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Friday, January 10, 2025
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जी-20 :रोजगार का सृजन भारत की सबसे बड़ी चुनौती

G20 Labour and EmploG20 Labour and Employment Minister's Meetingमेलबर्न [ TNN ] भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जी-20 श्रम एवं रोजगार मंत्रियों के ऑस्ट्रेलिया में हुए सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ’’विश्व भर में भारत में सबसे अधिक युवा जनसंख्या है । भारत की जनसंख्या का 58 प्रतिशत 29 वर्ष से कम आयु वर्ग का है । जनसंख्या निर्भरता दर कम हो रही है तथा 2030 के बाद ही बढ़ेगी ।’’ मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में 10-11 सितम्बर, 2014 को आयोजित इस कांफ्रेंस के अध्यक्ष मेजबान देश ने भी इस तथ्य को रेखांकित किया ।

तोमर ने कहा, ’’भारत जैसे देश में नौकरियों और कुशलता का मिलान बहुत जरूरी है । संरचनात्मक बेरोजगारी और अल्प रोजगार ( ल्ह्ीास्ज्त्दब्सहू) श्रम क्षेत्र की मुख्य चुनौतियां हैं । इनका कारण रोजगार की मांग और पूर्ति में असंतुलन है । भारत सरकार इस क्षेत्र में बहुआयामी कार्यनीति पर काम कर रही है । संरचनात्मक बेरोजगारी को कम करने के लिए, स्थानीय नौकरियों को बढ़ावा देने और लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने पर बल दिया जा रहा है । मंत्रालय ने मांग पर आधारित प्रशिक्षण देने की एक योजना पर कार्य शुरू किया है । इसके अंतर्गत कोई भी उद्योग अपनी जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण देने के लिए सरकार के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षरकर सकता है, पर उसे न्यूनतम 80 फीसदी रोजगार सुनिश्चित करना होगा । ग्रामीण प्रवासियों और शहरी गरीबो के लिए कुशलता प्रशिक्षण पर भी कार्य किया जा रहा है । हम श्रमिकों को कम कुशलता वाले काम के स्थान पर अधिक उत्पादकता वाले काम में लगाना चाहते हैं । इसलिए हम श्रम गतिशीलता , कौशल पोर्टेबिलिटी और कुशलता संवर्धन पर भी कार्य कर रहे हैं । राष्ट्रीय व्यावसयिक योग्यता रूपरेखा नयी नौकरियों और योग्यता में तालमेल के लिए बहुत जरूरी है । कौशल विकास पहल योजना, जो एमईएस रूपरेखा पर आधारित है, वो असंगठित क्षेत्र के विद्यालय छोड़ चुके और वर्तमान कामगारों के लिए बनी है और इस पर काम चल रहा है । 21 विशेष केन्द्रों के माध्यम से सरकार विकलांग और वंचित समूहों के लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए कार्य कर रही है । निर्माण क्षेत्र के कामगारों की अनौपचारिक योग्यता को मान्यता देने के लिए भी एक विशेष योजना आरपीएल बनाई गयी है, जिसमे उन्हें 15 दिन का कुशलता वृद्धि प्रशिक्षण दिया जाएगा । सक्रिय श्रम बाजार की नीतियों को भी हमारे देश में मुख्य कार्यनीति माना जाता है । राष्ट्रीय करियर सेवा के अंतर्गत एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज को करियर परामर्श केंद्र में तब्दील किया जा रहा है । इससे स्थानीय नौकरी परिस्थिति पर जानकारी और नौकरी मेला के माध्यम से नौकरी देने का प्रयास किया जाएगा । सरकार श्रम कानूनों को सरल बनाने पर भी कार्य कर रही है । हमारा मानना है कि जी-20 एक उचित मंच प्रदान कर सकता है, जिसके माध्यम से विश्व के विभिन्न देशों में हो रहे अच्छे कार्य और नीति-निर्माण के विषयों पर चर्चा की जा सकती है और सकारात्मक पहल की जा सकती है ।

तोमर ने कहा कि उद्योग और वाणिज्य में रोजगार की अधिकतम संभावनाएं हैं । नियोक्ताओं की भी रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका है । इसलिए जी-20 कांफ्रेंस को सरकारों के साथ-साथ उद्योगपतियों से भी आग्रह करना चाहिए कि वे लाभार्जन के अलावा रोजगार सृजन पर भी ध्यान दें ।’’

’’बेहतर नौकरियों का सृजन’’ विषय पर बोलते हुए तोमर ने आगे कहा, ’’ रोजगार का सृजन आज भारत की सबसे बड़ी चुनौती है। पिछले एक दशक में रोजगार में वृद्धि की दर महज 1प्रतिशत ही हो सकी है । युवा वर्ग में बेरोजगारी का प्रतिशत लगभग 6.6 प्रतिशत है । अल्प रोजगार की दर लगभग 5.7 प्रतिशत है। प्रति वर्ष भारत में लगभग 1 करोड़ व्यक्ति लेबर फोर्स में शामिल होते हैं।

विशाल असंगठित क्षेत्र, महिलाओं की श्रमबल में कम भागीदारी, श्रम की उत्पादकता को बढ़ाना और कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा भी हमारे समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं। इस युवा वर्ग के समुचित विकास के लिए यथोचित स्वास्थ्य सेवाएं तथा शिक्षा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है ताकि युवा पीढ़ी के माध्यम से हम अपने राष्ट्र का समग्र विकास कर सकें। भारत सरकार सभी हितधारकों के सहयोग से इन चुनौतियों के संदर्भ में अनेक कदम उठा रही है। हम व्यावसायिक प्रशिक्षण के जरिये श्रम की उत्पादकता बढ़ाने के प्रयत्न कर रहे हैं ।

रोजगारपरकता बढ़ाने के लिए हम इंडस्ट्री के साथ लचीले सहमति पत्र पर हस्ताक्षर को बढ़ावा दे रहे हैं। तकनीकी शिक्षा में नवीनीकरण तथा उत्कृष्टता लाने के लिए हमने सर्वोच्च शिक्षण संस्थाओं में इन्क्यूबेशन सेंटर खोले हैं। हम टेक्निकल टीचरों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिस्टैन्स लर्निंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं। एमएसएमई, रोजगार के सृजन तथा उद्यमिता के विकास के साथ-साथ रोजगार के दौरान प्रशिक्षण के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं । हम एमएसएमई में प्रशिक्षुता को बढ़ावा देने हेतु वित्तीय सहायता का प्रावधान कर रहे हैं। हम कानूनों में भी उचित बदलाव ला रहे है ताकि क्वालिटी प्रशिक्षुता के कार्य में इंडस्ट्री की भागीदारी को बढ़ाया जा सके।

हम मेंटर काउंसिलों की सहायता से व्यावसायिक प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम में सुधार के काम में इंडस्ट्री की भागीदारी को बढ़ा रहे हैं। इस वर्ष लगभग 1500 व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों में ’पीपीपी’ द्वारा खोले जा रहे हैं। हम विनिर्माण के क्षेत्र में पूर्व अर्जित ज्ञान (आरपीएल) को मान्यता देने के लिए कार्य कर रहे हैं ताकि अनौपचारिक रूप से प्राप्त कौशल को मान्यता दिया जा सके । भारत के 93 प्रतिशत श्रमिक असंगठित हैं। इसका एक बड़ा हिस्सा स्व रोजगार में रत है। अतः सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करना हमारी प्राथमिकता है।

असंगठित क्षेत्र के लिए हम अपनी फ्लैगशिप योजना आरएसबीवाई का पुनर्गठन कर रहे हैं। वर्तमान में इस योजना के तहत 3.85 करोड़ परिवारों को बिना नकद भुगतान के स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होती हैं। उन्नत आईटी ढांचे के जरिये सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत आरएसबीवाई कार्ड को बैंक अकाउंट तथा आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है। राज्य सरकारों को यह सुविधा दी जा रही है कि वे अपनी सामाजिक सुरक्षा योजनाएं आरएसबीवाई से जोड़ सकें। एक अन्य महत्वपूर्ण योजना के तहत असंगठित क्षेत्र की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में तालमेल के लिए पायलट प्रकल्प का कार्य शुरू हो गया है। इस प्रकल्प में जीवन बीमा, वृद्धावस्था पेंशन तथा स्वाथ्य बीमा को एक ही स्मार्ट कार्ड के द्वारा सिंगल पॉइंट ऑफ कांटैक्ट पर दिया जाएगा।

वित्तीय समावेशन हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। अगस्त 2014 के अंतिम सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जन धन योजना का शुभारंभ हुआ। इस योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति जिसका अब तक बैंक अकाउंट नही है, उसका बैंक खाता खोलने के साथ उसे निहित लाइफ इंश्योरेंस तथा एक्सिडेंट कवर की सुविधा भी प्राप्त होगी। उदघाटन के दिन इस योजना के तहत 15 मिलियन लोगों के बैंक खाते खोले गए। जनवरी 2015 तक इस योजना में 75 मिलियन खाते खोले जाने का लक्ष्य है।

संगठित क्षेत्र में कर्मचारी भविष्य निधि योजना में आमूल बदलाव लाते हुए हमने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर की शुरुआत की है। इस योजना से लगभग 4 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को पोर्टेबिलिटी का लाभ मिल सकेगा। अब न्यूनतम पेंशन की भी गारंटी दी गई है ।

भारत में निवेश को प्रोत्साहन देने, उद्योगों को व्यवसाय में आसानी तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए हमने श्रम कानूनों में सुधार लाने की पहल की है। श्रमिकों की सुरक्षा तथा कार्यस्थल पर काम करने की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए श्रम कानूनों में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव है। खतरनाक उद्योगों में व्यक्तिगत रक्षात्मक उपकरण का प्रावधान अनिवार्य किया गया है। साथ ही श्रमिकों, विशेषकर महिलाओं को कार्य स्थल पर उपयुक्त सुविधाएं देने के प्रावधान भी प्रस्तावित किए गए हैं। एक संशोधन के द्वारा महिलाओं को रात में काम करने देने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। महिलाओं को श्रम बल में बढ़ावा देने के लिए यह बहुत सहायक होगा। इसी के साथ रोजगार हेतु न्यूनतम आयु, न्यूनतम मजदूरी के राष्ट्रीय स्तर के मानक लाने के लिए आवश्यक विधिक संशोधनों पर भी हम कार्य कर रहे हैं। एमएसएमई में संगठित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए हम एक समग्र कानून लाने की दिशा में भी कार्यरत हैं।

इसी के साथ श्रम कानूनों के अनुपालन को सरल बनाने के लिए हमने एकीकृत वेब पोर्टल का विकास किया है । अंततः इस पोर्टल के माध्यम से नियोक्ता प्रत्येक कानून के लिए अलग-अलग रिटर्न न भरते हुए एक ही ऑनलाइन वार्षिक रिटर्न के माध्यम से सभी श्रम कानूनों का अनुपालन कर सकेंगे। निरीक्षण योजना में सुधार लाकर इसे पूरी तरह से वस्तुनिष्ठ तथा पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा रहा है।

भारत में त्रिपक्षीय संवाद की स्वस्थ परंपरा है। हम अभी हितधारकों के सहयोग से उन्नति व विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु कटिबद्ध हैं। मुझे आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि जी-20 में हम सभी देशों का यह परस्पर विचार-विमर्श अंतर्राष्ट्रीय विकास व रोजगार हेतु एक सार्थक पहल होगी।

 

 

अधर्म है धर्म के नाम पर समाज को बांटना

Communal Harmonyअच्छे दिन आने वाले हैं का ‘लॉलीपाप’ दिखाकर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी लोगों को दिखाए गए सपनों को पूरा करने के बजाए देश में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने के प्रयास में जुटी प्रतीत हो रही है। ‘सब का साथ सब का विकास’ जैसे नारे महज़ पाखंड नज़र आ रहे हैं। हालंाकि भारतीय जनता पार्टी अटल बिहारी वाजपेयी के नेत़त्व में पहले भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सबसे बड़े घटक दल के रूप में सत्ता में रह चुकी है। परंतु उस दौरान सांप्रदायिकता का ज़हर फैलाने का भाजपा का ऐसा प्रयास इस हद तक नहीं देखा गया जितना कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देखा जा रहा है। न तो यह कहा जा सकता है और न ही प्रमाणित किया जा सकता है कि यह सबकुछ प्रधानमंत्री के इशारे पर हो रहा है। परंतु भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर सांसद योगी आदित्यनाथ तथा इंदौर की विधायक ऊषा ठाकुर जैसे कई सांसदों व विधायकों के सांप्रदायिक दुर्भावना फैलाने वाले बयानों से तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है कि गोया भाजपा नेताओं ने ‘सईयां भए कोतवाल तो अब डर काहे का’ वाली कहावत को चरितार्थ करना शुरु कर दिया है। गोया भाजपाई नेताओं को इस बात का विश्वास है कि उनका ‘आका’ उनके ज़हरीले बोलों से नाराज़ नहीं बल्कि खुश होगा।

लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान अमित शाह ने जोकि उस समय भाजपा द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रभारी मात्र बनाए गए थे, परंतु नरेंद्र मोदी के सबसे विश्वसनीय सिपहसालार की हैसियत उस समय भी रखते थे, ने 4 अप्रैल को मुज़$फ्$फरनगर में जिस समय समुदाय विशेष से बदला लेने जैसा गैरजि़म्मेदाराना वाक्य अपने भाषण के दौरान सार्वजनिक रूप से इस्तेमाल किया था तथा पार्टी ने उनके वक्तव्य पर न तो कोई आपत्ति जताई थी न ही उनके खिलाफ कोई नोटिस जारी किया था, उसी समय भाजपा के भविष्य के इरादों का अंदाज़ा लग गया था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अमित शाह का ‘बदला लेने’ जैसा अत्यंत ग़ैरजि़म्मेदाराना बयान देना,उधर पूर्वी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ द्वारा जगह-जगह घूम-घूम कर विकास,रोज़गार,मंहगाई आदि के बजाए केवल और केवल सांप्रदायिकता फैलाने की बातें करना तथा आगे चलकर इसी क्षेत्र से अर्थात् वाराणसी से नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव मैदान में उतरना चुनाव विश्लेषकों के इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए काफी था कि यह सबकुछ उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे अधिक संसदीय क्षेत्रों वाले राज्य में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने के लिए ही किया जा रहा है। और प्रदेश में 71 सीटों पर विजयी होकर भाजपा ने यह साबित भी कर दिया कि उसकी रणनीति पूरी तरह कारगर साबित हुई है। और इसी ‘सफलता’ के बाद जिस अमितशाह पर मुज़फ्फरनगर,शामली व बिजनौर में उनके भडक़ाऊ भाषण के चलते मुकद्दमे दर्ज हुए उसी अमित शाह को पार्टी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद से पुरस्कृत किया।

और इन दिनों जबकि उत्तर प्रदेश में उपचुनाव होने जा रहे हैं, एक बार फिर भाजपा ने अपनी उसी रणनीति को दोहराते हुए योगी आदित्यनाथ को उपचुनाव प्रचार की कमान थमाई है। और भाजपा के यह माननीय सांसद आए दिन उत्तर प्रदेश में कोई न कोई ज़हरीले बयान देकर अपनी ‘योग्यता’ साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा की समाज को बांटने की इन कोशिशों का मीडिया का एक वर्ग अथवा देश का उदारवादी तबका भले ही कितना विरोध या आलोचना क्यों न करता हो परंतु रचनात्मक रूप से यही दिखाई दे रहा है कि सांप्रदायिकता फैलाने वाले अपने ‘बहादुरों’ को पार्टी द्वारा सम्मानित अथवा पुरस्कृत ही किया जा रहा है। संजय बलियान जोकि मुज़फ्फरनगर दंगों के आरोपी थे उन्हें केंद्रीय मंत्रिमडल में शामिल करना तथा एक दूसरे आरोपी संगीत सोम को ज़ेड सुरक्षा मुहैया कराना भी इसी सिलसिले की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसी प्रकार सुब्रमण्यम स्वामी ने जिस समय भारतीय मुसलमानों को मताधिकार से वंचित किए जाने जैसा विवादास्पद व आपत्तिजनक बयान दिया था उनके इस बयान के कुछ ही दिनों बाद पार्टी ने स्वामी के लिए लाल क़ालीन बिछा दी थी। और आज वही स्वामी जगह-जगह पार्टी का पक्ष लेते तथा उसके सांप्रदायिकता फैलाने वाले नेताओं की पैरवी करते नज़र आ रहे हैं। मोदी सरकार ने स्वामी को भी ज़ेड प्लस सुरक्षा के रुतबे से नवाज़ा है। गोया करोड़ों रुपये महीने के खर्च वाली ज़ेड सुरक्षा सांप्रदायिकता का ज़हर फैलाने वाले नेताओं को उपलब्ध कराई जा रही है। समझ नहीं आता कि यह अच्छे दिन आ खर हैं किसके लिए?

अब एक बार फिर समाज को संप्रदाय के आधार पर विभाजित करने का खतरनाक खेल मध्यप्रदेश के इंदौर से भाजपा की एक विधायक ऊषा ठाकुर द्वारा खेला गया है। इन्होंने मध्यप्रदेश में होने वाले गरबा उत्सव में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की बात की है। जिस देश में ऐसी कोशिशें होनी चाहिए कि सभी धर्मों व समुदायों के लोग मिलजुल कर एक-दूसरे के त्यौहारों में शरीक हों तथा उन्हें परस्पर हर्षोल्लास के साथ मनाएं, वहीं एक वर्ग विशेष को दूसरे वर्ग के त्यौहारों में शिरकत करने से रोकने की बात कहना गैरकानूनी,अनैतिक तथा समाज को बांटने का प्रयास मात्र ही है। और वह भी एक निर्वाचित महिला विधायक द्वारा ऐसा बयान देना तो बिल्कुल ही निंदनीय है। बड़े आश्चर्य की बात है कि जिस देश में कश्मीरी ब्राह्मण समाज स्वयं को 1450 वर्ष पूर्व हुई करबला की उस घटना से जोड़ता है जिसमें हज़रत इमाम हुसैन व उनके परिवार को यज़ीदी सेना द्वारा शहीद कर दिया गया था और उसी की याद में आज भी कश्मीरी ब्राह्मण समाज मोहर्रम मनाता हो व ताजि़ए रखता हो। इतना ही नहीं बल्कि पूरे देश में सभी धर्मों के लोग मोहर्रम में पूरी श्रद्धा के साथ शरीक होते हों।

जहां गणेश पूजा व दशहरे में मुस्लिमों की सक्रिय भागीदारी की खबरें सुनाई देती हों।जहां हिंदुओं की सबसे पवित्र नगरी अयोध्या में मंदिर-मस्जिद के इतने बड़े विवाद के बावजूद आज भी इस धर्मनगरी के तमाम दुकानदार,प्रसाद बेचने वाले तथा देवी-देवताओं की पोशाकें सिलने वाले लोग मुसलमान हों। जिस देश में किसी गरीब हिंदू बच्चे की परवरिश किसी मुसलमान द्वारा किए जाने तथा किसी मुस्लिम की बेटी को हिंदू परिवार द्वारा ब्याहने के समाचार सुनाई देते हों। जिस देश में रहीम,रसखान और जायसी जैसे कवियों द्वारा हिंदू देवी-देवताओं की स्तुति में सैकड़ों भजन लिखे गए हों। और अपनी ऐसी तमाम विशेषताओं की वजह से ही भारतवर्ष दुनिया का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र जाना जाता रहा हो, आज उसी धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र पर आखिर सांप्रदायिकता के यह कैसे बादल मंडराने लगे हैं कि धर्म विशेष के लोगों को दूसरे धर्म से जुड़़े किसी आयोजन में शामिल होने से रोका जाने लगा है? यह वह देश है जहां मंदिरों- गुरुद्वारों में रोज़ा-अफ्तार कराने तथा नमाज़ अदा करने की खबरें सुनाई देती हैं। देश के अधिकांश पीरों-फकीरों व संतों की दरगाहों व मज़ारों पर लगने वाले मेलों में ज़्यादा संख्या हिदू समुदाय के लोगों की ही होती है।

गोया धर्मनिरपेक्षता तथा सर्वधर्म संभाव भारतवासियों का स्वभाव है तथा यह गांधी के देश भारत के लोगों की रग-रग में बसी है। आज जिस महान शिवाजी के नाम का दुरुपयोग देश की सांप्रदायिक ता$कतों द्वारा अपने पक्ष में किया जाता है वही शिवाजी न केवल एक महान मुस्लिम $फ$कीर के शिष्य थे बल्कि उन्होंने अपने गोपनीय दस्तावेज़ देखने वाले अपने सलाहकार तथा प्रमुख सेनापति भी मुस्लिम ही रखे थे। परंतु भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद लगता है अपनी जीत को पचा नहीं पा रही तथा जीत के नशे व अहंकार में चूर होकर देश के सामाजिक एकता के ताने-बाने को ध्वस्त करने पर तुली हुई है। संभव है भाजपा नेताओं के ऐसे प्रयास उन्हें चुनावों में जीत दिलवा देते हों,यह भी संभव है कि समाज में ज़हर घोलने के बाद विजयश्री मिलने पर ऐसे नेताओं को अमितशाह,संजय बालियान तथा संगीत सोम की तरह भविष्य में भी पुरस्कृत किया जाए परंतु देश की सामाजिक एकता तथा राष्ट्र की अखंडता के लिए सत्ता या पुरस्कार पाने की गरज़ से ऐसे प्रयास करना कतई मुनासिब नहीं है। देश का तालिबानी करण हरगिज़ नहीं होना चाहिए।

अफगानिस्तान व पाकिस्तान की दुर्दशा को देखकर इन्हें स्वयं इस निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए कि तालिबानी करण के नतीजे आ$िखर क्या होते हैं। सब का साथ सब का विकास का वास्तविक अर्थ धरातल पर दिखाई देना चाहिए। देश को इस समय सबको साथ लेकर राष्ट्र के समग्र विकास की राह पर चलने की ज़रूरत है। जैसाकि प्रधानमंत्रीने स्वयं लाल किले से अपने संबोधन में कहा भी है। उनका लाल किले का भाषण रचनात्मक होते नज़र आना चाहिए। परंतु यदि भाजपा नेताओं के ज़हरीले बोल इसी प्रकार सामने आते रहे तथा वे धर्म के नामपर समाज को तोडऩे जैसा अधर्म करते रहे तो यह पूरे देश के लिए अत्यंत विनाशकारी साबित हो सकता है।

:-निर्मल रानी

nirmalaनिर्मल रानी
1618, महावीर नगर
अम्बाला शहर,हरियाणा।
फोन-0171-2535628

50 लाख गूगल अकाउंट्स के यूज़रनेम-पासवर्ड चोरी

data-security-hacker-password-security-breach-mobile-patch-theftआपके लिए एक अच्छी और एक बुरी खबर है। बुरी खबर यह है कि रूस के हैकर्स ने करीब 50 लाख गूगल अकाउंट्स के यूज़रनेम-पासवर्ड ऑनलाइन जारी कर दिए हैं और इनमें आपका भी यूज़रनेम-पासवर्ड शामिल हो सकता है। अच्छी खबर यह है कि आप चेक कर सकते हैं कि आपका यूज़रनेम पासवर्ड इनमें शामिल है या नहीं।

कहां डाला गया डेटा
रूस के एक बिटकॉइन सिक्यॉरिटी फोरम btcsec.com पर 49.3 लाख यूज़रनेम-पासवर्ड का डेटाबेस पोस्ट कर दिया गया। इस डेटा को पोस्ट करने वाले यूज़र ‘tvskit’ ने दावा किया कि इनमें से 60 फीसदी पर इस जानकारी के जरिए लॉग-इन किया जा सकता है।

क्या कहना है एक्सपर्ट्स का
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे ज्यादा घबराने की बात नहीं है। इस डेटा को देख चुकी डेनमार्क की साइबर सिक्यॉरिटी कंपनी CSIS के चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर पीटर क्रूस ने कहा, ‘हम 60 फीसदी लॉग-इन के सही होने की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन इस डेटा का एक बड़ा हिस्सा सही है।’ CSIS के रिसर्चर्स के मुताबिक पुराने लीक्स को देखते हुए यह डेटा 3 साल तक पुराना हो सकता है।

गूगल ने किया इनकार
गूगल ने अपने सर्वर से किसी डेटा के चोरी होने की बात नकार दी है। रूस की एक टेक्नॉलजी वेबसाइट ने भी कहा है कि इन यूज़रनेम-पासवर्ड में ज्यादातर फिशिंग स्कैम और दूसरे लीक से लिए गए डेटा शामिल हैं, न कि गूगल सर्वर हैक करके डेटा लिया गया है।

सेफ हो सकता है आपका गूगल अकाउंट
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें ज्यादातर ऐसे जीमेल अकाउंट्स शामिल हैं, जिनके जरिए यूज़र किन्हीं दूसरी साइट्स पर लॉगइन करता है, लेकिन ज्यादातर यूज़र वहां पासवर्ड बदलकर इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के लिए मेरा गूगल अकाउंट xyz@gmail.com है और गूगल के लिए पासवर्ड abcdefgh है। मैंने किसी और साइट पर लॉग-इन के लिए गूगल अकाउंट xyz@gmail.com का इस्तेमाल किया लेकिन वहां पर पासवर्ड stuvwxyz रखा। तो ज्यादा संभावना इस बात की है कि डेटा में xyz@gmail.com के साथ पासवर्ड stuvwxyz शामिल हो।

कैसे चेक करें
आप 5 सेकंड में चेक कर सकते हैं कि आपका गूगल अकाउंट भी इस डेटा में शामिल है या नहीं। आप securityalert.knowem.com या isleaked.com/en पर अपनी जीमेल आईडी लिखकर चेक कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स ने ऐहतियातन यूज़र्स को अपने पासवर्ड बदल लेने की सलाह दी है।

मुंबई में तस्करों के कब्जे से 5 करोड़ के दोमुंहे सांप बरामद

Red Sand Boaमुंबई [ TNN ] दक्षिण गुजरात और मुंबई में इन दिनों रेड सैंड बोआ की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। आम बोल चाल में इसे दोमुंहा सांप भी कहते हैं। हाल ही में नवी मुंबई पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर चार रेड सैंड बोआ बरामद किया, जिनकी बाजार में कीमत पांच करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।

पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ लोग बोआ का सौदा करने आ रहे हैं, उसने जाल बिछाया और खारघर के पास तीन संदिग्धों को पूछताछ के लिए उनके बैग की तलाशी लेने पर उसमें चार रेड सैंड बोआ मिले।

पकड़े गए आरोपियों के नाम हैं – फिरोज रसूल खान, रोहित ओम प्रकाश मिश्रा और अनिल किशोर जाधव। पुलिस के मुताबिक ऐसी आशंका है कि इन लोगों के तार किसी इंटरनेशन रैकेट से जुड़े हों। इस बारे में जांच चल रही है।

जानकार बताते हैं कि बोआ का बसेरा सबसे सबसे ज्यादा गुजरात में है। ये गुजरात के सूरत, तापी, वलसाड और वापी के अलावा दादर और नागर हवेली में पाए जाते हैं। इसके अलावा मटमैले रंगों वाला इस सांप का महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश की सीमा, तमिलनाडु और उत्तर-पूर्वी इलाकों के मैदानी और दलदली भागों में भी बसेरा है।

कहा जाता है कि बोआ जितना मोटा होगा, उसकी कीमत भी उतनी ज्यादा होगी। पुलिस के मुताबिक बेहद दुर्लभ हो चुके ये सांप तस्करों की दुनिया में वजन के हिसाब से बिकने लगे हैं और बकायादा इनका रेट कॉर्ड भी है। 250 ग्राम का बोआ 2-5 लाख रुपया में, जबकि 500 ग्राम का 8-10 लाख रुपये में बिकता है। एक किलो के बोआ की कीमत एक करोड़ रुपये तक हो सकती है, जबकि दो किलो का बोआ 3-5 करोड़ रुपये में बिकता है।

शायद यही वजह है कि रेट कॉर्ड के चक्कर में इन बेजुबानों का वजन इंजेक्शन देकर बढ़ाया जाता है। दरअसल बोआ के तस्कर इससे जुड़ी मान्यताओं को भी भुनाते हैं। अगर घर के आसपास बोआ दिख गया, तो देश के कई इलाकों में इसे शुभ संकेत माना जाता है। दक्षिण के कई राज्यों में इसे मटके में रखा जाता है और माना जाता है कि इससे धन की प्राप्ति होती है। मान्यता घर की तरक्की से जुड़ी है, इसलिए जहरीला नहीं होने से लोग इसे पालने से डरते नहीं।

इतना ही नहीं अगर इसे पाला, तो आमदनी का एक और जरिया भी खुलता है। पूजा के लिए लोग इसे किराये पर भी लगाते हैं और पैसे घंटे के हिसाब से मिलते हैं। उधर, ऐसे मामले भी कम नहीं, जब इस दोमुंहे की आहुति दी जाती है और ये मान्यता जुड़ी है काला जादू से। एक जानकारी के मुताबिक दक्षिण एशियाई देशों में इससे ताकत की गोलियां भी बनाई जाती हैं। कुछ नई दवाओं के रिसर्च में भी इसे आजमाया जा रहा है।

रिसर्च : मर्द सेक्स और आक्रामक सपने देखते

Men-and-Women-Dream-Differentlyमानहाइम [ TNN ] सपने सब देखते हैं लेकिन कभी सोचा है कि क्या हम औरों जैसे ही सपने देखते हैं? रिसर्चरों का कहना है कि महिलाओं और पुरुषों के सपने एक दूसरे से अलग होते हैं.

जर्मन शहर मानहाइम में सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर मेंटल हेल्थ के प्रोफेसर मिषाएल श्रेडल के मुताबिक, ’’मर्द अक्सर सेक्स और आक्रामक मुद्दों से जुड़े सपने देखते हैं जबकि औरतें घरेलू कामों और कपड़ों के बारे सपने देखती हैं.’’ जर्मनी में ही फाल्स क्लीनिक में नींद पर शोध करने वाले केंद्र के प्रमुख हंस गुंटर वीस ने बताया कि मर्दों के सपनों में अनजान लोगों के दिखाई देने की ज्यादा संभावना होती है जबकि औरतें ज्यादातर उन्हीं लोगों को देखती हैं जिन पर वे विश्वास करती हैं. रिसर्चरों के मुताबिक बच्चों को सपने में अक्सर जानवर दिखाई देते हैं.

इस बारे में कई मिथक हैं. कोई कहता है कि सपनों का हकीकत से कोई लेना देना नहीं है, तो किसी का मानना है सपने हमारे अनुभवों की झलक हैं और इन पर हमारा कोई बस नहीं. वैज्ञानिकों का मानना है कि नींद के कई चरण होते हैं. इन्हें आम बोलचाल में कच्ची नींद और पक्की नींद कहा जाता है. पक्की नींद में दिमाग इतना शांत हो चुका होता है कि सपने नहीं देखता. कच्ची नींद में बहुत हलचल होती है. इस दौरान आंखों की पुतलियां भी हिलती रहती हैं. इसे रैपिड आई मूवमेंट या आरईएम कहा जाता है. यह अवचेतन मन की स्थिति है.

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जगे होने और आरईएम के बीच एक चरण होता है, जब अच्छे सपने आते हैं. इसे चेतना और अवचेतना के बीच की स्थिति बताया गया है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को पता होता है कि वह सपना देख रहा है और अगर वह कोशिश करे तो अपने सपनों पर नियंत्रण भी कर सकता है.

नहा रही युवती से छेड़छाड़,निर्वस्त्र किया और असलहा लहराते हुए भाग निकले

repप्रतापगढ़ [ TNN ] यूपी में प्रतापगढ़ के लालगंज क्षेत्र के एक गांव में सोमवार शाम चार-पांच लोगों ने गांव की ही एक युवती से न केवल छेड़छाड़ की बल्कि उसे निर्वस्त्र तक कर दिया। युवती के शोर मचाने पर उसकी खूब पिटाई की। ग्रामीणों के जुटने पर असलहा लहराते हुए भाग निकले।

घटना के दूसरे दिन मंगलवार को गांव में पंचायत हुई। जिसमें हमलावरों को पीड़िता से क्षमा मांगने के साथ दोबारा इस तरह का कृत्य न करने को कहा गया परंतु दबंगों ने पंचायत का फैसला मानने से इनकार कर दिया। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटना को लेकर गांव में तनाव है।

युवती घर के सामने नल के पास बने स्नानघर में नहा रही थी। आरोप है कि इस दौरान गांव के कपिल, सलीम, तालिब, आजाद व सलमान बदनीयती से स्नानघर में घुस आए और युवती के साथ छेड़छाड़ करने लगे। उन्होंने युवती के सभी कपड़े उतार दिए। युवती के शोर मचाने पर पिटाई कर दी।

शोर पर परिजन व ग्रामीण दौड़े तो आरोपी मौके से चले गए। थोड़ी देर बाद फिर से आरोपी असलहा लहराते पीड़िता के घर आ गए और घटना को लेकर किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर जान से मारने की धमकी दी। इस दौरान आरोपियों ने युवती के घर पर ईंट व पत्थर फेंककर उसे खौफजदा करने का प्रयत्न किया।

दूसरे दिन दोनों पक्षों के बीच घटना को लेकर पंचायत बैठी। बावजूद इसके पंचायत का फैसला भी आरोपियों ने मानने से इंकार कर दिया और पुलिस से शिकायत करने पर फिर जानलेवा धमकी दी। इससे गांव में तनाव फैल गया। इसकी जानकारी हुई तो लीलापुर पुलिस चौकी के इंचार्ज गांव पहुंचे और मामले की छानबीन की।

मंगलवार को मामले में पीड़िता की तहरीर पर आरोपियों के विरुद्ध निर्वस्त्र कर छेड़छाड़ करने, मारपीट व जानलेवा धमकी देने का मुकदमा पुलिस ने दर्ज कर लिया है। गांव में तनाव की जानकारी होने पर बुधवार को लालगंज सीओ डीएल सुधीर शाम को घरौरा पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया की गांव में स्थिति नियंत्रण में है।

साध्वी प्राची पर केस दर्ज ,मुलायम के खिलाफ दिया था आपत्तिजनक बयान

sadhvi-prachi-लखनऊ [ TNN ] यूपी के ठाकुरद्वारा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में हुई जनसभा में पहुंची साध्वी प्राची ने सपा मुखिया मुलायम सिंह और कैबिनेट मंत्री आजम खां पर तीखे हमले किए। उन्होंने मुलायम सिंह को बलात्कारियों का हिमायती बताते हुए कहा कि यदि उनके परिवार के साथ कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती है तो भी क्या सपा प्रमुख आरोपियों के बारे में यही कहेंगे कि लड़कों से गलती हो ही जाती है। साध्वी ने कहा कि मुजफ्फरनगर समेत प्रदेश में हुए सभी दंगों के पीछे आजम खां का हाथ है, यदि आजम का नार्को टेस्ट हो तो हकीकत सामने आ जाएगी।

साध्वी शक्ति परिषद की प्रदेश अध्यक्ष साध्वी डॉ. प्राची ने ठाकुरद्वारा के सुल्तानपुर दोस्त में बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बच्चे हैं और सरकार को रामपुर का एक मंत्री चला रहा है। उन्होंने बलात्कार और छेड़छाड़ को लेकर दिए गए मुलायम के उस बयान की निंदा की जिसमें सपा सुप्रीमो ने कहा था कि लड़कों से गलती हो जाती है। इसी क्रम में साध्वी ने सवाल किया कि यदि ऐसी कोई अप्रिय घटना उनके परिजनों के साथ हो तो भी क्या वो यही बयान देंगे।

आजम खां पर सीधा हमला बोलते हुए साध्वी ने कहा कि प्रदेश में जितने भी दंगे हुए हैं वो आजम खां की देन हैं और इनमें सरकार की शह पर हिंदुओं का नरसंहार हुआ। साध्वी ने आरोप लगाया कि आजम खां उन पर हमले करा रहे हैं और उन्हें धमकियां दी जा रही हैं, यदि उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो सपा सरकार जिम्मेदार होगी।

चुनावी जनसभा के दौरान भड़काऊ भाषण देने में साध्वी डॉ. प्राची घिर गईं हैं। उन्होंने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के लिए अपशब्द बोले। सभा की सीडी देखने के बाद जिलाधिकारी ने एसडीएम ठाकुरद्वारा को रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दे दिए हैं। साध्वी शक्ति परिषद की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्राची बुधवार को ठाकुरद्वारा के सुल्तानपुर दोस्त में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रही थीं।

यहां उन्होंने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के प्रति तीखी टिप्पणी की। कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया जिन पर लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। हल्ला मचने पर जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने चुनावी जनसभा की पूरी सीडी देखी। स्पीच का एक एक शब्द बड़ी बारीकी के साथ सुना गया। बाद में माना गया कि भाषण उत्तेजक था।

जिलाधिकारी ने तत्काल एसडीएम ठाकुरद्वारा को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। मुकदमे की बाबत साध्वी का कहना है कि उनके खिलाफ मुकदमा आजम खां के इशारे पर लिखाया गया है। प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी आजम खां की कठपुतली बन गई है। साध्वी का कहना है कि उन्होंने जो कहा सोच समझकर कहा और उस पर कायम हैं।

आजम का पलट वार ,नकवी और शाहनवाज से पूछो लव जिहाद का मतलब

AZAM_KHANलखनऊ [ TNN ] कथित लव जिहाद को लेकर बीजेपी नेताओं पर हमला बोलते हुए समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने कहा है कि हिंदू पत्नियों वाले बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन से इसका मतलब पूछा जाना चाहिए।

यूपी में कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा कि लव और जिहाद दोनों बहुत पवित्र बातें हैं और इन्हें छोटी राजनीति से ऊपर रखना चाहिए। उन्होंने कहा दो अलग धर्मों के दो लोगों के शादी करने में कुछ भई गलत नहीं है। उन्होंने बीजेपी नेताओं नकवी और हुसैन की मिसाल देते हुए कहा कि इन दोनों ने हिंदू लड़कियों से शादी की है, इनसे लिव जिहाद का मतलब पूछा जाना चाहिए क्योंकि ये दो धर्मों के बीच एक अलग तरह के बंधन का जीता-जागता रूप हैं।

बीजेपी के कई नेता इन दिनों हिंदू लड़कियों के मुस्लिम लड़कों से शादी करने को लव जिहाद करार देते हुए इसके विरोध में बोल रहे हैं। गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर काफी सख्त बयान दिए हैं। आजम खान ने कहा कि अगर आदित्यनाथ जैसे नेता मानते हैं कि यह मुस्लिम पुरुषों की हिंदू महिलाओं को जाल में फंसाने की कोशिश है तो सबसे पहले इन्हीं दोनों (हुसैन और नकवी) पर मुकदमा होना चाहिए।

खान ने कहा कि सिर्फ 500 लोग इस तरह की नाजायज बातें कर रहे हैं और देश के 125 करोड़ लोग इन विघटनकारी ताकतों को करारा जवाब देंगे।

हिसार भाजपा में बगावत,54 ने दिए इस्तीफे

BJP MPकैथल [ TNN ] हरियाणा की राजनीति में बड़ा भूचाल आने वाला है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिसार भाजपा में बगावत, 54 पदाधिकारियों ने दिये इस्तीफे,प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जोगीराम सिहाग को बरवाला हलके से टिकट न मिलने से नाराज बरवाला मण्डल व जिला स्तर के 54 पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा देकर बगावत का ऐलान कर दिया है।

इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी आलाकमान को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। अधिकांश कार्यकर्ताओं ने कहा है कि यदि जमीनी स्तर पर जुड़े जोगीराम सिहाग को पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वे पार्टी को भी अलविदा कह सकते हैं। हालांकि इस बाबत भाजपा नेता जोगीराम सिहाग ने कुछ भी कहने से इंकार किया है। जोगीराम सिहाग ने कहा है कि उन्हें इस बाबत कोई जानकारी नहीं है। साथ ही उन्होंने इसे कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का व्यक्तिगत मामला बताया है।

हालांकि उन्होंने कार्यकर्ताओं की 12 सिंतबर को मिलगेट में महत्वपूर्ण बैठक बुलाने की बात कही है। श्री सिहाग ने कहा है कि कार्यकर्ताओं की इच्छा के अनुरुप ही 12 सितंबर को आगामी रणनीति बनाई जाएगी। इससे पहले उन्होंने बरवाला हलके के कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी ली, जिसमेें उन्होंने कार्यकर्ताओं से भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी फैसले से बचने की बात कही।

 

रिपोर्ट – राजकुमार अग्रवाल

 

 

 

पितरों को गंदे जल में तर्पण करने को मजबूर सनातन धर्माबलंबी

Dharmablnbi eternal ancestors forced to dirty water libationदमोह [ TNN ] सनातन धर्म में पूर्वजों की आत्मिक शांति तथा उनके मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर किये जाने वाले कर्म का विधान बतलाया गया है जिसको तर्पण का नाम दिया गया है। सनातन धर्म के अनुसार प्रतिबर्ष भाद्र माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर कुंवार माह की अमावश्या तक चलने वाले इस पर्व पर संपूर्ण विश्व में सनातन धर्मावलंबी अपने पूर्वजों का तर्पण करते हैं। सृष्टि के प्रारंभ से ही लगातार चलने वाले उक्त तर्पण को करने के लिये नदी,सरोवरों के साथ ही कुछ क्षेत्र विशेष का महत्व बतलाया गया है। धार्मिक एवं वैज्ञानिक दोनो रूप से प्रमाणित उक्त तर्पण को करने का क्रम प्रतिबर्षानुसार इस बर्ष भी नगर के सरोवरों में जारी है। प्रतिदिन प्रात:काल से ही तर्पण करने वाले सरोवरों के घाटों पर पहुंचते हैं और यह सिलसिला कई घंटों तक चलता रहता है। ज्ञात हो कि इस समय पितृपक्ष चल रहे हैं और सनातन धर्मावलंबी अपने पूर्वजों के लिये सरोवरों में जाकर तर्पण करते हैं। श्रृद्धा पूर्वक किया जाने वाला उक्त पवित्र कार्य के लिये अनेक धार्मिक एवं वैज्ञानिक मान्यतायें बतलायी जाती हैं।

परन्तु क्या तर्पण का कार्य उस विधान से हो पा रहा है इस पर प्रश्न-चिन्ह अंकित होते देखा जा सकता है। वह इससे कि लोग अपनी कमी के कारण नहीं अपितु जिनके कंधों पर उक्त कार्य को करने में सहयोग प्रदान करने की है क्या वह अपना कर्तव्य सही ढंग से निभा पा रहे हैं?

गंदे जल में तर्पण-
जी हां! हम बात कर रहे हैं सरोवरों में फैली गंदगी की जिसको हटाने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है। गंदगी और बदबू युक्त पानी में तर्पण करने वाले लगभग प्रत्येक नागरिक के मुंह से शासन-प्रशासन एवं संबधित विभाग के लिये उनकी कार्यशैली और लापरवाही पूर्ण रवैया के लिये जो निकलता है उसका उल्लेख समाचार पत्र में नहीं किया जा सकता। परन्तु इतने से शायद जिले के मुखिया अंदाजा जरूर लगा सकते हैं। ज्ञात हो कि सर्वधर्म संभाव की बात करने वाली कांग्रेस के ही एक बिना चाबी का गुड्डा स्वयं को बतलाने वाले नगर पालिका अध्यक्ष का दायित्व निभा रहे हैं तो वहीं चर्चित मुख्यनगरपालिका अधिकारी के बारे में तो कोन नहीं जानता?

रिपोर्ट – डा.हंसा वैष्णव

भारतीय सेना में नौकरी आप का इंतज़ार कर रही है

jobs-in-indian-armyराष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में विभिन्न रिक्त पदों पर भर्ती हेतु योग्य उम्मीदवारों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। इन पदों पर नियुक्ति हेतु भारतीय नागरिकों से आवेदन पत्र मांगे गए है।

पदों की कुल संख्या 178 है। इन पदों में केमिकल असिस्टेंट, कोच, लोवर डिवीजन क्लर्क, ड्राफ्टसमैन, कम्पोजिटर-कम-प्रिंटर, फायरमैन, कुक, कारपेंटर, मोटर ड्राइवर, टेक्निकल अटेंडेंट व मल्टी टास्किंग स्टाफ के पद शामिल हैं।

मल्टी टास्किंग स्टाफ के पदों की संख्या 130 है। इन पदों को भरने की शैक्षिक योग्यता पदों के अनुसार अलग-अलग रखी गई है। मल्टी टास्किंग के पदों के लिए शैक्षिक योग्यता 10वीं पास निर्धारित की गई है। क्लर्क के पदों के लिए 12वीं पास व कंप्यूटर पर हिंदी या अंग्रेजी में टाइप का ज्ञान आवश्यक है।

इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा, ट्रेड परीक्षा व साक्षात्कार के माध्यम से किया जायेगा। योग्य पाए गए उम्मीदवारों को उनकी शैक्षिक योग्यता, अनुभव व अंकों के आधार पर शार्टलिस्ट किया जायेगा।

शार्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए बुलाया जायेगा। अंतिम चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा। इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की आयु सीमा पदों के अनुसार अलग-अलग है।

फायरमैन, मल्टीटास्किंग स्टाफ, मोटर ड्राइवर, ड्राफ्टसमैन व कोच के लिए 18 से 27 वर्ष, केमिकल असिस्टेंट के लिए 18 से 30 वर्ष व अन्य के लिए 18 से 25 वर्ष निर्धारित की गई है।

आरक्षित वर्ग को अधिकतम उम्र सीमा में नियमानुसार छूट प्रदान की जायेगी। विज्ञापित पदों के लिए 5200 से 20200 रुपये वेतनमान निर्धारित किए गए हैं।

नेशनल डिफेंस एकेडमी में विज्ञापित पदों पर अभ्यर्थी आवेदन पत्र को केवल ऑफलाइन तरीके से भर सकते है। आवेदक संबंधित वेबसाइट से आवेदन पत्र को डाउनलोड कर सकते हैं।

इन पदों के लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जायेगा। पूर्णरूप से भरे हुए आवेदन पत्र को संबंधित शैक्षिक दस्तावेजों के साथ The Commandant, National Defence Academy, PO: NDA Khadakwasla, Pune-411023 के पते पर भेजें।

आवेदन पत्र के साथ भेजे गए सभी दस्तावेज स्वहस्ताक्षरित होने चाहिए। आवेदन पत्र को दिए गए पते पर पहुंचने की अंतिम तिथि 27 सितंबर, 2014 निर्धारित की गई है। आवेदन पत्र तथा अन्य आवश्यक जानकारी व निर्देश के लिए उम्मीदवार एनडीए की वेबसाइट www.nda.nic.in पर लॉग ऑन करें।

 

 

भड़काऊ भाषण पर आदित्यनाथ को नोटिस

Yogi Adityanathलखनऊ [ TNN ] उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण मामले में चुनाव आयोग ने भाजपा नेता और सांसद योगी आदित्यनाथ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

आयोग ने प्रचार के दौरान उनके भाषणों की कुछ पंक्तियों को धार्मिक वैमनस्य बढ़ाने वाला और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए योगी से बुधवार को शाम छह बजे तक जवाब देने निर्देश दिया है।

राज्य में चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे योगी पर कई दलों ने धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी।

समाजवादी पार्टी ने तो योगी के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके अलावा गौतमबुद्घनगर के डीईओ ने बीते सोमवार को ही आयोग के समक्ष योगी की शिकायत की थी।

उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण मामले में चुनाव आयोग ने भाजपा नेता और सांसद योगी आदित्यनाथ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

आयोग ने प्रचार के दौरान उनके भाषणों की कुछ पंक्तियों को धार्मिक वैमनस्य बढ़ाने वाला और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए योगी से बुधवार को शाम छह बजे तक जवाब देने निर्देश दिया है।

राज्य में चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे योगी पर कई दलों ने धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी।

समाजवादी पार्टी ने तो योगी के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके अलावा गौतमबुद्घनगर के डीईओ ने बीते सोमवार को ही आयोग के समक्ष योगी की शिकायत की थी।

मतदाता पहचान पत्र दिखने पर ही मिलेगा गरबा पंडालों में प्रवेश , मुस्लिम युवकों की No Entry

Usha Thakur 2भोपाल [TNN ] कथित लव जिहाद को लेकर चल रही बहस में एक और भाजपा नेता कूद पड़ी हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर-3 से भाजपा विधायक ऊषा ठाकुर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहाकि नवरात्रों के दौरान होने वाले गरबा महोत्सवों में मुस्लिम युवकों को घुसने से रोकें। विधायक ने कहाकि मुस्लिम युवक हिंदू लड़कियों को फंसाते हैं और फिर लव जिहाद के तहत उनका धर्म बदल देते हैं।

ठाकुर मध्यप्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष भी है। ठाकुर ने कहाकि, अगर मुस्लिम युवक गरबा महोत्सवों में भाग लेना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें हिंदू बनना होगा। मुस्लिम युवक माथे पर तिलक लगाकर आयोजकों को धोखा देते हैं और हिंदू लड़कियों से दोस्ती कर लेते हैं। मैं आयोजकों को पुरूषों के मतदाता पहचान पत्र देखने और केवल हिंदू पुरूषों को ही प्रवेश देने के लिए पत्र लिखूंगी।

समग्र क्रांति चेतना मंच की संयोजक ठाकुर ने नवरात्रि के दौरान अनुशासन, संस्कृति और शिष्टता का बनाए रखने के लिए 11 सूत्री पर्चे भी जारी किए हैं। इसमें बताया गया कि पारंपरिक कपड़े पहनें और धार्मिक व लोकगीत बजाए जाएं।

गौरतलब है कि लव जिहाद को भाजपा ने उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में चुनावी मुद्दा बनाया है। इस बारे में गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ भी विवादित बयान दे चुके हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता भी लव जिहाद को लेकर कई बैठकें कर चुके हैं।

हद हो गई : महिला से एक ही घंटे में 2 बार दरिंदगी

rapeबेंगलुरु [ TNN ] बेंगलुरु में एक महिला एक घंटे के भीतर 2 बार दरिंदगी की शिकार हुई। ईस्ट बेंगलुरु के राममूर्तिनगर की एनआरआई कॉलोनी में रहने वाली 30 साल की मेड के साथ एक ही दिन महज एक घंटे के अंदर दो बार गैंग रेप किया गया। पुलिस ने इस मामले में दो वॉचमैन सहित 4 लोगों को हिरासत में लिया है।

पीड़िता एक बच्चे की मां है और वारदात से पहले वह अपने पति के लिए खाना लेकर जा रही थी। महिला का पति मजदूर है। महिला ने बताया कि उसे रास्ते में आरोपी सुनील विनोद और जगदीश उर्फ जग्गी (दोनों वॉचमैन) मिले। दोनों महिला को एक बिल्डिंग साइट पर यह कहते हुए ले गए कि महिला का पति उसका वहीं पर इंतजार कर रहा है। महिला ने बताया, ‘सुनील ने मुझे एक रूम में बंद कर दिया। फिर दूसरा भी कमरे में आया और दोनों ने मिलकर मेरे साथ रेप किया।’

महिला ने पुलिस को बताया कि वारदात के बाद जब वह बदहवास स्थिति में बाहर निकली तो आरोपी महेश भट्ट (कुक) और गणेश कुमार (इलेक्ट्रिशन) उसे मिले। दोनों ने उसे घर पहुंचाने को कहा। महिला ने बताया कि घर छोड़ने की बजाय दोनों उसे दूसरी बिल्डिंग में खींच ले गए और फिर उसके साथ गैंग रेप हुआ। महिला का पति जब उसे ढूंढते हुए घर पहुंचा, तो वारदात की जानकारी मिली। पति को महिला बदहवास स्थिति में मिली।

पीड़िता के पति ने राममूर्तिनगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया। रविवार शाम को मामले की जानकारी हुई और सोमवार को पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी आसपास के ही रहने वाले हैं। महिला और आरोपियों को मेडिकल टेस्ट कराने के लिए भेजा गया है।

असम में पेड़ से झूलती पाई गयी दो छात्राओ की लाशें

Assam shocker 2 minor girls found hanging from treeसिल्चर [ TNN ] उत्तरप्रदेश के बदायूं कांड के बाद अब असम में भी दो छात्राओ की लाशें पेड़ से झूलती पाई गयी। ये घटना बांग्लादेश सीमा से सटे असम के करीमगंज जिले की है, जहां एक पेड़ पर एक ही रस्सी के दो छोरों पर फंदे से दो स्कूली छात्राओं को लटका मृत अवस्था में पाया गया। ये दोनों लड़कियां बुधवार से लापता थीं।

परिवार के सदस्य उनकी तलाश में जी जान से जुटे थे, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल पाया। अगली सुबह दोनों लड़कियों में से एक के रिश्तेदार ने पेड़ से लटकता शव पाया। पुलिस के मुताबिक दोनों ही लड़कियों की उम्र क़रीब 16 साल है और दोनों ने ही पढ़ाई छोड़ दी थी।

करीमगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) नबीन सिंह ने कहा कि दोनों लड़कियों के शव को पोस्टमार्टम और फोरेंसिक टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कुछ अतिरिक्त जानकारी नहीं दी सकती। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि लड़कियों के साथ बलात्कार भी किया गया है, फिर उनकी हत्या की गई है।
पुलिस ने इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाकर मामले की जाँच की जा रही है।

मध्य प्रदेश : निमाड़ में लाल मिर्च से आएंगे अच्छे दिन , उत्पादन लक्ष्य एक करोड़ बोरी , मालामाल होंगे किसान

 स्पेशल रीपोर्ट – ” संजय चौबे “

खंडवा [ TNN ] मध्य प्रदेश के मिर्च उत्पादक इलाके निमाड़ में इस साल लाल मिर्च की फसल बेहतर स्थिति में है। पिछले 13.14 दिन से बारिश न होने की वजह से लाल मिर्च की फसल में बिगाड़ की आशंका व्यक्त की जा रही थी लेकिन अब फिर से मानसून के मेहरबान होने से इस साल यहां इसका उत्?पादन बढऩे की उम्मीद जगी है। निमाड़ इलाके में सोयाबीन की जगह अब कपास और लाल मिर्च की बोआई हर साल बढ़ती जा रही है। इस साल लाल मिर्च का बोआई क्षेत्र 20 फीसदी बढ़ा है। निमाड़ में इस साल 90 लाख से एक करोड़ बोरी लाल मिर्च पैदा होने की संभावना जताई जा रही है जो पिछले साल लगातार भारी बारिश से घटकर 65.67 लाख बोरी ;एक बोरी 35 किलोग्रामद्ध रह गया था। पिछले सीजन यहां लाल मिर्च उत्पादन का पूर्वानुमान 75.77 लाख बोरी आंका गया था।

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गैर.सिंचित क्षेत्रों में ताजा बारिश से लाल मिर्च का उत्पादन बढऩे की संभावना जरुर बढ़ी है लेकिन अभी भी यह सभी क्षेत्रों में खुलकर नहीं हुई है जिसकी वजह से कुछ किसान लाल मिर्च का उत्पादन 20 फीसदी घटने की आशंका से भी इनकार नहीं कर रहे। धामनोद एवं बड़वानी में बारिश पिछले कई दिनों से नहीं हुई है जिसकी वजह से यहां मिर्च का उत्पादन गिर सकता है। निमाड़ में सिंचित क्षेत्रों में लाल मिर्च की रोपाई मई महीने में हो जाती है लेकिन गैर.सिंचित क्षेत्रों में बारिश देर से होने एवं कम होने की वजह से रोपाई तकरीबन 20 दिन देर से हो पाई। यानी यह रोपाई 5 जुलाई के बाद हुई है। नई लाल मिर्च फसल के अक्टूवर महीने के दूसरे हफ्ते आने की संभावना है।

निमाड़ के खंडवाए बेडियाए धामनोदए कुछीए मनावरए खरगौन और सनावद इलाके में मिर्च का उत्?पादन होता है। यहां मिर्च की बोआई मई महीने में भी होती है जबकिए सर्वाधिक बोआई मानसून के समय ही होती है क्?योंकि इस इलाके की फसल बारिश पर निर्भर है। बारिश में बोई गई फसल का उत्पादन ही बाजार के समीकरण तय करता है। निमाड़ में 60.70 फीसदी किसानों के पास सिंचाई साधन है जबकि 30.40 फीसदी किसान पूरी तरह बारिश पर निर्भर हैं। किसानों का कहना है कि बारिश होने से मिर्च के पौधे का विकास तेजी से होता है एवं फ्लावरिंग जल्दी होती है।

निमाड में 12 नंबर, 2070 नंबर और झंकार लाल मिर्च 70 फीसदी जबकि गणेश एवं जलवा 30 फीसदी होगा। 12 नंबर, 2070 नंबर और झंकार लाल मिर्च आंध्र प्रदेश की तेजा मिर्च के समान मानी जाती है। जबकि, गणेश एवं जलवा जीटी जैसी होती है। मध्य प्रदेश की सालाना खपत 20 लाख बोरी है जबकि यहां आंध्र प्रदेश की मिर्च के भी खूब ग्राहक हैं। यही वजह है कि यहां के कारोबारी आंध्र प्रदेश की लाल मिर्च नियमित रुप से मंगाते हैं। मध्य प्रदेश की लाल मिर्च दिल्ली , राजस्थान , बिहार में भी बिकने जाती है लेकिन सर्वाधिक कारोबार नागपुर में होता है।

निमाड़ के सिंचित इलाकों में मिर्च के पौधे का साइज इस समय डेढ़ फीट से ज्?यादा है और फ्लावरिंग शुरु हो गई है जबकि बारिश पर निर्भर फसल में पौधे का साइज 10-11 इंच है। निमाड़ में मिर्च की फसल 90 दिन में तैयार होती है एवं इसमें किसान छह से सात तुड़ाई (पेकिंग ) तक लेते हैं। निमाड़ में मिर्च के पौधे तैयार करने से लेकर तुड़ाई तक प्रति एकड़ लागत 22000-25000 रुपए आती है। मिर्च का बीज 3500 रुपए में 10 ग्राम मिलता है जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त है लेकिन किसान 15-17 ग्राम बीज एक एकड़ में डालते हैं। यहां एक किलोग्राम मिर्च सूखने पर 200 ग्राम रह जाती है। निमाड़ में मिर्च को धूप में सूखाया जाता है एवं इसका छिलका पतला होता है जिससे इसका रंग लंबे समय में टिक नहीं पाता। दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च तेज गर्मी की वजह से पौधों पर ही सूखती है एवं छिलका मोटा होता है जिससे कोल्ड स्टॉरेज में रखने के बावजूद इसका रंग लंबे समय तक अच्छा बना रहता है।

लाल मिर्च के खंडवा स्थित कारोबारी दिलीप ट्रेडर्स के दिलीप जैन का कहना है कि लाल मिर्च में मध्य प्रदेश का नाम 1998 में उभरकर तब आया जब यहां 42-45 लाख बोरी का उत्पादन हुआ था। इससे पहले लाल मिर्च के उत्पादन और कारोबार में मध्य प्रदेश की भूमिका नहीं थी। जैन का कहना है कि निमाड़ में 15-20 साल में पिछले साल पहली बार इतनी बारिश हुई थी कि गैर-पथरीली जमीन में मिर्च को नुकसान हुआ था। जबकि, इस साल अभी तक फसल की स्थिति अच्छी है लेकिन गैर-सिंचित क्षेत्रों में बारिश की जरुरत होगी। जैन का कहना है कि मध्य प्रदेश के निमाड़ इलाके में नई लाल मिर्च की आवक अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से शुरु हो जाएगी जो जनवरी महीने तक चलती है। इस समय निमाड़ में लाल मिर्च का स्टॉक नगण्य है जिसकी वजह से इसमें कोई सौदे नहीं हो रहे हैं। चालू सीजन में यहां लाल मिर्च नीचे में 3800-4000 रुपए क्विंटल बिकी थी जो ऊपर में 7200 रुपए क्विंटल तक बिकी।

 

मोदी की नई पाठशाला के मायने क्या है ?

PM-modi-pathshala-making-point-360_13प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षक दिवस पर देश के बच्चों से सीधा संवाद कर कई मिथकों को तोडने का प्रयास किया है। इस प्रयास का परिणाम तो भविष्य में दिखाई देगा लेकिन अपने तरीके के संवाद को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे ये उनका जवाब जरूर सामने आ गया है। मोदी ने अपनी पाठशाला के जरिए एक कडवी हकीकत से रूबरू तो करा दिया कि देश में शिक्षक की महत्वता लगभग समाप्त हो चुकी है। शिक्षक दिवस की प्रासंगिकता एक दिन तक है और उसमें यह दिन शिक्षकों के सम्मान के लिए नहीं बल्कि छुट्टी का दिन होने पर प्रचलित हो गया है। देश के प्रधानमंत्री ने इस मंच का प्रयोग बच्चों को नैतिक, सामाजिक, व्यक्तित्व निर्माण की षिक्षा देने के लिए किया। पूर्व में जो राजनैतिक दल शिक्षक दिवस के अवसर पर इस संवाद को राजनीति से पे्ररक बताने की कोशिष कर रहे थे। जो नेता खुले आम कह रहे थे की प्रधानमंत्री अपने भाषण से भाजपा के लिए भविष्य के वोटर तैयार करना चाहते है उन्हें उनका जवाब बच्चों के सवालों और मोदी को एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने को लेकर दिए गए जवाबों से मिल गया होगा।

मोदी ने इस मंच का प्रयोग कही भी राजनैतिक हित के लिए नहीं किया। इस संवाद कार्यक्रम से यह तो पता चलता है कि देश का प्रधानमंत्री बहुत सर्जनात्मक व्यक्ति है। अपने तरह की पहली और अनूठी पाठशाला से बच्चों के मासूम सवालों का जवाब दिया गया। देश की प्रगति में हर छोटी से छोटी सीख जैसे बिजली बचाना, पर्यावरण सुधार, स्कूलों की साफ सफाई, शौचालय की व्यवस्था, बालिका शिक्षा पर जोर, ग्लोबल वार्मिंग, प्रकृति के साथ जीने की शिक्षा के साथ व्यक्तित्व निर्माण, देश सेवा का पाठ मास्टर मोदी ने पढाया। शिक्षकों का सम्मान करना, शिक्षकों से हर बात साझा करना जैसी तमाम शिक्षा एक मंच से दी गयी। प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षक के रूप में कुछ सुझाव भी दिए जिनका वास्तविक रूप से अमल किया जाए तो ये सुझाव सुखद परिवर्तन में बेहद सहायक सिद्ध होंगे। गांवों में मास्टर का जो सम्मान पूर्व में किया जाता रहा है उसे वापस सम्मानीय स्थान मिले इसका संदेश भी इस मंच से देने की कोशिष की। मोदी ने इन कामों में मीडिया की भूमिका पर भी सकारात्मकता से सोचने का आग्रह किया। मोदी ने गणमान्य नागरिकों से आसपास के विद्यालयों में सप्ताह में एक दिन पढाने की जो बात कही है वह बच्चों के भविष्य निर्माण में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

शिक्षक दिवस का यह पर्व शिक्षकों के सम्मान के लिए जाना जाता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर्व पर शिक्षकों के सम्मान के साथ बच्चों को किताबी ज्ञान नहीं बल्कि नैतिक शिक्षा देने की दिशा में जो प्रयास किया उससे समाज को भी सीखने की जरूरत है। मोदी ने जो शिक्षा बांटी वह स्पष्ट है कि जापान की तरह हिन्दुस्तान में भी शिक्षक एवं विद्यार्थी मिलकर स्कूलो में साफ सफाई रखे और इसे राष्ट्रीय चरित्र के रूप में विकसित किया जाए। बच्चों को टीवी, लेपटाॅप, मोबाइल की दुनिया से बाहर निकलकर खेलकूद में मन लगाकर बचपन को जीने की शिक्षा देने का समाज से भी आव्हान किया। ज्ञान के लिए गूगल पर नहीं गुरू के पास जाना सीखे, जानकारी नहीं स्थिति, चीजों को समझना सीखे। आत्मकथाओं को पढकर अपने जीवन चरित्र में सकारात्मकता लाने का ज्ञान भी मोदी ने अपने मंच से दिया। शिक्षा सिस्टम में सुधारने के लिए मोदी ने समाज और शिक्षक दोनो को ये शिक्षा देने के प्रयास किया है। जापान यात्रा के उदाहरण भी मोदी ने बच्चों को दिए। अनुशासन जो विकसित जापान का आधार है उसे बच्चों को अपनाने को भी कहा। वास्तव में इस तरह की शिक्षा अब बच्चों को कम ही दी जाती है। स्कूलों में पढाई का बोझ, टाॅप करने का तनाव बच्चों में बना रहता है। इन सब से बाहर निकलकर बेहतर नागरिक बन देश सेवा करने का संदेष आजादी के 60 वर्ष पश्चात पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने दिया है।

मोदी ने अपनी पाठशाला से बता दिया कि वे केवल प्रधानमंत्री नहीं है बल्कि देश निर्माण में सबको साथ लेकर चलने वाले एक करिश्माई नेता है। सुबह से बल्कि दो तीन दिन पहले से इस कार्यक्रम को मिली मीडिया कवरेज ने भी जाहिर कर दिया कि मोदी किसी भी पूर्व नियोजित कार्यक्रम को हडपकर देश का भविष्य निर्माण के लिए संदेश देने का माद्दा रखते है। 10 साल की खामोशी के बाद इतना हंगामा तो बनता है और यह हंगामा देश को नई दिशा देने के लिए आवश्यक भी है। मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद धीरे धीरे जो सुधार कार्यक्रम लागू कर रहे है वह देश ने देखना भी प्रारंभ कर दिया है। मोदी जिस मंच का प्रयोग अपने चुनावों के प्रचार में करते रहे उसका प्रयोग शिक्षक दिवस पर कर नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसके पहले किसी सरकार या प्रधानमंत्री ने जिन बच्चों के संबोधन करने के बारे में कभी नहीं सोचा। मोदी ने ऐसे तमाम दलों को नए तरीके की राजनीति पर सोचने को मजबूर कर दिया कि वे भाजपा के नेता मोदी से तब भी पीछे थे और प्रधानमंत्री मोदी के दूरदृष्टता से आज भी पीछे है।
Satyendra Khare

– सत्येन्द्र खरे, स्वतंत्र पत्रकार
संपर्क -9993888677

भ्रष्टाचार के सत्ताधारी नैक्सेस को कौन तोड़ेगा

Curriptionएक लाख 70 हजार करोड़ का 2 जी घोटाला और 1लाख 86 हजार करोड़ के कोयला घोटाले ने मनमोहन सरकार की सियासी नाव में ऐसा छेद किया की सरकार का सूपड़ा ही साफ हो गया और कांग्रेस इतिहास के सबसे बुरे दौर में जा पहुंची। और इसी दौर में इन घोटालों की जांच कर रही सीबीआई के कामकाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सरकारी तोता कहने में कोताही नहीं बरती। इसलिये 2 जी सपेक्ट्रम और कोयलागेट की जांच को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी निगरानी में ले लिया। लेकिन दिल्ली के 2 जनपथ यानी सीबीआई डायरेक्टर के सरकारी घर पर मिलने वालो की सूची ने देश के प्रीमियर जांच एजेंसी सीबीआई के डायरेक्टर को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। और अब यह सवाल देश के सामने सबसे बड़ा हो चला है कि क्या कोई पद अगर संवैधानिक हो उसे कटघरे में खड़ा करना प्रधानमंत्री के लिये भी मुश्किल है।

हालात परखे तो पहली बार भ्रष्टाचार को लेकर जांच कर रही सीबीआई के डायरेक्टर के घर के मेहमानों ने यह तो सवाल खड़ा कर ही दिया है कि देश में सबसे ताकतवर वहीं है जिसके पास न्याय करने के सबसे ज्यादा अधिकार है। कांग्रेस के दौर में चीफ जस्टिस रहे रंगनाथ मिश्र को सियासी लाभ और बीजेपी के दौर में चीफ जस्टिस रहे सदाशिवम को केरल का राज्यपाल बनाने को भी इस हालात से जोड़ा जा सकता है। पूर्व सीएजी विनोद राय की बीजेपी से निकटता भी इस दायरे में आ सकता है। लेकिन बड़ा सवाल तो सीबीआई डायरेक्टर का है, जिन्हें लोकपाल में लाने के खिलाफ वही सियासत थी जो दागियो की फेरहिस्त से इतर मुलाकातियों की सूची में दर्ज है।

मुलाकातियों के डायरी के इन पन्नो में जिन नामों को जिक्र बार बार है। उनमें 2 जी स्पेक्ट्रम, कोयला खादानों के अवैध आंवटन, हवाला घपले, सरघाना चीटफंड का घपला यानी किसी आरोपी ने सीबीआई दफ्तर जाकर अपनी बात कहने की हिम्मत नहीं दिखायी बल्कि सभी ने दसियों बार सीबीआई डायरेक्टर के घर का दरवाजा खटखटाने में कोई हिचक नहीं दिखायी। फेहरिस्त खुद ही कई सवालो को जन्म देती है। मसलन, कोयला घोटाले में फंसे महाराष्ट्र के दर्डा परिवार के देवेन्द्र दर्डा एक दो बार नहीं बल्कि 30 बार सीबीआई डायरेक्टर से मिलने पहुंचे। तीन कोयला खादान पाने वाले एमपी रुगटा तो 40 बार सीबीआई डायरेक्टर के घर पहुंचे। रिलायंस यानी अनिल अंबानी का नाम भी 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में आया है तो उसके दिल्ली के एक अधिकारी टोनी पचास बार मिलने पहुंचे। इस फेहरिस्त में हवाला घोटाले में फंसे पूर्व सीबीआई डायरेक्टर एपी सिंह और विवादास्पद मोईन अख्तर कुरैशी भी कई बार सीबीआई डायरेक्टर के घर पहुंचे।

खास बात यह भी है कि चुनाव प्रचार के दौरान तो प्रधानमंत्री मोदी भी मीट एक्सपोर्टर मोईन अख्तर कुरैशी को आरोपो के कटघरे में खडा कर चुके थे और उन्होंने कुरैशी के संबंध 10 जनपथ से भी जोड़े थे। मुश्किल सिर्फ यह नहीं है कि सीबीआई डायरेक्टर के घर कोयलाघोटाले के आरोपियों के अलावा 2 जी स्पेक्ट्रम के खेल में फंसे कई कारपोरेट्स के अधिकारी भी पहुंचे। परेशानी का सबब यह है कि 2013-2014 के दौरान आधे दर्जन से ज्यादा अधिकारियों के नाम सीबीआई डायरेक्टर के साथ मुलाकातियों की फेरहिस्त में जिक्र है जिनके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है। और नामों की फेरहिस्त में देश के वीवीआईपी भी है । यानी देश की जिस जांच एंजेसी को लेकर लोगो में भरोसा जागना चाहिये उस जांच एजेंसी का खौफ ही इस तरह हो चुका है कि हर कोई सीबीआई डायरेक्टर की मेहमाननवाजी चाहती है क्योंकि सीबीआई डायरेक्टर के घर पहुंचे मेहमानों की डायरी के इन पन्नो में सिर्फ दागी नहीं है बल्कि राजनीतिक गलियारे के दलाल भी है राजनेता भी और वीवीआईपी कतार में खड़े खास भी।

तो क्या सीबीआई डायरेक्टर इस देश का सबसे ताकतवर शख्स है जिसके सामने हर किसी को नतमस्तक होना पड़ता है या फिर सीबीआई डायरेक्टर से हर खास की मुलाकात एक आम बात है। क्योंकि नामों की फेरहिस्त में हिन्दुस्तान जिंक के विनिवेश मामले में फंसे वेदांता के अनिल अग्रवाल का नाम भी है। एस्सार कंपनी के प्रतिनिधि सुनील बजाज का भी नाम है जो कंपनी 2 जी मामले में फंसी है। दीपक तलवार का नाम भी है जो राजनीति गलियारे में लॉबिइस्ट माना जाता है। इतना ही नहीं देश के पूर् विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद हो या सेबी के पूर्व अध्यक्ष यू के सिन्हा, पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के दामाद रंजन भट्टाचार्य हो या दिल्ली के पूर्व पुलिस कमीशनर नीरज कुमार या फिर ओसवाल ग्रूप के अनिल भल्ला या बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन। हर ताकतवर शख्स सीबीआई डायरेक्टर के घर सिर्फ चाय पीने जाता है या सीबीआई डायरेक्टर के घर मेहमान बनना दिल्ली की रवायत है। यह सारे सवाल इसलिये बेमानी है क्योंकि खुद सीबीआई डायरेक्टर को इससे ताकत मिलती है। और ताकतवर लोग अपनी ताकत, ताकतवाले ओहदे के नजदीकी से पाते है। क्योंकि सीबीआई डायरेक्टर ही लगातार बदलते रहे और आखिर में यह कहने से नहीं चुके कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि जांच पर असर पड़ेगा तो वह खुद को अलग कर सकते है। लेकिन यह हालात क्यों कैसे आ गये।

यह भी दिलचस्प है। मीडिया में डायरी की बात आई तो सबसे पहले कहा ऐसी कोई डायरी नहीं है। जब पन्ने छपने लगे तो फिर कहा , मैंने किसी को लाभ नहीं पहुंचाया। अब कहा सुप्रीम कोर्ट चाहे तो वह खुद को जांच से अलग कर लेंगे। मुश्किल सिर्फ इतनी नहीं है बल्कि ताकतवर नैक्सेस कैसे मीडिया को भी दबाना चाहता है यह भी इसी दौर में नजर आया क्योंकि मीडिया डायरी के पन्नों को ना छापे, ना दिखाये या सीबीआई डायरेक्टर एक प्रीमियर पद है इसलिये इसपर रोक लगनी चाहिये। यह सवाल भी सीबीआई डायरेक्टर ने ही सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जब इससे इंकार कर दिया तो फिर सबसे दिलचस्प सच सामने यह आ गया कि जबसे सीबीआई के मेहमानों के नाम सार्वजनिक होने लगे उन 72 घंटों में सीबीआई डायरेक्टर के घर देश का कोई वीवीआईपी चाय पीने नहीं पहुंचा। यानी 2013-14 के दौरान दिल्ली में 2 जनपथ यानी सीबीआई डायरेक्टर का सरकारी निवास जो हर दागी और खास का सबसे चुनिंदा घर था उस घर में जाने वालों ने झटके में ब्रेक लगा दी।

देश में भ्रष्टाचार की असल मुश्किल यही है कि ताकतवर को हर रास्ता कानून की ताकत तबतक देता है जब तक वह कानून की पकड़ में ना आये और इस दौर में जबतक वह चाहे कानून की घज्जिया उड़ा सकता है। क्योंकि ताकतवर लोगों के सरोकार आम से नहीं खास से होते है। और यही नैक्सस इस दौर में सत्ता का प्रतीक बन चुका है। और संसद कुछ कर नहीं पाती क्योंकि वहा भी दागियों की फेरहिस्त सांसदों से नैतिक बल छिन लेती है। और चुनाव के दौर में चुनावी पूंजी को परखे तो ज्यादातर पूंजी उन्हीं कारपोरेट और उघोगपतियों की लगी होती है जो एक वक्त दागी होते है और संसद के जरिये दाग घुलवाने के लिये चुनाव से लेकर सत्ता बनने तक के दौर में राजनेताओं के सबसे करीब हो जाते है!

:- पुण्य प्रसून बाजपेयी

punya prasun bajpaiलेखक परिचय :- पुण्य प्रसून बाजपेयी के पास प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। प्रसून देश के इकलौते ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें टीवी पत्रकारिता में बेहतरीन कार्य के लिए वर्ष 2005 का ‘इंडियन एक्सप्रेस गोयनका अवार्ड फ़ॉर एक्सिलेंस’ और प्रिंट मीडिया में बेहतरीन रिपोर्ट के लिए 2007 का रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला।

बच्चे के जन्म के बाद 6 महीने तक सेक्स गैप चाहती हैं महिलाएं

Sex after childbirth

अक्सर बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं की प्राथमिकता बदल जाती हैं। बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं पति को रोमांस के लिए वक्त नहीं दे पाती। लेकिन कभी आपने सोचा है ऎसा क्यों होता हैंक् द हेल्थ साइट पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, इस मुद्दे पर ब्रिटीश नॉन प्रोफिट एडवाइसरी सर्विस द्वारा एक सर्वे करवाया गया।

इस सर्वे में पाया गया कि महिलाएं बच्चे के जन्म के बाद कम से कम 6 महीने तक सेक्स गैप चाहती हैं और दोबारा रोमांस के लिए भी उन्हें कम से कम इतना ही समय चाहिए। सर्वे में भाग लेने वाली 13 फीसदी महिलाएं यानी आठ में से एक महिला का कहना था कि वे डिलीवरी के बाद कुछ समय तक सेक्स को एवॉइड करती हैं। तकरीबन 45 फीसदी महिलाओं का कहना था कि बच्चे के जन्म के बाद वे अपनी बॉडी के साथ असहज महसूस करती हैं।

बच्चे के जन्म के बाद फिगर अच्छी ना रहने के कारण वे सेक्स को ना बोलने लगती हैं। फिगर के अलावा थकावट और अन्य दिक्कतों के कारण भी महिलाएं सेक्स करने से कतराती हैं। हालांकि ब्रिटीश की 1350 नई मांओं पर ये सर्वे किया गया जिसमें बच्चे के जन्म के बाद अपनी बॉडी को लेकर असहजा महिलाओं में सबसे ज्यादा थी। 23 फीसदी महिलाओं का कहना था कि वे बच्चे के जन्म के बाद कम से कम 6 महीने तक सेक्स गैप चाहती हैं।

एक्सटरनल अफेयर्स के डायरेक्टर क्लेयर मर्फी का कहना था कि बच्चे के जन्म के बाद सेक्स करने का कोई समय तय नहीं है। जब भी महिलाएं सहज महसूस करें वे सेक्स कर सकती हैं। वे आगे कहते हैं कि नई मांओं की सेक्सुअल हेल्थ की तरह सबको ध्यान देना चाहिए। जिससे वे वापिस अपनी रोमांटिक लाइफ में जी सकें।

तीस हज़ार मदरसो के बच्चे मोदी के भाषण से रहे वंचित !

modi speech in madarsa

बाड़मेर [ TNN ]  देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शिक्षक दिवस पर स्कूली छात्रों को दिए भाषण से बाड़मेर जैसलमेर के मदरसों में पढ़ने वाले करीब तीस बच्चों को जिला प्रशासन की लापरवाही से   वंचित रहना पड़ा ,शिक्षा विभाग के अधिकारियो ने पल्ला झड़ते हुए कहा की हमें विद्यालयों के छात्रों को ही भाषण सुनाने और दिखने के आदेश थे मदरसो के नहीं।

शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर के विद्यालयी बच्चो के सम्बोधन से मदरसो में पढने वाले तीस हज़ार बच्चो को वंचित रखा गया। इसमे शिक्षाविभाग  और जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आई। नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनाने और दिखने के लिए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में हर तरह का इंतज़ाम किया ।

 इन सरहदी जिलो में करीब सात सौ मदरसे शिक्षा विभाग से पंजीकृत हैं । जिन्हे सरकारी योजना में पोषाहार और उर्दू शिक्षको का लाभ दिया जा रहा हैं ,मगर इन मदरसा  शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा मदरसों  को नरेंद्र मोदी का भाषण दिखने और सुनाने की व्यवस्था के  कहा गया ।

जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भक्त सफी खान तामलिया को यह पता चला तो उन्होंने तामलियर मदरसे में बच्चो को अपने एंड्रॉयड मोबाइल से नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाया ,जबकि शेष किसी भी मदरसे में प्रधानमंत्री का भाषण नहीं दिखाया ,मदरसा संचालको का आरोप हे की उन्हें इस कार्यक्रम की शिक्षा विभाग और जिला प्रशन द्वारा सूचना या आदेश नहीं दिया ,नहीं कार्यक्रम की कोई जानकारी मिली ।

इधर शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की हमें सिर्फ विद्यालयों में प्रधानमंत्री के भाषण को दिखने और सुनाने की व्यव्श्था करने को कहा गया था ,इसमे मदरसो को शामिल नहीं किया गया था। इधर जिला प्रशासन के इस रवैये से मुस्लिम समाज में गहरा रोष व्याप्त हैं।

तामलियर के सफी खान सम्मा ने बताया की शिक्षा विभाग द्वारा किसी भी मदरसे को इस कार्यक्रम की सूचना नहीं दी गयी ,आज सुबह वॉटसअप पर इस कार्यक्रम की मुझे किसी मित्र द्वारा जानकारी दी गयी तब मदरसे में जाकर मैंने मोबाइल से बच्चो को नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाया और सुनाया ,जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग का यह रैवया गलत परंपरा का द्योतक हैं। शनिवार को मदरसा संचालक और मुस्लिम समाज के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर को देंगे ।
रिपोर्ट -चंदन भाटी

अब दिल्ली में भी होगी भाजपा की सरकार !

najib jungनई दिल्ली- दिल्ली में सरकार बनाने की राजनीति एक बार फिर से तेज हो गई है। उपराज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर राज्य विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाने के लिए अनुमति मांगी। दिल्ली विधानसभा में भाजपा के पास अपनी सहयोगी पार्टी शिरोमणी अकाली दल के साथ 32 सीटें हैं और वह सबसे बड़ी पार्टी है।

सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल का पत्र केन्द्रीय गृह मंत्री के पास विचार-विमर्श के लिए भिजवा दिया है। राष्ट्रपति भवन के अनुसार उपराज्यपाल ने गुरूवार शाम को रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा को विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका दिया जाना चाहिए। संभावना है कि भाजपा की रूचि और कई विधायकों के चुनाव न चाहने के चलते गृह मंत्रालय उपराज्यपाल के विचार पर सहमति जता सकता है। दिल्ली में फरवरी में अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद से ही राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।

हालांकि आम आदमी पार्टी ने विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की मांग की है। इस संबंध में आप ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर रखी है जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है। आप ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाया कि वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए भाजपा का पक्ष ले रहे हैं।

वहीं भाजपा के तीन विधायक सांसद चुने जा चुके हैं। इनमें डॉ. हर्षवर्धन, प्रवेश वर्मा और रमेश विधूड़ी सांसद बनने के चलते विधानसभा से इस्तीफा दे चुके हैं। इसी बीच निर्दलीय विधायक रामवीर शौकीन भाजपा के साथ जाने को तैयार हैं। भाजपा ने इस बारे में कहाकि उपराज्यपाल के बुलाने पर विचार किया जाएगा।

शिक्षक दिवस : एक करोड़ से अधिक बच्चे सुनेंगे प्रधानमंत्री का उदबोधन

Modi

भोपाल [ TNN ] प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को देश के समस्त शिक्षकों एवं बच्चों को संबोधित करेंगे। उदबोधन का सीधा प्रसारण दोपहर 3 से 4.45 बजे तक दूरदर्शन, आकाशवाणी, एडुसेट तथा वेबकास्ट आदि संचार माध्यम से किया जाएगा। मध्यप्रदेश में कक्षा 12वीं तक के लगभग एक करोड़ शालेय विद्यार्थी एवं 5 लाख 65 हजार शिक्षक प्रधानमंत्री के उदबोधन को सुनेंगे।

मध्यप्रदेश के विद्यालयों में प्रधानमंत्री के भाषण को विभिन्न माध्यमों से शिक्षकों, विद्यार्थियों और शिक्षा अधिकारियों को सुनवाने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से राज्य ने नये निर्देश जारी किये हैं, जिसके अनुसार कक्षा एक से तीसरी तक के बच्चों की उपस्थिति की बाध्यता नहीं होगी। ऐसे विद्यालय, जहाँ विद्यालय परिसर में ही कार्यक्रम को देखने की सुविधा हो, वहाँ कक्षा 4 एवं 5 के विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित हो सकेंगे। बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिकूल मौसम/बारिश की स्थिति में स्थानीय-स्तर पर शाला प्रबंधन समिति द्वारा बच्चों की उपस्थिति के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा।

प्रदेश में अनेक स्थान पर संचालित बालिका छात्रावास, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक छात्रावासों के बच्चे अपने छात्रावास में उपलब्ध टी.वी. पर प्रधानमंत्री का उदबोधन सुन सकेंगे। प्रायवेट स्कूलों में भी प्रधानमंत्री के उदबोधन का सीधा प्रसारण शिक्षकों एवं बच्चों को सुनवाने की व्यवस्था की गई है। प्रायवेट स्कूल प्रसारण के संबंध में आवश्यक व्यवस्थाएँ स्वयं करेंगे। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा कलेक्टर एवं जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को 5 सितम्बर को स्कूलों का संचालन समय दोपहर का निर्धारित करने के निर्देश पहले दिये जा चुके हैं।

जिला एवं विकासखंड मुख्यालय पर एक्सीलेंस स्कूल एवं चयनित प्रायवेट स्कूलों के ऑडिटोरियम में एल.सी.डी. प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रसारण देखा एवं सुना जायेगा। इन संस्थान में जिला एवं विकासखंड स्तरीय शासकीय एवं अशासकीय हायर सेकेण्डरी, हाई स्कूल एवं माध्यमिक शालाओं के शिक्षक तथा कक्षा 6 से 12 के विद्यार्थी उपस्थित रहेंगे। जिला मुख्यालयों पर आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक एवं विकासखंड मुख्यालय पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं बी.आर.सी.सी. को जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।

एक्सीलेंस स्कूलों में संचालित वर्चुअल कक्षाओं में वेबकास्टिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री का उदबोधन शिक्षक एवं विद्यार्थी सुनेंगे। वहीं अन्य हायर सेकेण्डरी, हाई स्कूल, माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक द्वारा शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों के सहयोग से टी.वी. की व्यवस्था कर प्रसारण शिक्षकों और बच्चों को सुलभ करवाया जाएगा। जिन स्कूल में टी.व्ही. की व्यवस्था नहीं होगी वहाँ रेडियो पर भी प्रधानमंत्री का उदबोधन आकाशवाणी केन्द्रों से सुना जाएगा। ग्राम पंचायत मुख्यालय पर, ई-पंचायत के अंतर्गत उपलब्ध टी.वी. पर नजदीकी स्कूलों के बच्चे एवं शिक्षक प्रधानमंत्री का उदबोधन सुनेंगे। यहाँ की व्यवस्थाएँ ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव द्वारा संकुल मुख्यालय के प्राचार्य के माध्यम तथा जन-शिक्षक के सहयोग से की जाएगी।

इसके अलावा शिक्षा विभाग के विभिन्न शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्रों एवं वन विभाग के 52 एडुसेट केन्द्रों तथा वेबकास्ट आदि पर भी प्रसारण की व्यवस्था, प्रशिक्षण संस्थानों, आदिम-जाति कल्याण के स्कूलों तथा वन विभाग द्वारा स्थापित टी.वी. के माध्यम से उपलब्ध होगी। इसमें संस्थान के शिक्षक तथा नजदीकी स्कूलों के बच्चे उपस्थित रहेंगे। अपर मुख्य सचिव एस.आर. मोहन्ती ने सभी कलेक्टर्स को प्रसारण के बाद सहभागी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की संख्या तथा की गई व्यवस्थाओं संबंधी प्रतिवेदन राज्य शिक्षा केन्द्र को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये हैं।

राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्रधानमंत्री का शिक्षकों एवं बच्चों के साथ संवाद को सुनवाने के लिये भोपाल एवं जबलपुर के प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान, समस्त शासकीय शिक्षा महाविद्यालय (डाइट), ई.एल.टी.आई. भोपाल, एस.आई.एस.ई. एवं शासकीय मनोविज्ञान एवं संदर्शन महाविद्यालय जबलपुर और शासकीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य को भी निर्देश दिये हैं। निर्देश में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि प्रधानमंत्री के संबोधन का लाईव टेलीकास्ट दूरदर्शन, केबल टी.व्ही. या डिश एन्टीना द्वारा देखा जा सके।

देश में बिजली संकट ढोलक बजा रहे प्रधानमंत्री : राहुल गांधी

 Rahul Modi

अमेठी [ TNN ] कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी के दौरे पर प्रधानमत्री पर असल मुद्दों से मुंह फेरने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री जापान में ढोलक बजा रहे हैं, लेकिन यहां पर लोगों के पास बिजली नहीं है, पानी नहीं है और सब्जियां भी महंगी बिक रही हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा है कि देश बिजली संकट से जूझ रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री जापान में ढोलक बजा रहे हैं।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘सरकार ने वादे तो बहुत किए थे, लेकिन करप्शन को खत्म करने के लिए अभी कुछ नहीं किया गया। बड़े-बड़े भाषण दिए जा रहे हैं, लेकिन काम नहीं हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि नई सरकार को बने 100 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी कोई काम नहीं किया गया है।

राहुल गांधी दो दिन के अमेठी दौरे पर हैं। आज सुबह अमेठी पहुंचे राहुल ने अपने संसदीय क्षेत्र के तहत पड़ने वाले कुछ गांवों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की। इस दौरान लोगों ने उनके सामने बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं न मिलने की बात उठाई। इसके बाद ही मीडिया के सामने राहुल ने पीएम की यात्रा को लेकर यह टिप्पणी की।

नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट

Delhi High Court

नई दिल्ली [ TNN ] नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म माना जाता है, लेकिन कोई नाबालिग किसी से विवाह कर लेती है और वह विवाह बंधन को बनाए रखना चाहती है तो ऐसी लड़की से उसके पति द्वारा बनाए गए शारीरिक संबंधों को दुष्कर्म नहीं माना जाएगा। यह टिप्पणी दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग व न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की खंडपीठ ने 15 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म के मामले में की है।

खंडपीठ ने आरोपी को राहत प्रदान करते हुए निचली अदालत से बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज कर दी। खंडपीठ ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुमित वर्मा द्वारा दी गई उस दलील को भी सही ठहराया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अनुभाग 2 के तहत यह स्पष्ट किया गया है कि 15 साल से अधिक उम्र की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं माना जा सकता।

जिस समय यह घटना हुई थी उस समय लड़की की उम्र 15 साल चार महीने थी। ऐसे में आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मामला मामले के मुताबिक, एक महिला ने वसंत कुंज थाने में पांच मार्च, 2013 को नाबालिग बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। उसका कहना था कि उसकी बेटी घर से 26 फरवरी को सामान लेने के लिए बाजार गई थी, लेकिन घर वापिस नहीं लौटी।

जिसके बाद पुलिस ने इस मामलें में छह मार्च को लड़की को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बरामद कर आरोपी सुमन दास को गिरफ्तार किया था। पूछताश के दौरान लड़की ने बताया कि उसने सुमन दास के साथ विवाह कर लिया है और सहमति से शारीरिक संबंध बनाए। -एजेंसी

High court of delhi judgment

अभिनेत्री श्वेता बसु हाई प्रोफाइल प्रॉस्टिट्यूशन रैकेट में

Swetha Basu Prasad

हाई प्रोफाइल प्रॉस्टिट्यूशन रैकेट में लिप्त होने के आरोप में बॉलीवुड अभिनेत्री श्वेता बसु प्रसाद को रंगे हाथों पकड़ा गया है। वर्ष 2002 में विशाल भारद्वाज की फिल्म मकड़ी में श्वेता बसु प्रसाद ने डबल रोल किया था। उस वक्त वे सिर्फ 11 साल की थीं। इस परफॉर्मेस के लिए श्वेता को बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट कैटेगेरी में नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिला था।

अब 23 वर्ष की हो चुकी श्वेता को पुलिस ने हैदराबाद के एक होटल से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। हैदराबाद के बंजारा हिल्स पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ इंस्पेक्टर ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा, “श्वेता प्रसाद को रविवार को गिरफ्तार किया गया था और उसे सरकारी रीहैबिलिएशन होम भेज दिया गया है। कुछ ही दिनों में उसे रिमांड पर लिया जाएगा। अगले 10 दिन में चार्जशीट दायर कर दी जाएगी।

एक दैनिक अखबार को दिए स्टेटमेंट में श्वेता ने कहा, मैंने अपने करियर में कुछ गलत फैसले लिए जिसके चलते मैं सड़क पर आ गई। मेरे परिवार और घर खर्च को चलाने के लिए मेरे पास कोई और रास्ता नहीं बचा था। मेरे लिए सारे दरवाजे बंद हो गए थे जब कुछ लोगों ने मुझे पैसा कमाने के लिए प्रॉस्टीट्यूशन में जाने की सलाह दी। मेरे पास और कोई चारा नहीं था, इसलिए मुझे यह काम करना पड़ा। मैं अकेली नहीं हूं जो इस समस्या से जूझ रही हूं और भी कई अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने यह दौर देखा है।

बॉलीवुड से बाहर होने के बाद करीब 8 साल पहले श्वेता ने तेलगू और बंगाली फिल्मों में काम शुरू किया। अब तक वे नागेश कुकनूर की फिल्म इकबाल (2005), वाह! लाइफ हो तो ऎसी (2005), राम गोपाल वर्मा की डरना जरूरी है (2006) और मशहूर टीवी सीरियल कहानी घर घर की और करिश्मा का करिश्मा में काम कर चुकी हैं।

खबर है कि श्वेता पहले भी एक तेलगू चैनल की तरफ से किए गए स्टिंग ऑपरेशन में पकड़ी जा चुकी हें। डेली सोन कहानी घर घर की में श्वेता के पिता ओम की भूमिका निभाने वाले अभिनेता किरण करमरकर ने कहा, “मैं बहुत हैरान हूं। वह मेरी बेटी जैसी थी। मैं दुआ करता हूं कि वह इस परेशानी से जल्दी बाहर आ जाए।

Swetha Basu talks about her sex scandal

विभिन्न राशियों के चार फल , चन्द्र फल

kundliविभिन्न राशियों के चार फल

मेष- सदृढ़ता, व्याभिचारी, कामी
वृष- कन्या, संताति प्रधान, परोपकारी
मिथुन- विद्वान, कामी, शास्त्रज्ञ
कर्क- भोगी, विद्वान, चतुर
सिंह- उदर रोगी, मातृ प्रियता, सुदृढ़ शरीर
कन्या- मिष्ठ भाषी, अच्छा चरित्र
तुला- धार्मिक, आस्तिक
वृश्चिक- व्याभिचारी, धर्महीन
धनु- कला निपुण, नीतिज्ञ, शत्रुदमन, उन्नतिशील
मकर- क्रोधी, लोभी, धार्मिक
कुंभ- नशेड़ी, दुराचारी
मीन- बकवादी, हंसमुख, उदासचित्त।
चन्द्रमा जन्म वुंहृडली के किस भाव में स्थित होकर क्या फल देगा। इसकी विवेचना इस प्रकार है।
– विभिन्न भावों में चन्द्र का फल
प्रथम भाव- सुख स्फुर्तिवान।
द्वितीय भाव- सुन्दरता, धनी, ज्ञान पिपासु।
तृतीय भाव- भाइयों से लगाव, मननशील।
चतुर्थ भाव- सम्मानित, गुणी, सूखी।
पंचम भाव- कन्या संतति प्रधान, मंत्री सलाहकार
छठा भाव- अल्पायु, कफ प्रधान, कर्जदार।
सातवां भाव- कीर्तिवान, सौम्य अभिमानी।
आठवां भाव- इसमें चन्द्र अशुभ माना गया है।
नौवां भाव- धर्मपरायण, उद्यमशील।
दसवां भाव- कार्यकुशल, न्यायप्रिय, दयालु, बुद्धिजीवी।
ग्यारहवां भाव- चंचल, यशस्वी, लोकप्रिय, दीर्घायु।
– अशुभ चन्द्रमा (कृष्ण पक्षीय)
प्रथम भाव- दुःख, चिंता, नेत्र विकार।
द्वितीय भाव- मुख पर दाग, धनी मगर चिंतित।
तृतीय भाव- भाइयों से अलगाव लापरवाह।
चतुर्थ भाव- लम्पट, कामी, मातृसुख में कमी।
पंचम भाव- चंचल सट्टेबाजी।
छठा भाव- चंचल सट्टेबाजी, कर्जदार, नेत्र रोग।
सातवां भाव- जीवनसाथी से चिंतित व चंचल स्वभाव।
आठवां भाव- अस्वस्थता हताश, रोगी, अल्पायु।
नौवां भाव-अपेक्षाकृत, हताशा, रोगी, अल्पायु कामी ईष्यालु।
दसवां भाव- लाभ अपेक्षाकृत कम लाभ।
ग्यारहवां भाव- अपेक्षाकृत ज्यादा अशुभ, (माता या पत्नी से चिंता)।

Stone Neelam : शीघ्र प्रभाव दिखाने वाला रत्न नीलम

neelam ratna– नीलम का प्रयोग –नीलम को शनिवार के दिन पंचधाु या स्टील की अंगूठी में जडऋवाकर विधिनुसार उसकी उपासनादि करके सूर्यास्त से दो घंटे पूर्व मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। नीलम का वजन 4 रती से कम नहीं होना चाहिए। इसे पहनने से पूर्व ओम शं शनैयचराय नमः मंत्र का 23 हजार बार जान करना चाहिए।

– शनि की साढ़ेसाती -यदि शनि जन्म लग्न से या चन्द्र से बारहवीं लग्न पर स्थित हो तो इस पूरे समय को शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है। शनि एक राशि पर ढाई वर्ष रहता है। इस प्रकार तीन राशियों पर उसका भ्रमण साढ़े सात वर्ष में पूरा होता है। यदि किसी व्यक्ति की साढ़ेसाती अनिष्टाहृ हो तो, नीलम अवश्य पहनना चाहिए।
– नीलम से रोगोपचार –आयुर्वेद के अनुसार नीलम तिक्त रस वाला है जो कफ, पित तथा वायु के कष्टों को शमूल नष्ट करता है। इसके अलावा नीलम दीपन हृदय, वृष्प वल्य और रसायन है इसलिए यह मस्तिाहृ की दुर्बलता, क्षय, हृदय रोग, दमा, खांसी, कुष्ठ आदि में अत्यधिक फायदा करता है। नीलम के द्वारा अन्य रोगोपचार

निम्नलिखित हैं:-

– आंखों के रोग – धुंध, जाला, पानी गिरना, मोतियाबिंद आदि में नीलम को केवड़े के जल में घोटकर आंखों में डालने से शीघ्र लाभ होता है।

– पागलपन में नीलम का भस्म रामवाण औषधि है।

– नीलम को धारण करने से खांसी, उल्टी, रक्त विकार, विषम ज्वर आदि स्वतः खत्म हो जाते हैं।

Blue Sapphire  Stone Neelam  Indian Astrology and Numerology




रेलमंत्री सदानंद गौड़ा के बेटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

Karthik Gowda

बैंगलोर [ TNN ] रेलमंत्री सदानंद गौड़ा के बेटे कार्तिक गौड़ा के खिलाफ बैंगलोर की एक कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है। कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री से बलात्कार के मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट न पहुंचने पर गुरुवार को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। कार्तिक पर एक कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री ने बलात्कार और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।

पुलिस ने अभिनेत्री की शिकायत के आधार पर कार्तिक के खिलाफ बलात्कार, विश्वासघात और धोखा देने का मामला दर्ज किया था। गौरतलब है कि रेल मंत्री सदानंद गौड़ा के पुत्र कार्तिक गौड़ा के की एक अन्य लड़की से सगाई होने के बाद इस अभिनेत्री ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

अभिनेत्री ने कार्तिक के खिलाफ शादी का झांसा देकर शारीरिक सबंध बनाने की शिकायत दर्ज कराई है। वहीं गौड़ा परिवार का कहना है कि दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं है।
रेलमंत्री सदानंद गौड़ा के बेटे कार्तिक गौड़ा के खिलाफ बैंगलोर की एक कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है।

कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री से बलात्कार के मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट न पहुंचने पर गुरुवार को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। कार्तिक पर एक कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री ने बलात्कार और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने अभिनेत्री की शिकायत के आधार पर कार्तिक के खिलाफ बलात्कार, विश्वासघात और धोखा देने का मामला दर्ज किया था।

गौरतलब है कि रेल मंत्री सदानंद गौड़ा के पुत्र कार्तिक गौड़ा के की एक अन्य लड़की से सगाई होने के बाद इस अभिनेत्री ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अभिनेत्री ने कार्तिक के खिलाफ शादी का झांसा देकर शारीरिक सबंध बनाने की शिकायत दर्ज कराई है। वहीं गौड़ा परिवार का कहना है कि दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं है ।- एजेंसी

Rail Minister Sadananda Gowda’s son faces arrest over rape charges

 

Taarak Mehta team’s fun and masti at Hongkong

Taarak Mehta team

Asit Kumarr Modi’s successful hilarious comedy Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah has achieved another milestone. This very popular and thoroughly enjoyed fun show is the first Indian daily show to take its story to Disneyland. “Taking the show to Disneyland was a planned move. We have family audience and everybody wonders about this place – how it is, what kind of rides are there, how much fun one can have, its visual delight and entertainment treat – all the while.

So we decided to give them a clear experience through their favorite characters. We are showing everything in details. This storyline will last for some time so that the viewers can enjoy this place in detail,” says Asit Kumarr Modi. He adds, “Television has a better deeper reach and everyday audience gets carried into the life of their favorite characters. What they see in film is short term but what they are handed out on television remains longer. Taarak team in Disneyland in Hongkong will be the running track for more than 2 weeks. Later they will catch it again on reruns. Naturally they will be entertained better and they will connect better with the show as well as the place.”

 Story starts when children of Gokuldham society take part in a competition and they win a trip to Disneyland in Hongkong. So naturally all of their families also accompany them and we get to see all characters like Bapu ji, Babita, Tappu Sena, Jethalal, Daya, Bhide, dr & Mrs Hathi, Sodhi & Roshan and even Asit  Kumarr Modi gallivanting and enjoying the rides in Disneyland. Jetha family even gets the honor of opening the gates at the gate opening ceremony in Disneyland.

When Aiyyer is left behind in India by mistake Jetha is very happy. However, he gets bogged down with responsibility when Bhide hands over the well being of all members to him. Will society members enjoy their trip or as usual they will have goof ups and confusion even in Disneyland!! 

 Adds Dilip Joshi, “we had lots of fun. It was a perfect change for everybody and there was a new life in all the actors. Hope Asit ji will do this regularly.” Crackles Daya, “hay ma maataji….. itna maza aaya..

the HongKong shoot was been a picnic for us stress-busting and refreshing and we enjoyed lot .”

 REPORT-Mayank Mishra

महिला जगत : शान बढ़ाते फुटवियर

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अधिकतर महिलाओं को डिजाइनर फुटवियर पहनना बहुत अच्छा लगता है फिर चाहे ये कोई हाई हील वाले शूज हों या पेंसिल हील सैंडिल। आजकल फुटवियर के एक से एक खूबसूरत व्हेरायटी मार्वेहृट में मौजूद भी हैं, जिन्हें देखते ही खरीद लेने का मन करता है। अक्सर आपके साथ यह होता भी होगा कि आप सामान कुछ लेने गई हैं और आपको पसंद आ जाती है एक स्टायलिश सैंडिल तो बस आप रुक नहीं पाती हैं और कहीं भी, किसी भी वक्त तैयार हो जाती हैं ढेर सारे जूते खरीदने को। आजकल तो बहुत सी महिलाओं की हॉबी बनती जा रही है फुटवियर शॉपिंग।

एक अध्ययन में भी पाया गया है कि 25 लाख महिलाएं ऐसी हैं, जो महीने भर में लगभग 30 जोड़े सैंडिल तो खरीद ही लेती हैं। वैसे भी हर डे्रस के साथ मेंचिंग शूज तो चाहिए ही, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि आप इन पर पैसा बर्बाद कर रही हैं। कोई ऐसा सैंडिल खरीदें जो मल्टीकलर हो जिससे वह आपकी अधिकतर साडि़यों से मैच करती हुई हों। सैंडिल लेते या पहनते समय एक बात का ध्यान जरूर रखें कि आप किस प्रकार की ड्रेस के लिए सैंडिल की खरीददारी कर रही हैं क्योंकि ट्रेडीशनल ड्रेस के साथ ड्रेडीशनल सैंडिल और मॉडर्न ड्रेस के साथ स्टाइलिश लुक वाले सैंडिल ही पहनने चाहिए। और ऐसा न करें कि सिर्फ फ्लैट शूज पहन रही हैं तो सभी तरह के परिधानों पर वहीं पहने जा रही हैं।

होना यह चाहिए कि फ्लैट से लेकर हाई हील बूट या शूज भी टाई करके देखिए। फेशनेबल दिखना हो और स्टाइल स्टेटमेंट बनना हो तो वैसे भी शूज से बढ़कर भला और क्या हो सकता है। आज अनगिनत डिजाइन और कलर में आपको शूज मिल जाएंगे। फ्लैट से कलर हाई हील और प्लेटफार्म हील तक मार्वेहृट में एक से एक मौजूद हैं। ऐसे कितने ही इंटरनेशनल ब्रांड्स हैं जिनके आउटलेट्स इस समय हर बड़े बाजार में हैं।

फुटवियर में भी इस समय जबर्दस्त वेरायटी है। पंप, फ्यूल्स, फ्लिप-फ्लॉप, केक हील, बूट, फ्लैट इन सभी के अलग-अलग स्टाइल्स मार्वेहृट में हैं। हर अवसर के लिए अलग फुटवियर, अलग स्टाइल। अगर आप आराम पसंद करते हैं और जींस कैपरी जैसी वेस्टर्न ड्रेसेज पहनती हैं तो फिर इनके साथ पहनने के लिए स्पोट्र्स शूज खरीदें। इनकी ढेरों वेराटी मिल जाएगी। आजकल पिंक और व्हाइट के काम्बिशन वाले शूज की बेहद मांग है। इसे आप अपरी कैपरी और जांतस के साथ तो पहन ही सकती हैं। चाहें तो कभी कभार चूड़ीदार शूज के साथ भी ट्राई कर सकती हैं। वैसे भी स्टाइल बनाना तो आपका ही काम है।

कैसे करें मेकअप

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मेकअप सही हो तो हर चेहरा खूबसूरत लगता है। बस जरूरत है सही टेकनीक की। मेकअप से किसी भी खूबसूरती बढ़ जाती है। बशर्ते की मेकअप तरीके से किया गया हो। सच तो यह है कि मेकअप करना एक कला है, परिधन और स्किन से मैच करता मेकअप सुंदरता बढ़ा देता है।

फाउंडेशन और पाउडर चेहरे पर फाउंडेशन सामन्य रूप से लगाएं, अन्यथा चेहरा पुता हुआ महसूस होता है। पूरा मेकअप एक ही फैमिली के रंग से करें। फाउंडेशन अच्छी तरह से फैलाएं, पैच इत्यादि न पड़ने दें। इसे साफ और मॉस्चराइजरयुक्त चेहरे पर ही लगाएं। स्पॉन्ज का इस्तेमाल करें। फाउंडेशन कोहाथ में न लेकर स्वच्छ स्पॉन्ज में लगाएं और फिर अंगुलियों के ऊपरी भाग की सहयता से चेहरे पर गोलाई में लगाएं।

फाउंडेशन का वहीं शेड लें, जो आपकी त्वचा पर चमके नहीं फाउंडेशन अपनी हेयरलाइन, कानों, लॉलाइन, गर्दन, पलकों और होठों पर लगाना ना भूंले। फाउंडेशन के बाद पाउडर लगाएं, यह फाउंडेशन को सेट करने में मदद देता है तेल सोख लेता है और चेहरे पर एकसार सा दिखाई देता है। जब चेहरे पर तेल नजर आए तो पाउडर न लगाएं, पैच नजर आने लगते हैं। थिक फाउंडेशन में लाइट पॉस्चराइजर मिलाएं, अच्छा परिणाम निकलेगा। यदि आपका रंग सांवला है तो थोड़ा फेस पाउडर भी इस्तेमाल करें। यदि चेहरे पर मुहांसे हैं तो चेहरे पर एलोवीरा जैसे नेचुरल तत्व इस्तेमाल करें।

Health : Sex hormones linked to sudden cardiac arrest

DEMO- PIC
DEMO- PIC

In what could lead to prevention of sudden cardiac arrest, a study led by an Indian-origin cardiologist has found that levels of sex hormones in the blood are linked to the heart rhythm disorder.

Measuring the levels of sex hormones in patients’ blood may identify patients likely to suffer a sudden cardiac arrest, the findings showed.

Higher testosterone (the predominant male sex hormone) levels in men may offer protection from sudden cardiac arrest and lower levels of estrogen (the major female sex hormone) may protect both men and women.

“This is the first time it has been reported that there is an association between sex hormone levels and sudden cardiac arrest,” said lead researcher Sumeet Chugh, director of the heart rhythm centre at Cedars Sinai Heart Institute in the US.

Cardiac arrest which comes with little or no warning is fatal in 95 percent of patients.

Up to five million people worldwide die from this heart rhythm disorder every year.

Researchers measured blood hormone levels in 149 patients who had a sudden cardiac arrest, comparing them with levels of 149 patients who had coronary artery disease but did not have sudden cardiac arrest.

While lower levels of testosterone were found in men who had a sudden cardiac arrest, higher levels of estrogen were strongly associated with greater chances of having a sudden cardiac arrest in both men and women.




Hrithik-Katrina’s sizzling romance in Bang Bang song

 Hrithik Roshan can never do anything wrong. Or so it seems from Meherbaan, the new song from his forthcoming film Bang Bang.

Released on Wednesday, the song is just the kind of number that would make every romantic go weak at the knees.

Composed by Vishal-Shekhar and penned by Anvita Dutt, Ash King, Shilpa Rao, Shekhar Ravjiani have lent their voices to the song.

With lines like “aankhon me tere chupte armaan main dhundhtaa hoon, bus tu soche aur poore main kar doon”, “humko lagta hai kuch dinon se ab, tu ibaadat hai, tu hi hai mazhab”, Meherbaan could be the perfect romantic song you could dedicated to your loved one!

With the video shot in beautiful locations and the sizzling chemistry of Katrina and Hrithik, Meherbaan is a is a visual treat. Directed by Siddharth Anand, Bang Bang is slated to hit theatres on 2nd October.

SC asks Nithyananda to undergo potency test in 2010 rape case

nithyananda swami scandal

New Delhi, Controversial self-proclaimed godman Nithyananda will have to undergo potency test in a 2010 rape case with the Supreme Court on Wednesday dismissing his plea challenging the Karnataka High Court’s order directing him to take the medical test.

A bench headed by Justice Ranjana Prakash Desai refused to give any relief to Nithyananda.

The bench while hearing the case had on August 20 questioned the controversial godman for his reluctance to undergo the test, saying such examinations are becoming necessary day-by-day in view of rise in rape cases.

The bench had also said that there is no reason why an accused in a rape case should not be subjected to potency test and had questioned the police for delay in conducting the test in the 2010 case.

The apex court had on August 21 reserved its verdict on Nithyananda’s plea.

Karnataka High Court had on August 1 stayed the non-bailable arrest warrant issued by a Ramanagaram court against Nithyananda and four of his followers in connection with the case.

The high court had directed Nithyananda to present himself before the investigating officer for the medical test and also to appear before the Chief Judicial Magistrate (CJM), Ramanagaram, on August 18.

It had passed the order on the petitions filed by Nithyananda and his followers questioning the July 28 order of the CJM.

They had claimed that the CJM was not justified in issuing the non-bailable arrest warrant against them as the high court in its July 16 order did not direct them to be present before the CJM on July 28 but it was the date given for the trial court to commence hearing in the rape case, which was pending from four years.

In its July 16 order, the high court had upheld the 2012 order of the CJM, who had allowed the plea of the Criminal Investigation Department to subject Nithyananda to medical test to find out whether or not he was capable of having sexual intercourse, and also to collect his blood and voice samples.

Observing that Nithyananda had been granted regular bail, the high court in the July 16 order had made it clear that he should be taken into custody only for the limited purpose of subjecting him to medical test and for collecting voice and blood samples, if he voluntarily failed to appear before the investigating officer.
with PTI

पैगंबर मोहम्मद साहब की कब्र के नष्ट होने का खतरा !

madina

रियाद [ TNN ] इस्लाम में सबसे धार्मिक स्थलों में से एक-पैगंबर मोहम्मद साहब की कब्र के नष्ट होने का खतरा है। दरअसल, सऊदी अरब सरकार उनके शव को एक अज्ञात क्रब में दफनाना चाहती है। हालांकि, सरकार के ऎसा करने से मुस्लिम देशों मे तीखी प्रक्रिया हो सकती है।

एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर के अनुसार, यह विवादास्पद प्रस्ताव उस सऊदी अकादमी के प्रस्तावित प्रलेखन का हिस्सा हैं जिन्हें मदिना स्थित अल मस्जिद अल नवाबी मस्जिद के निरीक्षकों को सौंपे गए हैं। इसी मस्जिद में मोहम्मद साहब के अवशेष हैं और दुनियाभर से लाखों लोग यहां आते हैं।

इस्लाम में यह मस्जिद दूसरी सबसे धार्मिक स्थल है। इस मस्जिद के विधिवत संरक्षक सऊदी अरब के राजा अब्दुल्ला हैं। मुहम्मद साहब को दूसरी जगह दफनाने की व्यवस्था को प्रकाश में देश की दूसरी अकादमी सामने लेकर आई है जो मुस्लिम देशो के लिए सबसे धार्मिक मक्का में धार्मिक जगहों को तोड़े जाने का विरोध करती आ रही है।

अकादमी मोहम्मद साहब की कब्र के आस-पास स्थित सदनों को तोड़े जाने का भी विरोध कर रही है क्योंकि शिया मुसलमान इन सदनो को काफी मानते हैं।

61 पेजों के दस्तावेज में मोहम्मद साहब के अवशेष्ाों को मस्जिद के पास ही स्थित अल बाकी कब्रिस्तान ले जाने का जिक्र है जहां उन्हें गुप्त तरीके से दफनाने की बात कही गई है।

मोहम्मद साहब की मस्जिद शिया और सुन्नी मुसलमानों के लिए एक समान महत्वपूर्ण है। इस्लामिक हेरिटेज रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक डॉक्टर इरफान अल अलावी का कहना है कि सरकार अगर ऎसा काम करती है तो दुनियाभर के मुसलमान विरोध में उतर आएंगे। यही नहीं, इस्लाम के दोनों सम्प्रदाय एक दूसरे के खिलाफ हिंसा पर उतर आएंगे।

वहीं, देश के कट्टरपंथी धार्मिक नेताओं का कहना है कि इस्लाम में बुत परसती मना है। डॉक्टर अलावी का कहना है कि दुनियाभर से लाखों लोग इस मस्जिद के उन कमरों को देखने आते हैं जहां मोहम्मद साहब अपने परिवार के साथ रहते थे।

डॉक्टर अलावी ने कहा कि धार्मिक नेता अब चाहते हैं की लोग यहां नहीं आएं क्योंकि ऎसा करना बुत परसती है। मोहम्मद साहब को यहां से निकाल कर उन्हें दूसरी जगह दफनाकर वे लोग दुनियाभर से आने वाले लोगों को यहां आने से रोकना चाहते हैं। – एजेंसी 

स्ट्रग्लिंग अभिनेत्री ने की फांसी लगाकर आत्महत्या

hauntedमुंबई [ TNN ] स्ट्रग्लिंग अभिनेत्री सैयम खन्ना उर्फ मोना खन्ना ने रविवार सुबह घर में ही पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खन्ना के यारी रोड फ्लैट में उनकी बहन रिया ने सबसे पहले उनका शव देखा। 28 वर्षीय सैयम ने फिल्म “द हॉन्टिड हाउस” में अभिनय किया है और वे अपनी फिल्म “द लास्ट हॉरर” की रिलीज का इंतजार कर रहीं थीं।

पुलिस के मुताबिक घटना से एक दिन पहले 30 अगस्त को सैयम ने अपनी बहन को बाजार सब्जी लेने भेजा था। रिया देहरादून में पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन 22 जुलाई को वे मुंबई अपनी बहन के साथ रहने के लिए आई थीं और तब से यहीं थीं। दोनों के माता-पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है।
रिया के घर से जाने से पहले सैयम ने उसे गले से लगाया था और उससे कहा था कि वह उससे बहुत प्यार करती है। उसने रिया से कहा कि सब्जी लाकर वह खाना खा ले और सो जाए और उसे परेशान न करे क्योंकि वह सोने जा रही है। रिया बाजार से आई और देर रात तक टीवी देखती रही। इस बीच रिया ने सैयम के कमरे से फिल्म रॉकस्टार का गाना “तुम हो” की भी आवाज सुनी।

उसे लगा कि उसकी बहन सो गई है और उसका आईपॉड चालू रह गया है। वह आईपॉड बंद करने उसके कमरे में गई तो देखा कि सैयम ने पंखे से लटककर फांसी लगा ली है। रिया ने तब पुलिस को बुलाया। पुलिस ने कहा कि अभिनेत्री ने पीछे एक सुइसाइड नोट छोड़ा है जिसमें उसने अपनी मौत के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है और यह भी कहा है कि उसकी मृत्यु के बाद किसी से सवाल न किए जाएं।

नोट में लिखा है कि वह आत्महत्या करना चाहती थीं और वे अपनी बहन से बहुत प्यार करती हैं। सैयम ने आईपैड से अपने जीमेल अकाउंट पर यह नोट ईमेल किया था। उधर सैयम की बहन का कहना है कि वह इतना बड़ा कदम कभी नहीं उठा सकती और उसे आत्महत्या करने पर उसके बॉयफ्रेंड ने ही मजबूर किया है।

रिया के मुताबिक सैयम का बॉयफ्रेंड जाने माने अभिनेता का बेटा है और उसे आए दिन प्रताडित करता था। वह उसे नजरअंदाज किया करता था जिस वजह से सैयम अपसेट रहती थी। रिया ने कहा,

“मेरी बहन अपने बॉयफ्रेंड से बहुत प्यार करती थी लेकिन वह उसे नजरअंदाज करता था। उसकी मौत से पहले शाम को वह उससे मिलने भी गई थी। जब वह वापिस आई तो काफी डिप्रेस्ड लग रही थी। उसे हमेशा अपने बॉयफ्रेंड की चिंता रहती थी, लेकिन वह उसे सीरियसली नहीं लेता था। मुझे लगता है कि इस मीटिंग के ही दौरान जरूर कुछ ऎसा हुआ है जिससे सैयम ने ऎसा कदम उठाया।”

सैयम के फोन से आखिरी फोन भी उसके बॉयफ्रेंड को ही किया गया है। हालांकि रिया इस मामले में पुलिस केस दर्ज नहीं करवाना चाहती। रिया ने कहा, “मैं अकेली रह गई हूं और अब मेरा कोई परिवार भी नहीं है। मैं सच जानती हूं लेकिन अपनी बहन को न्याय दिलाने के लिए लड़ नहीं सकती। अगर मैं उसके बॉयफ्रेंड का नाम लूंगी तो पुलिस मेरी बहन और मेरे ही खिलाफ सवाल उठाने शुरू कर देगी। इस सिस्टम से लड़न बहुत मुश्किल है और मैं यह अकेले नहीं कर सकती।”

उधर वर्सोवा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर अरूंधति राणे ने कहा, “सैयम उदास थी क्योंकि उसे काम नहीं मिल रहा था। उसके आत्महत्या करने के पीछे यही कारण हो सकता है। अब तक हमने उसके आईपैड सीज कर लिया है जिसमें उसका सुइसाइड लैटर है और उन्य सामान भी सीज किया है। शुरूआती जांच में इसे एक्सिडेंटल डेथ ही माना गया है। जांच अभी जारी है।”

 

 

नितिन गडकरी ने मनरेगा में किए अभूतपूर्व बदलाव

NREGAनई दिल्ली [ TNN] गंभीर सूखे और सूखे जैसे हालात या अभाव से निपटने के लिए, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी ने आदेश दिया है कि जिला स्तर पर एजेंसीज द्वारा लिए जाने वाले श्रमिकों में से 50 फीसदी को चेक डेम संरक्षण, पारंपरिक जल स्रोतों, छोटे तालाबों और नहरों से गाद निकालने के काम में लगाया जाएगा। यह निर्णय संदस सदस्यों और स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को भ्रष्टाचार का गढ़ कहे जाने के बाद लिया गया। मनरेगा के बारे में कहा जाने लगा था कि इस ग्रामीण रोजगार योजना से किसी प्रकार की उत्पादक संपत्ति का निर्माण नहीं हो रहा है।

एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए मंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के कार्यों के लिए दिहाड़ी श्रमिकों और मशीनरी के संयोजन की आवश्यक होती है। इसमें कुशल घटकों की भागीदारी 49 फीसदी तक बढ़ गई है। कुशल भागीदारी को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किए जाने का प्रावधान राज्यों को अधिकार संपन्न बनाता है। यदि वे चाहें तो चेक डेम, छोटे सिंचाई तालाबों का काम मशीन से कर सकते हैं और बाकी 51फीसदी का भुगतान वो दिहाड़ी मजदूरी के रुप में कर सकते है।

मंत्री ने आगे कहा कि यदि राज्य कुशल भाग को 40 फीसदी तक सीमित रखना चाहते हैं तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। संसद सदस्यों और जल संरक्षण से जुड़े राजेंद्र सिंह और पोपट राव पंवार जैसे गैर सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इन बदलावों का स्वागत किया है। उनका कहना है कि मनरेगा में इस प्रकार के बदलावों के जरिए जल संरक्षण के लिए ढ़ांचा विकसित होगा जो सूखे और जल संकट से निपटने में मदद करेगा।

मंत्री ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को निर्देश दिया है कि राज्य सरकारों को किए जाने वाले सभी कोष हस्तांत्रण ई-पेमेंट प्लेटफॉर्म के जरिए समय से किए जाएं जिससे कि मजदूरी के भुगतान में एक सप्ताह से अधिक की देरी नहीं हो।

study : Women use mobiles to build relationships, men for entertainment

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Women are more likely to use cellphones for texting or emails to build relationships and have deeper conversations, while men prefer using their devices for entertainment purposes and accessing social networking sites, a new US study has found.

Women college students spend an average of 10 hours a day on their cellphones and men college students spend nearly eight, with excessive use posing potential risks for academic performance, researchers from Baylor University said.

“As cellphone functions increase, addictions to this seemingly indispensable piece of technology become an increasingly realistic possibility,” said researcher James Roberts, The Ben H Williams Professor of Marketing in Baylor’s Hankamer School of Business.

The study noted that approximately 60% of college students admit they may be addicted to their cellphone, and some indicated they get agitated when it is not in sight.

The study – based on an online survey of 164 college students – examined 24 cellphone activities and found that time spent on 11 of those activities differed significantly across the sexes.

Some functions – among them Pinterest and Instagram – are associated significantly with cellphone addiction. But others that might logically seem to be addictive – Internet use and gaming – were not.

Of the top activities, respondents overall reported spending the most time texting (an average of 94.6 minutes a day), followed by sending emails (48.5 minutes), checking Facebook (38.6 minutes), surfing the Internet (34.4 minutes) and listening to their iPods (26.9 minutes).

Men send about the same number of emails as women but spend less time on each.

“That may suggest that they’re sending shorter, more utilitarian messages than their female counterparts,” Roberts said.

Women may be more inclined to use cellphones for social reasons such as texting or emails to build relationships and have deeper conversations, the study suggested.

The men in the study, while more occupied with using their cellphones for utilitarian or entertainment purposes, “are not immune to the allure of social media,” Roberts said.

They spent time visiting such social networking sites as Facebook, Instagram and Twitter. Among reasons they used Twitter were to follow sports figures, catch up on the news – “or, as one male student explained it, ‘waste time,'” Roberts said.

The study was published in the Journal of Behavioral Addictions.

जोलो ने प्ले 8एक्स-1100 स्मार्टफोन को कीमत 14,999 रुपए

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अपनी प्ले सीरीज में भारतीय स्मार्टफोन कंपनी जोलो ने एक और स्मार्टफोन जोड़ा है। खासतौर से गेम्स के शौकीन व बेहतरीन फोटोग्राफी पसंद करने वाले ग्राहकों के लिए प्ले 8एक्स-1100 स्मार्टफोन लांच किया गया है। इस नए स्मार्टफोन के लांच होने के साथ अब प्ले सीरीज में कुल 3 स्मार्टफोन हो गए हैं।

 जोलो ने प्ले 8एक्स-1100 स्मार्टफोन को 14,999 रुपए की कीमत पर मार्केट में उतारा है। स्मार्टफोन में 5 इंच आईपीएस डिस्प्ले, 1.7 गीगा हर्ट्ज ऑक्टा-कोर प्रोसेसर, 2जीबी रैम, 700 मेगा हर्ट्ज माली जीपीयू व एंड्रायड 4.4 किटकैट मौजूद है। स्मार्टफोन को खासतौर पर गेमिंग के लिए बनाए जाने पर ध्यान देते हुए इसमें ‘जायरोस्कोप’ सिस्टम डाला गया है जिसकी बदौलत सिक्स-एक्सिस मोशन गेमिंग का आनंद उठाया जा सकता है।

 यह बाकी तकनीकों से काफी अच्छा माना जा रहा है। स्मार्टफोन में गूगल प्ले स्टोर के साथ-साथ जोलो का प्ले स्टोर भी है जिसकी मदद से ग्राहक ढेर सारे गेम्स को मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। मुफ्त गेम्स के अलावा कुछ गेम्स पर कीमत भी अदा करनी होगी लेकिन वो भी जोलो की ओर से कुछ प्रतिशत की छूट के साथ मौजूद हैं। गेम्स के अलावा फोटोग्राफी का भी कंपनी ने काफी ध्यान रखा है।

 स्मार्टफोन में 13 मेगापिक्सल रियर कैमरा, एक्समॉर सेंसर व 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा मौजूद है। यह सभी विशेषताएं आपके फोटोग्राफी अनुभव को बेहतरीन बनाने के लिए काफी हैं। इसके साथ ही कंपनी की ओर से फाइल शेयर करने की एक खास तकनीक ‘फॉटनॉट’ भी उपलब्ध कराई गई है।

 जिसकी मदद से दो स्मार्टफोन को साथ में रखने पर साधारण ब्लूटूथ से फाइल शेयर की स्पीड की तुलना में 5 गुणा तेजी से डाटा ट्रांसफर हो जाता है। इसके अलावा स्मार्टफोन 2100 एमएएच लीथियम आयन बैटरी, 16जीबी इंटरनल मेमोरी व कनेक्टिविटी की सभी सुविधाएं से लैस है।

पॉर्न ऐक्ट्रेस का ‘स्टॉप! एड्स’ कैंपेन ब्रेस्ट दबाओ और दान दो

Boob-end Charity Campaignतोक्यो [ TNN ] जापानी पॉर्न ऐक्ट्रेसेस ने एड्स की रोकथाम के लिए ‘बूब-एड चैरिटी कैंपेन’ चलाया। फैंस पॉर्न ऐक्ट्रेस के ब्रेस्ट को दबा सकते थे और इसके बदले उन्हें इस कैंपेन के लिए दान देना था। इसके जरिए हजारों डॉलर जुटाए गए।

इस कैंपेन को एड्स के मरीजों के लिए फंड जुटाने के उद्देश्य से चलाया गया था। यह 24 ऑवर ‘स्टॉप! एड्स’ कैंपेन का हिस्सा था। बिजनस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक पीले रंग की कैंपेन की टीशर्ट पहने 9 पॉर्न स्टार्स ने काफी पैसे जुटाए। इन पॉर्न स्टार्स ने अपने टीशर्ट को उठाकर लोगों को उनके ब्रेस्ट को दबाने की इजाजत दी और दान करने को कहा।

इन पॉर्न ऐक्ट्रेस के ब्रेस्ट को सावधानीपूर्वक दबाने वाली फैंस की भीड़ में महिलाएं काफी कम संख्या में दिखी। रिपोर्ट के मुताबिक यह इवेंट रविवार दोपहर तक जारी रहा और 12 घंटे में 4100 लोगों ने इसमें शिरकत की।

इस कैंपने में भाग लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति से 1000 (10 डॉलर) येन मिलने का संभावना है। इस तरह कुल 40,000 डॉलर से ज्यादा फंड मिलने की संभावना है। इससे मिलने वाली पूरे फंड के आंकड़ें आना अभी बाकी है। रिपोर्ट के मुताबिक बूब-एड कैंपने की शुरुआत वर्ष 2003 में की गई थी और इस वर्ष यह इसका 12वां साल है। इसका आयोजन जापान फाउंडेशन फॉर एड्स प्रिवेंशन द्वारा किया जाता है।

अडल्ट मूवी की ऐक्ट्रेसेस किसी अच्छे काम के लिए आयोजित हुए इस कैंपेन में भाग लेकर खुश हैं। इस इवेंट के पहले रीना सेरिना ने तोक्यो स्पोर्ट्स न्यूजपेपर को बताया, ‘मुझे उम्मीद है कि मेरे ब्रेस्ट को कई लोग पसंद करेंगे। लेकिन मुझे खुशी होगी अगर आप इसे आराम से करें।’

पॉर्न ऐक्ट्रेस इकु सकुरागी ने कहा, ‘इन्हें दबाइए, दान कीजिए और खुश रहिए।’ चैरिटी के इस क्रिएटिव तरीके से एड्स की रोकथाम के लिए फाउंडेशन को फंड जुटाने में सहायता मिली।