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी जम्मू के कुलपति बी.मिश्रा को पत्र लिखा।

इसमें ए.के. श्रीवास्तव के बारे में लिखा गया है कि इनके खिलाफ धारा-120 बी, 468, 471, आर.पी.सी. तथा 5 (डी) सैक्शन 5 के बाद (2) जे.एंड के पी.सी.एक्ट, एस.वी.टी. 2006, एफ.आई.आर. नंबर 19/2009 मिली है। इसके बाबत कई शिकायतें उन्हें मिली हैं। इनमें से एक शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से भी शामिल है। इसमें बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने मुकद्दमा चलाने के लिए डा. श्रीवास्तव तत्कालीन डी.आर.आई. कम पी.जी.एस. शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी जम्मू, वर्तमान में एन.डी.आर.आई. के डायरैक्टर हैं। उन्होंने इन धाराओं के तहत अपराध किया है। इसमें उन्होंनें उनसे सूचित करने को कहा कि आपके पास कोई सरकारी आदेश है, जिसमें यह लिखा है कि डाक्टर श्रीवास्तव को इस मामले से बाहर कर दिया जाए या नही। इस आदेश की तत्काल कापी उनके पास भेजी जाए। उसके बाद 28 जनवरी 2011 को जम्मू-कश्मीर विजिलैंस विंग ने यूनिवर्सिटी को एक पत्र भेजा। जिसमें उनसे निवेदन किया कि वह इस घोटाले का रिकार्ड जो 20 फाईलों में हैं। उसको उन्हें दें। जिससे कि न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ चालान प्रस्तुत किया जा सके।

7 जनवरी 2011 को शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. बी.मिश्रा ने जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा कि हमने उस अनियमितताओं और घोटालों की जांच से इन अधिकारियों को बाहर कर दिया है। विभागीय जांच इनके खिलाफ की जा रही है। मैने इनके खिलाफ मुकद्दमा नही चलाया है। उसके बावजूद भी उन्होंने इस पत्र के अंतिम कालम जी में साफ तौर पर लिखा कि इन तथ्यों को नकारा नही जा सकता। इन्होंने भर्ती करने में अनियमितताएं बरती हैं। इनको पूर्णतय आरोप से मुक्त नही किया जा सकता। हम यदि विभागीय जांच करवाएंं तो कुछ तथ्य इनके खिलाफ मिल सकते हैं। हम बाद में विजिलैंस को सूचित कर देंगे। इसके बाद 13 मई 2011 को शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी के वी.सी. बी. मिश्रा को फिर से आई.सी.ए.आर. के मुख्य विजिलैंस अधिकारी राजेश रंजन ने पत्र लिखा। जिसमें उनसे जवाब मांगा गया। इसमें उन्होंने कहा कि आपने पहले लिखा है कि यह मामला काफी गंभीर हैं और आपने इसकी जांच को प्रोत्साहित भी किया था। 3 मई 2013 को आर.टी.आई. मांगने पर 26 अप्रैल 2013 को जानकारी मिली, जिसमें एक पत्राचार डीन जी.ए.डी.वी.ए.एस.यू. लुधियाना और राज्य सूचना अधिकारी के बीच हुआ था।

जिसके अनुसार यह कहा गया कि डाक्टर श्रीवास्तव ने एन.डी.आर.आई. के  डायरेक्टर तथा जम्मू कश्मीर में शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी में आवेदन करते समय प्रोपर चैनल नही बरता। उनके यहां से कोई आवेदन फोरवर्ड नही हुआ। 15 मई 2013 को एक जवाब फिर मिला। जिसमें डीन जी.ए.डी.बी.ए.एस.यू. लुधियाना के हवाले से जानकारी मिली। इसमें कहा गया कि डाक्टर श्रीवास्तव ने एक्सट्रा ऑर्डनरी लीव ली। उन्होनें फिर से यह भी कहा कि प्रोपर चैनल आवेदन नही किया गया। लेकिन बाद में यह सब दबा दिया गया। उसके बाद गंभीरता की परतें उस समय खुल गई। जब उन्हें एक्सटैंशन भी दे दिया गया। जो लाईन में थे। उनका भविष्य खत्म हो गया। उसके बाद 17 मई 2010 को एक ओर जानकारी मिली। जिसके अनुसार कहा गया कि आई.सी.ए.आर. ने एक कमेटी की नियुक्ति की थी। जिसको एन.डी.आर.आई. में डायरैक्टर के रूप में डा. ए.के. श्रीवास्वत के कार्यकाल को आंकलन के लिए नियुक्त किया गया था। उस कमेटी ने जो जवाब दिया, उसके अनुसार प्रश्र नंबर-3 जिसमें पूछा गया कि क्या आवेदक की योग्यता को जांचने के लिए कोई स्कोर कार्ड रखा जाता है। इस पर कमेटी ने नकारात्मक जवाब दिया। प्रश्र नंबर-4 में पूछा गया कि क्या निर्णय लेते समय कानूनी सलाह ली गई।

उस पर भी नकारात्मक जवाब मिला। उसके बाद आश्चर्य तो तब हुआ जब कमेटी ने तपाक से जवाब दे दिया कि कमेटी बनाने में विजिलैंस या सी.बी.सी. की कलीरियंस भी नही ली गई। इसके साथ ही गर्वनिंग बॉडी के अधिकारियों की क्लीरियंस भी ली गई या फिर नही। इस पर भी जवाब मिला नही। यहां उल्लेखनीय है कि डा. ए.के. श्रीवास्तव जम्मू-कश्मीर की मीडिया की सुर्खियों में जब आए तब उन पर नियुक्तियों में अनियमितताएं बरतनें तथा खरीद फरोख्त में कानून का उल्लंघन करने के आरोप लगे। हालांकि यह मामला ऑडिट रिर्पोट में भी सामने आ गया। इन सब के बावजूद भी इस सब को दबा दिया गया।

क्या कहते हैं कृषि मंत्री :- कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और इसकी जांच करवाई जाएगी। जो भी अधिकारी इसमें दोषी पाए जाऐंगे। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्या कहते हैं महानिदेशक :- आई.सी.ए.आर. के महानिदेशक तथा डी.ए.आर.ई. के सचिव डा. एस. अयप्पन से जब इस मामले में बातचीत के दौरान उनसे पूछा गया कि डा. ए.के.श्रीवास्तव करनाल एन.डी.आर.आई. के निदेशक कैसे लगे और उन्हे एक्सटैंशन कैसे मिला। तब वह बोले कि यह मामला विजिलैंस देखती हैं। जब उन्हें बताया गया कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आपने जवाब दिया है कि आपकी कोई विजिलैंस कमेटी ही नही है। तब विजिलैंस क्लीयर हुआ कैसे बताया जाए। इस बात पर वह बगले झांकने लगे ओर बोले कि मैं इस समय मीटिंग में हूं और इस मामले को देखता हूँ ।

रिपोर्ट :- अनिल लाम्बा

नोटिफिकेशन के बाद भी मेयर की गाड़ी पर लाल बत्ती

light on the mayor's car after notificationकरनाल [ TNN ] कुछ महीने पहले गाडिय़ों पर लगने वाली लाल बत्ती को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किए थे, जिसे पूरे देश में लागू किया गया था। उसके बाद प्रत्येक राज्य की सरकार ने गाडिय़ों पर लगने वाली लाल बत्ती को लेकर बकायदा नोटिफिकेशन जारी किए थे। पहले संसद सदस्य और विधानसभा सदस्य भी लाल बत्ती लगाते थे। लेकिन नए रूल ओर रैगुलेशन के मुताबिक अब संसद में पहुंचने वाले सांसद और विधायक अब अम्बर लाईट का प्रयोग करने लगे हैं।

लाल बत्ती लगाने की परमिशन हरियाणा में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व राज्यपाल, डिप्टी सी.एम., हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, विधानसभा के स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, स्टेट प्लानिंग बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन, पूर्व मुख्यमंत्री, विधानसभा में विपक्ष के नेता, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जज तथा लोकायुक्त को लाल बत्ती विद फलैशर लगाने का अधिकार है। बिना फलैशर के लाल बत्ती लगाने का अधिकार स्टेट के मंत्री, विधानसभा के डिप्टी स्पीकर, स्टेट इलैक्शन कमीशनर, एडवोकेट जनरल, चीफ सैक्टरी, डिप्टी मनिस्टर तथा हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन को है। इसके अलावा अम्बर फलैशर वाली बत्ती लगाने का अधिकार प्रत्येक सांसद, विधायक, आई.ए.एस., आई.पी.एस., सभी डिपाटमैंट के प्रमुख, हरियाणा भवन के स्थानीय कमिशनर, अकाऊंटैंट जरनल, किसी कमिशन के चेयरपर्सन, सदस्य तथा विभिन्न विभागों के कमिशन हैड को लगाने का अधिकार है।

यह बात हम नही 10 जुलाई 2014 को हरियाणा सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में कही गई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की भले ही हिदायतें हों या फिर हरियाणा सरकार का नोटिफिकेशन हो। यह रूल एंड रैगुलेशन सी.एम. सिटी में नही चलता। यहां की मेयर अपनी गाड़ी पर अम्बर लाईट लगाकर न केवल सी.एम. के काफिले के साथ चलती हैं, बल्कि सार्वजनिक स्थल पर होने वाले कार्यक्रमों में जब हिस्सा लेेने जाती हैं, तब उनकी गाड़ी पर अम्बर लाईट लगी होती है। यही नही उनके पास पुलिस विभाग का एक गनमैन है। यह अलग बात है कि उन्हें गनमैन क्यों मिला।

यह तो पुलिस महकमा ही बताएगा, लेकिन पानीपत के मेयर के पास न तो अम्बर लाईट है और न ही गनमैन। क्या पानीपत के मेयर को कोई खतरा नही है, या फिर करनाल की मेयर को खतरा ज्यादा नजर आता है। शायद इसलिए उन्हें पुलिस विभाग का गनमैन प्रोवाईड करवाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि मेयर को नोटिफिकेशन से हटकर अम्बर बत्ती अपने सरकारी वाहन पर लगाने का अधिकार किसने दिया। क्या यह अधिकार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदान किया है या फिर सी.एम. सिटी का कुछ रौब अलग है।

यह बड़ी सोच का विषय है। देश में नेता कानून लागू करने की बात बड़ी दबंगाई से करते हैं, लेकिन खुद उन कानूनों का पालन करना भूल जाते हैं। अब सी.एम. सिटी में जब मुख्यमंत्री खुद करनाल का दौरा करते हैं तो नगर निगम की मेयर सी.एम. के आसपास रहती हैं। जिले के डी.सी., एस.पी. ओर दूसरे अधिकारी भी जानते हैं कि मेयर की गाड़ी पर अम्बर बत्ती लगी हुई है। अब उसे हटाने की जुर्रत कौन करे। यह प्रत्येक के बस की बात नही है। क्योंकि डर है कहीं मेयर सी.एम. के कान में कुछ कह न दें। इसलिए शायद अधिकारी भी अपनी आंखें बंद किए हुए है, लेकिन कानून कागजों में जरूर हैं, लेकिन उसे लागू नही किया जाता। यह अंदाजा आप मेयर की सरकारी गाड़ी पर लगी फलैशर बत्ती को देखकर लगा सकते हैं।

नोटिफिकेशन करेंगे चैक :- इस मामले में जब एस.पी. अभिषेक गर्ग से पूछताछ की गई तो उन्होंने यह जरूर कहा कि वह सोमवार को नोटिफिकेशन चैक कर लेंगे। मेयर को गनमैन दिए जाने बाबत उन्होने कहा कि सी.आई.डी. विभाग से उन्हे सूचना आई थी, तभी गनमैन दिया गया।

रिपोर्ट :-अनिल लाम्बा

दिल्ली : कैब ड्राइवर ने किया रेप ,पहले भी चुका है गिरफ्तार

rapist-storyनई दिल्ली [ TNN ] दिल्ली में रेप के आरोप में गिरफ्तार उबर कैब ड्राइवर के बारे में दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि वह पहले भी रेप के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस के मुताबिक 2011 में शिव कुमार यादव यौन उत्पीड़न के एक मामले में 7 महीने तक तिहाड़ जेल में बंद था, हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया गया था।

32 वर्षीय शिव कुमार यादव को एक ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म की एंप्लॉयी के साथ शनिवार रात रेप करने के आरोपों पर पुलिस के सघन तलाशी अभियान के बाद रविवार को मथुरा से गिरफ्तार किया गया था।

यादव ने अपने भाई की विधवा से शादी की है। उसकी दो बेटियां हैं जबकि एक सौतेला बेटा है। यादव की बेटियां और पत्नी मथुरा में रहती हैं जबकि उसका बेटा उसके भाई के साथ दिल्ली में रहता है। यादव पिछले कुछ सालों से दिल्ली में कैब ड्राइवर है।

सूत्रों के मुताबिक उसने जांच के दौरान अपना गुनाह कबूल लिया है लेकिन उसे इसका बहुत जरा सा ही पछतावा है। उसने एक जांचकर्ता से कहा, ‘गलती हो गई साब, क्या करूं अब?’

पुलिस ने कैब सर्विस प्रोवइडर उबर को भी नोटिस भेजा है और कहा है कि वह भी जांच में शामिल हो और अपनी सेवाओं में हुई चूक और लापरवाही का कारण बताए।

जांचदल में शामिल एक सूत्र ने बताया कि पुलिस ने रविवार दोपहर में ही स्थानीय सूत्र की सूचना के आधार पर दोपहर में ही यादव के ठिकाने का पता लगा लिया था। स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ ऐंड ऑर्डर) दीपक मिश्रा ने बताया कि इसके बाद उसकी धरपकड़ के लिए उनकी टीम ने अपना ऑपरेशन चलाया और शाम 6 बजे यादव के आसपास घेरा डाल दिया।

शाम 6 बजे जब पुलिस की टीम उसके करीब पहुंच चुकी थी तो यादव अपने दोस्तों के साथ था और पैसा इकट्ठा करने के बाद वह सुरक्षित ठिकाने की तलाश में निकलने वाला था। यादव ने पुलिस टीम को पहचान लिया और खुद को बचाने के लिए गलियों में भागा। लेकिन पुलिस की तीन टीमों की कमान संभाल रहे एसपी देवेश महाला, एसपी सुरेश टंडन और एसएचओ अनिल दुरेजा ने उसे तीन तरफ से घेरा।

यादव भागकर एक घर में घुस गया और खुद को अंदर से बंद कर लिया। वह किसी को बंधक बनाने की कोशिश में था लेकिन दुरेजा की टीम ने दरवाजा तोड़ दिया और उसे जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

उसे भारी सुरक्षा के बीच दिल्ली लाया गया और मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। सोमवार को उसे दिल्ली कोर्ट में पेश किया जाएगा।

उधर, दिल्ली में महिला एग्जेक्युटिव के साथ रेप के विरोध में सोमवार सुबह आम आदमी पार्टी और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। सरकार द्वारा ऐक्शन न लिए जाने और शहर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे आप कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा वहां से हटाया गया।

नर्मदा के जल से बुझेगी थार के मरुस्थल की प्यास

Narmada water extinguished the thirst of the Thar Desertबाड़मेर- राजस्थान के जन हितेशी सरकार के आहात को राहत पहुचने के दावे सरहद के अंतिम छोर के गावो में हकीकत की धरा पर उतरते नजर आ रहे है बीते एक साल में जालोर के सीलु से रवाना हुआ नर्मदा का जल जल्द ही पश्चिम के सिह द्वार मुनाबाव पहुचने वाला है। नर्मदा का नीर एक साथ तरीबन चार लाख लोगो को खारे पानी और पेयजल संकट से हमेशा हमेशा मुक्त कर देगा। सरकर की बड़ी योजना की सफलता के बाद लोगो के चेहरे पर सकून की लकीरे साफ़ नजर आ रही है।

रेतीले राजस्थान का बाड़मेर बरसो से सूखे और पेयजल संकट के चलते हमेशा खबरों की सुर्ख़ियो मे रहा है यही इलाका एक बार फिर सुर्ख़ियो मे है लेकिन ताजा चर्चा सूखे और पेयजल संकट से पर नर्मदा के नीर के सरहद के अंतिम गाव तक पहुचने की बड़ी कवायद को लेकर है। वसुंधरा राजे के पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान जालोर के सीलू से राजस्थान में प्रवेश करने के बाद नर्मदा का नीर बाड़मेर के अरनियाली गाव के बाद बड़ी पाइप लाइन से सफर तय कर रहा है और बीते एक साल में इस काम ने तीव्र गति से खुद को बढ़ाया है।

सवेदनशील सरकार, कर्मठ जनप्रतिनिधियो और आला अधिकारियो की प्रभावी मोनेटरिंग के चलते नर्मदा का नीर अगली गर्मियों से पहले सरहद की धरा पर पेयजल संकट से हमेशा हमेशा से छुटकारा दिला देगा। नर्मदा नहर आधारित पेयजल प्रोजेक्ट एक साथ बाड़मेर के शिव के 110 और रामसर के 95गावो के लोगो तक पेयजल पहुँचाने वाली महत्वकांक्षी परियोजना है। पांच सो तेरह करोड़ की इस महत्वपूर्ण परियोजना मे नर्मदा केनाल के जरिये आने वाले पानी को पूरी तरह से शोधित करने के बाद लोगो तक पहुचाया जायेगा। इस महती परियोजना मे साफ़ पानी संग्रहण के लिए 16 मुख्य सग्रहण सी डब्लू आर ,1 मुख्य संग्रहण स्थल ,2 पम्पिंग स्टेशन और शिव और रामसर मे 86 अलग अलग स्थानो पर एलिवेट सर्विस रिजर्व वायर के निर्माण का काम युद्ध स्तर पर जारी है। काम की गति से साफ़ लग रहा है की इस बार की गर्मी में सरहद पर पानी को लेकर हाहाकार नही मचेगा।

गंभीर और सकारात्मक प्रयास
– नर्मदा नहर आधारित पेयजल प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा हो इसके लिए गंभीरता से प्रयाश किये जा रहे है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियो द्वारा काम की प्रभावी मोनेटरिंग की जा रही है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद सरहदी लोगो को राहत पहुचने वाली बड़ी परियोजना बन जाएगी।इस परियोजना से जनता के साथ साथ सेना को भी बड़ी राहत मिलेगी

– नेमाराम परिहार 

अधीक्षण अभियंता व्रत , जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग बाड़मेर

– सरहद के गावो तक मीठा पानी पहुचने के बाद यहा के लोगो के बीच जल जनजागरण के आयोजनो को लेकर रुपरेखा तैयार की जा रही है। विभिन्न माध्यमो के जरिये जनता को नर्मदा के पानी के पुरे सफर की जानकारी दी जाएगी। जनता को सरकार के प्रयासों और विभाग के कार्यो के बारे मे भी बताया जायेगा।
अशोक सिंह राजपुरोहित
जिला आईईसी समन्वयक,सीसीडीयू बाड़मेर

योजना आयोग की जगह नये निकाय की जरूरत : मोदी

Prime Minister Narendra Modi

नई दिल्ली- सहयोगपूर्ण संघीय व्यवस्था को मजबूत करने पर बल देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि योजना आयोग की जगह गठित किये जाने वाले नये निकाय में राज्यों की निश्चित रूप से बड़ी भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीति नियोजन की प्रक्रिया बदलने और इसे ऊपर से नीचे की बजाए, नीचे से ऊपर की प्रक्रिया बनाने की जरूरत है। मोदी ने योजना आयोग की जगह प्रस्तावित नये निकाय के स्वरूप पर विचार करने के लिये मुख्यमंत्रियों की बैठक में जोर देकर कहा कि राज्यों के विकास के बगैर देश का विकास असंभव है। बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और करीब-करीब सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शामिल नहीं हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना की प्रक्रिया ऊपर से नीचे की बजाय नीचे से ऊपर करने की जरूरत है। योजना आयोग को नई शक्‍ल देने के लिए मोदी के साथ आज देश भर के मुख्यमंत्रियों की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जम्मू-कश्मीर के उमर अब्दुल्लाह और झारखंड के हेमंत सोरेन ने हिस्सा नहीं लिया। मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 15 अगस्त को लाल किले से अपने पहले संबोधन में 1950 में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा गठित योजना आयोग को नया स्वरूप देने की घोषणा की थी और इसी सिलसिले में आज मुख्यमंत्रियों से विचार विमर्श के लिए यह बैठक बुलाई गई। गौरतलब है कि शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नोत्तरकाल के दौरान मोदी ने पहली बार हस्तक्षेप करते हुए कहा था कि विशेषज्ञों और अर्थशात्रियों के अलावा योजना आयोग के भीतर भी इसके पुनर्गठन पर व्यापक विचार विमर्श किया गया है और हम नई संस्था को मूर्तरूप देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। नये संस्थान में प्रधानमंत्री पदेन अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा 10 नियमित सदस्य, पांच राज्यों के प्रतिनिधि और पांच अलग विषयों के विशेषज्ञों को इसमें शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। नई संस्था सरकारी विभाग के कामकाज की निगरानी कर उसके कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर राशि के आवंटन का प्रस्ताव करेगी। योजना आयोग ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित एक समूह को सुझाव दिया कि उसकी जगह प्रस्तावित नये निकाय का ढांचा बदलती आर्थिक जरूरतों को पूरा करने वाला हो और इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ तथा राज्यों के प्रतिनिधि रखे जाएं। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्रियों के इस समूह के समक्ष अपने प्रस्तुतीकरण में योजना की सचिव सिंधूश्री खुल्लर ने कहा कि नए संस्थान में 8 से 10 नियमित सदस्य या कार्यकारी सदस्य हो सकते हैं जिनमें से आधे राज्यों के प्रतिनिधि हों। उन्होंने सुझाव दिया कि शेष सदस्य पर्यावरण, वित्त या अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ तथा इंजीनियर या वैज्ञानिक हो सकते हैं। आयोग का सुझाव है कि नये निकाय के अध्यक्ष का पद पदेन हो सकता है और प्रधानमंत्री निकाय के प्रमुख हो सकते हैं। मोदी ने यह बैठक योजना आयोग के स्थान पर बनने वाले संस्थान पर विचार विमर्श के लिए आयोहित की। बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (उत्तर प्रदेश), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा), देवेंद्र फडनवीस (महाराष्ट्र), वसुंधरा राजे (राजस्थान), शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), रमन सिंह (छत्तीसगढ़), हरीश रावत (उत्तराखंड) और ओमान चांडी (केरल) शामिल हुए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हुईं। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बैठक में राज्य सरकार का प्रनिधित्व किया। खुल्लर ने अपने प्रस्तुतीकरण में सुझाव दिया कि प्रस्तावित नई संस्था परियोजनाओं की निगरानी व आकलन, विभिन्न क्षेत्रों और मंत्रालयों से एक साथ जुड़े मामलों में विशेषज्ञता सेक्टोरल, अंतर मंत्रालयी विशेषज्ञता तथा आकलन व परियोजनाओं की निगरानी का कार्य करेगा। यह सुझाव दिया गया कि नया निकाय उसे भेजे गए मामलों में प्रधानमंत्री को सलाह देगा। इसके अलावा यह शोध संस्थान के रूप में काम करेगा तथा विश्वविद्यालयों व अन्य संस्थानों के साथ उसका नेटवर्क होगा। नया संस्थान विभिन्न मसलों पर राज्यों और केंद्र को आंतरिक सलाहकार सेवाएं दे सकता है। इसके अलावा यह मध्यम व दीर्घावधि की रणनीति की अभिकल्पना भी तैयार कर सकता है। प्रधानमंत्री ने पिछले स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में योजना आयोग को समाप्त करने और इसकी जगह नया संस्थान स्थापित करने की घोषणा की थी। योजना आयोग का गठन 1950 में किया गया था। मोदी ने कहा था, हम जल्द योजना आयोग के स्थान पर नया संस्थान स्थापित करेंगे। देश की आंतरिक स्थिति बदली है। वैश्विक वातावरण बदला है। हम एक रचनात्मक सोच वाला संस्थान चाहते हैं, जिससे युवाओं की क्षमता का अधिकतम इस्तेमाल किया जा सके। आयोग ने विशेषज्ञों के साथ बैठक कर नए संस्थान के ढांचे पर विचार विमर्श किया है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने योजना आयोग का गठन किया था। -एजेंसी

भारतीय राजनीति में रामज़ादों के ऐसे बोल ?

भारतीय राजनीति में मर्यादा,विवेक तथा सद्भावना को तिलांजलि देने का एक और उदाहरण पिछले दिनों दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान हो रही भारतीय जनता पार्टी की एक जनसभा में उस समय देखने को मिला जबकि स्वयं को साध्वी कहने वाली तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में शामिल की गई केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण राज्यमंत्री निरंजन ज्योति ने भारतीय समाज को बड़े ही गंदे व घटिया शब्दों द्वारा दो भागों में बांटने की कोशिश की। जिस पक्ष यानी भाजपा की सरकार बनाने की वह पैरवी कर रही थी उस पक्ष को उन्होंने ‘रामज़ादों’ यानी भगवान राम की औलादों का नाम दिया जबकि दूसरे पक्ष को जिसमें कि सभी गैर भाजपाई शामिल हैं उन्हें ‘हरामज़ादों’ जैसे गंदे,अभद्र,अशिष्ट व गाली समझे जाने वाले अपशब्द के साथ संबोधित किया। Sadhvi  Niranjan Jyotiजैसीकि उम्मीद थी साध्वी निरंजना ज्योति के इस बेहूदे,गैरजि़म्मेदाराना अपशब्द के बाद संसद से लेकर टेलीविज़न की बहस, संपादकीय आलेखों तक में इस बदज़ुबान तथा कथित महिला संत द्वारा बोले गए अपशब्दों की कटु आलोचना की जाने लगी। इस साध्वी ने बड़े तकनीकी तरी$के से अपने बयान के प्रति कभी खेद व्यक्त किया तो कभी प्रधानमंत्री अपने पार्टी नेताओं को नसीहत देते दिखाई दिए तो कभी उन्होंने अपनी इस ‘होनहार’ मंत्री को नया मंत्री बताकर उसे क्षमा किए जाने की अपील की। भाजपाईयों द्वारा उस समय तो हद ही कर दी गई जबकि साध्वी के बचाव में भाजपाई यह तर्क देने लगे कि चूंकि साध्वी निरंजना ज्योति एक दलित महिला हैं इसलिए विपक्ष उनके विरोध पर अड़ा हुआ है। जबकि मायावती के अनुसार वे दलित नहीं बल्कि निषाद समाज से आने वाली पिछड़ी जाति वर्ग की महिला हैं। सवाल यह है कि क्या किसी भी धर्म अथवा जाति का स्वयं को संत कहने वाले एक ऐसे व्यक्ति पर जोकि केवल संत ही नहीं बल्कि सांसद होने के साथ-साथ देश का एक जि़म्मेदार मंत्री भी है वह इस धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में सार्वजनिक रूप से जिसके विरुद्ध चाहे जैसे भी शब्दों व वाक्यों का प्रयोग करता फिरे? कल्पना कीजिए यदि आज स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम होते तो क्या वे निरंजन ज्योति के इस बेहूदी अवधारणा पर प्रसन्न होते? क्या रामायण के पूरे प्रसंग में तथा भगवान राम के पूरे जीवन में उनके इर्द-गिर्द इस प्रकार के कटु वचन अथवा गालियां बोलने वाले $गैरजि़म्मेदार लोगों का जि़क्र हुआ है? देश की राजनीति में गंदी भाषाओं का प्रयोग करना न तो कोई नया विषय है न ही इसके लिए कोई एक ही दल जि़म्मेदार है। इशारों-इशारों में जनता तक अपने दिल की बात पहुंचाने की भी एक नई तजऱ्-ए-सियासत इस देश में बड़े ही खतरनाक तरी$के से शुरु हो चुकी है। सैकड़ों धर्म,आस्था,विश्वास तथा हज़ारों जातियों वाले इस देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खुला खेला जा रहा है। महंत योगी आदित्यनाथ,गिरीराज सिंह,साक्षी महाराज के अतिरिक्त नितिन गडकरी,अमित शाह सुब्रमण्यम स्वामी,उद्धव ठाकरे,राज ठाकरे,आज़म खां तथा अकबरूद्दीन ओवैसी,जैसे और कई नेताओं द्वारा समय-समय पर अपनी बदज़ुबानी व बदकलामी का सुबूत दिया जाता रहा है। भले ही आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री जैसे देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठकर अपने नेताओं को मर्यादा में रहने व शिष्टाचार का पालन करने जैसे सबक क्यों न सिखा रहे हों परंतु वह यह भी भलीभांति जानते हैं कि इस प्रकार के कटु वचनों व कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना लगाने जैसे ज़हरीले शब्द बाणों ने ही उन्हें प्रधानमंत्री की गद्दी तक पहुंचने का रास्ता हमवार किया है। और कहना तो यह भी गलत नहीं होगा कि चुनाव पूर्व अपने भाषणों में मोदी जी ने स्वयं भी कई बार समाज को विभाजित करने वाले भाषण सार्वजनिक रूप से दिए हैं। चुनाव पूर्व नरेंद्र मोदी ने ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सभाओं में तत्कालीन यूपीए सरकार पर गुलाबी क्रांति को बढ़ावा देने का बेहद संवेदनशील आरोप लगाया था। गुलाबी क्रांति अर्थात मांस का उद्योग अथवा इसका निर्यात करने का व्यापार। इस विषय पर उन्होंने जनता की भावनाओं को झकझोरने की सफल कोशिश की। और यूपीए सरकार को देश में चलने वाले पशुओं के कत्लखानों का सीधा जि़म्मेदार ठहरा दिया। महंत योगी आदित्यनाथ की पूर्वी उत्तर प्रदेश में चलाई जा रही सांप्रदायिकतापूर्ण मुहिम व उनके ज़हरीले भाषणों के परिणामस्वरूप, नरेंद्र मादी के कत्लख़ानों के विरुद्ध दिए गए बयान व मुज़फ्फरनगर में अमितशाह द्वारा धर्म विशेष के लोगों से ‘बदला लेने’ हेतु भाजपा के पक्ष में मतदान करने जैसी अपीलों ने भाजपा को यूपी में 73 सीटों पर जीत दिला दी। परंतु अब तक देश या प्रदेश के कोई भी पशुवध केंद्र बंद नहीं हुए। आखिर क्यों? ऐसे वक्तव्य केवल सत्ता हथियाने के म$कसद से समाज को भावनाओं के आधार पर विभाजित करने के प्रयास नहीं तो और क्या हैं? हमारा देश न केवल विभिन्न धर्मों,जातियों,विश्वासों तथा आस्थाओं का देश है बल्कि इस देश की व्यवस्था को संचालित करने हेतु निर्मित संविधान भी पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष मान्यताओं पर ही आधारित है। हमारा संविधान देश के शासकों को सभी धर्म व विश्वास के लोगों को साथ लेकर चलने का निर्देश देता है। सभी धर्मावलंबियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने की बात हमारे देश का संविधान करता है। जिस महात्मा गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान में अपने आदर्श पुरुष के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की,जिस महान नेता सरदार पटेल के नाम पर वे अपनी राजनीति आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं यह सभी आदर्श पुरुष धर्मनिरपेक्षता तथा देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के ही रक्षक थे। सरदार पटेल ने अपने गृहमंत्री रहते हुए सांप्रदायिक शक्तियों को उनकी किस औकात तक पहुंचा दिया था यह बात किसी से छुपी नहीं हैं। और यह बात भी किसी से पोशीदा नहीं है कि इन्हीें सांप्रदायिक ताकतों ने गांधी जैसे उस धर्मनिरपेक्षतावादी महापुरुष को हम से छीन लिया जो पूरे विश्व में सर्वधर्म संभाव तथा सांप्रदायिक सौहाद्र्र के पक्षधर तथा छुआछूत एवं ऊंच-नीच के प्रबल विरोधी के रूप में जाना जाता है। महात्मा गांधी को स्वच्छता अभियान का प्रतीक बनाकर उन्हें मान-सम्मान नहीं दिया जा रहा बल्कि एक साधारण से विषय के लिए उनके नाम का प्रयोग मात्र किया जा रहा है। दुनिया में उनकी पहचान सत्य और अहिंसा के महान प्रेरक आदर्श पुरुष के रूप में थी और हमेशा रहेगी। यदि गांधी के नाम को अपने नाम के साथ या अपने कर्मों के साथ जोडऩे की कोशिश करनी है तो गांधी की उस रामधुन से भी अपना सुर मिलाना होगा। यानी रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम। ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान। और जिस दिन गांधी द्वारा पढ़ी जाने वाली यह रामधुन किसी भी विचारधारा के व्यक्ति के भीतर समाहित हो जाएगी उस दिन उस व्यक्ति को सभी रामज़ादे ही नज़र आएंगे। कोई भी हरामज़ादा नहीं दिखाई देगा। साध्वी निरंजन ज्याति के रामज़ादे वाले बयान के बाद उनका एक और फ़लसफा सामने आया। आप फरमाती हैं कि-‘भारत में रहने वाले चाहे फिर वह मुसलमान हों या ईसाई कहीं न कहीं श्री राम की ही संतान हैं। हम देश में रहने वाले सभी लोग हिंदू संस्कृति और सभ्यता को मानने वाले व शिरोधार्य करने वाले ही रहे हैं। जो इस को नहीं मानते वे इस देश में रहने का हक नहीं रखते। उन्हें देश छोड़ देना चाहिए’। अब ज़रा इस केंद्रीय राज्यमंत्री के बयान की भारतीय संविधान में विभिन्न धर्म,विश्वास तथा मान्याताओं के मानने वाले लोगों के बारे में उल्लिखित व्यवस्थाओं से तुलना कीजिए। पूरी तरह से इस प्रकार का $गैर संवैधानिक बयान देने वाली यह महिला क्या सांसद व मंत्री बनते समय ली गई संविधान की रक्षा की शपथ का पालन कर रही हैं? या यह स्वयं देश के संविधान की धज्जियां उड़ा रही है? और सोने पर सुहागा तो यह कि विपक्ष द्वारा संसद में हंगामा करने के बाद इस बदज़ुबान मंत्री से कभी उसके शब्दों के लिए ‘तकनीकी खेद’ प्रकट करवाया जा रहा है तो कभी प्रधानमंत्री द्वारा उसे नई मंत्री बताकर मा$फ करने की अपील की जा रही है। इस पूरे प्रकरण में कुछ चीज़ें ऐसी हैं जो हालांकि नज़र नहीं आ रहीं परंतु पूरा प्रकरण उन्हीें अदृश्य बातों के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है। याद कीजिए 15 अगस्त को लाल $िकले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह भाषण जिसमें उन्होंने पूरे भारतवासियों से दस वर्षों तक के लिए देश से सांप्रदायिकता $खत्म कर देश के विकास में लग जाने का आह्वान किया था। उनके इस आह्वान के बावजूद उनके मंत्रिमंडल के मंत्री समाज को रामज़ादों और हरामज़ादों के बीच विभाजित कर रहे हैं। इसके दो ही अर्थ हैं या तो मोदी की पार्टी के सांसद यहां तक कि उनके मंत्री उनके किसी दिशानिर्देश तथा उनकी बातों का पालन नहीं कर रहे हैं? या फिर उन्हें इस बात का विश्वास है कि वे जो कुछ भी बोल रहे हैं उससे मोदी जी नाराज़ नहीं बल्कि प्रसन्न ही होंगे। ऐसे कटु वचन व उन्माद फैलाने वाले लोगों को अपने मुख्यिा यानी नरेंद्र मोदी के निर्देशों की आवश्यकता नहीं बल्कि वे देश के ‘प्रधानसेवक’ की ‘अदृश्य’ नीति तथा नीयत से भलीभांति वाकिफ हैं? और उनके कड़वे बोल भले ही समाज को बांटने का काम क्यों न करते हों परंतु संप्रदाय के आधार पर होने वाले ध्रुवीकरण में ऐसे वक्तव्य उनको,उनकी पार्टी को और उनके इरादों को $फायदा ही पहुंचाएंगे? परंतु ऐसे हालात देश की एकता व अखंडता के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। :- तनवीर जाफरी tanvirतनवीर जाफरी 1618, महावीर नगर, मो: 098962-19228 अम्बाला शहर। हरियाणा फोन : 0171-2535628  

जीसैट-16 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण

Indian Space Research Organisation

बेंगलूरू – संचार सेवाओं को विस्तार देने वाली भारतीय अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाते हुए नवीनतम उपग्रह जीसैट-16 का आज तड़के फ्रेंच गुयाना के कोरू प्रक्षेपण स्थल से एरियनस्पेस रॉकेट की मदद से सफल प्रक्षेपण किया गया |

मौसम में खराबी के चलते इस प्रक्षेपण में दो दिन की देरी हुई. तड़के दो बजकर दस मिनट पर विमान वीए221 के जरिए एरिएन-5 की सफल उड़ान के 32 मिनट बाद उपग्रह को जीओसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में प्रवेश करा दिया गया. प्रक्षेपण स्थल से एरियन श्रेणी के यानों द्वारा किया गया यह 221वां प्रक्षेपण है. एरियनस्पेस ने कहा कि दोहरे रॉकेट अभियान के तहत प्रक्षेपित किया गया जीसैट-16 अपने साथ गए डायरेक्ट टीवी-14 अंतरिक्ष यान के चार मिनट बाद अंतरिक्ष में प्रवेश कर गया |

जीसैट-16 में 48 ट्रांसपांडर लगे हैं और यह संख्या इसरो द्वारा बनाए गए किसी भी संचार उपग्रह में लगाए गए ट्रांसपांडरों की संख्या से ज्यादा है. डायरेक्ट टीवी-14 अमेरिका में ‘डायरेक्ट-टू-होम टीवी’ के प्रसारण के लिए है |

प्रक्षेपण के कुछ ही समय बाद कर्नाटक के हासन स्थित इसरो की ‘मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी’ (नियंत्रक प्रतिष्ठान) ने जीसैट-16 की कमान और नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया और कहा कि शुरूआती जांच में उपग्रह ‘सामान्य हालत’ में पाया गया है. इसरो ने कहा कि इसे कक्षा में उपर उठाने का पहला कदम (ऑर्बिट रेजिंग) कल तड़के तीन बजकर 50 मिनट पर होना तय है |

यह प्रक्रिया उपग्रह को उसके तय स्थान पर यानी भूस्थतिक कक्षा में 55 डिग्री पूर्वी देशांतर पर और जीसैट-8, आईआरएनएसएस-1ए एवं आईआरएनएसएस-1बी के साथ स्थापित करने का एक चरण है. जीसैट-16 का प्रक्षेपण मूल रूप से शुक्रवार को होना था लेकिन कोरू में खराब मौसम के कारण उड़ान से कुछ ही घंटे पहले इसे रोक दिया गया |

कोरू की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण है. भूमध्य रेखा के पास स्थित होने की वजह से यह स्थान भूस्थतिक कक्षक में भेजे जाने वाले अभियानों के लिए खास तौर पर उपयुक्त है. एरियनस्पेस ने प्रक्षेपण के इस कार्यक्रम का समय बदलकर भारतीय समयानुसार तड़के दो बजकर नौ मिनट का कर दिया था लेकिन कुछ ही घंटों बाद इसे एक बार फिर ‘खराब मौसम’ के कारण स्थगित कर दिया गया. इसके बाद इसके प्रक्षेपण का समय आज तड़के के लिए रखा गया |

इसरो उपग्रह केंद्र (आईएसएसी) के निदेशक एस के शिवकुमार ने एरियनस्पेस प्रतिष्ठान में कहा, ‘‘इसके फलीभूत होने के लिए हमें दो दिन का इंतजार करना पड़ा लेकिन यह उत्कृष्ट तरीके से संपन्न हुआ है. इसलिए इसके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए एरियनस्पेस के सभी लोगों को बधाई.’’ एरियनस्पेस ने कहा कि आज का यह प्रक्षेपण एरियन 5 का लगातार 63वां सफल प्रक्षेपण है |

एरियनस्पेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि जीसैट-16 एक बहुप्रयोगी दूरसंचार उपग्रह है, जिसके दायरे में पूरा भारतीय उपमहाद्वीप होगा. एरियनस्पेस द्वारा प्रक्षेपित यह इसरो का 18वां उपग्रह है. एरियनस्पेस ने सबसे पहले वर्ष 1981 में इसरो के एप्पल प्रायोगिक उपग्रह का प्रक्षेपण किया था |

कक्षा में प्रवेश की घोषणा के कुछ ही पलों बाद एरियनस्पेस के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन इस्राएल ने कहा, ‘‘आज, अपने दो वफादार ग्राहकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हमें गर्व है.’’ शिवकुमार ने कहा कि एरियनस्पेस की ओर से अंत:क्षेपण (इंजेक्शन) के संदर्भ में दिए गए आश्वासन को निभाया गया है. अगले कुछ दिनों में द्रव एपोजी मोटर क्रियान्वयन समेत अन्य प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा |

शिवकुमार ने कहा, ‘‘इसके बाद ऑर्बिट टेस्टिंग के तहत दूरसंचार पेलोड सिस्टम पर काम किए जाने की योजना है. हमें उम्मीद है कि इस साल के अंत तक अंतरिक्ष यान सेवाओं के लिए तैयार हो जाएगा.’’ जीसैट-16 में 24 सी-बैंड, 12 केयू-बैंड और 12 अपर एक्स्टेंडेड सी-बैंड ट्रांसपांडर हैं, जो सरकारी और निजी टीवी एवं रेडियो सेवाओं, वृहद स्तरीय इंटरनेट और टेलीफोन के संचालन को बढ़ावा देंगे. जीसैट-16 में लगे 48 ट्रांसपांडरों से राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्षमता में सुधार होगा और यह संख्या इसरो के मौजूदा 180 ट्रांसपांडरों के साथ जुड़ जाएगी |

क्षमता की कमी के चलते इसरो ने टीवी प्रसारकों जैसे निजी क्षेत्र के प्रयोगकर्ताओं के लिए 95 ट्रांसपांडर विदेशी उपग्रहों से पट्टे पर लिए हुए हैं. निजी क्षेत्र के प्रयोगकर्ता अक्सर अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए आवश्यक ट्रांसपांडर क्षमता के अपर्याप्त होने की शिकायत करते रहे हैं. आज का यह प्रक्षेपण इस साल जनवरी में जीसैट-14 के प्रक्षेपण के 11 माह बाद हुआ है. जीसैट-15 का प्रक्षेपण अगले साल अक्तूबर में होना है |

शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैं बताना चाहूंगा कि हम जीसैट-15 अंतरिक्ष यान के साथ कोरू लौटेंगे. इसरो उपग्रह केंद्र में इसे अग्रिम चरण के तहत संकलित किया जा रहा है और हम योजना के अनुरूप परीक्षण कर रहे हैं. वर्ष 2016 की तीसरी तिमाही में इसके प्रक्षेपण के लिए तैयार हो जाने की संभावना है |

इसरो ने कहा कि जीसैट-16 को 36 हजार किलोमीटर की उंचाई वाली भूस्थतिक कक्षा तक उठाया जाएगा. इस कार्य को एलएएम इंजन के माध्यम से ऑर्बिट रेजिं़ग की तीन प्रक्रियाओं के जरिए अंजाम दिया जाएगा. इसरो ने कहा, ‘‘आठ दिसंबर को होने वाले प्रथम प्रणोदन के लिए तैयारियां जारी हैं. उपग्रह को 12 दिसंबर को भूस्थतिक कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा और इसके बाद उपग्रह के संचार ट्रांसपांडरों को चालू कर दिया जाएगा ताकि ऑर्बिट टेस्टिंग की जा सके.|

भारत के पीएसएलवी और मौजूदा जीएसएलवी रॉकेटों में दो टन से ज्यादा वर्ग के उपग्रहों का प्रक्षेपण करने की क्षमता नहीं है. इस वजह से इसरो को बाहर से प्रक्षेपण कराना पड़ा. इसरो अगला बड़ा प्रक्षेपक जीएसएलवी-एमके3 विकसित कर रहा है, जो चार टन तक के उपग्रहों को कक्षा में ले जा सकता है |

जुलाई 2013 में सरकार ने जीसैट-16 को मंजूरी दी थी, जिसकी प्रक्षेपण लागत और बीमा कुल 865.50 करोड़ रूपए है. एरियन के पेलोड की क्षमता 10,200 किलोग्राम से अधिक है. यह जीसैट-16 और डायरेक्टटीवी-14 के साथ कुल 9,480 किलोग्राम का वजन लेकर गया |

कक्षा में जीसैट-16 का जीवनकाल 12 साल है. आगामी दिनों में सौर पैनल, एंटीना और उपग्रह की धुरी स्थिरता के लिए काम किया जाएगा. जीसैट-16 अपने तय समय से पहले बीते अप्रैल में ही निष्क्रिय हो चुके इनसैट-3ई की जगह लेगा | -एजेंसी

अभिनेत्री श्वेता को सेक्स स्कैंडल में क्लीन चिट

Shweta Basu Prasad

नैशनल अवॉर्ड विनर अभिनेत्री श्वेता बसु प्रसाद को सेक्स स्कैंडल मामले में हैदराबाद हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है। श्वेता कुछ महीने पहले हैदराबाद के एक होटेल से तथाकथित सेक्स स्कैंडल के आरोप में अरेस्ट की गई थीं। 2 महीने सुधारगृह में बिताने के बाद वह बाहर आई थीं और उन्होंने बताया था कि उनका किसी स्कैंडल से कोई संबंध नहीं है। किसी गलतफहमी की वजह से उन्हें अरेस्ट कर लिया गया था।

क्लीन चिट मिलने के बाद श्वेता ने राहत की सांस लेते हुए कहा, ‘यह मेरे परिवार के लिए बहुद बड़ी खबर है। मैंने उनको बहुत समय बाद मुस्कुराते हुए देखा है।’ श्वेता के अरेस्ट होने के बाद फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग उनके सपोर्ट में खुलकर सामने आए थे।

श्वेता को हंसल मेहता और विशाल भारद्वाज जैसे फिल्मकारों ने फिल्म का ऑफर दिया था। अब श्वेता को अनुराग कश्यप, विकास बहल और विक्रमादित्य मोटवानी के प्रॉडक्शन हाउस में स्क्रिप्ट कंसल्टेंट नौकरी भी मिल गई है।

श्वेता ने कहा, ‘मुझे पूरी उम्मीद थी और मुझे बस इसी खबर का इंतजार भी था। मेरे ऊपर कई लोगों की शक वाली निगाहें थीं। अब उम्मीद है कि सबके शक दूर हो गए होंगे।’ श्वेता ने कहा कि इस हादसे से वह टूटी नहीं हैं, बल्कि उनके जीवन को एक नई दिशा मिली है। मुझे बस मीडिया से ऐसी उम्मीद नहीं थी।

 

 

धार्मिक डेरे की अरबों रूपये की जमीन का घोटाला !

Haryana Land Scam

करनाल [ TNN ]धार्मिक डेरों का जिन्न खट्टर सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है ,बरवाला का मामला अभी निपटा नहीं था एक दुसरे मामले ने खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है , मामला खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृह जिले करनाल के धार्मिक डेरे की जमीन से जुड़ा है ! करोड़ों ही नहीं अपितु अरबों रूपये के इस जमीन घोटाले में लम्बे समय से चल रही जाँच की आंच खुद हरियाणा सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारीयों तक पहुँच रही है और उनके सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है !

कांग्रेस सरकार में आठ साल पूर्व इस घोटाले की नींव तब रखी गई थी जब प्रशाशन ने बाबा भगवान गिरी पस्ताना के धार्मिक डेरे की सरप्लस घोषित 500 एकड़ जमीन को गलत तरीके से अयोग्य लोगों में बाँट दिया गया , इस बंदरबांट में करनाल के तत्कालीन पटवारी से लेकर तहसीलदार और उच्च प्रशाशनिक अधिकारीयों ने जमकर अपनी पावर का इस्तेमाल किया और जमीन बांटने में दलीय भेदभाव को दरकिनार करते हुए काग्रेस से लेकर इनेलों नेताओं तक को फायदा पहुँचाया ,जबकि नियमानुसार यह जमीन पुराने मुजारों ,पिछड़ी जाति और गाँव के स्थाई तौर पर रहने वालों को दी जानी थी ! लेकिन अरबो रूपये की कीमती कृषि जमीन ना केवल अपने और नेताओं के रिश्तेदारों को दे दी गई अपितु दूर दराज के लोगों को भी कौडिय़ों के भाव जमीन का आबंटन कर दिया गया जो पूरी तरह गैरकानूनी था ! हालांकि उस समय भी ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने इस मामले की आवाज उठाई लेकिन अधिकारी और मौजूदा सरकार मामले को दबाने और अपने अधिकारियों का बचाव करती रही !

उस समय डेरे के संचालकों और डेरे की देखभाल करने वाले ट्रस्ट के सदस्यों ने इसकी शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा तक से की ,जिस पर मुख्यमंत्री के उडऩदस्ते ने इस मामले की जाँच शुरू कर दी और अपनी जांच में सभी आरोपों को सही पाया ! वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री के उडऩदस्ते ने अपनी रिपोर्ट में खरीदारों और आबंटन करने वाले अधिकारीयों को दोषी मानते हुए कार्यवाही की सिफारिश की थी ! लेकिन जमीन घोटाले में वरिष्ठ अधिकारीयों और नेताओं के रिश्तेदारों के शामिल होने के चलते इस रिपोर्ट को ठन्डे बसते में डाल दिया गया !

न्याय के लिए धक्के खा रहे डेरे के पैरवीकारों ने न्याय की मांग को लेकर मार्च 2013 में पंजाब हरियाना हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की जिस पर कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब माँगा , कोर्ट का नोटिस आते ही तत्कालीन सरकार ने आनन फानन में 2 जून 2014 को करनाल के बुटाना थाने में इससे सम्बंधित ऍफ़ आई आर दर्ज करते हुए करनाल एस पी को मामले की स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने को कहा ! यह वोही एक्सक्लूसिव शपथ पत्र की कॉपी जो करनाल पुलिस अधिक्षक अभिषेक गर्ग ने पिछले महीने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दी है जिसमें साफ़ साफ़ इन आरोपी अधिकारियों के नाम लिखे हुए है जिन्होंने यह करोड़ो रुपयों का जमीनी घोटाला किया है !

पुलिस में दर्ज शिकायत में मुख्यमंत्री के उडऩदस्ते की रिपोर्ट को आधार मानते हुए जमीन लेने वाले और उन्हें जमीन अलाट करने वाले अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई थी ! कोर्ट का दबाव पडऩे के बाद सरकार के निर्देश पर अब हाल ही में करनाल एस पी अभिषेक गर्ग ने मामले में स्टेट्स रिपोर्ट पेश कर दी है जिसमे उन्होंने अन्य आरोपियों के आलावा तत्कालीन अधिकारीयों सहित वर्तमान में करनाल के अतिरिक्त उपायुक्त गिरीश अरोड़ा को दोषी मानते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की बात कही है ! अब देखने वाली बात यह होंगी की आखिर कब तक इन आरोपी भष्र्ट अधिकारियो के खिलाफ खट्टर सरकार कोई कारवाही करती है !
रिपोर्ट -अनिल लाम्बा

डायन बताकर 80 साल की महिला को निर्वस्त्र घुमाया

Khap Orders in  Rajasthan

भीलवाड़ [ TNN ] राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक शर्मसार कर देने वाला सामने आया है। एक मामले में 80 साल की एक वृद्ध महिला को खाप पंचायत के आदेश पर निर्वस्त्र करने के बाद मुंह काला कर गधे पर घुमाया गया। जिले के करेड़ा तहसील के रायपुर थाना क्षैत्र में इस महिला की 30 बीघा जमीन हड़पने की नीयत से कुछ दबंगों ने उसे डायन करार दिया और कहा कि वह गांववालों के बच्चों को खा जाएगी। उसके बाद महिला को गधे पर बिठाकर गांव में घुमाया गया और रात भर यातनाएं देते हुए उसे पशुओं के बांधने की जगह पर खूंटे से बांध दिया गया।

पीड़ित महिला ने बताया कि उसके पति की मौत करीब 37 वर्ष पहले हो गई थी और उसकी कोई औलाद नहीं है। इसके चलते कुछ गांव वाले उसकी 30 बीघा कीमती जमीन हड़पने की नीयत से आए दिन परेशान करते रहते थे। जब महिला ने इसका विरोध करना शुरू किया, तो लोग उसे डायन बताने लगे।

यही नहीं, पंचायत ने भी महिला को गांव से बाहर निकाल देने की धमकी दी। पंचायत ने यह भी फैसला सुनाया कि अगर किसी ने महिला से बातचीत की, तो उसे एक लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। इसके बाद भी महिला ने गांव नहीं छोड़ा, तो पिछले हफ्ते शाम को कुछ दबंगों ने मुंह काला करके उसे निर्वस्त्र कर दिया और फिर गधे पर बिठाकर गांव में घुमाया।

पीड़ित महिला की भतीजी ने कहा कि जब उसे इस घटना की जानकारी मिली, तो वह अपनी बुआ को अपने ससुराल ले आई। लेकिन वहां भी दबंगों ने आकर उसे परेशान किया। इस घटना के सामने आने के बाद महिला सलाहकार एवं सुरक्षा केंद्र की अध्यक्ष तारा अहुलवालिया ने कहा कि शनिवार को पीड़ित महिला ने आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि जल्द ही पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिलकर पीड़ित महिला को न्याय दिलाया जाएगा और उसे दोबारा गांव में बसाया जाएगा। -एजेंसी

खरगोन: लड़की को छेड़ा और खुद के हाथ की नस काट ली

crime

खरगोन [ TNN ] मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के व्यस्ततम चौराहे पर एक मनचले ने लड़की को पहले छेड़ा और जब बात नहीं बनी तो खुद के हाथ की नस काट ली। लोगों ने भी आव देखा न ताव और युवक की सार्वजनिक पिटाई शुरू कर दी।

पुलिस हस्तक्षेप के बाद इसे युवक को छुड़ाकर थाने पहुंचाया गया। शहर के पोस्ट ऑफिस चौराहे के फुटपाथ पर शनिवार की दोपहर अपने परिवार के साथ चने-परमल बेच रही लड़की के पास एक युवक आया और प्यार का इजहार करने लगा। लड़की घबरा गई। कुछ समझ पाती इसके पहले परिजनों ने युवक को धुत्कारा।

आवेश में आकर इस युवक ने वहीं पड़े सरौते (सिंघाड़े काटने वाला) से अपने हाथ की नसों का काट लिया। कुछ देर बाद इसकी पहचान प्रवीण जैन के नाम से हुई। माजरा समझ में आते ही आसपास भीड़ जमा हो गई और लहूलुहान हुए प्रवीण पर लोग टूट पड़े। उधर पुलिस भी मौके पर पहुंची। सुरक्षा के बीच युवक को पहले थाने और फिर अस्पताल ले जाया गया।

लड़की के परिजनों का कहना है कि इससे पहले युवक को नहीं देखा गया। टीआई ब्रजेश मालवीय ने बताया कि लड़की का मेडिकल करवाया गया है। प्रवीण पर छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय पेश किया गया।

लंदन:पति पत्नी ने 4 करोड़ के लिए गंवा दिए 12 करोड़ !

court case

लंदन के हाईकोर्ट ने एक अमीर पति और उसकी महा-अमीर पूर्व पत्नी को फटकार लगाकर आपस में सुलह करने की सलाह दी। इन दोनों का कसूर सिर्फ इतना था कि दोनों में केस को जीतने की सनक सवार थी और इस सनक में जितनी रकम के लिए दोनों केस लड़ रहे थे उससे कई गुणा ज्यादा रकम केस को लड़ने में ही खर्च कर बैठे।

मामला लंदन का है। लंदन हाईकोर्ट के मुताबिक इन दोनों का साल 2010 में तलाक हो गया था, लेकिन 61 साल के लॉरेंस सुलिवन और उनकी 45 वर्षीय पूर्व-पत्नी सैंड्रा सीग्रोव जबरन कोर्ट में पैसे फूंकते रहे। जस्टिस होलमैन ने कहा कि करीब दो दशक तक दोनों साथ रहे लेकिन फिर इनमें तलाक हो गया। सैंड्रा की मांग थी कि उन्हें लॉरेंस की संपत्ति में से आधा हिस्सा मिलना चाहिए जो भारतीय मुद्रा में करीब 4 करोड़ 26 लाख रुपए थी थी।

इतनी रकम को सीधे-सीधे देने में लॉरेंस आना-कानी कर रहे थे। जिस वजह से कोर्ट में चल रहे मामले को जीतने के लिए दोनों ने अलग होने के बाद कभी कर्ज लेकर तो कभी उधार लेकर केस लड़ा और मांगी गई रकम से कहीं ज्यादा पैसे गंवा दिये।

इन दोनों ने संपत्ति के बंटवारे के लिए जो लड़ाई लड़ी उसकी रकम 4 करोड़ 26 लाख थी, लेकिन लड़ते-लड़ते इसकी कीमत 12 करोड़ 61 लाख तक पहुंच गई। आखिरकार कोर्ट ने कहा कि दोनों को आपसी समझदारी से मामला खुद ही सुलझा लेना चाहिए।

रुड़की में ब्लास्ट छात्र की मौत,इलाके में तनाव

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रुड़की में डीएवी कॉलेज के पास हुए धमाके में एक स्कूली बच्चे की मौत हो गई है। कॉलेज के पास ही सेना का कैंप है और पुलिस सूत्रों का कहना है कि धमाका एक हादसा हो सकता है। अब तक की जानाकरी के मुताबिक, बच्चे ने सड़क पर से कुछ उठाया और धमाका हो गया। टीवी रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि विस्फोटक बच्चे के बैग में था। प्रशासनिक सूत्रों ने आशंका जताई है कि सेना के कैंप से बम कबाड़ के साथ बाहर आ गया होगा।

रुड़की में भाजपा विधायक संगीत सोम की सभा से कुछ दूरी पर ब्लास्ट में छात्र की मौत के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है। शनिवार को रुड़की में स्कूल से घर जाते समय चौथी कक्षा के एक छात्र के बैग में विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में छात्र की मौक पर ही मौत हो गई। इस छात्र के साथ जा रहे दो अन्य छात्रों की हालत भी गंभीर बनी हुई है।

विस्फोट मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी भाजपा विधायक संगीत सोम की सभा से 300 मीटर की दूरी पर हुआ है। हादसे के बाद पूरे इलाके में तनाव बना हुआ है। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पूरा प्रशासनिक अमला पहुंच चुका है। अभी तक विस्फोट के कारणों की जानकारी नहीं मिल पाई है। हादसे के बाद इलाके में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन बच्चे स्कूल से एक साथ घर लौट रहे थे। दो बच्चे आगे बढ़ गए और एक बच्चे ने कूड़े के ढेर के पास से कुछ उठाया। इसके बाद ब्लास्ट हो गया। कथित तौर पर विस्फोटक उठाने वाले छात्र की मौक पर ही मौत हो गई और उसके साथ जा रहे दो अन्य छात्रों की हालत भी गंभीर बनी हुई है। विस्फोट स्थल से 300-400 मीटर की दूरी पर विश्व हिन्दू परिषद का कार्यक्रम भी होने वाला था।

हादसे के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। सूचना मिलते ही मौके पर पूरा प्रशासनिक अमला पहुंच चुका है। सेना और पुलिस आसपास के इलाके की छानबीन कर रही है। हरिद्वार के एसएसपी ने कहा है कि विस्फोट के पीछे फिलहाल किसी तरह की साजिश या हमले की संभावना नहीं दिखाई पड़ रही है। उन्होंने कहा कि आधिकारिक रूप से जांच के बाद ही कुछ कहा सकता है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घटना पर दुख जताया है और कहा है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक जो जानकारी है उससे ऐसा लग रहा है कि कूड़े के साथ विस्फोटक आ गया होगा और यह दुर्घटना हुई।

 

मुस्लिम लड़की 15 साल में कर सकती है शादी : हाईकोर्ट

dulhan

अहमदाबाद [TNN ] गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा है कि कोई मुस्लिम लड़की तरूणायी हासिल करने पर या 15 साल की आयु पूरी करने पर शादी कर सकती है।

अदालत ने यह टिप्पणी एक मुस्लिम युवक के खिलाफ बाल विवाह निरोधक अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही को निरस्त करते हुए की। उस युवक ने अपने समुदाय की 17 वर्षीय लड़की से शादी की थी।

न्यायमूर्ति जे बी पर्दीवाला ने अपने दो दिसंबर के आदेश में कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार कोई मुस्लिम लड़की तरूणायी हासिल करने या 15 साल की आयु पूरी करने पर विवाह के लिए ‘योग्य’ है।

गिरफ्तार हुई लड़की है अबू बकर अल बगदादी की बेटी

Abu Bakr al-Baghdadi

लेबनान के आंतरिक मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा बलों द्वारा महिला के साथ गिरफ्तार की गई बच्ची के डीएनए परीक्षण से पता चला है कि वह कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के सरगना अबू बकर अल बगदादी की बेटी है।

लेबनान के आंतरिक मंत्री नोहद मचनोक ने इसकी पुष्टि की है। लेबनान ने पहले कहा था कि उसने गत महीने बगदादी की पत्नी सजा अल दुमैनी और बेटे को गिरफ्तार किया है। इसके बाद कहा गया कि गिरफ्तार की गई महिला बगदादी की पत्नी नहीं है।

मंत्री के मुताबिक दुमैनी को दो लड़कों और एक लड़की के साथ गिरफ्तार किया गया था। लड़की के डीएनए परीक्षण से पता चला है कि वह बगदादी की बेटी है। उन्होंने कहा कि पहली शादी से दुमैनी के दो बेटे थे और उसने छह साल पहले बगदादी से शादी की और सिर्फ तीन महीनों तक दोनों साथ रहे। दोनों की एक बेटी है। अब दुमैनी ने एक फिलीस्तीनी नागरिक से शादी की है और वह गर्भवती है। उन्होंने दुमैनी की नागरिकता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन बताया कि उसके सभी बच्चे ठीक से हैं और उससे पूछताछ की जा रही है।

आईएस ने अभी तक गिरफ्तारी के बारे में कोई बयान नहीं दिया है लेकिन सीरिया में सक्रिय अल नुसरा फ्रंट ने इसकी निंदा क रते हुए कहा है कि यह लेबनान की कमजोरी को दर्शाता है। ऐसा माना जा रहा है कि दुमैनी फिलहाल नुसरा फ्रंट की एक सदस्य है।

उल्लेखनीय है कि गत अगस्त में आईएस और नुसरा फ्रंट के आतंकवादियों ने लेबनान के सुरक्षाबल के तीन सदस्यों की हत्या कर दी थी और अन्य 27 को बंधक बना लिया था। ऐसा माना जा रहा है कि वे 27 लोग अब भी कब्जे में हैं और संभवत लेबनान दुमैनी तथा बच्चों की रिहाई के बदले उनकी रिहाई का सौदा कर सकता है।

मुंबई हवाई अड्डे का अधिकारी सोना तस्करी में गिरफ्तार

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मुंबई [ TNN ] यहां के छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसआईए) पर काम करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी को शुक्रवार 40 लाख रुपये की कीमत के सोने के 14 बिस्कुटों की तस्करी करते समय गिरफ्तार कर लिया गया।

सीएसआईए के टर्मिनल-1 पर प्रबंधक के रूप में काम करने वाले के. जी. बाबू की गिरफ्तारी हवाई अड्डे के सीमाशुल्क और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ ) के संयुक्त अभियान के बाद की गई। इस अभियान में उनके पास से 16,00 ग्राम सोना बरामद किया गया है। फिलहाल उनके साथ पूछताछ चल रही है।

बाबू ने टर्मिनल-1 से टर्मिनल-2 जाने के लिए हवाईअड्डे की शटल बस का इस्तेमाल किया। वहां से उसने अपना सामान उठाया और फिर बिना जांच कराए घरेलू टर्मिनल से बाहर निकल गया।

शुक्रवार को उसने अवैध सोने की खेप एक यात्री शाहबाज खान से ली थी। वह शारजाह से एयर अरबिया के विमान से यहां पहुंचा था।

बाबू को यह सामान अपने एक साथी मोहसिन शेख को सौंपना था जो घरेलू टर्मिनल के बाहर उसका इंतजार कर रहा था। उसके पास से एक पत्र भी बरामद हुआ है।

बाबू सीएसआईए में आठ साल से काम कर रहा था। सभी लोगों का कहना है कि वह किसी के काम में हस्तक्षेप नहीं करता था और न ही उसके साथ किसी का विवाद था।

यह 12वां मामला है, जब हवाईअड्डों पर विभिन्न पदों पर काम करने वाले कर्मचारी इस तरह की गतिविधियों में शामिल पाए गए हों।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

मुस्लिम महिलाओं ने मोदी से की राम मंदिर बनाने की मांग

Muslim women want Ram Mandir

वाराणसी [ TNN ] अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि विवाद को लेकर चल रहे मुकदमे के वादी हाशिम अंसारी का आगे पैरवी न करने की घोषणा के बाद बनारस में मुस्लिम महिलाओं नेनई पहल की है। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की दर्जनों महिलाओं ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय जाकर अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण कराने की अपील की है।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन ने बाबरी मस्जिद के पैरोकार हाशिम अंसारी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि रामलला को आजाद कराने का बयान देकर हाशिम ने मुसलमानों की इज्जत बढ़ाई है।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की सदर नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में कई मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय जाकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पत्रक दिया। इसकी कॉपी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, आरएसएस के पदाधिकारी इंद्रेश कुमार और विहिप के अशोक सिंघल को भी भेजी गई है।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की ओर से मोदी को भेजे गए खत में कहा गया है, ‘बाबर विदेशी और मंगोल आक्रमणकारी था। यह चंगेज खां और हलाकू जैसे मंगोलों का वंशज था जिन मंगोलो ने दुनिया के कई शहर उजाड़ दिए, लाखों लोगों का कत्ल किया। बाबर के पूर्वज हलाकू ने बगदाद पर आक्रमण कर 40 हजार मुसलमानों के साथ साथ पैगम्बर द्वारा नियुक्त इस्लाम के सर्वोच्च धर्मगुरु खलीफा की भी हत्या कर दी थी। इसी हलाकू की वजह से आज दुनिया में इस्लाम का कोई खलीफा नहीं है।’

पत्रक में आगे लिखा है, ‘कोई भी मुसलमान मंगोलों को कभी माफ नहीं कर सकता। इन्हीं मंगोलों के वंशज बाबर ने 1528 में राम मंदिर तोड़कर हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत का बीज बोया। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की सदर ने कहा कि मुसलमानों की इज्जत तभी बढ़ेगी जब वे श्री राम के पक्ष में रहेंगे। जो लोग मंदिर निर्माण के विरोधी हैं वे मुसलमानों को हमेशा गरीब और पिछड़ा बनाए रखना चाहते हैं।’

नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय में ज्ञापन देने वालों में भारतीय अवाम पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नजमा परवीन, हिंदुस्तानी अंसारी महासभा के अध्यक्ष रेयाजुद्ददीन अंसारी, मोहम्मद नुसरतुल्लाह, मोहम्मद अजहरुद्दीदन, नसीम अख्तर, सीमा बानो, बिलकिस बेगम, हाजरा बेगम, कहकशा अंजुम, शबाना बानो सहित कई दूसरे लोग भी शामिल थे। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन ने अयोध्या जाकर हाशिम अंसारी से जल्द मुलाकात कर रामलला को आजाद करने की लड़ाई तेज करने की भी बात कही है।

मुख्यमंत्री फडणवीस से इच्छा मृत्यु की गुहार

Mumbai News
मुंबई  [ TNN ] खार पश्चिम पांचवे रास्ते खार पुलिस ट्रैफिक चौकी  के सामने महेश अपार्टमेंट में भाड़े पर रहने वाले वसंदानी परिवार इन दिनों बहुत बुरी हालत से गुजर रहा है। उसका मुख्य कारण आर्थिक मानसिक और शारीरिक समस्या है। कोई उनका  हल नहीं निकाल रहा है। कोई मदद के लिए भी खड़ा नहीं हो रहा है। अंततः इस जीवन से त्रस्त  होकर इसीलिए अपने और अपने परिवार के  लिए फांसी और मृत्यु का मार्ग चुना है। महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री को पत्र लिख कर,  
 
    कुमार वसंदानी अपनी  पत्नी पुष्पा सहित  दो बेटे आदित्य और एकलव्य के साथ खार पश्चिम  पांचवे रास्ते खार पुलिस ट्रैफिक चौंकी के सामने महेश अपार्टमेंट में भाड़े पर रहते हैं। इनकी समस्या यह है। की कुमार अपने बच्चो की पढ़ाई लिखाई और उनका इलाज़ सही ढंग से उपलब्द नहीं करवा पा रहें हैं। एक वक़्त इनका गुजर बसर बहुत अच्छी तरह से चलता था।
 
 आज गरीबी और बच्चों की बिमारी से त्रस्त है। इनकी कोई मदद करने वाला नहीं है। इस समय वे लोग आर्थिक मानसिक और शारीरिक रूप से लाचार हैं। और भाड़ा भी नहीं भर सकतें हैं। बच्चों  की फीस भी नहीं भर सकते है। एक व्यापारी राजीव ठक्कर  ने कुमार वसंदानी के साथ धोका किया है।
 
कुमार ने राजीव के साथ मध्यांतर बनकर एक सौदा करवाया था। जिसमे कुछ व्यवहार की रकम तय की गयी थी। की काम होने के बाद कुमार को राजीव ठक्कर वो रकम देगा। इसमें कुमार के जीवन का खून और पसीना लगा हुआ था। ये कमाई उसके जीवन में उसकी गरीबी को दूर कर सकती थी।लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसने कुमार को एक लाख का चेक और कुछ कैश दिया। और बाकी रकम देने का वादा किया। की जल्द ही वो रकम उसको दे देगा। लेकिन कुमार के साथ राजीव ने  धोखा किया है।
 
यदि वो रकम मिल जाती तो कुमार अपनी पत्नी के साथ अच्छा जीवन गुजर बसर करते हुए और बच्चों को पड़ा लिखा कर अच्छा इंसान बना सकते, आज राजीव की वजह से कुमार और उसके पत्नी बच्चों की पूरी जिंदगी गरीबी के दलदल में फंस गयी है। उसका जिम्मेदार है। राजीव, यदि ये कुमार वसंदानी परिवार आत्महत्या कर लेता है तो इसका जिम्मेदार राजीव अपठककर ही होगा।
 
 अपनी जिंदगी से तंग अपनी पत्नी बच्चों सहित इच्छा मृत्यु या फांसी की मांग की है। महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री देवेन्द्र फडणवीस से, अब देखना यह है। की  मुख्य मंत्री महोदय कुमार वसंदानी परिवार की मदद करते हैं। या इच्छा मृत्यु के बारे में कुछ सोचतें है। अन्यथा  वसंदानी अपने मौत का दिन २६ जनवरी २०१५ गणतंत्र दिवस को मुकर्रर  करेगा।  
रिपोर्ट -अजय शर्मा 

केरल में मंत्रियों को ले जा रही लिफ्ट गिरी,सभी सुरक्षित

Kerala Legislative Assembly

केरल सरकार के तीन मंत्री शुक्रवार को उस वक्त बाल-बाल बच गए, जब राज्य विधानसभा भवन में उनको ले जा रही लिफ्ट नीचे गिर गई। सूत्रों ने बताया कि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ।
यह घटना जिस समय हुई, उस वक्त लिफ्ट में राज्य के औद्योगिक मंत्री पी कुन्हालिकुट्टी, लोक निर्माण मंत्री वीके इब्राहीम कुंजू, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री अनूप जैकब और उनके कुछ स्टाफ भी थे।

जाने-माने विधिवेत्ता न्यायमूर्ति वीआर कृष्ण अय्यर को श्रद्धांजलि देकर सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मंत्री विधानसभा से निकल रहे थे। अनूप जैकब ने कहा कि वीआईपी लिफ्ट की रस्सी टूट गई और यह ग्राउंड फ्लोर पर रुकने की बजाय निचले तल पर पहुंच गई।

उन्होंने कहा, हमने पहले तल से लिफ्ट लिया था। हमें लगा कि लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर रुकेगी, लेकिन यह झटका खाते और आवाज करते हुए सीधे नीचे चली गई। उन्होंने कहा, कुछ सेकंड की बात है, लेकिन उस समय हम बहुत चिंतित हो गए थे।

जब लिफ्ट का दरवाजा खुला, तो हमें पता चला कि हम तो परिसर के सबसे निचले हिस्से में पहुंच गए हैं। हमारे साथ मौजूद कोई भी घायल तो नहीं हुआ, लेकिन नीचे गिरते वक्त झटका खाने के कारण बदन में दर्द हो गया।

तो हो जाती दून एक्सप्रेस ‘ द बर्निग ट्रेन ‘

when-the-doon-express-the-bernig-trainचंदौली [ TNN ] मुस्कान साथ रेल में यात्रा करने का दावा करने वाली ” रेल में इनदिनों यात्रा करना अब दुखदायी नहीं बल्कि जानलेवा भी होते जा रहा है । मुगलसराय मंडल के चंदौली मझवार रेलवे स्टेशन है जहा पर 13010 डाउन देहरादून से हावड़ा जा रही दून एक्सप्रेस बर्निग ट्रेन होते होते बच गयी । ट्रेन के S-1 कोच के टाइलेट में अचानक धुँआ उठता देख यात्रियों में अफरा तफरी मचा गयी । ट्रेन को चंदौली स्टेशन पर रोक दिया गया । ट्रेन में आग की सुचना पर रेल अधिकारियो में हड़कम्प मच गया ।

दरसल 13010 डाउन देहरादून से हावड़ा जा रही दूँ एक्सप्रेस मुगलसराय स्टेशन से अभी खुच ही किलोमीटर आगे बढ़ी ही थी की अचानक ट्रेन के कोच नम्बर S 1 में टाइलेट के अंदर से धुँआ निकलने लगा । देखते ही देखते टाइलेट से आग की लपटे निकलने लगी । जैसे ही लोगो ने आग को देखा ट्रैन में यात्रा कर रहे यात्रियों में अफरा — तफरी मच गया । आग की सुचना डिप्टी एस एस चंदौली ने गार्ड को दी और गार्ड ने तत्काल ट्रेन को रुकवाया । यात्रियों ने टाइलेट का गेट व खिड़की के शीशे को तोड़ा । तब तक स्टेशन से फायर स्ट्रिंग्सर लेकर खुस स्टेशन मास्टर भी पहुंच गए और आग को बुझाया । इस दौरान दून एक्सप्रेस चंदौली मझवार रेलवे स्टेशन पर लगभग तीन घंटे कड़ी रही जिसके चलते यात्रियों में गुस्सा भी था ।

यात्रियों ने बताया की अचानक टाइलेट के अंदर से धुँआ हम लोगो ने निकलता देखा और जब दरवाजा तोड़ा तो टाइलेट के अंदर स्टोव जल रहा था और उस पर चाय से भरी केतली थी । स्टोव जल रही थी और इसी स्टोव के कारन टाइलेट में आग लगी । टाइलेट में अवैध वेंडर चाय बना रहा था । ट्रेन करीब तीन घंटे चंदौली सटतीं पर खड़ी रही पर कोई भी रेलवे का अधिकारी यहाँ नहीं आया ।

जब इसकी सुचना मंडल के आला अधिकारियो को लगी तब जाकर अधिकारी मौके पर आये और उनके जांच पड़ताल के बाद ही ट्रेन घंटो बाद चंदौली से रवाना हुयी । इस बीच जो केतली ” स्टोप आदि ट्रेन में मिले है उसे जी आर पी ने अपने कब्जे में ले लिया है | अधिकारियों ने माना की अवैध वेंडर द्वारा टाइलेट में स्टोव पर चाय बनाने के कारन ये हादसा हुआ है । उनका का कहना है की जांच की जा रही है और आगे लगातार चेकिंग अभियान चलाया जाएगा ताकि कोई भी अवैध वेंडर ट्रेन में न चल सके ।

रिपोर्ट :- संतोष जायसवाल

कचरे के ढेर में फेंक दिए शहीदों की वर्दी, जूते, बैच

CRPF_jawans_blood_stained_uniform_रायपुर [ TNN ] अंबेडकर अस्पताल में शहीदों के पोस्टमार्टम के बाद उनकी वर्दी, जूते, बैच कचरे के ढेर में पाए जाने सहित तीन मामले की जांच के लिए गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा संचालक (डीएमई) प्रताप सिंह ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित की। शुक्रवार को कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई होगी। जानकारी के मुताबिक संचालनालय में तकनीकी सलाहकर डॉ. एन गांधी को कमेटी का अध्यक्ष बनाया है, संचालनालय में ही पदस्थ उप संचालक डॉ. सुमित त्रिपाठी और अस्पताल में सहायक अधीक्षक डॉ. विनीत जैन को सदस्य नियुक्त किया गया है। कमेटी ने गुरुवार को ही मामले की जांच शुरू कर दी। मंगलवार को मर्च्युरी में ड्यूटी पर रहे फॉरेंसिक विभाग के डॉक्टर्स विभागाध्यक्ष डॉ. आरके सिंह, डॉ. उल्लास गुनाडे, डॉ. एसके बाघ, डॉ. स्निग्धा जैन से पूछताछ की जा रही है। इनके अलावा कर्मचारियों से भी जानकारी ले ली गई है। राज्य शासन ने तत्काल डीएमई को निर्देशित करते हुए जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स ने बताया कि किसी भी पीएम के दौरान पुलिस लिखती है कि उसे मृतक के कपड़े और तमाम चीजें चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं लिखा था। 14 में से 12 शहीदों की वर्दी ताबूत में रखी गई थी, जूते नहीं। दो जवानों की वर्दी मर्च्युरी में ही थी। सुबह-सुबह सफाई कर्मी पहुंचे और उन्होंने डस्टबीन में कपड़े, जूते डालकर अन्य कचरे के साथ उन्हें बाहर फेंक दिया। यह तो पुलिस वालों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे संवेदनशील मामलों में जवानों की वर्दियां-जूते साथ ले जाएं। इससे पहले मांगते थे। 3 प्रकरणों की जांच के लिए 3 सदस्यों की जांच कमेटी बनाई गई है, जो शुक्रवार को मुझे रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रताप सिंह, डीएमई एवं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ इन 3 मामलों की हो रही जांच- 1- शहीदों की वर्दी कचरे में किसने फेंकी और क्यों? 2- मर्च्युरी के पास कचरे में मांस के टुकड़े क्या मर्च्युरी से फेंके गए थे, किसने फेंके, क्या किसी शहीद जवान के शरीर का कोई अंग तो नहीं था? 3- सिप्रोसिन खाकर लक्ष्मी साहू की मौत के बाद उनकी पत्नी अमरीका को अस्पताल प्रशासन ने क्यों तत्काल भर्ती नहीं किया, क्यों लापरवाही बरती गई?

सरकार ने खेला दलित कार्ड,विपक्ष ने किया वॉकआउट

नई दिल्ली [ TNN ] केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की विवादास्पद टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दोनों सदनों में बयान देने के बावजूद मामला शांत न होता देख सरकार ने अब दलित कार्ड खेल दिया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और रामविलास पासवान ने आरोप लगाया है कि विपक्ष इस मुद्दे को जबरन इसलिए उछाल रहा है क्योंकि साध्वी दलित हैं। इस बीच लोकसभा में पीएम के बयान के बाद विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के चलते स्थगित कर दी गई। ऊपरी सदस्य नहीं चलने देने के विरोध में बीजेपी के सदस्य संसद भवन में गांधी की मूर्ति के पास धरने पर बैठ गए।

modiशुक्रवार सुबह कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़के और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी पार्टी सांसद मुंह पर काली पट्टी लगाए संसद भवन परिसर में नजर आए। इसके बाद जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तब भी राहुल मुंह पर काली पट्टी लगाए सदन में बैठे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्री ने अपने शब्दों पर माफी मांग ली है, इसलिए अब इस बात को यहीं छोड़ देना चाहिए। इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में ज्योति निरंजन मामले पर संबोधित करते हुए यही अपील की थी।

लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा, ‘इस बयान के विषय में मुझे जानकारी मिली, उसी दिन सुबह मेरी पार्टी की बैठक थी। उसमें मैंने बहुत कठोरता से इस प्रकार की भाषा को नामंजूर किया। और मैंने यह भी कहा कि हम सबको इन चीजों से बचना चाहिए।’ उन्होंन कहा, ‘यह प्रकरण हम सबके लिए सीख भी है कि कोई मर्यादा न तोड़े। मैं सदन से आग्रह करूंगा देशहित में काम को आगे बढ़ाया जाए।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस मंत्री ने यह बयान दिया है, वह पहली बार सांसद चुनी गई हैं और गांव से आती हैं।

मोदी ने राज्यसभा में पिछले चार दिनों से कार्यवाही न चलने का जिक्र करते हुए कहा कि वह लोकसभा के सदस्यों के आभारी हैं कि उन्होंने सदन को चलने दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सब इतने वरिष्ठ हैं और जब मंत्री ने माफी मांग ली है, तो देशहित में काम को आगे बढ़ाना चाहिए।

इसके बाद सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे उठे और कहा, ‘कौन किस बैकग्राउंड से है, यह मुद्दा नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बात यह है कि वह मंत्री हैं और बावजूद इसके ऐसा गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया।’ स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद जब इस मुद्दे पर बयान दे चुके हैं तो अब इस पर और बात करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही आगे बढ़ानी चाहिए लेकिन कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीएमसी के सभी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया।

इस बीच साध्वी निरंजन ज्योति की विवादास्पद टिप्पणियों के लिए उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित हो गई। सदन न चलने देने के विरोध में बीजेपी के राज्यसभा के सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए हैं।

इस मुद्दे को अलग रंग देते हुए अल्पसंख्यक राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और रामविलास पासवान ने आरोप लगाया कि दलित होने की वजह से साध्वी पर निशाना साधा जा रहा है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जब एक दलित महिला आपके सामने खेद प्रकट कर जाती है, तब भी आप लगातार उन्हें निशाना बना रहे हैं। रामविलास पासवान ने भी इसे दलित मुद्दे से जोड़ दिया।

गांधीगिरी का असर, वाहनों का किराया 2 रु कम

अजमेर [ TNN ] भाजपा कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ ने गुरुवार सुबह गांधी भवन चौराहे पर टेम्पो एवं सिटी बस चालकों को गुलाब का फूल देकर वाहनों में किराया घटाने की पहल की। गांधीगिरी से की गई पहल का स्वागत करते हुए 2 रुपए किराया कम कर दिया गया। इससे जनता के सिर से आर्थिक बोझ हलका हुआ है।

Gandhigiri effect, rent vehicles at Rs 2प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष गोपाल बंजारा ने आम जनता पर वाहनों का आर्थिक बोझ बढ़ता देख किराये दर में कमी लाने की पहल शुरु की। इसके तहत गुरुवार को बंजारा और उनके साथियों ने गांधी भवन चौराहे पर जमा होकर टेम्पो एवं सिटी बस चालकों को गुलाब का फूल देकर किराया कम करने की मांग रखी। इस मांग को देखते हुए प्कोष्ठ के साथ जनता भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हो गई। एकजुट होकर किराया दर में कमी लाने की उठाई जा रही आवाज को देखते हुए टैम्पो एवं सिटी बस चालकों सहित उनकी यूनियन ने प्रकोष्ठ द्वारा की जा रही पहल का स्वागत करते हुए किराये दर में कमी करने की मांग मंजूर कर ली। अब टेम्पो एवं सिटी बसों में सफर करने वालों के लिए 2 रुपए किराया कम कर दिया है।

प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष बंजारा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के प्रयासों से 7 बार पेट्रोल व डीजल के दामों में कमी की गई। बावजूद इसके मुसाफिरों से मनमना किराया वसूला जा रहा था। जनता का आर्थिक बोझ कम करने के लिए प्रकोष्ठ द्वारा शुरु की गई पहल पहले दिन ही कामयाब हो गई। गांधीगिरी को कामयाब बनाने में तुलसी सोनी, सुभाष खण्डेलवाल, उमेश गर्ग, अजय भाटिया, धर्मराज यादव, धर्मपाल जाटव, भंवरलाल साहू, रोहित यादव, देवेन्द्र बंजारा, ऋषिराज सैन, आयुषि माहेश्वरी, सुरेन्द्रसिंह पुरोहित, भावना कंवर, अदिति सेमसन, नेहा पतरस, अंजना वर्मा, गोपाल पाराशर, नरसिंह, हेमराज भण्डारी सहित अनेक प्रकोष्ठ कार्यकर्ता मौजूद रहे।

गांधीगिरी का जबाव मिला विनम्रता से :
प्रकोष्ठ द्वारा गांधीगिरी से चलाए गए अभियान को देख सिटी बस, टैम्पो चालक यूनियन के पदाधिकारी मौके पहुंचे। उन्होंने प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष से अभियान को बंद करने का विनम्रता से आग्रह किया और कहा कि हम सभी आपके साथ हैं। उन्होंने आज से ही किराया 2 रुपए कम कर न्यूनतम किराया 7 रुपए के स्थान पर पांच रुपए करने की घोषणा की।

अच्छे दिन की शुरुआत :
सिटी बस यूनियन अध्यक्ष शक्तिसिंह, मो. शकील अब्बासी टेम्पो यूनियन के अध्यक्ष गुलाबचन्द बनिष्टियां ने संयुक्त रुप से बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार के शासनकाल में डीजल पेट्रोल के दामों लगातार वृद्धि के कारण ही सिटी बस, टैम्पो यूनियनों ने न्यूनतम किराया 5 रुपये से 7 रुपए किराया था। अब जब कांग्रेस के कुशासन का अन्त हो गया है। आज भाजपा कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल बंजारा द्वारा गांधीगिरी से किराया कम कराने का अभियान चलाए। हम सभी यूनियन के पदाधिकारी नरेन्द्र मोदी के अच्छे दिनों व प्रकोष्ठ के गांधीगिरी का सम्मान करते हुए आज से ही न्यूनतम किराया 7 रुपये के स्थान पर 5 रुपये करने की घोषणा करते हैं। हम यूनियन के पदाधिकारी भी मोदीजी के अच्छे दिनों की शुरुआत में सहभागी बनेंगे। उन्होंने आमजन से आग्रह किया कि वे सिटीबस व टेम्पो चालकों को 5 रुपये खुल्ले दे फिर भी यदि कोई चालक ज्यादा किराया लेता है तो उसकी शिकायत उन्हें मोबाइल पर करें। हमारा मोबाइल नम्बर हर सिटी बस व टैम्पो चालक के पास उपलब्ध है।
रिपोर्ट :-सुमीत कलसी

मुलायम ने जो गांव गोद लिया वहा एक भी मुसलमान नहीं

mulayammलखनऊ [ TNN ] सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत समाजवादी पार्टी चीफ मुलायम सिंह यादव ने भी एक गांव को गोद लिया है। लेकिन दिलचस्प है कि मुस्लिम आबादी रहित गांवों को गोद लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ अन्य बीजेपी सांसदों पर तंज कसने वाली पार्टी चीफ ने जो गांव गोद लिया है, उसमें 80 पर्सेंट से ज्यादा आबादी उन्हीं की जाति की है। इसके साथ ही इस गांव में भी कोई मुसलमान नहीं है।

मुलायम सिंह यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में बसे तमौली गांव को गोद लिया है, जिसमें 80 फीसदी आबादी यादवों की हैं। कुछ लोग दूसरी पिछड़ी जातियों के भी हैं, और दो घर सवर्णों के भी, लेकिन पूरे गांव में एक भी मुसलमान नहीं है।

हाल ही में मुलायम के सिपहसालार और यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खान ने बिना मुस्लिम आबादी वाला गांव गोद लेने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा था, “जब बादशाह का दिल छोटा हो, तो देश कहां बड़ा होगा… बादशाह की मानसिकता छोटी हो जाए, तो देश कैसे खुशहाल रहेगा…” यूं तो आजम खान ने यह तंज मोदी के लिए कसा था, लेकिन अब मुलायम सिंह यादव पर भी फिट बैठ रहा है।

तमौली गांव निकटतम शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है, और यहां ज़्यादातर लोग दूध का कारोबार या खेती करते हैं। वैसे, गांव के लोगों को नेताजी से काफी उम्मीदे हैं, और प्रधान रामलखन यादव कहते हैं, “हम चाहते हैं कि नेताजी ने जिस तरह सैफई को बनाया, वह हमारे गांव को भी बना दें।”

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत ज्यादातर बीजेपी सांसदों ने इस योजना के तहत ऐसे गांव गोद लिए हैं, जहां मुस्लिम आबादी नगण्य है। उमा भारती, कलराज मिश्र, योगी आदित्यनाथ, संजीव बालियान और यहां तक की पार्टी के मुस्लिम चेहरे मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा गोद लिए गांवों में मुस्लिम आबादी नहीं है। राजनाथ सिंह और वरुण गांधी के गोद लिए गावों में मुस्लिम आबादी आधा फीसदी से कम है।

सेना के कैंप पर आतंकी हमले में सात जवान शहीद

3 terrorists killed in major attack on Army camp in Uri area of Kashmirजम्मू [ TNN ] जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित सेना के कैंप पर शुक्रवार सुबह अचानक हुए आतंकी हमले में सात जवान शहीद हो गए हैं। एनकाउंटर जारी है और सेना ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। आशंका जताई जा रही है कि इस फिदायीन हमले में शामिल 2 से 3 आतंकी और बचे हो सकते हैं। शहीदों में सेना के पांच और स्थानीय पुलिस के दो जवान शामिल हैं।

खबरों के मुताबिक इस मुठभेड़ में कुछ सुरक्षाकर्मी जख्मी भी हुए हैं, हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादी नियंत्रण रेखा से अंदर आए और सुबह साढ़े तीन बजे उरी सेक्टर के मोहारा स्थित 31 फील्ड रेजीमेंट में ताबड़तोड़ फायरिंग करते घुस गए। सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है और जवाबी कार्रवाई की जा रही है। तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद कैंप में तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कैंप में अभी दो-तीन आतंकी और मौजूद हैं।

हताहतों के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि हमले में आधा दर्जन सेना के जवान घायल हुए हैं। शहीदों में कैप्टन अब्दुल माजिद और पुलिसकर्मी पंडित शामिल हैं। इस आतंकी हमले में मारे गए दोनों पुलिसकर्मी फायरिंग की आवाज पर घटनास्थल की ओर दौड़े थे और आतंकियों की गोलियों का शिकार बन गए। रक्षा सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में दो फेज के बेहद सफल चुनाव की वजह से आतंकी संगठन अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं और यह हमला उसी की कोशिश है।

खंडवा के महापौर बने सुभाष कोठारी

 subhash kothari bjp khandwa mayor

खंडवा [TNN ] स्थानीय नगरीय निकाय निर्वाचन – 2014 के अंतर्गत गुरूवार को सम्पन्न हुई मतगणना में नगर निगम खंडवा के महापौर एवं पार्षद पद के प्रत्याषियों के परिणाम 4 दिसम्बर को घोषित किये गये। नगर पालिक निगम खण्डवा के महापौर पद के लिए कुल 94549 विधिमान्य मतों की गणना की गई। साथ ही 327 विधिमान्य निर्वाचन कर्त्तव्य मतपत्र की गणना भी की गई।

जिसमें सुभाष कोठारी ने जीत हासिल की। श्री कोठारी को 48,004 मत प्राप्त हुये। वही उनके निकटतम अभ्यार्थी अजय ओझा रहे। श्री ओझा को 44,527 मत प्राप्त हुए। इसमें निर्वाचन कर्त्तव्य मतपत्र की संख्या भी शामिल है। जिसमें 327 विधिमान्य मतपत्रों में से 188 सुभाष कोठारी को प्राप्त हुए। वही अजय ओझा को 126 निर्वाचन कर्त्तव्य मतपत्र मिले। इसके साथ ही महापौर के लिए निर्दलीय अभ्यार्थी शेख जाकीर को 2,332 मत मिले।

उन्हें एक भी निर्वाचन कर्त्तव्य मतपत्र प्राप्त नही हुआ। इस प्रकार नोटा पर नगर निगम खंडवा महापौर पद के लिए 1,493 नागरिकों ने नोटा की बटन दबाई। वही 7 निर्वाचन कर्त्तव्य मतपत्र भी नोटा को मिले। 

खंडवा के विजयी पार्षदो की सूची

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नगर पालिका निगम खंडवा  के पार्षद पद के विजयी उम्मीदवारों की सूची  –
ऽ वार्ड क्रमांक 1 के लिए सुनिता प्रकाष यादव ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 2 के लिए ममता राज तिवारी ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 3 के लिए निलीमा विजय भालेराव ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 4 के लिए राहुल सुरेन्द्र नाथ ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 5 के लिए सीमा रामसिंह रावत ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 6 के लिए बलराम वर्मा  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 7 के लिए मनीष पाटिल ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 8 के लिए प्रमिला ऐतालकर  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 9 के लिए ओमप्रकाष सिलावट  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 10 के लिए चंदा बाई सोनकर ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 11 के लिए सफीया परवीन  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 12 के लिए अहमद पटेल  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 13 के लिए मोहम्मद ईकबाल कुरैषी ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 14 के लिए नुरजहॉं बेगम  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 15 के लिए जया सुनील हाथमोड़  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 16 के लिए हजरत जरीना बी शौकत काका ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 17 के लिए सोमनाथ कैषव प्रसाद काले ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 18 के लिए सुनील जैन  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 19 के लिए मेहमूद खान  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 20 के लिए दिनेष पालीवाल जीत ने दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 21 के लिए नितीष लखनलाल बजाज जीत ने दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 22 के लिए प्रियंका अभिलाष दिवान ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 23 के लिए वहिदा बी ईस्माईल ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 24 के लिए संगीता अजय सिंह ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 25 के लिए वैद्य प्रकाष शर्मा ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 26 के लिए दिनेष पंवार ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 27 के लिए रामगोपाल  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 28 के लिए तारा नंदलाल शर्मा ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 29 के लिए कुमारी शारदा गोपाल राव आव्हाड़ ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 30 के लिए राखी अनिल पाटिल ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 31 के लिए आषिष हुकुमचंद यादव ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 32 के लिए राजेष यादव ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 33 के लिए वर्षा संदेष गुप्ता ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 34 के लिए नीलेष निदाने ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 35 के लिए रिचा निकेतन गुर्जर ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 36 के लिए मोहम्मद आसिम पटेल ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 37 के लिए विक्रम सहजवानी ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 38 के लिए सागर अनिल आरतानी ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 39 के लिए अनिषा खालिक पटेल ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 40 के लिए शेख रियाज शेख वहीद  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 41 के लिए सिद्दीक पटेल ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 42 के लिए षिवराज मेहता  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 43 के लिए सुनिता दिलीप यादव ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 44 के लिए सीमा बाई बावरे ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 45 के लिए अब्दुल अजीज ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 46 के लिए किरण जामने ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 47 के लिए अमित विरेन्द्र मिश्रा ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 48 के लिए रत्ना राजू राठौर  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 49 के लिए दिपा राजेष सोनी  ने जीत दर्ज की है।
ऽ वार्ड क्रमांक 50 के लिए षिवानी चाण्डक ने जीत दर्ज की है।

राम लला का भव्य मंदिर राम जन्म भूमि पर शीघ्र बनेगा

 Ayodhya

कैथल [ TNN ] भाजपा एन.जी.ओ. प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रवि भूषण गर्ग ने कहा कि बाबरी मस्जिद केस लड़ रहे हाशिम ने अंतत: स्वीकार किया कि बाबरी मस्जिद राम जन्म भूमि मंदिर पर बनी मस्जिद है। उनका यह कहना कि अब आजाद हो राम लला भाईचारे की मर्यादा को कायम करने के लिए एक साहसिक कथन है। यह उनकी अंतरात्मा की आवाज है।

उन्होंने स्वीकारा की नेता लोग केवल अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए इस मुद्दे को लटकाए हुए है। जिसके चलते यह मुद्दा कयामत तक नहीं सुलझ सकता। श्री हाशिम का यह कहना बिलकुल न्याय संगत एवं सराहनीय है। उन्होंने श्री हाशिम के इस ब्यान का भी स्वागत किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उनकी कौम के लिए फिक्रमंद है।

राजनीति करने वाले हकुमत से पैसा लेकर निजी फायदे उठाते है। लेकिन मोदी जी एक ऐसे निडर नेता है जो हर व्यक्ति से, हर नेता से पैसे पैसे का हिसाब लेते है। उन्होंने मोदी को एक अच्छा इंसान और बढिय़ा नेता बताते हुए कहा कि मस्जिद और मंदिर के नाम पर राजनीति करने वाले कौम के वफादार नहीं होते बल्कि गद्दार होते है।

हम आशा कर सकते है कि सभी भारतवासी इस बात से शिक्षा लेंगे और सच्चाई का साथ देंगे ताकि हमारा भाईचारा बना रहे और राष्ट्र में चहुमुखी विकास हो और सद्भावना बनी रहे। श्री हाशिम के इस जुझारू ब्यान का पूरा देश स्वागत करता है। श्री गर्ग ने आशा व्यक्त कि अब राम लला का भव्य मंदिर राम जन्म भूमि पर शीघ्र ही बनेगा।

रिपोर्ट -राजकुमार अग्रवाल

बैंक कर्मचारी फिर हड़ताल पर, कारोबार ठप्प

Bank Strike in Rajasthan

अजमेर [ TNN ]यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आव्हान् पर दिनांक 02.12.14 से 05.12.14 तक “दसवें द्विपक्षीय समझौते को शीघ्र व सम्मानजनक सम्पन्न करने की मांग को लेकर क्षेत्रवार हड़ताल बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे। दिनांक 02.12.2014 को दक्षिण क्षेत्र में सफलतम हड़ताल का आयोजन हुआ है तथा आज उत्तर क्षेत्र के राज्य जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश व राजस्थान के करीबन 2.5 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे और दिनांक 4 व 5 दिसम्बर, 2014 को क्रमशः पूर्वोत्तर एवं पश्चिम क्षेत्र के राज्यों में बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे पर 12 नवंबर को एक दिन की हड़ताल की थी जिससे देश भर की शाखाओं से चेक निपटान और निकासी जैसी सेवाएं प्रभावित हुई थीं।

यूनाईटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन्स, इकाई-अजमेर के संयोजक रवि कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर क्षेत्र की सभी बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बैंकिंग गतिविधियां पूर्णतः ठप्प रहीं। अजमेर शहर की 80 शाखाओं में कार्य नहीं हुआ, समाशोधन गृह नहीं लगा जिससे करीबन 100 करोड़ रूपये के दस्तावेजों का आदान-प्रदान नहीं हुआ एवं सामान्य ग्राहक सेवा के प्रभावित होने से तकरीबन 50 करोड़ रूपये का व्यवसाय नहीं हुआ अर्थात् कुल 150 करोड़ रूपये का बैंकिंग व्यवसाय ठप्प रहा। हम इसके लिए जिम्मेवार नहीं हैं।

ऐसी स्थिति भारत सरकार व भारतीय बैंक संघ के अडि़यल रवैये के कारण उत्पन्न हुई है। बैंक कर्मी सदैव वेतन समझौते को संघर्ष व द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से हासिल करते आये हैं और अब भी करेंगे। हम अपनी मांग को हासिल करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं। हमारी आज की हड़ताल से आमजन को जो असुविधा हुई है, उसके लिए हमें खेद है परन्तु यह हमारी विवषता है।

आज सुबह 10.15 बजे जिले के बैंककर्मी पंजाब नैशनल बैंक, कचहरी रोड शाखा के समक्ष एकत्र हुए और अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाकर आक्रोश व्यक्त किया। तत्पश्चात् प्रदर्शन सभा में परिवर्तित हुआ जिसे बैंककर्मियों के नेताओं साथी महेश गुप्ता, ब्रिजेश मिश्रा, कालू सिंह, अरविन्द मिश्रा, पी.सी. कुन्दारा, राजेश गर्ग, राजेन्द्र बंसल ने सम्बोधित किया। सभी ने एकमत से भारत सरकार को आगाह किया कि बैंक कर्मियों की जायज मांग “दसवां द्विपक्षीय वेतन समझौता शीघ्र व सम्मानजनक ढंग से सम्पादित करे“ अन्यथा हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को बाध्य होना पड़ेगा। -रिपोर्ट-सुमीत कलसी

साध्वी निरंजन ज्योति को माफ कर दो ,विपक्ष नहीं माना

PM_Modi_Rajya_Sabhaनई दिल्ली [ TNN ] केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान को लेकर पिछले तीन दिनों से राज्यसभा न चलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बयान दिया। मोदी ने कहा कि मंत्री ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वह उचित नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मंत्री की पृष्ठभूमि हम सब जानते हैं, वह नई हैं, पहली बार सदन की सदस्य बनी हैं और उन्होंने माफी मांग ली है। अब जब मंत्री ने क्षमा मांग ली है, तो मैं आग्रह करूंगा कि देशहित में सदन की कार्यवाही को चलने दिया जाए।’

हालांकि, प्रधानमंत्री के बयान के बाद भी विपक्ष शांत नहीं हुआ और मंत्री के पद से हटाने की मांग पर अड़ा रहा है। हंगामा थमता न देख राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित होने के बाद अंत में दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्य सभा की आज बैठक शुरू होते ही प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले तीन दिनों से संसद में विपक्ष के हंगामे का कारण बने केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के बयान को सिरे से खारिज करते हुए विपक्ष से सदन को चलने देने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने इस प्रकार की भाषा से बचने की नसीहत भी दी। मोदी ने कहा, ‘जिस बयान को लेकर विवाद चल रहा है…. जब इस बयान के विषय में मुझे जानकारी मिली, उसी दिन सुबह मेरी पार्टी की बैठक थी। उसमें मैंने बहुत कठोरता से इस प्रकार की भाषा को नामंजूर किया। और मैंने यह भी कहा कि हम सबको इन चीजों से बचना चाहिए।’ उन्होंन कहा, ‘यह प्रकरण हम सबके लिए सीख भी है कि कोई मर्यादा न तोड़े। मैं सदन से आग्रह करूंगा देशहित में काम को आगे बढ़ाया जाए।’

मोदी के बयान के बाद जब कांग्रेस की ओर से सदन में उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि मंत्री संविधान की शपथ लेता है और कोई उसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, सिर्फ माफी पर्याप्त नहीं है। सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि माफी मांगने का अर्थ गलती को स्वीकार करना होता है, इसलिए निरंजन ज्योति को इस्तीफा देना चाहिए। जेडी(यू) नेता शरद यादव ने कहा कि एक ओर तो प्रधानमंत्री ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते हैं, वहीं उनके मंत्री ऐसा बयान देते हैं जिससे तनाव और वैमनस्य बढ़ता है। उन्होंने भी कहा कि इन मंत्री ने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है इसलिए उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

इसके बाद सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने प्रधानमंत्री के अनुरोध के बाद इस मुद्दे को और न बढ़ाए जाने की मांग की, जबकि विपक्षी सदस्य मांग कर रहे थे कि उनके नेताओं को इस मुद्दे पर बोलने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए। हंगामे के बीच ही संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि पिछले तीन दिन से इसी मुद्दे पर विपक्ष के नेता बोल रहे हैं और अब यह मामला खत्म हो जाना चाहिए।

इसी बीच, कांग्रेस, एसपी, जेडीयू और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हुए आसन के सामने आ गए। उप सभापति पी जे कुरियन ने इन सदस्यों से अपने स्थान पर वापस जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। लेकिन उनके अनुरोध का कोई असर होते न देख कुरियन ने बैठक को पहले 15 मिनट के लिए और फिर दोपहर 11 बज कर 40 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर सदन में वही नजारा था। सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल शुरू करने का ऐलान किया, लेकिन विपक्षी सदस्य केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए। सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया। लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण उन्होंने पहले 15 मिनट के लिए और फिर 12 बजकर 18 मिनट पर बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

अंधा कानून बेजा इस्तेमाल,बेबस आदमी

After Rohtak sisters  लगता है हमारे देश में कानून बनाने वाले बुद्धिजीवी लोग भी नेताओ की तरह वोट या स्पोट लेने और अपनी नौकरी को नेताओ की जी हजूरी में लगाने की ताक में रह कर अपने आकाओं को खुश करने के लिए कानून बना कर लागू करवा देते है, लेकिन भविष्य में भारत जैसे बड़े देश में जो भी नया कानून बनाया जा रहा है उसका का सही या गलत इस्तेमाल होगा इस बारे में शायद ही किसी नेता, या कानून बनाने वाले ने सोचा हो, इसके क्या परिणाम निकलेंगे किसी ने इसके विपरीत सोचने की कोशिश नही की | क्या हमारे देश की सरकार या कानूनविधो ने कभी इस बात पर भी चर्चा की है की एक तरफा कानून बनाने से देश को कितना ब?ा खामया?ा भुगतना पड़ सकता है, भारत में राजनीती की दलदल ने देश की जनता को भी अपने राजनीति फायदे के लिए ऐसा केंद्र बिन्दु तैयार कर दिया की भारत देश का हरआम आदमी अब घर से बाहर निकलने के लिए सौ बार सोचेगा, क्योंकि पुरुष प्रधान कहे जाने वाले भारत में अब पुरुषों का अस्तित्व नाम मात्र रह गया है, पुरुषों का अपना वजूद खत्म हो गया जो थोड़ा बहुत बचा है वह इस तरह के एक तरफा सोच वाले कानूनों से खत्म हो जाएगा, और अगर हमारे देश में राजनितिक आकाओं को खुश करने का यही अफसरी तरीका कायम रहा तो वह दिन दूर नही जब भारत में हम पुरुष नामक प्राणी को ढूढ़ते रह जाएँगे| भारत आज 21 वीं शद्धि में प्रवेश करने की बात कर रहा है और सोच 15 वीं शद्दि की अपना रहा है, क्या यही है हमारे आधुनिक भारत की पहचान, कब सबक लेंगे हम, दुनिया की नजरों में तो भारत पहले ही इतना गिरा हुआ है की कुछ कहते और लिखते भी शर्म आती है,

राजस्थान : कब्रिस्तान की भूमि पर भू माफिया का कब्जा

mafiaश्री गंगानगर [ TNN ] लालगढ़ हल्का पटवारी, उपखंड अधिकारी सादुलशहर एवं जिला कलक्टर श्रीगंगानगर भी मान चुके है जमीन कब्रिस्तान की है और अधिकारियों की मिलीभगत के बिना ऐसा गैर कानूनी काम नहीं हो सकता है। मामले से संबंधी ज्यादातर दस्तावेज तहसील कार्यालय से गायब कर दिये गये है। मुस्लिम महासभा जिलाध्यक्ष अहसान अली खान एवं वक्फ ग्राम ईकाई सादुलशहर तहसील के अध्यक्ष साबूद्दीन भाटी ने प्रशासन को चेताया है कि अब यदि मुस्लिम समाज में कोई मौत होगी तो मुर्दे को लेकर मेन सडक़ पर तब तक बैठे रहेगे जब तक कब्रिस्तान की जमीन कब्रिस्तान नहीं मिल जाती है और दोषियों पर कार्यवाही नहीं हो जाती ।

श्रीगंगानगर जिले की सादुलशहर तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव लालगढ़ जाटान में भूमाफिया लोगों ने प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से कब्रिस्तान पर भी कब्जा कर रखा है। यहां एक भी कब्रिस्तान नहीं है जिस कारण यहां रहने वाले मुस्लिम समुदाय में यदि कोई मृत्यु हो जाती है तो उसे दफनाने के लिए लालगढ़ से 20 किलोमीटर दूर गंगानगर जाना पड़ता है या 25 किलोमीटर दूर सादुलशहर ले जाना पड़ता है। सादुलशहर तहसील में लगभग 150 बीघा वक्फ बोर्ड की जमीनों पर काफी वर्षों से भू माफिया लोगों ने अवैध तरीके से नामांतरण करके कब्जा किया हुआ है जो गैर कानूनी है तथा इन भूमाफिया लोगों ने इस क्षेत्र के पटवारी, तहसीलदार एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से सांठगांठ करके करोड़ों-अरबों रुपयों की वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा किया हुआ है।

इसी बारे में सादुलशहर तहसील के वक्फ कमेटी ग्रामीण ईकाई के अध्यक्ष साबूद्दीन भाटी एवं मुस्लिम महासभा के जिलाध्यक्ष अध्यक्ष अहसाल अली ने कई बार तहसीलदार एवं एसडीएम सादुलशहर को प्रार्थना पत्र देकर मांग की थी कि प्रशासनिक अधिकारी भी इंसान है और इंसान होने के नाते इंसानियत निभाते हुए वे सभी तथ्यों दस्तावेजों और जगह का मौका मुयाअना ईमानदारी से करे परंतु इन भ्रष्ट अधिकारियों ने तो रुपये-पैसे को ही अपना मां-बाप-भाई-बहन बना लिया है किसी गरीब की जायज बात भी उन्हें सही नहीं लगती।

जब वक्फ कमेटी तहसील अध्यक्ष एवं मुस्लिम महासभा के जिलाध्यक्ष द्वारा ज्ञापन दिया गया तो लालगढ़ के हल्का पटवारी ने दिनांक 17.9.2013 को अपनी रिपोर्ट सादुलशहर के तहसीलदार को सौंपी जिसमें ये बताया गया कि पटवारी ने 8 एलएलजी में कब्रिस्तान की भूमि की मौके पर जाकर जांच की तथा मुरब्बा नं. 35 जो कि राजस्व रिकार्ड में खाता नं.94/84 में पुरुषोत्तम दास पुत्र रामेश्वरलाल अग्रवाल के नाम से दर्ज है यहां पर खेजड़ी के पेड़, बेर की झाडिय़ां, पुराने मटकों के टुकड़े बिखरे हुए पाये गये। (मुस्लिम समाज में कब्रों पर मटके रखे जाते थे ) जिस पर यह प्रतीत होता है कि इस जगह पर कब्रे रही होगी। सादुलशहर उपखंड अधिकारी रणजीत गोदारा द्वारा भी सामान्य शाखा कलेक्ट्रेट एवं को पत्र क्रमांक 3897 दिनांक 22.11.13 द्वारा यह बताया गया है कि हल्का पटवारी लालगढ़ द्वारा जो जांच की गई है वह सही पाई गई है। वहां पर किसी समय कब्रे रही होगी और यह जगह कब्रिस्तान की है।

परंतु एक साल बीत जाने के पश्चात भी इस जमीन का कब्जा भूमाफिया से छुड़वाकर वक्फ बोर्ड को नहीं दिया गया बल्कि उप तहसीलदार बृजलाल एवं पटवारी हंसराज ने सांठ-गांठ करके तहसील से इस मामले से संबंधित दस्तावेज गायब कर दिये तथा जान बूझकर इस मामले को लटकाते रहे जबकि जिला कलक्टर ने भी 8 एलएलजी की जमीन को वक्फ सम्पत्ति कब्रिस्तान की मानकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच करके कानूनी कार्यवाही करने बाबत उपखंड अधिकारी सादुलशहर को पत्र क्रमांक 15846 दिनांक 12.11.14 भेजा है अब यदि उपखंड अधिकारी ईमानदारी से इंसानियत निभाते हुए अपने कर्तव्य का पालन करके तो मुस्लिम समाज की कब्रिस्तान की भूमि वापिस दिलवाकर एक नेक काम कर सकते है। यहां के लोगों को मुर्दे को दफनाने के लिए 20-25 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा।

रिपोर्ट :-एहशान अली 

भोपाल गैस त्रासदी: 30 वर्ष बाद भी न्याय नहीं

Bhopal Gas Tragedy

भोपाल [ TNN ] आम आदमी पार्टी का मानना है कि भोपाल गैस त्रासदी के 30 वर्ष बाद भी लाखों प्रभावितों को न्याय न मिल पाना यह सिद्ध करता है कि हमारे देश की कांग्रेस और भाजपा की सरकारे आम लोगों के लिए नहीं वरन पूंजीपतियों के लिए काम कर रहीं हैं. 30 साल बाद भी जहाँ एक ओर हजारों बेगुनाहों के हत्यारों को सजा नहीं दी जा सकी वहीँ दूसरी ओर लाखों प्रभावितों को पर्याप्य मुआवजा व् पुनर्वास नहीं दिया जा सका है. इसी प्रकार आज भी सरकारे आम आदमी का कोई राहत न देते हुए अडानी जैसे पूंजीपतियों के खजाने भरने का ही काम कर रही हैं ।

आज पूरे प्रदेश, देश में आम आदमी, किसान, मजदूर त्राहि त्राहि कर रहा है. भूख और गरीबी बढती जा रही है. भ्रस्टाचार और बेरोजगारी चरम सीमा पर है. करोड़ों लोगों को न्यूनतम जरुरी रोटी, कपडा, मकान, शिक्षा, स्वस्थ्य जैसी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में “मेक इन इंडिया” जैसे नारे देकर भारत के संसाधनों को लूटने की साजिश की जा रही है ।

आम आदमी पार्टी गैस पीडितो की लड़ाई में उनके साथ है और मांग करती है कि पीड़ित परिवारों के साथ जो घिनोना मजाक किया गया उस गलती को सरकार सुधारे, हजारों लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार विदेशी कंपनी के अधिकारीयों को सजा दी जाये और सभी प्रभावितों को उचित मुआवज़ा, पुनर्वास और स्वस्थ सम्बन्धी सुविधाए मुहैया कराइ जाये | आम आदमी पार्टी इस भ्रष्ट व्यवस्था को ख़त्म कर सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के लिए कृत संकल्प है ।

भोपाल गैस त्रासदी की 30वी बरसी पर आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश के संयोजक श्री आलोक अग्रवाल, सचिव श्री अक्षय हुँका एवं पार्टी कार्यकर्ताओ ने शाह्जानी पार्क में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित श्रधांजलि सभा में भाग लिया. उन्होंने भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एंड एक्शन, सदभावना ट्रस्ट एवं अन्य संगठनों द्वारा भारत टाकिज से यूनियन कार्बाइड तक निकाली गयी रैली में भी हिस्सा लिया ।

गोरखपुर जेल में कैदियों से मोबाइल फोन, सिमकार्ड बरामद

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गोरखपुर [ TNN ] कुख्यात अपराधी चंदन सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश की गोरखपुर मंडलीय कारागार जेल में बंद अपने साथियों के जरिये चिकित्सकों से रंगदारी मांगे जाने की खबरों के बीच जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जेल का आकस्मिक निरीक्षण करके कैदियों के कब्जे से कई मोबाइल फोन, सिमकार्ड और पेनड्राइव समेत अनेक आपत्तिजनक चीजें बरामद कीं। इस मामले में दो बैरक प्रभारियों को निलम्बित कर दिया गया है।

जिलाधिकारी रंजन कुमार ने आज यहां बताया कि जिला जेल में बंद कुख्यात कैदियों द्वारा चिकित्सकों को फोन करके रंगदारी मांगे जाने की शिकायत पर उन्होंने तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आऱ क़े भारद्वाज ने कल जिला जेल का अचानक निरीक्षण किया। इस दौरान हर बैरक की तलाशी ली गयी जिसमें कैदियों के पास से सात मोबाइल फोन, आठ सिम कार्ड, चार मोबाइल फोन चार्जर,, एक पेनड्राइव तथा छह मोबाइल बैट्री, सात कैंचियां, छह चाकू, सिगरेट जलाने के 11 लाइटर, पान मसाला, सिगरेट तथा एक गुलेल के साथ-साथ एक डायरी भी बरामद हुई है जिनमें कई मोबाइल नम्बर अंकित हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि बैरक प्रभारी राम प्रसाद यादव तथा ओम प्रकाश को वरिष्ठ जेल अधीक्षक एस़ क़े शर्मा ने देर रात शासन के निर्देश पर निलम्बित कर दिया। गौरतलब है कि बाराबंकी जिला जेल में बंद कुख्यात कैदी चंदन सिंह द्वारा गोरखपुर कारागार में निएद्ध अपने साथियों के जरिये चिकित्सकों को मोबाइल फोन के जरिये धमकी देकर धन उगाही की कोशिश की खबरें मिली थीं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भारद्वाज ने बताया कि छापेमारी के दौरान बरामद सामग्री कैदियों के पास कैसे पहुंची, इसकी गहन छानबीन की जायेगी। साथ ही बरामद मोबाइल फोन तथा सिमकार्ड की जांच की जाएगी कि उनके जरिये किन-किन लोगों से बात की गयी है। साथ ही बरामद डायरी को भी खंगाला जा रहा है।-एजेंसी