30.2 C
Indore
Thursday, April 18, 2024

शिक्षा के दुश्मन, पाषाण युग के यह हिमायती?

a-catholic-school-attackमानव जीवन के विकास में शिक्षा का कितना महत्व है यह हम सभी भलीभांति जानते हैं । अज्ञानी तथा निरक्षर व्यक्ति की तुलना आमतौर पर पशुओं से की जाती है। समाज को शिक्षित करने हेतु वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों की सरकारें जहां तरह-तरह की योजनाएं बनाती रहती हैं और निरक्षरता को समाज से दूर करने का निरंतर प्रयास करती रहती हैं वहीं मुट्ठी भर सिरफिरे लोग ऐसे भी हैं जो स्वयं तो निरक्षर हैं ही साथ-साथ वे समाज को भी साक्षर होते नहीं देखना चाहते। ऐसे तत्वों को अथवा ऐसी प्रदूषित सोच रखने वालों को यदि पाषाण युग का हिमायती कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा।

आज पूरा विश्व इस बात को लेकर एकमत है कि समाज के विकास के लिए पुरुषों से अधिक महिलाओं का खासतौर पर साक्षर एवं शिक्षित होना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि एक शिक्षित महिला अपने बच्चों को आसानी से शिक्षित बना सकती है तथा अपने परिवार को शिक्षा हेतु वातावरण उपलब्ध करा सकती है। परंतु कितने अ$फसोस की बात है कि वर्तमान प्रगतिशील दौर में जहां पूरी दुनिया में शिक्षा के प्रचार-प्रसार की भरपूर कोशिशें की जा रही हों खासतौर पर महिलाओं को शिक्षित बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे हों वहीं कुछ रूढ़ीवादी सोच रखने वाले चरमपंथी शिक्षा के प्रचार-प्रसार का इस हद तक विरोध कर रहे हैं कि शिक्षण संस्थाओं को आग के हवाले करने, उन्हें बम धमाकों के द्वारा ध्वस्त करने,स्कूल जाने वाले बच्चों में दहशत फैलाने की गरज़ से उन बच्चों पर गोलियां चलाने तथा उनकी हत्याएं करने यहां तक कि मासूम लड़कियों पर जानलेवा हमला करने तक से बाज़ नहीं आ रहे हैं। ज़ाहिर है यदि ऐसे राक्षसी व दुष्चरित्र लोगों से यह पूछा जाए कि शिक्षा के प्रचार-प्रसार के विरोध का कारण क्या है तो इनके पास इस सवाल का कोई मा$कूल जवाब नहीं है।

आंकड़ों के अनुसार 2014 तक पाकिस्तान-अफगानिस्तान के सीमावर्ती फ़ाटा क्षेत्र में तालिबानी चरमपंथियों द्वारा लडक़ों के 317 तथा लड़कियों के 141 शिक्षण संस्थानों को ध्वस्त कर दिया गया। आतंकियों की इस शिक्षा विरोधी हिंसक मुहिम के दौरान दर्जनों स्कूल शिक्षक,बच्चे तथा स्कूल के चौकीदार मारे गए। मलाला युसुफ ज़ई इसी क्षेत्र की ऐसी ही एक लडक़ी का नाम है जिसको शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने खासतौर पर महिलाओं को शिक्षित बनाए जाने के विरोध में आतंकवादियों ने 9 अक्तूबर 2012 को अपनी गोली का निशाना बनाया था। मलाला को निशाना बनाने के बाद इन मानवता विरोधियों ने पुन: अपना कथन दोहराया कि वे शिक्षा के प्रसार खासतौर पर महिलाओं को शिक्षित किए जाने का विरोध करते रहेंगे। परंतु जि़ंदगी मौत के बीच लंबी लड़ाई लड़ते हुए मलाला ने आखिरकार मौत पर फतेह पाई तथा गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वह स्वस्थ होने के बाद पुन: अपने शिक्षा के प्रसार के मिशन में जुट गई।

आखिरकार दुनिया को उसकी हिम्मत और हौसले के आगे नतमस्तक होना पड़ा और उसे विश्व के सर्वोच्च नोबल शांति पुरस्कार सहित विश्व के और अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों व मान-सम्मानों से नवाज़ा गया। जिस समय मलाला पर 9 अक्तूबर 2012 को एक स्कूल बस में स्वात जि़ले में उसका नाम पूछकर उसपर एक आतंकवादी द्वारा तीन गोलियां दागी गईं तथा उसके चेहरे तथा उसके कंधे को क्षत-विक्षत कर दिया गया उसके मात्र तीन दिन बाद ही 12 अक्तूबर को पाकिस्तान के 50 प्रतिष्ठित उलेमाओं के एक समूह ने उन चरमपंथियों के विरुद्ध फतवा जारी किया तथा इस प्रकार की हिंसक कार्रवाई को गैर इस्लामी कार्रवाई बताया।

परंतु शिक्षा के प्रसार व मानवता के यह दुश्मन जो विकास तथा प्रगति को फूटी आंखों से भी नहीं देखना चाहते उन्होंने न तो अपने विरुद्ध जारी किए जाने वाले किसी फतवे की कभी परवाह की न ही सुरक्षा बलों से कभी भयभीत हुए। स्वात क्षेत्र में फैलाई गई इनकी दहशत का ही नतीजा है कि आज इस इलाके की मात्र दो प्रतिशत लड़कियां ही स्कूल जा पाती हैं। हद तो यह है कि खैबर एजेंसी जि़ले के लंडी कोटल क्षेत्र में स्थित एक स्कूल की सुरक्षा के लिए बखतक नवाज़ नामक एक 27 वर्षीय युवक को लगभग तीन सौ लड़कियों के एक प्राईमरी शैक्षिणक संसथान की रक्षा के लिए पाकिस्तान से 60 कुत्ते किराए पर लाने पड़े जो आतंकियों से स्कूल की इमारत की रक्षा कर सकें।

शिक्षा का विरोध करने वाले इन चरमपंथियों को समाज के शिक्षित होने से मुख्यतया इसी बात का भय है कि शिक्षित समाज के लोग जागरूक हो जाते हैं तथा इन चरमपंथियों के बहकावे में नहीं आते हैं। शिक्षित लोग इनकी किसी कथित जेहादी मुहिम में शरीक होना पसंद नहीं करते। वे मानव बम बनने के लिए तैयार नहीं होते। शिक्षित समाज के लोग अपने कंधे पर बंदूक़ें रखकर पहाड़ों व गुफाओं में रहना तथा नशीले सामानों की तस्करी करने से गुरेज़ करते हैं। चरमपंथियों को इस बात का भी भय सताता है कि शिक्षित समाज प्राय: कट्टरपंथी विचारधारा से दूर रहता है तथा प्रगतिशील, उदारवादी व सेक्यूलर सोच का हिमायती बन जाता है। कट्टरपंथियों व चरमपंथियों की यही चिंताएं शिक्षा का प्रचार-प्रसार नहीं होने देतीं।

यही तालिबानी विचारधारा अर्थात् शिक्षा के प्रचार-प्रसार के विरोध की भावना अब दुर्भाग्यवश भारतीय कश्मीर में भी नज़र आने लगी है। जिस कश्मीर राज्य के एक होनहार नवयुवक ने संघ लोक सेवा आयोग जैसी भारत की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर पूरे राज्य के युवकों के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत किया हो उसी राज्य में तालिबानी तजऱ् पर चलते हुए शिक्षण संस्थाओं को आग के हवाले कर देना बड़े ही आश्चर्य की बात है। लगभग तीन महीने से कश्मीर के हालात बुरहान वानी की सुरक्षाकर्मियों से हुई मुठभेड़ में मौत के बाद असामान्य चल रहे हैं। इसका दुष्परिणाम जहां स्थानीय व्यापारियों खासतौर पर साधारण व गरीब तब्के के लोगों को भुगतना पड़ रहा है वहीं कश्मीर के सभी निजी व सरकारी स्कूल भी आठ जुलाई से अभी तक बंद पड़े हैं।

कश्मीर के आम लोग अलगाववादियों की इस प्रकार की किसी भी मुहिम के हिस्सेदार हैं जिसमें उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो तथा उनके भविष्य को लेकर कोई संशय पैदा हो। परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी विचारधारा के लोगों ने भी उसी तालिबानी आतंक की राह पर चलने का फैसला कर लिया है जो अपने समाज को शिक्षित,जागरूक व आत्मनिर्भर नहीं होने देना चाहते। आज पूरे देश में लाखों कश्मीरी युवा शिक्षित होकर देश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। सभी जानते हैं कि एक शिक्षित व्यक्ति के लिए अपने जीविकोपार्जन का प्रबंध करना तथा रोज़गार मुहैया करना अथवा आत्मनिर्भर बनना एक अशिक्षित व्यक्ति की तुलना में कहीं ज़्यादा आसान है। परंतु शिक्षा का विरोध करने वाले तत्व भी इसी भय से शिक्षा व शिक्षण संस्थानों के विरोधी हैं क्योंकि वे समाज को सुखी व आत्मनिर्भर देखने के बजाए परेशान व बेरोज़गार देखना चाहते हैं ताकि उनका आतंक व अराजकता फैलाने का घिनौना कारोबार चलता रहे और उनके आतंकी गिरोह में शामिल होने के लिए अशिक्षित व बेरोज़गार युवक उपलब्ध होते रहें।

शिक्षा के इन दुश्मनों को यह भलीभांति समझ लेना चाहिए कि शिक्षा का विरोध तथा शिक्षा के प्रचार-प्रसार का विरोध करना मानवता विरोधी होने के साथ-साथ इस्लाम विरोधी भी है। पैंगंबर मोहम्मद स० तथा हज़रत अली से लेकर हज़रत फातिमा तक सभी ने समाज के खासतौर पर महिलाओं के शिक्षित होने को ज़रूरी बताया है। परंतु बड़े आश्चर्य की बात है कि जो चरमपंथी शिक्षा का विरोध कर रहे हैं तथा समाज में ज्ञान की रौशनी फैलाने के बजाए अज्ञान व निरक्षरता का अंधेरा फैलाने की कोशिश में लगे हैं ऐसे लोग स्वयं को मुसलमान तथा इस्लाम धर्म का प्रतिनिधि भी बता रहे हैं। इनके इस प्रकार के प्रयास इस्लाम धर्म तथा मुस्लिम जगत को भी कलंकित करते हैं। विश्व में जागरूकता फैलाने तथा दुनिया को शिक्षित व आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास में जुटे सभी मानवता प्रेमी लोगों को चाहे वे किसी भी धर्म,संप्रदाय अथवा समुदाय के क्यों न हों उन्हें ऐसे विध्वंसक प्रवृति के तत्वों का प्रत्येक स्तर पर मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। इनका सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए तथा इनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

कितनी हैरानगी की बात है कि एक ओर तो हमारे ही देश में अनगिनत क्षेत्र ऐसे हैं जहां के लोग अपने आसपास के क्षेत्रों में शिक्षण संस्थाएं न होने की वजह से अपने बच्चों को सुगमतापूर्वक शिक्षा दिला पाने में असमर्थ हैं तो दूसरी ओर यह राक्षसी प्रवृति के चरमपंथी तत्व हैं जो बने-बनाए तथा सुगमतापूर्वक संचालित हो रहे शिक्षण संस्थाओं को आग के हवाले कर या इन्हें बमों के धमाकों से ध्वस्त कर शिक्षा के प्रसार का विरोध कर रहे हैं तथा स्वयं को पाषाण युग का हिमायती प्रमाणित कर रहे हैं।

@तनवीर जाफरी
tanvir jafriFrom,
Tanveer Jafri
‘Jaf Cottage’
1885/2, Ranjit Nagar
Ambala City(Haryana)
Pin. 134003
phones
098962-19228
0171-2535628




Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...